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दिल्ली की जनता

दिल्ली की जनता ने क्या देखकर वोट दिया, दिल्ली की जनता क्या बदलाव चाहती है, पिछले 10 साल से क्या काम किए है, आम आदमी पार्टी की सरकार ने और किन कामों के कारण दिल्ली की सरकार आम आदमी पार्टी को चुने।

दिल्ली की बसों में महिलाओ के लिए फ्री में सफर लेकिन आदमी बेचारा परेशान होता दिखता है, बस के इंतजार में, जो भी बस आती है वह पूरी तरह से महिलाओ से ही भारी हुई आती है।

महिलाओ को 2100रुपये में मिलेंगे यदि आम आदमी पार्टी की सरकार जीत जाती है तो।

हर महीने दिल्ली की सरकार 20,000 लीटर फ्री में देती है, क्या यह देखकर जनता आम आदमी पार्टी को वोट करे,

200 यूनिट बिजली फ्री है क्या यह देखकर वोट देना चाहिए।

दिल्ली की सरकार दिल्ली की जनता के लिए मोहल्ला क्लिनिक तो बनवाए, लेकिन बहुत सारी जगह सुचारु रूप से चलते नहीं है।

दिल्ली में जो नई बसे आनी थी उन्मे बहुत देरी करी, जो बहुत पहले ही आनी चाहिए थी, लेकिन बहुत देर में आई, चलो कोई बात नहीं लेकिन आई तो सही कुछ कुछ करके दिल्ली की सड़कों पर बस आई लेकिन अब भी ऐसी बहुत सारी जगह है जहां लोगों को 20-25 मिनट का इंतजार करना पड़ता है बस के लिए, जिसमे अभी तक कोई सुधार नहीं है।

दिल्ली की सड़कों का हाल क्या दिल्ली की जनता यह नहीं देखती, सड़कों का इतना बुरा हाल है, जो lockdown के समय में लिपा पोती हुई थी उसके बाद फिर कुछ नहीं हुआ, अब टूटी फूटी सड़कों पर वहाँ दौड़ रहे है, कही गड्ढे बड़े तो नहीं कही चोड़े हो रहे है लेकिन देखे कौन उनको दिल्ली की सरकार तो मुफ़्त का पानी ओर मुफ़्त बिजली फ्री देकर सो रही है।

दिल्ली के सरकारी स्कूल का हाल क्या है यह सबको पता है, पढ़ाई का स्तर यह है की 12 वी कक्षा का छात्र सही से हिन्दी भी नहीं पढ़ पाता है ओर यह बोलते है, हमारा मोडेल इंग्लैंड तक फेमस है।

ई-रिक्शा की संख्या इतनी बढ़ चुकी है की पैदल यात्री के चलने के लिए भी जगह नहीं मिलती, जहां मर्जी यह लोग रोक लेते है, ट्राफिक जाम की समस्या खतम नहीं होती।

हमे चाहिए साफ सड़के, मार्केटस को बेहतर ओर व्यवस्थित किया जाए जिससे ग्राहक ओर दुकानदार दोनों को फायदा हो।

जनता को जागरूक बनाया जाए सफाई के प्रति, दिल्ली की जनता को अधिक सुविधा दी जाए, युवा को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाए।

दिल्ली की जनता को चाहिए की वह अपनी एक लिस्ट बनाए ओर सरकार को भेजे की हमारे लिए यह सभी कार्य किए तभी हम आपको वोट देंगे नहीं तो हम सरकार को गिर देंगे, हर साल सरकार बदलने का प्रावधान हो, हमारी शिकायत को लगातार सुना जाए।

