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फररे

फिल्म फररे इस फिल्म के नाम से ही लगता है की स्कूल या कॉलेज में चीटिंग करने के लिए फररे चलाए जा रहे है।

फिल्म की कहानी : रॉनित राय जो एक ऑर्फन चलाता है। उसमे एक स्टूडेंट बहुत ही ब्राइट होती है। एक लड़की जो ऑर्फन होती है, जो बहुत ब्राइट स्टूडेंट है, उसे एक बेस्ट स्कूल के लिए अड्मिशन मिलता है। ओर स्कूल में यह लड़की कुछ लोगों को चीटिंग करती है, उसके लिए इनको पैसे मिलते है।

फिलहाल इस फिल्म को देखकर ही नेगेटिव एनर्जी मिल रही थी इस फिल्म से, कोई किसी का इस्तेमाल करके उसको फेक देना चाहता है तो कुछ आजकल की फिल्मों में नंगापन तो बहुत आम हो गया है।

अमिर ओर गरीब की खाई कोई नहीं पूरी कर सकता , बहुत ही बेकार फिल्म है जिसमे कोई पढ़ना नहीं चाहता इस तरह की हरकते दिखाई जा रही है, क्या ही सिखाएंगे ये फिल्म वाले किसी को इस तरह की हरकते सीखा रहे।

ना ही इन लोगों को अपनी गलती पर कोई पछतावा है ओर ना ही किसी बात का एहसास की वे क्या कर रहे है, इसलिए इस प्रकार की फिल्मों को प्रेरणा स्रोत नहीं बनाना चाहिए, बल्कि ऐसी फिल्मे ही नहीं बन्नी चाहिए, जो हमारे समाज को दूसरी दिशा में ले जा रही हो।

सिर्फ पैसा ही सबकुछ है क्या? आज की दुनिया में सिर्फ पैसा ही पैसा हर कोई पैसा ही चाहता है।

पैसे के लिए लोग कितना भी गलत करवा सकते है, ओर कर सकते है, यह लोग किसी भी हद्द तक गिर सकते है, पैसा ना हो तो किस तरह की जिंदगी जीनी पड़ती है एक गरीब को, गरीब आसानी से पैसा नहीं काम सकता, ओर आमिर एक बार बनना उसके बाद वो सिर्फ ओर आमिर ही बनता है उसके बाद नीचे नहीं आता यदि उसने खुद ही कोई गलती ना की हो तो।

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आदिपुरुष फिल्म

समय बता रहा है की पैसा बहुत बड़ी चीज है, यदि आप देख रहे है आदिपुरुष फिल्म तो आप समझ ही जाएंगे की आपकी भावनाओ से फिल्म के निर्देशक ओर ऐक्टर को आपकी भावनाओ से कोई लेना देना नहीं है इस फिल्म में आपको भद्दी भाषा, अमर्यादित रूप, रावण एक ब्रह्माण था जिस ब्रह्माण के हाथों में गोश्त का टुकड़ा दिखाते है।

आदिपुरुष फिल्म में इस तरह से आपकी भावनाओ को आहात किया गया है की आप सोच भी नहीं सकते मनोज मुंतसिर एक टीवी इंटरव्यू में कहते है की उनकी नानी- दादी उनको इसी भाषा में कथा सुनाया करती थी यदि वो इसी भाषा में सुनाया करती थी तो वह अपने बच्चों को सुनाया करे ना इस तरह से हमारे देश में गंदगी क्यों परोस रहे है?

क्या आप आदिपुरुष फिल्म को देखकर खुश है?

मैं तो बिल्कुल भी खुश ओर सहमत नहीं हूँ आदिपुरुष फिल्म को देखकर , मैंने आदिपुरुष फिल्म पहले दिन देखी ओर यह फिल्म बर्दास्त करने की हद से बाहर थी मध्यांतर के बाद तो, लेकिन मैं रुका रहा शायद अब अच्छा कुछ दिखेगा लेकिन आदिपुरुष फिल्म अपने अंतिम चरण में आ गई थी परंतु कुछ अच्छा नहीं दिखा बस दिखा तो सिर्फ नुकसान जो राम कथा का इन लोगों ने किया।

क्या आपके पास शब्द कम पड़ गए थे? जो आपने संवाद खत्म कर दिया था, आदिपुरुष फिल्म में संवाद का कोई स्थान नहीं था, कही से कही तक कोई भी संवाद नहीं था जहां आपको कुछ सीखने को मिले उल्टा आदिपुरुष फिल्म देखने पर भद्दी हंसी आती है जिसको हम कहते है की यह क्या कह दिया है मतलब सिर्फ किरदारों का अपनाम नहीं शब्दों का भी मान नहीं रखा मनोज मुंतशीर ने।

मनोज मुंतशीर माफी मांगने को भी तैयार नहीं है उन्हे लगता है की उन्होंने कोई गलती नहीं है बस बता रहे की हम डाइअलॉग को बदल कर फिर से आपके सामने फिल्म आदिपुरुष को दुबारा पेश कर देंगे कुछ दिनों में

आदिपुरुष फिल्म के ऐक्टर प्रभास जो अभी तक फिल्म को बढ़ावा दे रहे है ओर हर रोज ट्विटर पर अपडेट कर रहे है की उनकी फिल्म हर रोज रिकार्ड ब्रेक कर रही है ओर खूब अच्छी कमाई कर रही है, वैसे यह सभी झूठे आकडे दिखा रहे है, क्युकी फिल्म एक भद्दा मजाक है इसमे कुछ अच्छा नहीं है एसा की फिल्म को देखा जाए ओर सराहा जा सके इस फिल्म में सिर्फ डाइअलॉग ही नहीं उसके अलावा भी बहुत सारी कमिया है फिल्म आदिपुरुष में जिस प्रकार से रावण एक पक्षी को मीट खिला रहा है।

इंदरजीत के पूरे बदन पर टैटू बने हुए है

हनुमान जी प्रणाम की जगह सीने पर हाथ रखते है यह लोग यह पर मिस्टर इंडिया की फिल्म के हियर कमैन्डो कर रहे थे क्या? कुछ समझ नहीं फिल्म में क्या हो रहा था।

श्री राम श्वेत वस्त्रों में दिखते है भाई हम लोग साधु है यीसु नहीं

रावण के बालों का डिजाइन

सुग्रीव ओर बाली को गोरिल्ला बना देना

माता सीता का अपहरण

कुल मिलाकर फिल्म को बढ़ावा ना दे सेंसर बोर्ड को यह फिल्म पास नहीं करनी चाहिए थी ओर अब फिल्म को बैन कर देना चाहिए दुबारा कभी इसे किसी भी टीवी चैनल व अन्य किसी माध्यम से नहीं दिखनी चाहिए।