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समय का नहीं अवरोध

समय का नहीं अवरोध …..
निरंतर अविरल अविरोध ।
सब घटनाएँ समय के भीतर….
समय साक्षी निश्चित इसका स्वर ।

समय अनुसार व्यक्ति वस्तुओं का बदलता रूप…..
यह समय की लीला क्रिया कोई दिखता सुंदर या करुप ।
समय नही थकता इसने नहीं सीखा थकना….
प्रार्थना मुझे भी इस साहस का स्वाद चखना

विहग स्वर्गीय आकाश में बदलते हैं,
प्राणी जीवन के संघर्ष में पलते हैं।
समय की गति निरंतर बदलती है,
जीवन की लहरों को लहराती है।

समय के साथ चलो, मोमबत्ती जैसा जलो,
क्षण-क्षण का आनंद जीवन में ढलो।
भूत, वर्तमान, भविष्य, एक ही क्षण में,
जीने का रहस्य समय के पास है छिपा।

प्रेम के बंधनों को समय सुलझाता है,
दुःख के बादलों को समय छिड़कता है।
सफलता की मस्ती समय के संग आती है,
विफलता का गहरा संगी समय से हारती है।

जीवन का रहस्य समय के भीतर छिपा है,
खोये हुए सपनों को समय फिर लौटाता है।
बदल जाता है समय, चलता रहता है,
मनुष्य को जगाता है, जीवन को बचाता है।

समय का नहीं अवरोध, उसकी विरासत हैं हम,
जीवन के अरमानों को समय से जोड़ते हैं हम।
समय के आगे सब कुछ झुक जाता है,
इसीलिए हर क्षण को समय से जीता है।

यह भी पढे: अच्छा समय आएगा, समय का सदुपयोग, समय बीत रहा है, समय का अंधेरा तला,

छोटी कविता

कुछ छोटी कविता जो राम ललवानी जी द्वारा लिखी गई है, राम ललवानी जी प्रेरणादायक कविता लिखते है ओर कई विषयों पर लिखते है, सुबह के विचार व अन्य काफी कुछ जिन्हे आप पढ़ सकते है।

  1. अच्छे लोग ढूँढना कार्य दुष्कर

साथ छोड़ना बेवक़ूफ़ी नही हितकर

भूलना उनको नामुमकिन जीकर।

अब अच्छे सच्चे लोग नही मिलते

ये वो फूल हे जो  बहुत कम खिलते

सम्भाल लेना उन्हें जब वो मिलते ।

वातावरण सही जहां होते अच्छे लोग ….

वो बने उन धागों से करते सदा सहयोग

पूरा वो खर्च करते स्वयं का मनोयोग ॥

छोटी कविता:

2)  बेला आज आज़ादी की 75 वी वर्षगाँठ….

ख़ुशियों से मनाए ,यह राष्ट्र की ठाठ बाठ ।

घर घर  हर व्यक्ति मनाए यह राष्ट्रीय पर्व

राष्ट्र मेरा गौरव सम्मान , तिरंगा मेरा गर्व ।

तिरंगा हमारी आन बान शान का प्रतीक…

लहराए उसे आई आज़ादी की शुभ तारीख़।

तिरंगा ही मेरा क़र्म ओर मेरा धर्म….

राष्ट्र गान ही मेरा सबसे बड़ा सत्कर्म ।

छोटी कविता:

3)  न रुकिए

छोटी छोटी

प्यारी

घटनायें

घटाते

रहे

दूसरो

के लिए….

ये छोटी

छोटी

प्यारी बांते

उनके दिल

में मिलेगी बड़ी

पनाह

क्यूँ न कुछ ऐसा

हम जिए ?

छोटी कविता:

4) स्वयं पे विश्वास

बात ये ख़ास ।

ये जीत

की कुंजी….

स्वयं पे

विश्वास

हे अर्जित

पूँजी ।

स्वयं पे

विश्वास

ओर सतत

प्रयास….

