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कठिन परिस्थिति

कठिन परिस्थिति निर्माणकर्ता मज़बूत व्यक्तित्व के लोग….
वही लोग लिए मशाल अग्रसर खोजते करते नूतन नूतन प्रयोग ।
परिस्थिति के गर्भ में छिपा अनंत अनंत सम्भावनाओं का भंडार…
हर परिस्थिति के लिए रहे तेयार खिले व्यक्तित्व ओर आए निखार ॥

कुछ लोग खुद कठिन परिस्थिति का आवाहन उसको बुलाते….
उसकी हद को तोड़ कर नूतन कीर्तिमान खड़े कर दिखलाते ।
अनबूझ परिस्थिति आए अचानक या खुद हम जाके स्वीकारे…..
मन की स्थिति सदा होवे मजबूत चाहे हम जीते या हम हारे ॥

दृढ़ता से चमकते, अग्रसर होते ये व्यक्तित्व,
कठिनाइयों को चुनौती स्वीकारने के लिए समर्पित।
मशाल उठाते हैं, नये-नये अनुभवों की खोज में,
परिस्थिति के आवरण में छिपे अनंत सम्भावनाओं के।

बढ़ते हैं वे मजबूती के साथ, आगे बढ़ने के लिए,
विपरीत परिस्थितियों में भी खुद को साबित करने के लिए।
उनका विश्वास अटूट होता है, कठिनाइयों के बीच,
जैसे बवंडर के आगे भी खड़े रहें शिखर पहाड़ों सीख।

नए नए प्रयोग करते हैं, नूतनता की खोज में,
उनकी चेष्टाएं निरंतर, बढ़ाती हैं समृद्धि के रास्ते।
क्योंकि परिस्थिति के गर्भ में छिपे हैं अनगिनत सम्भावनाएं,
जो व्यक्तित्व को बढ़ाने के लिए होती हैं अद्यायेश।

संघर्षों के माध्यम से निकलता है अद्भुतता का सिरोमणि,
जो बनाता है उन्हें बेहतर, बनाता है अद्यतित भविष्य का नगरी।
कठिन परिस्थितियों में उनका जीवन निःस्वार्थ होता है,
समाज के लिए जीने की उनकी निश्चितता उठाती है आदर्श प्रतीति।

इसलिए जो लोग लिए मशाल अग्रसर, करते हैं नूतन प्रयोग,
वे निर्माता हैं अपार संभावनाओं के, जो बाहर करेंगे उन्हें खोज।
क्योंकि कठिनाईयाँ सिर्फ एक चुनौती होती हैं उनके लिए,
जिनमें छिपा है अनंत सफलता का सौंदर्य और वही करेंगे अपने नए सपनों का विस्तार।

लगातार बने रहे

एक शब्द है लगातार ये लगातार शब्द जब भी कही लग जाता है तो बहुत सारी चीज़ें अधूरी चीज या कार्य पूरे हो जाते है इसलिए कुछ भी अधूरा ना रह जाए इसलिए लगातार बने रहे, और आप अपनी जिंदगी हासिल करना चाहते है उसके लिए प्रयासरत रहे।

एक शब्द है, लगातार ये शब्द जब बोला जाता है,
पूरी हो जाती हैं अधूरी चीज़ें और कामनाएँ सारी।
यह विश्वास दिलाता है, हौसला बढ़ाता है,
कि अधूरा न रह जाए, हर कार्य पूरा हो जाता है।

संघर्षों के बावजूद आगे बढ़ते रहना,
हमेशा इच्छाओं को पूरा करके का जीना।
कठिनाइयों को देखते हुए भी मुस्कान बनाए रखना,
जीवन के हर मोड़ पर ये शब्द सुना जाता हैं।

लगातार बने रहे, ये नया संग्राम है,
हर अधूरी चीज को पूरा करने का दांव है।
कठिनाइयों को तोड़ते हुए आगे बढ़ते जाएं,
जीवन के सभी अध्यायों को लगातार पूरा करते जाएं।

ये शब्द हैं प्रेरणा का स्रोत, आगे बढ़ने की शक्ति,
जब भी बोले जाते हैं, जीवन में उजाला बरसता है।
चिंताओं को दूर भगाते हैं, आशा की किरण बनते हैं,
सब कुछ पूरा हो जाता हैं, जब ये शब्द बोले जाते हैं।

