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मूड को फ्रेश बनाना

मूड को फ्रेश बनाना है जिंदगी , जिंदगी कभी रुलाती है तो कभी हँसाती है, हर गम को भुलाती है जिंदगी, तुम्हारी मंद मुस्कान को मुस्कुराहट का नाम भी है जिंदगी, कभी मूड को खराब कर देती है तो मूड फ्रेश कर देना ही है जिंदगी,

मूड को फ्रेश बनाना है जिंदगी

मूड को फ्रेश बनाना भी है ज़िंदगी

लगातार जिंदगी को बेहतर बनाना ही हमारा काम है, जिंदगी बहुत बड़ी है ओर हम बहुत छोटे है। इस जिंदगी को बहुत बड़ा ही समझ कर जिन चाहिए तभी हमारे सारे सवालों ओर परेशानियों का समाधान मिलता है, यदि आप मुस्कुरा नहीं पा रहे है, तो जिंदगी की मुस्कुराहट को देखो जरा वह कितना मुस्कुरा रही है, क्या जिंदगी दुखी है? क्या जिंदगी परेशान है? तकलीफ ओर दुख तो तुम्हारी जिंदगी को है इस नन्ही सी जान को इतना परेशान कर रहे है हम।

इसलिए खुद को जिंदगी समझकर जिओ खुद को मानो जिंदगी हूँ मैं ओर जिओ इस जीवन को अपनी आदत में कुछ ऐसे शब्दों को जोड़ लेना बेहद जरूरी है।

ख्वाब यू तुम

ख्वाब यू तुम इतने मुझे दिखाते हो, इन ख्वाबों को क्यू मेरे मन दर्पण में सजाते हो , इन ख्वाबों से मैं बेचैन हो जाता हूँ बस याद भर तुम्हारी में मैं रहता हूँ, कुछ न कहता हूँ बस चुप यू ही रह जाता हूँ

क्यों इतने ख्वाबों को सजाते हो

मेरे ख्वाबों मे रोज चले आते हो

मुझे मदहोश कर चले जाते हो

मौत की आगोश में जाना चाहता हूं

जिंदगी से रूबरू कर चले जाते हो

क्यों इतना बेचैन कर तन्हाईयों का साथ करवाते हो

लूट जाता हूँ भरे बाजार मैं , अपनी ही जिंदगी लिए

बस तुम मेरे ख्यालों को अकेला छोड़ चले जाते हो !

ख्वाब यू तुम इतने मुझे दिखाते हो

आधुनिक तकनीक

आधुनिक दुनिया में आधुनिक तकनीक ने हमारे जीवन को बदल दिया है।

आधुनिक तकनीक का उपयोग इतना व्यापक हो गया है कि हम उसके बिना अपनी दैनिक जिंदगी के काम नहीं कर सकते। तकनीक ने हमें नए संभावित दुनिया का दरवाजा खोल दिया है जो हमारे अभी तक नहीं जाने वाले अनुभवों को संभव बनाता है।

तकनीक के उपयोग से हम समय और श्रम की बचत कर सकते हैं, संचार को सुगम बना सकते हैं, खाद्य उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में आविष्कार कर सकते हैं। तकनीक ने संचार के क्षेत्र में भी एक बड़ा बदलाव लाया है। टेलीफोन, ईमेल, सोशल मीडिया और वीडियो कॉल के जरिए हम दुनिया के किसी भी कोने से संचार कर सकते हैं।

तकनीक के उपयोग से हम ऐसे उपकरण बना सकते हैं जो अपने आप संभव नहीं थे। उदाहरण के लिए, स्मार्टफोन जो हमें आवश्यक संचार उपकरण के साथ साथ अन्य सेवाओं भी प्रदान करता है। वाहन और निर्माण के क्षेत्र में भी तकनीक ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उदाहरण के लिए, ऑटोमोबाइल और जहाजों में उपयोग किए जाने वाले संशोधन और नए उपकरण ने इन वाहनों को सुरक्षित और अधिक उपयोगी बनाया है।