व्यक्तित्व में

चार चाँद ओर

जीवन में बढ़

जाता उल्लास ।

अपने भीतर

विश्वास

करे रोशन….

फिर जीत

सदा कदम

चूमे हर क्षण

हर क्षण ।

स्वयं पे

विश्वास….

एक अति

सुंदर अहसास ।

छोटी कविता:

5) शरीर ओर सम्बंध चलायमान

तो स्वस्थ व्यवस्थित रहेगा इंसान ।

सब धन से बड़ा स्वास्थ्य धन….

ये सही तो आप बहुत हे सम्पन्न ।

बहता पानी शुद्ध ओर निर्मल….

चलते रहे बात सही , ये सत्य अविरल ।

मानसिक शरीर का स्वस्थ जब होता सही ..

मानो लिखी हे  फिर सही जीवन की बही ।

स्वस्थ प्रथम

फिर अन्य सुख़म

जीवन का  दर्शनम

जीवन का मर्म

6) ईश्वरीय रचना….

पे घटे छेड़छाड़ की घटना ।

वो केन्द्र हे सुंदरता सजावट

जिससे चेहरे मोहरे में होवे मिलावट ।

काले कोयले को करे केन्द्र ग़ोरा…

गोरे रंग को पसंद करते छोरी छोरा ।

सुबह जब उठता पुता हुआ चेहरा…

देख के बन्दा हो जाए अंधा बेहरा ।

ये प्रकृति छेड़छाड़ केंद्र की करोड़ों की आय…

अक्सर पतियों की जेब से निकल के जाए ।

आख़िर में भला हो छेड़छाड़ केंद्र वालों का ….

रिश्ते बने मुँह बंद किया उठते सवालों का ।

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हमारा जीवन

हमारा जीवन कायनात का हिस्सा…..
छोटे से हिस्से का मनों टनो का क़िस्सा ।

मेरे मन कुछ और….
कायनात की अलग ठौर ।

हम कुछ करते फ़ैसले…..
कायनात अलग चाल चले ।

कार्य न होने के एक लाख कारण….
कायनात ऐसा रूप धरती धारण ।

हमारे फ़ैसले नहीं पक्के…..
उसके जोड़ और धागे कच्चे ।

कायनात के फ़ैसले बड़ा समीकरण….
बस सीखे करना उसका अनुकरण ।

जीवन में कुछ भी नहीं पक्का….
यहाँ चलता कायनात का सिक्का ।

करे कोशिश बाक़ी छोड़े कायनात पे…
बस अपनी कोशिश में सौ प्रतिशत दे ।

हमारा जीवन कहने को तो हमारा लेकिन है यह उधारा , हम अपना सिर्फ़ सौ प्रतिशत दे सकते है वो भी हर कोई देता नहीं लेकिन व्यक्ति विशेष को लगता है कि उसने अपना सौ प्रतिशत दिया है ।
हम एक विशाल कायनात का बूँद से भी छोटा सा हिस्सा है इस कायनात में अरबों खरबों या उससे भी कही ज़्यादा हर पल हर क्षण बदलाव हो रहा है कही न कही पता या ना पता होते हुए हमारे जीवनों को हमारे किए फ़ैसलो को वो प्रभावित या पलट रहा है कायनात का फैसला अटल अपरिवर्तित और कई मायनों में अच्छा न लगते हुए भी अच्छा है क्योंकि कायनात सब कुछ जानती है समझती है किसको किस समय क्या मिलना है क्या उसके लिए अच्छा है बुरा है उससे अच्छा कोई नहीं जानता ।
यह कितना कठिन है किसी के साथ दिख रहा है बुरा हुआ है लेकिन सत्य है कि वो घटा है बंदा उल्टा हो जाता है लेकिन कोई मदद नहीं कर सकता फिर लगता है कायनात का बहुत कठोर फैसला है जो बहुत मुश्किल है साधारण जन के लिए ।