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बुरी स्थिति में संभले

बुरी स्थिति में संभले वही श्रेष्ठ…
समय अनुसार निर्णय क्षमता सर्वश्रेष्ठ ।

बुरे समय मे जो साथ दे वही परम मित्र….
बाक़ी दिख जाता किसका केसा चरित्र ।

किसी के बुरे समय पे ज़रूर दे साथ …
ओर कुछ नही ये ही सच्चा परमार्थ ॥

आवश्यकता किसी को कभी भी पड सकती…
दिख जाती मुसीबत में किसकी केसी हस्ती ॥

जब जीवन की लहरें बदल देती हैं दिशा,
और आगे के मोड़ पर लगता हो अँधेरा।

तब उठती है वही आत्मविश्वास की ध्वजा,
जिसका साथ देता है शक्ति और आशा।

बुराइयों से संघर्ष करते वही व्यक्ति,
मजबूती से खड़ा होता है हर अवस्था में।

उन्नति का मार्ग निर्णय करता है निपुणता,
जीवन के गहराईयों में चमकता है वह व्यक्तित्व का मंडन।

जब तूफानों की आँधी उठाती है धरती,
तो उसका सामना करता है वही निर्णयशील व्यक्ति।

क्योंकि बुरी स्थिति में होता है असली चरित्र का परिक्षण,
समय के साथ दिखता है उसकी सामर्थ्य की पहचान।

तो ना हारे हाथ उठाएं, ना हिम्मत हारें,
जीवन के दुःखों से उभरे वही दीर्घजीवी व्यक्ति।

बुरी स्थिति में संभले वही श्रेष्ठ,
समय अनुसार निर्णय क्षमता सर्वश्रेष्ठ।

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ज़िंदगी की राह में

ज़िंदगी की राह में यू ही चलते चलते

ज़िंदगी की राह में चलते चलते,
बहुत से रास्ते आते हैं।
कभी खुशियों की मुस्कान साथ लाते,
कभी दुःखों की बूंदें गिराते।

हर राही अपनी मंजिल को ढूंढता है,
पर ज़िंदगी का मतलब खुद को पाना है।
सपनों को पंख देकर उड़ान भरनी है,
हर इम्तिहान में नयी पहचान बनानी है।

ज़िंदगी की लहरों में संघर्ष होता है,
पर उससे डर के मन्दिर नहीं चिढ़ाना है।
आगे बढ़ने की इच्छा ज़िंदा रखनी है,
नई उचाईयों को छूने का सपना देखनी है।

जीवन एक अनंत सफ़र है, यह याद रखो,
हर कदम पर नया अद्वितीय अनुभव है।
कभी गिरना है तो उठना भी सीखो,
हर हार को विजय का आगाज है।

ज़िंदगी की राह में चलते चलते,
आपसे यही आरज़ू है मेरी।
खुशियों की बारिश हो आपके ऊपर,
हमेशा ख़ुश रहें, यही दुआ है मेरी।

आज का दिन

आज का दिन नयी उम्मीदों का आगाज है,
आज का दिन नयी सफलताओं का पहला कदम है।
आज का दिन नया सपनों का पर्व है,
आज का दिन नयी ख़ुशियों का संगम है।

इस दिन को आप अपनी ज़रूरतों का आदान-प्रदान करें,
इस दिन को आप सपनों को पंख देकर उड़ान भरें।
आज को आप अद्वितीय बनाएं,
दिन को आप आपके जीवन का एक महत्वपूर्ण दिन बनाएं।अनंत उड़ान

उड़ान भरो नयी ऊचाइयों की,
ख्वाबों को पंख देकर उड़ जाओ।
सपनों को आज़ादी का रास्ता दिखाओ,
अपार समुद्रों को पार कर जाओ।

अंधकार को दूर कर दो रोशनी से,
खुद को अनंतता और स्वतंत्र बनाओ।
अपने आप को सीमित न करो,
चारों ओर अपनी परिधि छोड़ जाओ।

ज़मीन के नीचे छिपे ख़ज़ाने का,
आप खुद ही ख़ुदाई कर जाओ।
अपने सपनों की धरती को छेड़ो,
उसकी मिट्टी को आप रंग बनाओ।

आज़ादी की हवा में उड़ जाओ,
मुझसे ऊंचा आपका आंचल हो।
सब सीमाएँ तोड़ दो आप अपनी,
अपनी आवाज़ को पूरे आसमान में गूँजाओ।

अनंत उड़ान भरो नयी ऊचाइयों की,
आपका सफ़र हो अद्वितीय और अविरल।
आप ज़िंदगी के रंगों में ख़ुद को खो जाओ,
और देखो कैसे आप अपने आप से मिल जाओ।

जीतने की आदत डालो

जीतने की आदत डालो यह जीतने की आदत ऐसे ही नहीं आई है,

ये बड़ी मसकक्त की है मैंने,तभी वो हार मेरी जीतने की आदत से हार पाई है

जीतने की आदत डालो,
तो जीवन का रंग बदल जाएगा।
कोई बाधा आए तो,
उसे नये अवसर में बदल जाएगा।

