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बुने सपने

आप किसी छोटे मस्तिष्क
के घेरे में न आए ….
जो आपके बुने सपने को
बहुत बड़ा वो बताए । आप दिल दिमाग़ से
अपने बुने सपने देखे…
केसे वो धरती पे उतरेंगे
इस बात में बल चले लेके ॥

शरीर ओर पानी

शरीर ओर पानी सम्बंध ओर शरीर सदा रहे बहते ओर उन्हें सदा रखे चलाते…..
क्यूँ क्यूँकि नियम पानी स्वास्थ्य सम्बंध जब
बहते पारदर्शी स्वच्छ वो दिख पाते ।

पानी चलता बहता अच्छा….
कर्म करना हे उसकी शिक्षा ।
शरीर चलता तो वो स्वस्थ…
कुछ करते रहे सही , रहना व्यस्त ।
रिश्ते में भी होता रहे आदान प्रदान….
रिश्तों को तभी मिलता उचित सम्मान ॥

भीतर की परत

भीतर की परत दर परत हट रही है अनेकों परतों से गुजर चुका हूं अनेकों परते और लग रही है हर परत के साथ लगता है मंजिल करीब है लेकिन मंजिल अब भी बहुत दूर सी लग रही है।
परत = लेयर ( Layer )

ना जाने कब होगा इस सफर का अंत लेकिन मंजिल तो बहुत करीब लग रही है, रास्ते मंजिल से अच्छे ही होते है उनका अपना ही एक मजा होता है।

जीवन शिक्षा

अनावृत जीवन शिक्षा न रुके सदा नया कुछ न कुछ रहे सीखते ….
जीवन निरंतर शिक्षा देता बिना शुल्क के ।
सदा सीखने जब होगी आदत में शुमार….
जीवन का हृदय से आपके प्रति आभार ॥

जीवन आपको सौंपने आया अपना सर्वोत्तम ..
भरपूर ख़ज़ाना उसका कभी नहीं होता कम ।
वादा करे सदा जीवित रहे सीखने का जनून..
ख़रीदी हम पे आधारित की थोक या परचून॥

जीवन सदा देने के लिए बना हे ये मॉडल ऐसे तैयार हे इसका निर्माता हे जो कोई क्लेम नहीं करता लेकिन हे सब चीज़ें एक दूसरे को सपोर्ट करती हे सहायक हे जीवन को आगे सही से चलाने में वो एक अंग का काम करती हे अब ये व्यक्ति विशेष पे आधारित हे वो इस जीवन से क्या क्या ले सकता हे ओर क्या क्या लौटा सकता हे ।
मुझे लगता हे जीवन सही से चलाने के लिए इसको इस्तेमाल करके इसकी भरपाई भी करे ताकि ये प्रक्रिया चली आ रही हे उसमें अवरोध न उत्पन्न हो आप ने लिया ओर थोड़ा भी लौटाया ये जीवन उसे बढ़ा देता हे ये इसकी ख़ासियत हे ये सर्जनक़ारी व्यवस्था हे जो देने के लिए बना हे ।
ज़मीन खोदो ख़ज़ाने निकल रहे हे हीरे भाँति भाँति के खनिज पदार्थ सोना ओर चाँदी क़ीमती धातुएँ गैस अकूत सम्पदा से सम्पन्न हे ये धरा ।
वातावरण किसने इसकी रूपरेखा रखी होगी ये जंगल ,पहाड़, गुफाये ,नादिया , समुन्दर फल फूल वनस्पति पेड़ ये जानवर पक्षी नहीं बखान कर सकते एक करोड़ चीज़ें वो जान लेंगे तो एक करोड़ फिर अनजान रह जाएँगे ये सब हमें विरासत में मिला कोई गहरी विशाल अथाह अबूझ शक्ति हे जो यहाँ जीवन को पनपाना चाहती हे ओर हम उस शक्ति के बहुत ही निकट हे नहीं समझे तो दूर भी बहुत हे ओर मज़े की बात पहचाने तो वो बहुत निकट हे ओर नकारे तो कुछ भी नहीं हे क्या ग़ज़ब का ये खेल हे न ? ये मेरा प्र्श्न हे मुझे लगता हे ये एक खेल हे आपका क्या कहना हे ।
मुद्दा ये हे कि इस जीवन से सीख ले इसके डिज़ाइन इसकी संरचना से सीख ले तो काफ़ी सारे मेरे हिसाब से सब उठे प्रश्नो के उत्तर इसी में छुपे हे ।
अब का तो मुझे पता नहीं पहले अंग्रेज़ी के पेपर में एक दो प्रश्न इस प्रकार के होते थे जिसमें एक कहानी लिखी संवाद लिखे अब प्रश्न उसी घटनाक्रम पर आधारित 4-5 प्रश्न पूछ लिए जाते थे जिनका जवाब उसी संवाद कहानी मेन छुपा होता था कहने का मतलब ये हे की उसी प्रकार हमें भी जीवन रूपी paragraph मिला हे प्रश्नो के उत्तर इसी में निहित हे बस सही से इस मिले जीवन की कहानी को पढ़ना हे ।
सब उत्तम हुआ हे आगे भी उससे कम नहीं होगा अति उत्तम होगा .
सब का मंगल हो सभी का कल्याण हो ।
सर्वतः दा भला । जय हो सबकी विजय