लेकिनआधुनिक तकनीक के उपयोग से उत्पन्न होने वाली समस्याओं का भी सामना करना होगा। तकनीक का उपयोग संकट और अपराधों में भी होता है। साइबर अपराधों, डेटा उत्पादन और उसकी सुरक्षा विषय में भी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा, तकनीक का उपयोग वातावरण के लिए भी खतरा हो सकता है। टेक्नोलॉजी के उपयोग से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण, जल उपयोग और जनसंख्या वृद्धि की समस्याएं भी हमें उत्तरदायी बनाती हैं।

इसलिए, तकनीक का उपयोग एक दोहरी तलवार है। अगर हम इसे संवेदनशीलता और स्वयंसेवा के साथ उपयोग करें, तो इससे हमारे जीवन को बेहतर बनाने के साथ-साथ अधिक सुरक्षित और अस्थायी बनाने में मदद मिल सकती है। तकनीक को उच्च गुणवत्ता और सामाजिक उपयोग की सवयंसेवा के साथ विकास करना चाहिए। इससे हम एक संतुलित और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं जो तकनीक के उपयोग से अधिक उन्नत बनता जाएगा।

व्यस्त अपनी जिंदगी में

व्यस्त अपनी जिंदगी में सब है यहाँ, किसी को किसी की कोई परवाह नहीं है बस बेफिक्री है , किसको किसकी फिक्र है यहाँ , शहर तो अनजान नहीं था बस मतलब ने इस शहर को भी अनजान बना दिया है , देख कर भी लोग आंखे चुराते है उन्हे लगता है चोर है चोरी करकर खाते है।

सब व्यस्त है अपनी जिंदगी में

बेखबरी का जमाना है

खबर किसकी किसको यहाँ

जमाने भर की बात होती है लेकिन

जरूरत किसकी किसको यहाँ

सब अपना अपना मतलब सोचते है,

मतलब की दुनिया है मतलब से लोग खोजते है

किसी को किसीसे मतलब नहीं है यहाँ

किसी से किसी की मुलाकात हो बस इतनी सी बात है

उम्र

दिन आता है, दिन चला जाता है इस दिन की उम्र 24 घंटे ही है लेकिन ये सम्पूर्ण संसार को कार्यरत होने के लिए बढ़ी कर देते है कुछ ना कुछ करने के लिए।

उम्र से नहीं कार्य से आँको , उम्र कितनी भी हो परंतु कार्य बड़ा होना चाहिए
उम्र या कार्य

क्या आपके जीवन में भी स्वयं को बाध्य करने के लिए कोई नियम है? उम्र कितनी भी हो परंतु कार्य का बड़ा होना चाहिए।

सकारात्मक शब्दों का संग्रह

एक समय जब मेरे मस्तिष्क में जैसे ही कोई नया विचार आता था , उसे मैं फटाक से लिख देता था, अपने सिरहाने के पास ही मैं अपनी डायरी ओर पेन लेकर सोता था , चाहे वो विचार रात को सोते हुए 2 बजे ही क्यू ना आया हो मेरे दिमाग में लेकिन वो विचार लिखना मुझे बहुत जरूरी लगता था, क्युकी वह एक विचार कब कितना बड़ा हो जाए , उस विचार का क्या कारण है? मेरे मस्तिष्क में आने वाले विचार को बस इसी वजह से मैं उस विचार को लिख लेता था।

सिर्फ इसी वजह से उन सभी विचारों को लिखते लिखते वह विचार आज हजारों की संख्या में हो चुके है, और आज भी मैं उन सभी विचारों पर थोड़ा थोड़ा काम करता रहता हूँ, उनको ओर बड़ा करने की कोशिश में लगा रहता हूँ , मैं उन सकारात्मक विचारों को लिख चुका हूँ और उन्ही विचारों के कारण मेरे जीवन में बहुत बदलाव भी आए है, क्युकी उन विचारों को मैंने अपने जीवन का हिस्सा बना लिया था।