जीवन के संघर्षों में,
जीत की तलाश में निकलो।
थकान और हार से नहीं,
जीत के लिए तुम दौड़ो।

जीत की आदत डालो,
तो सफलता के रास्ते खुल जाएंगे।
अगर एक बार हार मान लो,
तो अगली बार जीत पाने के लिए तुम नहीं तैयार होंगे।

जीत की प्रतिज्ञा लो,
तो विजय की गरिमा तुम्हारी होगी।
बच्चों को एक नया संदेश दो,
जीत के लिए बनो तुम भी तैयार होंगे।

जीत की आदत डालो,
तो जीत से जुड़ी सभी बाधाएं दूर होगीं।
जीत की मीठी खुशबू में डूब जाओ,
तो जीवन का रंग बदल जाएगा।

यह भी पढे: जीत की उम्मीद, सफलता का सफर, क्या हार भी अच्छी, हिम्मत कर राही, इस उम्मीद

क्रोध खतरनाक

क्रोध खतरनाक …
इसकी लंबी नाक ।
क्रोध की आँधी …..
रिश्तों की समाधि ।

शांत रहकर जो कमाये रिश्ते …..
शैतान क्रोध की बलि वो चढ़ते ।
समय पे एक चुप ओर सौ सुख….
दंड तुम्हें मिलता गलती करता मुख ।

क्रोध सोचने समझने की शक्ति करता नष्ट…
क्रोध के पीछे पछतावा ओर कष्ट ही कष्ट ।
आगे आगे रिश्ते वेसे ही हो रहे समाप्त….
बचा लीजिए रिश्ता यह वजह ही पर्याप्त ।

क्रोध खतरनाक सी अग्नि….
भस्म करती नहीं किसी की संगिनी ।
जीवन एक प्रश्नपत्र….
शांति ही उत्तर इसका अस्त्र ।

शुभ रात्री आज जून माह की
विदाई दिवस हे और जुलाई माह का कल
आगमन होगा तो बाँहे खोल के जून माह की करे विदाई और जुलाई माह का स्वागत ।

इश्क की चर्चा

इश्क की चर्चा होती है,
हर शख्स दिल में रखता है।
प्यार की बातें करते हैं सभी,
मगर इसे समझना नहीं जानते हैं।

इश्क एक ऐसी जादुई छवि है,
जो दिल को चूमती है।
इसके आगे सब कुछ फीका पड़ जाता है,
ये महसूस करने वालों को ही पता होता है।

इश्क में जीवन की हर चीज मिलती है,
प्यार की आँधी में दिल कुछ ऐसा बेहकता है।
अपना सब कुछ खो देने का डर होता है,
पर खुशियों के साथ खुशियों को जीते हुए देखने का अनुभव कुछ और होता है।

इश्क की चर्चा जब होती है,
तो दिल में एक हलचल सी उत्पन्न होती है।
जैसे कुछ बदला है दुनिया में,
उससे ज्यादा बदलता है दिल इश्क के नजरिए से देखता हुआ।

इश्क की बात पर अब खत्म करते हैं,
ये जादुई छवि हमेशा रहेगी दिल में बसी।
जब भी इश्क की बात होगी,
दिल उठ उठकर बोलेगा, जी हाँ, इश्क है ज़िन्दगी में सबसे खुशनुमा चीज़ीं में से एक।

रात के ख्याल

रात के उन ख्यालों को कैसे अकेला छोड़ दु

उन ख्यालों संग ना खेलू क्या ………………………

ख्यालों को कैसे अकेला छोड़ दु जो अकेले है

रात में उन के साथ क्या खेलू नहीं

उन ख्यालों से क्या मिलू भी नहीं

वो ख्याल ही है जिनकी वजह से नींद का मज़ा आता है

ये ख्याल मुझे हर रोज नई दुनिया की सैर कराते है

मेरी कल्पनाए एक रूप ले लेती है

उन कल्पनाओ के साथ मैं इन ख्यालों को सजाता हूँ,

देखता हूँ , ओर खूब खेलता हूँ मुझे इन ख्यालों संग अच्छा लगता है

ये ख्याल मेरा बहुत ख्याल रखते है

मैं उठू या नहीं उस रात के बाद इस बात की भी चिंता नहीं

यह ख्याल मुझसे दूर कर देते है फिर कैसे ना देखू मैं ख्याल,

फिर कैसे रहू रात भर बिन ख्याल

ए मुसाफिर

ए मुसाफिर
वजह बेवजह तू मुस्कुराता चल
वजह बेवजह तू मुसकुराता चल
बेखबर राहो पर तू आगे निकल