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दशमेश गुरु जी

आज का विषय बहुत ही सुंदर
दशमेश गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी के जन्मदिवस के विषय में

उनका आकाशीय कथन से शुरुआत करेंगे
जो हे
चिड़ियों को में बाज से लड़ाऊ , गीदड़ों को में शेर बनाऊ !
सवा लाख से एक लड़ाऊ तभी गोविंद सिंह नाम कहाऊ !!
दशमेश गुरु जी जिन्होंने खालसा की नीव रखी सिक्खों को सिखी को जोड़ा ओर एक जीवन की अमिट निष्कलंक विधि दी अमृत पान करवा के पाँच प्यारे दिए ओर पाँच कक्के दिए जो थे कंघा ,केश, कढ़ा ,कच्छेरा ओर कृपाण
आप जी का जन्म पटना साहिब में हुआ था आपने मुग़लों से 14 बार युद्ध हुआ ओर ओर आपकी सदा जीत हुई ।

आपजी हृदय से कवि ओर मस्तिष्क से एक अपराजित योद्धा थे ओर परम ज्ञानी कई भाषाओं के जानकार जिसने संस्कृत ,गुरमुखी अरबी , फ़ारसी ओर न जाने ओर कौन कौन सी भाषाओं में वो पारंगत थे ओर 9 वर्ष से भी एक महीना क़रीब कम में वो दसवे गुरु की पदवी मिली।

हम नमन करते हे उनके किए बलिदान के लिए , पूरा परिवार पिता जी श्री तेग़ बहादुर जीं ने शीश को काटा गया गुरुद्वारा श्री शीश गंज उसका बलिदान की गवाह हे उनको खुद 42 वे वर्ष में धोखे से मुग़लों ने सीने में घाव देकर हुई उससे पहले उनके दो पुत्र चमकौर के युद्ध में शहीद हो गए ओर दो पुत्रों को मुग़लों ने ज़िन्दा दिवार में चुनवा दिया।

चमकौर का युद्ध क्या कमाल का था एक तरफ़ 40-43 सिख थे ओर दूसरी तरफ़ 10 लाख की विशाल मुग़ल सेना ओर क़ाबिले तारीफ़ बात ये थी गुरु गोविंद सिंह जी ने जो मेने शुरुआत में उनके वचन को लिखा था कि चिड़ियों से में बाज़ लड़ाऊ , गीदड़ को मैं शेर बनाऊ ! सवा लाख से एक लड़ाऊ तभी गोविंद सिंह नाम कहाऊ !! को सिद्ध कर दिखाया ये थे महान महान श्री श्री गोविंद सिंह जी ।