इन सब बाँतो के प्रकाश में समझ आता है हम अपना सौ प्रतिशत दे और और कायनात की मर्ज़ी पर डाल दे ।
कायनात के फ़ैसले का जो जैसा भी है उसे माने समझे और उसके अनुरूप अपने जीवन को ढालने का प्रयास करे बस इतना ही कहना है वाणी को विश्राम ।

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हिन्दी कविताए

हिन्दी कविता एक ऐसी साहित्यिक शैली है जो भारतीय संस्कृति और भाषा की अद्भुतता को दर्शाती है। हिन्दी कविताओं में भावनाओं को अभिव्यक्त करने की कला है जो कि उन्हें अन्य भाषाओं से अलग बनाती है। हिन्दी कविताए एक बहुत ही सुंदर और रोमांचक विधा है जो हमारे जीवन की विभिन्न पहलुओं को दर्शाती है।

हिन्दी कविताएँ अपने आप में एक अलग दुनिया हैं। वे हमें अपने संदेश, भावनाओं और उत्साह का पता लगाती हैं। इनकी सादगी और आसानी से हम गहराई तक पहुंच सकते हैं। हिन्दी कविताएँ हमें जीवन के अनुभवों का समझने में मदद करती हैं और हमें एक सकारात्मक दृष्टिकोण देती हैं।

हिन्दी कविता को जानने और समझने के लिए इसे पढ़ना बहुत आवश्यक है। इसके लिए आप अनेक ऐसे साइट्स और ब्लॉग्स पर जा सकते हैं जहाँ पर आपको हिन्दी कविताए मिलेंगी। ये साइट्स और ब्लॉग्स आपको कई अलग-अलग विषयों पर लिखी गई कविताओं से रूबरू कराते हैं।

हिन्दी कविता को समझने और उसके रस का आनंद लेने के लिए अपने समय का उपयोग करें। इससे आप अपनी भाषा और संस्कृति से जुड़े होंगे और अपनी जीवन दृष्टि को भी बदलेंगे।

हिन्दी कविता भारतीय साहित्य की एक महत्वपूर्ण शैली है जो लोगों की जीवन दृष्टि, उनकी भावनाओं और अनुभवों को अभिव्यक्त करती है। हिन्दी कविता की शुरुआत संस्कृत के काव्य शास्त्र से हुई थी जो भारतीय साहित्य के एक महत्वपूर्ण अंग है।

हिन्दी कविता में भावों को संगीतमय ढंग से व्यक्त किया जाता है। इसकी सादगी और सरलता इसे अन्य भाषाओं से अलग बनाती है। हिन्दी कविता में शब्दों का उपयोग एक कला है जो हमें भावनाओं का सटीक अनुभव करवाती है।

हिन्दी कविता के विभिन्न प्रकार होते हैं जैसे की दोहे, छंद, गजल, नज्म, तज्जुस्सुस आदि। इनमें से प्रत्येक प्रकार की कविता अपनी विशेषताएं रखती है जो उसे अन्य प्रकारों से अलग बनाती है।

हिन्दी कविता न केवल साहित्यिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय भी हिन्दी कविता ने अपनी भूमिका निभाई थी। इससे प्रेरित होकर कई कवि अपनी कविताओं के माध्यम से स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन में भाग लिए थे।

अंततः, हिन्दी कविता हमारी संस्कृति और भाषा की अद्भुतता को दर्शाती है। इसे पढ़कर हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और समझ सकते हैं कि जीवन के रोमांचक और गहराईयों को कैसे अभिव्यक्त किया जाए।

