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जरूरी नहीं हर बात

जरूरी नहीं हर बात अच्छी लगे, हर बात अपनी ही मनमानी की हो, कुछ ऐसी बाते होती है जो हमारे वश में होती ही नहीं है।
जरूरी नहीं हर किताब अच्छी लगे, हर फिल्म अच्छी लगे, हर मौसम अच्छा लगे हर सफर और हमसफर भी अच्छा लगे कुछ साथ मुलाकात जज़्बात ऐसे होते है जो ना चाहकर भी जिंदगी के हिस्से होते हैं , कहानी और किस्से होते है , उनका होना भी घटना है, उस घटना में बहुत कुछ अपना है तो बहुत कुछ पराया है, बहुत सारी चीज़े जो हो रही है वो हमारी समझ से पड़े होती है।

कुछ जो हमे समय आने पर समझ आ जाती है, ओर कुछ समझ नहीं आती क्युकी हमारी समझ भी उस स्तर तक नहीं पहुच पाती इसलिए जो हो रहा है, जो घटना बन रही है, वो अच्छी ओर बेहतर हो रही है, बस यही सोचकर हमे आगे बढ़ना है जिंदगी की सारी समस्या स्वयं ही हल हो जाती है।

या तो वो दुर्घटना है या फिर महत्वपूर्ण घटना यह तय करना तुम्हारी जिम्मेदारी है, की कितनी दूर साथ चले कुछ दूर या पूरी जिंदगी साथ निभाते चले कुछ को बीच रास्ते में छोड़ा जा सकता है। कुछ को बिलकुल भी नहीं फिर उसका हमारी पसंद और न पसंद से कुछ लेना देना नही,

बस साथ निभाना उसमे बहुत कुछ छिपा है, जो आपको समझना है हो सकता है वो आपके लिए सही है, लेकिन आपको पसंद नही था या नही है लेकिन वो एक दम फिट है आपके लिए , आपके जीवन के लिए।

इसलिए जिंदगी का साथ निभाते चलो
मेरे दोस्त यह जिंदगी इस जिंदगी के साथ थोड़ा मुस्कुराते चलो ,
कभी दुख होगा तो कभी सुख होगा
लेकिन सफर जिंदगी का है
अतंत अच्छा ही होगा
यूं गम को अपने सीने में दबाकर कब तक चलोगे
मुस्कुरादो उस दबे हुए घाव के भी तो गम भरेंगे, क्युकी जरूरी नहीं हर बात अच्छी लगे

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जरूरी नहीं

जरूरी नहीं हर सवाल का जवाब मिले , उस नही का अब कोई जवाब नही
यह जिंदगी है मेरी कोई ख्वाब नही ,सिर्फ तू ही एक ख्वाब था मेरा
लेकिन
अब तो तू मेरा एक ख्याल भी नही

उस नही का कोई जवाब नही
जिंदगी है मेरीं
एक रात में उतर जाए वो शराब नही है
मोहब्बत की है मेने कोई शबाब नही ।

मैं दौड़ आता था एक नजर भर तुझे देखने के लिए
अब तुझे नजर भर देखना भी जरूरी नही

इसलिए
अब जरा दूर रह तू मुझसे
तू ही मुक्कममल हो ख्वाब मेरा
अब वो ख्वाब भी तू नही …

उस नही का अब कोई जवाब नही

वो मुलाकाते जो अधूरी थी तेरे साथ
वो मुलाकाते भी पूरी हो अब जरूरी नही

तू शुरआत थी मेरी जरूर
लेकिन…
लेकिन उस शुरुआत का छोर
अंत तक मिले वो भी तो जरूरी नही
( अब उस शुरुआत की मुझे जरूरत नही )

मेरी मंजिल है कही और
लेकिन उस मंजिल का रास्ता भी अब तू नही

तू इस बात को
सुन , समझ , और फिर दिमाग में
बिठा ले

जवानी मेरी भी है
सिर्फ तू ही हसीन, दिलरुबानी नही

दिल लगा था तुझसे
लेकिन
तू छोड़ गयी मुझको जो एक बार
 
और फिर लौटकर आये
यह बात
भी अब कोई जरूरी नहीं
  
मांगू तुझे उस रब से और
इस बात का मैं दम भरु
अब ये बात भी जरूरी नहीं
 
मैं जब तुझे पलको पर बिठाना चाहता था
लेकिन
तू आना नही चाहती तो यह बेवजह की
जिद्द करना भी मेरी जुर्रत नही

उस नही का अब कोई जवाब नही

जरूरत तेरी भी हो
बस यह बात है सही
 
सिर्फ जरूरत मेरी हो इस
बात में कोई दम नही

माना तू ख्वाब था मेरा खूबसूरत और हसीन
लेकिन
हर ख्वाब मुक्कममल हो यह भी तो जरूरी नहीं

नही हुआ मुक्कममल ख्वाब तो भी सही
मुझे तेरे दूर होने का अब कोई गम नही ।

भूल चुका हूं मैं
रत्ती भर भी  मुझे अब तू याद नही
इसलिए
तेरा वापस आना मेरी जिंदगी में
अब वो भी मेरी जरूरत नही।

अब उस नही का कोई जवाब नही।

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