मेने अपनी जीवा से उनका नाम लिया हे मेरी लेखनी मेरी जीवा भी शुद्ध हो गई ऐसा प्यारा प्यारा नाम श्री गुरु गोविंद सिंह ।
वाणी नहीं कर सकती उनका बखान ये वाणी की कमी जो कभी पूरी नहीं की जा सकती आज के दिन ऐसी पुण्यात्मा महान विभूति संत श्री गोविंद सिंह जी को क्षत क्षत नमन वंदन ।
जो बोले सो निहाल ससरियाकाल।

मित्रता

मित्रता का सर्वोत्तम रिश्ता ।
निभाता उसे वो ही फ़रिश्ता॥
मित्रता दिल से दिल का सम्बंध ।
खून के रिश्ते भी गहरा इसका बंध ।

विचारों से बदले जिंदगी

विचारों से बदले जिंदगी हम सभी कुछ ना करने ओर होने के बस बहाने ढूंढ़ते है लेकिन उन बहानो से नुकसान हमारा ही होता है कुछ ना होना चल सकता लेकिन उस चीज के लिए तुमने यदि प्रयास ही नहीं किया तो यह ग़लत है यह तो भागना हो गया।

किसी भी कार्य में सफलता को पाने के लिए उसमे मेहनत ओर लगातार कार्य करना पड़ता है तभी वह कार्य परिणाम ओर सफलता का रूप लेती है।

क्या आप बहुत सारे बहानों के साथ सफल हो सकते है ?

यदि सचिन तेंदुलकर , लता मंगेश्कर आदि महान लोग बहाने बनाते तो क्या आज वो इस मुकाम को हासिल कर पाते।

Corona काल सभी के लिए आया है लेकिन क्या आप इस समय का सदुपयोग कर पा रहे है ? या फिर आप के पास बहुत सारे बहाने है कि हम क्या कर सकते है घर बैठकर

घर बैठकर भी बहुत कुछ एसा है को आप ही कर सकते है कोई ओर नहीं क्युकी जिंदगी में अच्छी आदतों का चुनाव आपको ही करना है

यही समय है जब आपको अपने लक्ष्यों का निर्धारण करना है , आइए अपने विचारों से बदले जिंदगी

1- अपने पुरानी आदतों को बदल कर नया रूप देना

2- अच्छे विचारो का संग्रह करना है

3- आपके जीवन का क्या लक्ष्य है आपको जानना है

4- आप क्या बनना चाहते है यह आपको ही सोचना है

5- पिछले बीते हुए समय में हमसे कहां गलतियां हुई है उनको समझना है।

6- अपने समय को ओर बर्बाद नहीं करना यह निश्चय करना है।

7- क्या अभी जो आप कर रहे है? वो सही है या इसमें भी कुछ बदलाव लाना है यह भी आपको ही सोचना है।

8- अगले 5-10-15-20 साल में आप अपने आपको कहा देखना चाहते है यह भी आपको ही तय करना है।

9- क्या आप अपनी विफलता को लेकर ओर भी बहाने बनाना चाहते है यह भी आपको ही तय करना है।

10- आपको क्या नया सीखना , पढ़ना , लिखना है यह भी आप ही करिए।

11- जिस कार्य में अधिक रुचि है उसको इस समय में भरपूर कर लीजिए।

कौन हो तुम ?

यु ही रूठ भी जाते हो ,
यु ही मान भी जाते हो
ना जाने कौन हो तुम मेरे ?