ओर उन सभी विचारों से मेरे जीवन में जो परिवर्तन हो रहा था, मैं उन सभी परिवर्तनों को अपने भीतर महसूस कर रहा था, मेरे जीवन की गति में भी परिवर्तन दिख रहा था जिस वजह से मैं हमेशा खुद को बेहतर जीवन की ओर बढ़त हुआ देखता था, मेरा जीवन के प्रति नजरिया बड़ा होता जा रहा था , मेरे भीतर जो सवाल आ रहे थे उन सवालों के जवाब भी मैं ढूंढ प रहा था।

बचपन में मैंने एक किताब पढ़ी थी जिसका नाम पावर ऑफ पाज़िटिव थिंकिंग है यह किताब आज भी बहुत चर्चित किताबों में से एक है यही वह किताब है जिसकी वजह से मैंने उन सभी विचारों को जोड़ना शुरू कर दिया जो मुझे पाज़िटिव एनर्जी देते थे, मैं भागवत गीता का भी पाठ नियमित रूप से करता था और अपने विचारों को दृढ़ कारणए की कोशिश करता था।

सोचने वाली बात यह की हमारे मस्तिष्क में एक दिन में लगभग 60 हजार विचार आते है लेकिन उसमे से कितने विचार सकारात्मक ओर जीवन में उतारने के लिए लायक होते है, तथा उन विचारों पर कार्य कर सके ऐसे कितने विचार होते है।

जब कोई आपसे पूछे

जब कोई आपसे पूछे क्या हाल चाल है आपके ? तो आपका जवाब क्या होता है? कुछ नहीं बस बीमार था, तबीयत ठीक नहीं , खासी, झुकाम, बुखार है आदि इत्यादि है यह छोटी छोटी बीमारी भी आज कल हमे पहाड़ की तरह लगती है, जैसे पता नहीं क्या हो गया है यह सब बीमारी कोई न है, यह तो आपके शरीर को ओर बेहतर तरीके से काम कर सको बस इसलिए हो जाती है।

मुझे याद है बचपन में जब मैं बीमार हो जाता था तो मुझे बड़ी खुशी होती थी इसलिए नहीं की मैं घर पर आराम करूंगा बल्कि इसलिए की हाँ अब मैं आराम से कुछ सोच सकूँगा, कुछ अलग किताबे पढ़ सकूँगा मुझे एक्स्ट्रा टाइम मिल गया है कुछ अलग करने का , मैं बीमार हूँ, मैं बीमार हूँ। मैं इस बारे में नहीं सोच करता था बल्कि वो जो टाइम अब मुझे मिला है, उसको कैसे इस्तेमाल करू? ये सोचता था, लेकिन आज हम उस समय का प्रयोग कैसे करते है बीमार होने पर

आप क्या कहते है? आपसे क्या हाल चाल है

जब कोई आपसे पूछे की कैसे कैसे तो बस यही जवाब आता है की बस ठीक हूँ, चल रहा है, बस ओके ओके हूँ, या कट रही है बस, कुछ खास नहीं तुम बताओ आदि इत्यादि इसी प्रकार के साधारण से शब्द जिनका प्रभाव सकारात्मक न होकर नकरात्मक विचारों को जन्म दे रहा है, शरीर में आलस, हतास , निराशावादी विचारों की ओर ले जा रहा है

इन उत्तरों से ऐसा लगता है की आप अपने जीवन में खुश नहीं है या फिर आप आपके भीतर नेगटिव थॉट भारी हुई है जीवन के प्रति ओर यह भी हो सकता है की आप जीवन के प्रति अब उतनी खुशी प्रकट नहीं करते जैसा आप बचपन मे करते थे,

ऐसा क्या हुआ है? जिसकी वजह से आप ऐसा महसूस करते है, आइए इसका जवाब खोजने की कोशिश करते है और जानते है एस क्यू हो रहा है हमारे साथ , हमारे आसपास ऐसे कौनसे शब्द है जिनकी वजह से हम प्रभावित हो रहे है, या लगातार वो शब्द हमे आहात कर रहे है?