यह भी पढे: खुश रहिए, जीवन में सफलता, खाली बैठा हूँ, अकेले बैठ,

मेरे ख्यालों में

यू बेवजह कही भी कभी भी
“बस तुम”
आया ना करो
बेमतलब अब बस मुझे
तुम सताया ना करो
बिना पूछे जो तुम आ जाते हो
जब मर्जी ये जो तुम मेरे खयालो का
दरवाजा खटखटाते हो
मैं खोलता हूं दरवाजा तो
नजर नही आते हो
पता नही क्यों तुम
मुझे सत्ताकर भाग यू जाते हो
यह बेफालतू की जिद्द है
तुम्हारी मेरे ख्यालों में आने की
मुझे इस कदर सताने की
इसलिए

यू बेवजह कही भी कभी भी मेरे ख्यालों में बस तुम आया ना करो
मेरे ख्यालों में


बात अब तो मेरी तुम मान जाओ
मुझे यू ना तुम सताओ , ना तड़पाओ
बस अब वापस आ जाओ
फिर हक से मेरे
खयालो का दरवाजा खटखटाना, तोड़ना और
भीतर आ जाना
सिर्फ तुम बस जाना
और फिर अगर
तुम चाहो तो रुलाना और सताना भी
लेकिन
मुझे छोड़कर नही तुम जाना

इन्हे भी पढे: ख्याल, तेरा ख्याल, तुम्हारा ख्याल,

सच्चाई का करे

सच्चाई का करे सदा स्वागत , इसमे कोई घाटा नहीं है , इसमे मिलती सदा भलाई है, ये आपके गुण को गुना कर देती है इसका करे सदा स्वागत, झूठ से बचे एक झूठ को छुपने के लिए 100 झूठ ओर बोलने पड़ते है, इसलिए सदा रहे दूर उस झूठ से, सच्चाई का दे हमेशा साथ रख कर मन में यह आत्मविश्वास , आत्मविश्वास की डोर बहुत मजबूत देती हिम्मत ओर सूझबूझ, प्रेम भाव से देखे सबको छल कपट से भी रहे दूर, अहित किसी ना करे बस यही भाव लेकर सदेव आगे बढ़े, अडिग रहे अपने पथ पर आगे बढ़े, सच्चाई का करे स्वागत

सच्चाई का करे
सदा स्वागत…
देगा यह कमा के
कई गुणा लागत ॥ जहां सच्चाई वहाँ नही
डर का बसेरा….
वहाँ सदा ख़ुशियों का
नित नया सवेरा ॥ सच्चाई की धार…
डरते झूठे ओर मक्कार ॥

सच्चाई का करे सदा स्वागत,
इसमें कोई घाटा नहीं है।
इसमें मिलती सदा भलाई है।
ये आपके गुण को गुणा कर देती है।

इस पर चिंतन करें सदा स्वागत।
सत्य की पथ पर चलें निरंतर,
खोये आपने मन की भ्रांतियों को।
जीवन में जो भी गलत है,
उसे सही करें निश्चित तौर पर।

धोखे से दूर रहें, मखौलियों से।
सत्यता का पाठ पढ़ें सिर उच्च कर।
जीवन की गहराइयों में जा कर,
खोए हुए आत्मा को खोजें निरन्तर।

यथार्थता की ओर आगे बढ़ें,
प्रेमभाव से हर किसी को देखें।
अहंकार को छोड़ दें पीछे,
निष्काम कर्मों में जीवन बिताएं।

सच्चाई का स्वागत करें सदा,
जीवन को नयी दिशा दें बरसों।
धर्म की रक्षा करें सबकी,
इसी से मिलेगी सदा सुख-शांति।

सच्चाई का करें सदा स्वागत,
इसमें नहीं है कोई घाटा।
सदा उज्ज्वल हो जाए आपका जीवन,
सत्य की रोशनी से भर दे हर पल।

इन्हे भी पढे राम ललवानी द्वारा लिखी गई कुछ कविताए: जीवन आप रहे, जीवन में सफलता, जीवन का आनंद

