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हंसने का बहाना बनाना

हंसने का बहाना बनाना….
जैसे न बीता हो बचपन सुहाना ।
बचपन हँसता खिलखिलाता….
छोटी छोटी बाँतो में ख़ुशियाँ ढूढ़ लाता ।

बचपन न हो जीवन का पड़ाव…..
भीतर सजोये रखे ये मेरा सुझाव ।
बचपन हे वो मस्तीख़ोर…..
मस्ती रखना चाहे बाहर हो कितना शो

कुछ मुस्कुराहट रखो

कुछ मुस्कुराहट रखो अपने होंठों पर, इस मुस्कुराहट को बस दबाना मत जिंदगी के चेहरे पर मुखोंते लगाना मत

कुछ मुस्कुराहट रखो, गम को भुलाकर,
खुशियों को अपने जीवन में बुलाकर।
आने वाले कल की उम्मीदों को संजोकर,
जीवन की राहों में आगे बढ़ते जाओ सदा।

ज़िंदगी का सफर थोड़ा दुखद हो सकता है,
कुछ दिन सारे अँधेरे हो सकते हैं।
पर चिंता मत करो, आशा का दीप जलाकर,
जीवन के हर पल को खुशी से जीते जाओ सदा।

प्रतिदिन कुछ नया सीखो और नए सपने देखो,
जीवन के रंगों को दिल में समेटो और खेलो।
जीवन के हर एक पल को खुशी से जीतो,
मुस्कुराते हुए जीवन की सारी यादें संजोते जाओ सदा।

जीवन का अर्थ है खुशी से जीना,
चिंताओं को भुलाकर सफलता की राह पर चलना।
ज़िंदगी के सभी उद्देश्य पूरे हों,
मुस्कुराते हुए हर पल को जीते जाओ सदा।

जीवन की यात्रा में गम होंगे भी।
पर मुस्कुराहट ना छूटे कभी से तुम्हारे होंगे भी।
चलते जाओ आगे, अपने सपनों की ओर,
मुस्कुराते हुए जीवन को जीते जाओ सदा।

मुस्कुराने का जादू

यह मुस्कुराने का जादू है , जहाँ शब्द न करे काम मुस्कुराहट काम कर जाती……
बात पते की मुस्कुराहट की नही कोई जाति प्रजाति ।
यह तो प्रकृति का वरदान बात यह सब को समझ हे आती ।

मुस्कुराहट में प्यारी सी आहट…
काम को बनाने की इसमें चाहत ।
मुस्कुराहट का प्रभाव…..
कहलाता अच्छे व्यवहार का स्वभाव ।
मुस्कुरा कर जब करते काम….
उसमें झलकता शांत मन का आयाम ।

मुस्कुराहट से हो जाता हर असमभाव वाला संभव काम , मुस्कुराहट करती हर दुख को दूर शांति का प्रस्ताव लाती हर दिल में उम्मीद में जगाती , यही मुस्कुराने का जादू है, जो मुस्कुराहट खुशिया बिखेरती जाती।

जिंदगी से जिंदगी

बीते हुए दिन
जिंदगी से जिंदगी कि कुछ मुलाकातें
जो अधूरी थी, शायद पूरी भी ना हो सकी
ओर कभी शायद पूरी अब हो भी ना सके

क्युकी
वो दब गई , दफन हो गई
उन बीते हुए दिनों में, उन बीते हुए दिनों में

जिनमें मैने की थी मैंने बहुत सारी नादानी
क्या उन नादानियों को फिर से याद करूं?

ऐसा क्या ख़ास है?
उन बीते हुए दिनों में,
जो मै फिर से जाऊ उन पुरानी यादों में,
बातो में ,
क्यों गुम हो जाऊ ?
क्या है ख़ास ?
है क्या ख़ास ?
नहीं पता , मुझे नहीं पता

लेकिन फिर भी ना जाने क्यों ?
ना जाने क्यों ?
वो बीते हुए दिन बहुत याद आते है
वो बीते हुए दिन याद आते है
लेकिन क्या करे वो तो बीते हुए दिन है
कुछ किया नहीं जा सकता
याद आते है , बताओ आते है ना
वो दिन