सकारात्मक शब्द ओर नकारात्मक शब्द

क्या आपके आसपास जो शब्द बोले जा रहे है या आप उन्हे दूसरे माध्यम से सुन ओर देख रहे हो वो सभी चीज़े सकारात्मक है या फिर फिर नकारात्मक ऊर्जा को फैला रही है जिसकी वजह से आपके शरीर ओर मस्तिष्क पर उन शब्दों का प्रभाव हो रहा है।

ओर आपका जीवन भी उन्ही शब्दों की भांति होता जा रहा है। आपके आसपास लगातार गाली गलोच, बुरे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग होता है ? या फिर आप ऐसे घरेलू नाटक देखते है, वीडियोज़ देखते है जिनमे सिर्फ ऐसे नकार शब्दों का प्रयोग होता है ऐसे शब्द हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करते है।

यह शब्द धीरे धीरे हमारे जीवन को भी उसी तरह से बना देते है जैसे वह शब्द है, यह बेशक मजाक में ही क्यू न प्रयोग हो रहे हो परंतु आपका मस्तिष्क उन शब्दों पर कार्य करता ही रहता है जिसकी वजह से आप उन शब्दों की भांति हो जाते हो इसलिए इस प्रकार के शब्दों से उचित दूरी बनाए।

यह जिंदगी

यह जिंदगी कही गुम ना हो जाए ,जीवन की उस उछल कूद मे भागती दौड़ धूप में , चकाचौंध नजारों में ,चमक धमक में ,यह जिंदगी कही गुम न हो जाए

यह जिंदगी कही गुम न हो,
खुशियों की राहें हमेशा खुली हो।
हर दिन नयी खुशियों से भरा हो,
जीवन की राहों में आगे बढ़ते जाओ सदा।

ज़िंदगी का सफर थोड़ा मुश्किल हो सकता है,
कुछ दिन कुछ आंसुओं के साथ गुजर जाएंगे।
पर चिंता मत करो, आशा का दीप जलाकर,
जीवन के हर पल को खुशी से जीते जाओ सदा।

हर एक पल को खुशी से जीतो,
सपनों को दिल में समेटो और खेलो।
जीवन की राहों में आगे बढ़ते जाओ सदा,
खुशियों की राहें हमेशा खुली हो।

चलते जाओ आगे, अपने सपनों की ओर,
जीवन का सफर थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
पर आशा और उम्मीद का दीप जलाकर,
जीवन के हर पल को खुशी से जीते जाओ सदा।

यह जिंदगी कही गुम न हो,
खुशियों से भरी राहें हमेशा खुली हो।
हम सब मिलकर इस जीवन की खुशियों को बाँटें,
खुशियों के साथ जीवन की सारी यादें संजोते जाओ सदा।

जिंदगी की मसकक्त

मैं आज भी उस दौड़ का हिस्सा हूँ ,एक कहानी हूँ, एक किस्सा हूँ कभी भागता हूँ, कभी रुकता हूँ ,जिंदगी की मसकक्त से इंसान हूँ

बस न रुकता हूँ न थकता हूँ, जिंदगी की मसकक्त कभी खत्म नहीं होती,
जीते जाओ हर पल खुशी से और मुस्कुराते जाओ।
चलते जाओ अपनी राहों पर चाहे जैसी भी हों,
खुशियों से भरी राहें हमेशा खुली रखो।

जीवन की मसकक्तों से नहीं घबराओ,
आगे बढ़ते जाओ और जीते जाओ सदा।
जीवन का सफर होता है थोड़ा मुश्किल,
पर चिंता मत करो और हर पल को मस्ती से जीते जाओ।

जीवन की मसकक्तों से नहीं घबराओ,
आगे बढ़ते जाओ और मुस्कुराते जाओ सदा।
चलते जाओ अपनी राहों पर चाहे जैसी भी हों,
खुशियों से भरी राहें हमेशा खुली रखो।

जीवन की मसकक्तों से होंगे हर पल झमेले,
पर चिंता मत करो और उमंग से जीते जाओ।
हर एक पल को खुशी से जीतो,
जीवन की राहों में आगे बढ़ते जाओ सदा।

जिंदगी की मसकक्त कभी खत्म नहीं होती,
जीते जाओ हर पल खुशी से और मुस्कुराते जाओ।
चलते जाओ अपनी राहों पर चाहे जैसी भी हों,
खुशियों से भरी राहें हमेशा खुली रखो।