अनुभव खुद का चखा

अनुभव खुद का चखा स्वाद….
याददाश्त स्मृति में बनी याद ।

अनुभव का उम्र से नहीं कुछ लेना-देना…
ये समझ और जिम्मदारियों का गहना ।

अनुभव उसको जो परिस्थिति का करे सामना….
उम्र से कुछ लेना-देना नहीं यह एक ग़लत धारणा ।

अनुभव एक नक़्शा….
सही से जीवन जीने की कक्षा ।

अनुभव खुद का चखा स्वाद,
याददाश्त स्मृति में बनी याद।

यात्रा जीवन की एक सफ़र है,
जिसे हम सबको तय करना है।
छोटी छोटी खुशियों की बारिश,
जीने का बहाना ढूंढना है।

रंगीन दिनों के जब होते हैं वादे,
ख्वाबों को हक़ीक़त में बदलना है।
चलती है ज़िंदगी की रेलगाड़ी,
हर स्टेशन पे खुश रहना है।

दरिया बहता है अपने रास्ते,
मुसाफ़िर होकर मज़बूत रहना है।
कभी पत्थरों पर टिके रहना है,
कभी तूफ़ानों को झेलना है।

आगे निकलने की हर बार हो चाहत,
हार न मानना जीने का तरीक़ा है।
चोट खाने के बावजूद हँसते रहना,
खुद को यही सीखना है।

ज़िंदगी की दौड़ में थोड़ी ठहराव,
सुकून की राह पर चलना है।
हर एक पल को जीने की आदत डालो,
खुशी की समय में मुस्कान लाना है।

गलतियों से सबक सीखना है,
बड़े सपनों को चेस्टा करना है।
हार न मानने की ज़िद रखना है,
सपनों को हक़ीक़त में बदलना है।

याददाश्त स्मृति में बनी याद,
अनुभव खुद का चखा स्वाद।
जीवन की यात्रा में बहुत है सुंदरी,
हर एक पल को जीने का बहाना है।

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अच्छा समय आएगा

अच्छा समय अभी आएगा
मित्रता सत्रुता सबक़ भी सिखाएगा ।

अच्छा समय अभी आएगा….
जो अच्छे कर्मों से उसे बुलाएगा।

अच्छा समय अभी आएगा,
मन में जगाएगा उम्मीद का दीपक।
मित्रता सत्रुता सबक़ भी सिखाएगा,
खुशहाली लेकर आएगा आपके द्वार पर।

मित्रता का संगम होगा सबको,
दूर भी होंगे झगड़े और लड़ाई।
दिलों में बसेगा एकता का रंग,
एक दूसरे का होगा आदर-सम्मान।

विश्वास की किरण जगाएगा सबका,
अच्छाई का पूरा विश्व में फैलाएगा।
समझदारी सबको सिखाएगा,
गलतियों से सबक यही ले आएगा।

प्रेम की बारिश होगी फूलों की बहार,
बदल जाएगा दुश्मनी का संसार।
हंसी और मुस्कान की लहरें उठेंगी,
खुशियों के गीत हम सब गाएँगे।

दोस्ती का त्योहार मनाया जाएगा,
दूरियों को भी छूकर गले लगाया जाएगा।
बंधनों को तोड़कर हम आगे बढ़ेंगे,
प्रेम और सदभाव से सबको जोड़ेंगे।

आएगा वह दिन जब इंसानियत की जीत होगी,
बुराइयों की हार और सच्चाई की जीत होगी।
इस कविता की आवाज़ सबको सुनाई देगी,
और नया भविष्य अच्छाई से सजाई देगी।

अच्छा समय ज़रूर आएगा हमारे पास,
मित्रता सत्रुता सबक़ सिखाएगा साथ।
हम सब मिलकर इसे बनाएंगे,
हर दिन अच्छाई और प्रेम से जीएंगे।

