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उलझ

उलझ एक हिन्द फिल्म जो इस शुक्रवार को सिनेमा में रिलीज हुई, दर्शकों को फिल्म तो पसंद आ रही है लेकिन जाह्नवी कपूर की ऐक्टिंग बिल्कुल भी नहीं पसंद आ रही, क्युकी इनके पास ईमोशन, डरना, ओर कहाँ कॉन्फिडेंट होना है कहाँ डरना है इस बात का कोई इल्म ही नहीं है,

यह फिल्म जाह्नवी कपूर को लेकर बनाई गई है, इस फिल्म का रिव्यू तो नहीं दे रहा मैं लेकिन जाह्नवी कपूर की थोड़ी सी बुराई कर रहा हूँ, क्युकी जाह्नवी कपूर को फिल्म तो अच्छी मिली लेकिन उसकी ऐक्टिंग बहुत ही खराब है, जाह्नवी कपूर सीन में फिट हो सके उसी तरह से फिल्म को काफी जगह मोड़ा गया है, नहीं तो यह फिल्म काफी अच्छी चल सकती थी, यदि उलझ फिल्म किसी दूसरी ऐक्ट्रिस को लिया जाता या फिर किसी मेल कलाकार को ही फिल्म में भूमिका निभाने के लिए रख लिया जाता तो शायद फिल्म इससे कई बेहतर हो सकती थी।

कुछ सीन इतने खराब थे जिनको देखकर हंसी आती है इतनी छोटी छोटी गलतिया फिल्म में की गई है, जो बहुत छोटी फिल्मों में भी नहीं की जाती इसलिए इस फिल्म को देखने से पहले सोचे की आप यदि जाह्नवी कपूर की वजह से जा रहे है तो बिल्कुल भी न जाए, फिल्म को देखे ओर जाह्नवी कपूर को इग्नोर करे।

फिल्म की कहानी तो अच्छी है लेकिन कहानी से ज्यादा दिमाग खरब जाह्नवी कपूर की ऐक्टिंग करती है जब भी दिमाग फिल्म में लगाने की कोशिश करता हूँ तभी जाह्नवी कपूर अपनी ऐक्टिंग के जरिए फिल्म देखने का मन उतार देती है, जाह्नवी कपूर के अलावा सभी कलाकारों ने बेहतर अभिनय निभाया है, जिसके चलते आप फिल्म देख सकते यही लेकिन बस एक ही शर्त है की आप जाह्नवी कपूर को इग्नोर करे तभी आप फिल्म को अच्छे से देखने का आनंद उठा पाएंगे।

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फादर ऑन रेंट

फिल्म फादर ऑन रेंट ( The Trail Period ) जिओ सिनेमा पर रिलीज हुई पहले तो इस नाम की वजह से मैं देखना ही नहीं चाह रहा था, लेकिन कुछ लोग इस फिल्म की तारीफ करते हुए नहीं थक रहे थे, इसलिए फिल्म देखने बैठ ही गए।

फादर ऑन रेंट
 

वैसे भी फिल्म में अभिनेत्री जेनिलया देशमुख मेरी पसंदीदा कलाकार है उनकी बेहतरीन ऐक्टिंग ओर चुलबुलापन ओर कलाकारी को जीवित रखने का अंदाज बहुत प्यार है, जिसके लिए फिल्म देखी जा सकती थी, बस जो शंका थी नाम से उसको खतम करी और फिल्म देख ली क्युकी पिछले दिनों में ब्लडी डैडी फिल्म आई फिल्म का नाम ही इतना अटपटा रखते है की फिल्मों को देखना ऐसा लगता है की क्या ही होगा, लेकिन फिल्म की शुरुआत से मानव कौल के जो शब्द आते है

अधिकतम खुदरा मूल्य अरे आप जानते नहीं MRP” फिल्म का तीसरा ही दृश्य था, जिसमे मन फिल्म को पकड़ बैठ गया, फिर क्या था। फिल्म एक बार देखनी शुरू की तो फिल्म से नजरे खुद ही नहीं हटी इस समय में इतनी साफ सुथरी फिल्म कहाँ आती है, भाई इसलिए भी हम देखने बैठ गए ओर यह फिल्म मैंने अकेले में देखी क्युकी काम करते हुए देख रहा था लेकिन काम नहीं कर पाया फिल्म ही देखी मैंने

यह लोग बहुत अजीब है आर जिंदगी अजीब है सुसरे” गजराज राव ( GAJARAJ RAV ) उम्दा अभिनय के साथ शक्ति कपूर ओर शीबा चड्डा अपने अपने किरदार में बहुत ही फिट कलाकार है

इस फिल्म में एक बात बड़ी प्यारी है जो स्वभाव से अच्छे होते है वो बुरे नहीं बन पाते जो जैसा होता है वो वैसा ही रहता है। इसइस प्रकार अभिनय निभाया है मानव कौल ( MANAV KAUL)

इस फिल्म में बच्चे की ऐक्टिंग भी बहुत बढ़िया है, अभी से बच्चे में है दम कुछ करेगा बड़ा होकर एकदम ZIBANE BRAZ URF ROMI

पेरन्टींग पर एक बहुत अच्छी फिल्म है, जिसे सभी को देखनी चाहिए। पेरन्टींग पर कुछ ओर इस तरह की फिल्म बननी चाहिए , समाज में इस तरह की फिल्मों की बहुत जरूरत है ओर इस तरह की फिल्मे बनती रहे तो ज्यादा अच्छा है।

कब शुरू ओर कब खत्म होने को हुई फिल्म पता ही नहीं चला , कभी कभी लगता है फिल्म कभी खत्म न हो कुछ फिल्मे इस तरह की ही होती है, बस उन्मे से ही एक फादर ऑन रेंट भी इसी तरह की फिल्म निकली, फिल्म आपको कुछ दृश्यों में हल्का हल्का सा रुक हुआ महसूस करती है, बाकी फिल्म अपने आप में अच्छी है, कुछ खट्टे मीठे पल ओर ईमोशन भी है, कुछ चीजों को नजरअंदाज करके फिल्म को देखे आपको बहुत मज़ा आएगा अगर आप सिनेमा में जाकर देखेंगे तो मैं फिल्म 3.5 अंक दु ओर यदि आप घर पर जिओ सिनेमा पर देख रहे है तो फिल्म को 4.5 की रेटिंग मिलनी चाहिए क्युकी यह एक पारिवारिक फिल्म है, पिछले काफी लंबे समय से OTT पर कोई फिल्म नहीं इस तरह की जिसे पूरे परिवार संग देखा जा सके।