फिर भी साथ हमेशा तुम ही निभाते हो ,
मेरी आँखों में देखो जरा हर पल
तुम ही नजर आते हो
भाग जाता हूं सबकुछ छोड़कर

लेकिन मेरे जिंदगी के हर विचार तुम आकार में तुम खड़े हो जाते हो ,
क्रोध भी लाता हूं, अहंकार भी लाता हूं
लेकिन प्रेम इतना गहरा है कि पिघल जाता हूं
समस्त विचारो में संसार नहीं दिखता

क्योंकि तुम्हारी छवि के साथ ही ठहर मैं जाता हूं
ना जाने कौन हो तुम?
जिसके बिना रह नहीं पाता हूं
बस मौन मैं हो जाता हूं ,
खुद को समझने और समझाने की चेष्ठा मैं करता हूं

लेकिन तुम विचार बन मेरे मस्तिष्क में बैठ जाते हो
क्यों ? अपनी ही सोच में मुझे डूबा कर बार बार चले क्यों चले जाते हो ?
रूठे हुए दीखते हो तुम मुझसे लेकिन सबसे ज्यादा प्यार भी मुझे करते नजर आते हो
यह कौनसा है सम्बन्ध जो तुम मुझसे निभाते हो ?

जहरीले पेय पदार्थ

जहरीले पेय पदार्थ का सेवन बंद करे जब आप किसी चीज पर ध्यान नहीं देते तो वो आपके दिल और दिमाग दोनों से बहुत दूर हो जाती है और लगता है वो अब आपके आसपास है ही नहीं या फिर अस्तित्व ही ख़तम हो गया है ऐसा ही हुआ पेप्सी के साथ भी कल यह बोर्ड देखकर ध्यान आया कि यह भी जिंदगी का अहम हिस्सा था जिसे मै लगातार पिया करता था

यह मेरी एक एडिक्शन ही थी क्युकी जब मै दिन का खाना खाता था तब भी यह चाहिए होती थी , और किसी भी समय पीने का मन करता था तो लेके आया करता था  लेकिन आज इसका ध्यान भी नहीं आता। यदि आपकी जिंदगी में कुछ अहम बाते जो आपको परेशान कर रही है तो उनकी ओर ध्यान देना बंद करदे ओर कहीं ध्यान लगाए बहुत जल्द ही आप पाएंगे कि वो आपकी जिंदगी से दूर है अब अब उनकी जगह कोई और लेने लग गया है। जिस चीज के लिए आप बहुत पोसेसिव थे अब वो धीरे धीरे ख़तम होने लग गई है

उस समय कोल्ड ड्रिंक की वजह से मेरा पेट बिल्कुल खराब होने लग गया था और मेरा पाचन तंत्र बिल्कुल नष्ट हो रहा था जब भी कुछ खाता मुझे पता नहीं था और यह परेशानी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही थी जिसका परिणाम मेरा मेरा पेट बिल्कुल खराब और में डरता था कुछ भी खाने से किसी भी समय मै कुछ खा नहीं पा पाता था।

मुझे बार बार पेट को साफ करने के लिए वॉशरूम जाना पड़ता था। और कोल्ड ड्रिंक की वजह से मेरे दांतो के कमजोरी आयी और आज लगभग 5 साल हो गए मुझे कोल्ड ड्रिंक को छोड़े हुए अब में सिर्फ कभी कभार मतलब 4-6 महीने में ले ली तो ठीक वरना नहीं क्युकी अब में कोल्ड के बारे में सोचता भी नहीं हू।, और अब जहरीले पेय पदार्थ का सेवन अब बंद हुआ।
अब मै इस प्रकार के पेय पदार्थो से दूर रहता हू और दूसरो को भी यही सलाह देता हूं कि इस प्रकार के पेय पदार्थो से दूर रहे जूस, नींबू पानी , जलजीरा आदि   का सेवन अधिक से अधिक करे।

क्या है जिंदगी

क्या है जिंदगी ? यह एक बहुत बड़ा विषय है और जिंदगी को आसानी से समझ पाया है। जिसने समझने की कोशिश की है वो खुद ही उलझा हुआ नजर आया है।

जीवन का पहला पड़ाव है जिंदगी उस पहले पड़ाव से मिलों तक का लंबा सफर तय कारणए का नाम है जिंदगी
क्या है जिंदगी