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जिंदगी की राह

जिंदगी की राह जहाँ जुदाई हो सम्भव,
उससे भी हम संवाद बनाते रहे अपरिहार्य तरीक़ा।
मयूसी ना आने दे हमें, ये ज़िंदगी की ठोकरें,
संवाद में धीरे-धीरे हम खो जाएँ स्वर्गीय स्वाद।

जिंदगी की राह में भले ही किसी से न तुम मिल पाओ लेकिन उससे करते रहे संवाद…..
यह जीवन की सच्चाई उसकी संरचना तरीक़ा
सच्चा जीवन का स्वाद।
जीवन के सफ़र में बीते जा रहे हे क़ीमती पल वो कभी नहीं आयेंगे वापिस….
ज़िंदगी का अन्दाज़ कुछ इस तरह का हे कभी भी ज़िंदगी कर सकती ख़ुदा हाफिज ।

किसी को न तुम मिल पाओ, ये भाग्य तो है अजनबी,
लेकिन उसके संग चर्चा करें, ये अवसर है अनमोल प्रभी।
विचारों का विलिन होकर, मन की बातें बोलें,
संवाद में दिल की राह पाएं, जीवन का सुंदर स्वाद।

हर एक व्यक्ति से झलकता है ईश्वर का छाया,
संवाद के माध्यम से मिले हम उस अद्भुत विचारधारा।
जीवन का सार व्यक्त हो, जगमगाए अपार विज्ञान,
संवाद रूपी आधार से छू लें सच्चा जीवन का स्वाद।

जो भी हो तेरी मन्दिर में जाकर जोड़ें हाथ,
संवाद की रूपवती दुनिया में खो जाएं वो संग्राम।
सच्चाई और मित्रता के फूल खिलाएं अपार,
संवाद में हम धीरे-धीरे पाएं जीवन का स्वाद।

कुछ तो लिखे हम

कुछ तो लिखे हम, हर रोज तो लिखने को नही होगा
क्या यह बात है सही
नही नही
यह बात तो बिलकुल भी सही नही
क्यों
क्युकी हर पल , हर क्षण , हम अपने भीतर भर रहे असंख्य विचार उन्ही का समूह हम बना रहे है। बना रहे विचार पर विचार
फिर कैसे कुछ
फिर कैसे कुछ ना होगा कहने को
सुनने को
सुनाने को
कैसे ना होगी बात
और फिर कैसे ना होगी हमारी और आपकी मुलाकात
होगी और बहुत सारी होगी बात, कुछ नए शब्द और विचारो के तालमेल संग हम और आपका होगा साथ

कुछ तो लिखे हम, हर रोज लिखना ज़रूरी नहीं है,
यह सत्य नहीं है बिलकुल भी।
क्योंकि हमारे भीतर बसते हैं
असंख्य विचार, भावनाएं अनगिनत।

हर पल, हर क्षण ये विचार घुलते हैं,
उनसे ही हमारी कविताएं मिलती हैं।
ये विचारों का समूह हमें बनाता है,
कविता की रचना में उन्हें समाता है।

कविता हमारी आत्मा की अभिव्यक्ति है,
जब विचारों को शब्दों में बदलती है।
हर रोज़ लिखकर हम बनाते हैं वाद्य,
अपनी भावनाओं को साझा करते हैं यहाँ।

तो हर रोज़ लिखने को हो सकता है,
यह बात बिलकुल सही हो सकती है।
क्योंकि जब विचार बहुत हों अनगिनत,
उन्हें शब्दों में छिड़कते हैं हम नित्यत।