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संकेतों से भापते है

संकेत
संकेत भविष्य पढ़ने की आशा….
संकेतों से भापते है, आशा या निराशा ।

संकेत दिमाग़ की बोली और समझ ….
भविष्य जानकारी दिमाग़ चाहे सहज ।

अक्सर लोग चाहते संकेत मिले अच्छे समय का …..
समय सदा बदलता रहता जबकि यह विषय रहस्य का ।

भूकम आने से पहले जानवर होते बेचैन असहज ….
हम उनकी बेचैनी के संकेत पढ सकते सहज ।

हम संकेतों को भाषा में करते परिवर्तित …
ताकि समझे और  साधे अपना हित  ।

विचारों की गहराई से जुड़ी
संकेतों की आशा जगमगाती है।
भविष्य के पर्दे खोलकर,
मनोवृत्ति की कथा सुनाती है।

चिन्ताओं के समुद्र में खोजते,
बीते और आने वाले कार्यक्रम।
संकेतों की कविता बनकर,
अनजाने में भी ज्ञान प्राप्त करते हम।

छोटे-छोटे चिन्हों में छुपी है
विश्वास की एक अनमोल भाषा।
जान पहचान के अंदर छिपा है,
भविष्य की सूचना व्यक्त करती साँसों की लहरों में।

कभी एक दूर का नजारा होता है,
कभी एक विचार का संगीत बजता है।
संकेतों की यात्रा करते हम,
भविष्य की राहों में बहता है स्वप्नों का नदी गंगा।

जीवन के रंग-बिरंगे पलों में,
संकेतों की एक छाप छोड़ जाते हैं।
आशा या निराशा की राह पर,
उड़ान भरते हैं वे दिलों की आवाज़।

संकेतों से भापते है आशा के फूल,
जगमगाते हैं उम्मीद के सितारे।
निराशा के अंधकार को छिड़कते हैं,
संकेतों की रोशनी के द्वारे।

इस संसार में जगमगाती है संकेतों की झील,
आशा और निराशा के आयाम छूती हैं।
जीवन की मंजिलों का रास्ता दिखाती हैं,
संकेतों की कविता जो हमें पढ़ती हैं।

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सारे विचार अस्थाई

सारे विचार अस्थाई
नहीं अस्थाई मर्ज़ की दवाई ।

सब व्यक्ति व्यक्तित्व अस्थाई…
समझो इस बात की गहराई ।

सब दिखते दृश्य अस्थाई ….
इससे क्या बात समझ आई ।

सारी भावनायें अस्थाई ….
नहीं कुछ भी स्थाई ।

अपने मिले कार्य सही से करे….
हम सब स्थाई दायरे से घिरे ।

न काहु से दोस्ती न काहु से बैर…
शुक्रिया करते चलो माँगो सब की ख़ैर ।

यहाँ सब अस्थाई….
यह बात ही सच्ची इकाई ।

बहते चलो जैसे बहता पानी….
या बहो पवन की तरह यही ज़िंदगानी ।

सारे विचार अस्थाई,
नहीं अस्थाई मर्ज़ की दवाई।

जीवन के सफर में कभी आए,
खो गए फिर वो गुजरे दिन जाए।
चिंता और चिंता का बंधन है,
इसे तोड़ने की राह ढूंढ़ लो भले।

ज़िंदगी की चाल में आए हैं ये विचार,
चिंता के बादल छाए हैं ये आधार।
पर याद रखो, ये सब हैं अस्थाई,
हो सकता है आने वाले कुछ पल हंसाई।

ज़िंदगी की राहों में कभी थम जाएं,
चिंता के दामन से खुद को छुड़ाएं।
हर चिंता को दवा नहीं कहा जा सकता,
कुछ तो विचार होंगे अस्थाई ही रह सकता।

अपना ध्यान मुख्य बातों पर रखो,
हंसते रहो, मुस्कराते रहो आप।
रोग या चिंता ने नहीं जीती है ज़िंदगी,
जीने का आनंद सदैव बनाए रखो सर्वदा।

सब का शुक्रिया सब का धन्यवाद

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