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राजधानी दिल्ली

राजधानी दिल्ली के बारे कुछ बाते

दिल्ली जो कि भारत की राजधानी है। भारत के चार महानगरों में से एक है। और एक ऐतिहासिक शहर भी है। दिल्ली महानगर में मुगल काल की भी कई विश्व विख्यात विरासते आज भी मौजूद है। इसी दिल्ली में 16वीं शताब्दी मे तब्दील हुई जामा मस्जिद लाल किला आज भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। वही पास ही में चांदनी चौक जैसा एक भव्य बाजार मौजूद है जिसमें कि तरह-तरह के व्यंजन पकवान वह हर तरह की खरीदारी के सामान उपलब्ध हो जाता है।    

    दिल्ली को तीन और से हरियाणा की सीमा लगती है, जबकि इस के पूर्वी छोर पर उत्तर प्रदेश की सीमा लगती है। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र लगभग 573 वर्ग मीटर में फैला हुआ है। 2011 की जनगणना के अनुसार दिल्ली शहर की आबादी 11 मिलियन है जोकि मुंबई के बाद भारत का सबसे ज्यादा आबादी वाला शहर है।       

                                     अगर दिल्ली शहर की प्राचीनता की बात की जाए तो 10 वीं शताब्दी में यहां पर तोमर राजाओं का राज्य था। उन्हीं तोमर राजाओं का एक वंशज पृथ्वीराज चौहान था जिसने कि दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया। और वही पृथ्वीराज चौहान दिल्ली का अंतिम हिंदू शासक था। उस पृथ्वीराज चौहान के बाद दिल्ली में लगातार तुर्क और मुगलों का आक्रमण होने लगा। जिसमें कि पृथ्वीराज चौहान के तुरंत बाद गुलाम राजवंश आया उसके बाद खिलजी, तुगलक , सैयद और लोरी राजवंश आए। यह सभी मुस्लिम शासक थे। इसके बाद अंत में पानीपत की लड़ाई में बाबर ने लोधी व राजवंश को हराकर दिल्ली में मुगलिया सल्तनत की नींव रखी। इसी मुगलिया सल्तनत में बाबर के बाद बाबर का वंशज हुमायूं आया जिसने की दिनपनाह महल जो कि आज के समय में पुराने किले के नाम से मशहूर है का निर्माण करवाया। और हुमायूं की मृत्यु भी उसी दिन प्रणाम महल में सीढ़ियों से गिरकर हुई थी।     

                अनेक दर्शनीय स्थल जैसे की कुतुब मीनार, सिकंदर लोदी का मकबरा, इंडिया गेट आदि कई विरासत ए आज भी मौजूद है।  

राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट की तस्वीर
राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट की तस्वीर

   अगर हम नई दिल्ली की बात करें तो नई दिल्ली को अंग्रेजों ने सन 1911 में अपनी राजधानी बनाया। अंग्रेजों ने भी दिल्ली में कई भव्य इमारतों का निर्माण करवाया। आज इतना भव्य इंडिया गेट हम देखते हैं असल में यह प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विरासत के रूप में तैयार किया गया वह उन सैनिकों के नाम आज भी इंडिया गेट पर लिखे हुए हैं। उसके अलावा राष्ट्रपति भवन विधान सभा वह कनॉट प्लेस भी अंग्रेजों के द्वारा ही बसाई गई विरासत है।    

          आध्यात्मिक तौर पर भी दिल्ली शहर में काफी पुरानी विरासत ए रही है। सूफी संत निजामुद्दीन औलिया भी इसी दिल्ली में रहे हैं जिन्होंने दिल्ली में 15 राजाओं का शासन देखा और उन्हीं के शिष्य अमीर खुसरो जोकि तबले के अविष्कारक और खड़ी बोली के जनक भी हैं उन्होंने भी 10 राजाओं का शासन देखा वह उन 10 राजाओं के दरबार में रहे। उसके अलावा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की मजार भी हमें महरौली क्षेत्र में देखने को मिल जाएगी राजा कुतुबुद्दीन ने इन्हीं के नाम पर कुतुब मीनार का निर्माण करवाया था।

Written by Pritam Mundotiya

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