तुझे मिलेगी चुनौतियां
उन चुनौतियों पर कदम बढ़ाता चल
तू चल , तू चल , तू चल

ना थकना
ना रुकना
ना घबराना
ना हार मान जाना तू
बन अपना साथी तू
खुद से खुद में जाकर तू मिल

भूत , भविष्य की फिकर छोड़ दे
वर्तमान के साथ जी तू हर पल
ए मुसाफिर तू कदम बढ़त चल

हर डगर, हर मंजिल पर न तू रुक
बस अपनी मंजिल पर नजर रख कर
बढ़ता तू आगे चल , बढ़त तू आगे चल

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तेरी आंखे

तेरी आंखे मुझे नोच खचोट जाती है

ये जो तेरी आंखे है न
मुझे नोच डालती है
तेरी आंखे ही है
जो मुझे नोंच डालती है,
इन आंखों पर थोड़ी लगाम रख
इन आंखों में थोड़ी शर्म तो ला
इन्ह आंखों को अब और ना गिरा,
इस तरह से तू आंख निकाल ना बाहर

क्योंकि

ये जो तेरी आंखे है
न मुझे नोच नोच कचोट जाती है।

मैं भी एक इंसान हूं
फर्क की दीवार ना तैयार कर
इन आँखों  में थोड़ी शर्म ला,
शर्म का पर्दा तू भी तैयार कर
इन आंखों से मुझे ना तू
यू तार तार कर

लाज शर्म सिर्फ मेरा ही गहना नही,
खुद की आंखों के लिए तू भी इसे पहना कर
मुझे यू ना तू इन आंखों से रौंदा कर

इस तरह घुट घुट कर मरने से अच्छा,
एक बार मरना होगा ही सही
ये जो तेरी आंखे है ना
मुझे नोच खचोट जाती है

जहा जाती हूं
मेरे शरीर को,
ऊपर से नीचे तक मुझे देखती हुई
तेरी आंखे मुझे नजर आती है,
यह आंखे मुझे रौंद डालती है
लाख बार मेरी इज्जत तार तार कर देती है
ये आंखे मुझे हजारो बार मारती है

इन आंखों से बचु कैसे?
हर वक़्त हर जगह मुझे,
ये आंखे नजर आती है
घर से बाहर जब निकलती हू,
रोड पर जब मैं चलती हूं

लाखो आंखे मुझे घूर घूर मार डालती है,
लाखो बार एक दिन में मैं मर जाती हूं
ये आंखे मुझे रौंद डालती है

कभी ये उन स्कूल कॉलेज  जाते हुए बच्चो की
तो कभी मनचलों की सड़को पर नजर आती है
 
ये आंखे मुझे रौंद डालती है
बस स्टॉप हो या बस का सफर
ऑटो में हूं या कार में,
तेरी आंखे भीतर तक घुस जाती है मेरे….

तन और मन को छल्ली कर नजर आती है
मुड़ मुड़ क्यों देख मुझे तेरी आंखे सताती है
कुछ शर्म लाज रख इन्ह आंखों में
ये तेरी आंखे मुझे क्यों नोंच खाती है
 
बस मुझे ढूंढ कर रौंदना
ये आँखें चाहती है,
ऐसा कौनसा गुनहा किया है मेने
जो ये आंखे मुझे रौंदना चाहती है
छिन्न भिन्न हो मैं जाती हूं,
तिल तिल  मर मैं जाती हूं
जब ये आंखे मुझे रौंद जाती है
अकेली लाचार बेसहारा खड़ी,
नजर में खुद को आती हूं


क्यों
बस एक यही
सवाल खुद से करती हूं मैं,
बेचैन अकेले  हर पल,  हर जगह इस समाज में क्यों  हो जाती हूं मैं
सुबह हो या शाम  कही नही मैं जा पाती हूं।

गली मोहहल्ले
मैं भी चल नही खुलकर मैं सकती हूं,
बंद चार दिवारी में भीतर घर के हो जाती हूं मैं
लगता है डर बहुत,
अब तो डर डर के  बस इस जिंदगी को बिताती हूं
तेरी आंखे जो मुझे नोंच डालती है यह मैं सह नही पाती हूं।

ये हदे पार ना करो
कौनसी सी जिद्द है ये तुम्हारी
कौनसा बदला लेना चाहते हो,
जो तुम इस तरह से मुझे देखते हो

मेरे जिस्म को यू देख कर तार तार ना करो
मैं भी किसी की बेटी, बहन, माँ हूं

मुझे खुद की आंखों में शर्मशार ना करो

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