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सुंदर आयाम

हर सुबह उठकर अपने विचारों को उत्तम बनाए उन विचारों को बार बार मनन व चिंतन करे आज का शब्द “सुंदर आयाम”

सुंदर आयाम प्रकृति के,
नादियाँ अपना जल नहीं पीती,
वृक्ष अपना फल नहीं खाते,
हीरे जवाहरात भी दूसरे को सुशोभित ,
नियम प्रकृति का दूसरे के प्रति समर्पित ……
ऐसे ही दयावान व्यक्ति अनायास दूसरो के
हित के लिए होता हर समय आकर्षित ।

सुंदर आयाम प्रकृति के,
नादियाँ अपना जल नहीं पीती।
वृक्ष अपना फल नहीं खाते।
हीरे जवाहरात भी दूसरे को सुशोभित।

प्रकृति की अनूठी सुंदरता,
मनोहारी नजारों में बिखराती।
नदियाँ अपनी बहुता प्रदर्शित करती,
पर खुद को नहीं उन्हें भरती।

वृक्षों की हरियाली से लबरेज,
फलों की मिठास से नहीं भरेज।
वे धरती के अनुपम उपहार हैं,
जो दूसरों को खुशियाँ देते हैं।

हीरे और जवाहरात की मोहकता,
दूसरों के श्रृंगार में बसता।
ना स्वयं चमकते हैं, ना भूलते हैं,
पर दूसरों की ख़ूबसूरती में खो जाते हैं।

यह अद्भुत प्रकृति का रहस्य है,
सदैव दूसरों को सुशोभित करने का इरादा है।
जो देती है वृक्षों को जीवन,
और नादियों को मार्गदर्शन।

इसीलिए वे सुंदरता का प्रतीक हैं,
जो प्रकृति की महिमा को दिखाते हैं।
हमें सिखाते हैं समर्पण और निस्वार्थता,
क्योंकि खुद को भूल जाना ही सुंदरता है।

यह भी पढे: प्रकृति का सौन्दर्य, प्रकृति को शीघ्रता नहीं, प्रकृति का नियम,

चल उठ और दौड़

चल उठ खड़ा हो जा
दुनिया भाग रही है
तू भी चल उठ खड़ा हो जा
दुनिया दौड़ रही है

तू भी उठ खड़ा हो जा
सोने दो यार मुझे नही खड़ा होना
नही खड़ा तू हो जा ….

अच्छा
चल ठीक है तू
रहने दे यार
मेरे ख्याल से तो तू सोजा
चल छोड़ तू यार सो ही जा

चल उठ

तू क्या करेगा भागकर
तू करेगा क्या जागकर
तू चद्दर तान और बस सोजा

तेरा अब काम नही है
तुझमे अब वो दमखम भी नही

तू तो नाकाम ही सही
तू हिम्मत हार चुका है
तू परिश्रम कर थक चुका है
खुद को नाकाम समझ तू रो चुका है
खुद को हारा मान चुका है

इसलिए
तू तो सोजा चद्दर तान और बस सो जा
ना भागेगा ना हिम्मत बढ़ाएगा
सिर्फ तू भीड़ बढ़ाएगा
भीड़ में उत्साह घटाएगा

जा तू सोजा चद्दर तान और सो जा
चल सोजा
नही रुको मैं उठता हूं
मैं आता हूं
मैं चलता हूं ,

सुनो मैं परिश्रम कर थका नही हूं ,
मैं नाकाम सही लेकिन
हिम्मत मैं हारा नही हूं
मैं भागूंगा नही लेकिन उत्साह बढ़ाऊंगा ,

मैं भीड़ का हिस्सा सही
लेकिन भीड़ का उत्साह बढ़ाऊंगा
ना रुकूँगा ना रुकने दूंगा ,
न थकूंगा ना थकने दूंगा
ना सोऊंगा ना सोने दूंगा
मैं सबसे आगे बढ़कर
ही अब दम लूंगा