वहीं पुराने दिन जो तुम बिताए थे
उनमें तुम्हारा बचपन भी था , लड़कपन , जवानी , झगड़ा भी था।
कभी मासूमियत थी तो कभी धोखा था
तुम्हारे चेहरे पर

लेकिन कुछ था
पता नहीं क्या था
पता नहीं क्या था

लेकिन सभी मुझे कहते है वो कुछ खास था
क्युकी वो बिता हुआ एक पल
एक दिन
महीना, महीने , साल एक उम्र का पड़ाव था
जो बीत गया , वो बीत गया

फिर वो आ ना सका
फिर वो आ ना सका
बस अब उन दिनों की यादें है
जो बीत गए है

जो बन्द हो गए है डायरी में , पन्नों में , कलम की स्याही से
जिन्हे फिर से  ठीक भी नहीं किया जा सकता
उनको फिर से जिया भी नहीं जा सकता
(उन्मे सिर्फ पुरानी याडे है दबे हुए कुछ अरमान है )
उनमें सिर्फ दबी मुस्कुराहट ,
दबे आंसू , झलकता जाम
ओर धुंधली यांदे है
जिनको फिर से याद करने की कोशिश की जा सकती है

लेकिन जीवित नहीं किया जा सकता वो दिन ,
वो बीते हुए दिन मेरे भी नहीं है ,
खोए भी नहीं है सिर्फ जिंदा लाश की तरह दफन है,
उन्हें मै फिर से याद कर रहा हूं
क्युकी वो मेरे बीते हुए दिन है
बीते हुए दिन है।

संतोष ही परम धर्म है

संतोष ही परम धर्म है लेकिन कुछ लोग मानो खुश रह ही नही सकते ऐसा लगता है उनका खुशी से दूर दूर तक कोई नाता नही है बेचारे सुबह उठते है तो भी चिड़चिड़े उठते है सोते है तो भी लगता है किसी पर एहसान कर रहे हो।

जिंदगी तो सुबह भी आपका स्वागत करती है और शाम भी लेकिन आप खुद ही अपने आपको समेटे हुए है, जिंदगी का स्वागत करने में हिचकिचाहट क्यू है

क्या आपको मुस्कुराना अच्छा नही लगता ?

क्या आपको सिर्फ गुस्से में रहना अच्छा लगता है ? क्या आपकी जिंदगी में प्रेम नही है ? या आप अपनी जिंदगी से संतुष्ट नही है ? यदि यह सब है तो क्यों ऐसा है ?

जरा सोचिए क्योंकि यह तो बहुत खतरनाक बीमारी है क्योंकि यह बीमारी आपको आपके जीवन में कभी भी सफल व्यक्ति के रूप में निखारने नही देगी जितना आप क्रोधित होंगे उतने ही आप कमजोर होते चले जायेंगे अपने लक्ष्य से भी भटक जाएंगे , यदि आप खुद खुश नही रह सकते तो दूसरों कप कैसे रह पाएंगे जरा सोचिए?

इसलिए खुद को खुश रखना बेहद जरूरी है , क्या आप अपने किये हुए कार्यो से संतुष्ट नही है? या ऐसा है तो आप जो भी है जहाँ भी है जैसे भी है जिस भी कार्य को करते है पहले उस से आप संतुस्ट होना और खुश रहना सिख लीजिये फिर उस कार्य के स्थान को अपना मंदिर,मस्जिद,चर्च,गुरुद्वारा जो आपको समझना हो वो समझ लीजिए क्योंकि वही आपका कर्म धर्म है।

“सन्तोष ही परम धर्म है”
जिंदगी की हर एक छोटी छोटी चीज़ों मैं खुश रहने की आदत डाल लें वही छोटी छोटी चीज़े कब बड़ी हो जाएगी आपको पता भी नही चलेगा और जो छोटी छोटी मुशीबत आएगी वो रास्ते मे हस्ते हुए ही टल जाएगी जिसकी वजह से आप अपनी जिंदगी बड़ी मुशीबतों का सामना आसानी से कर पाएंगे और यदि छोटी छोटी परेशानियो से घबरा कर रुक जाओगे तो कैसे बड़ी परेशानियो का हल ढूंढ पाओगे?

इसलिए रुको नही हारो नही घबराओ नही बस बढ़ते चलो जिंदगी है यह इस जिंदगी के साथ युही बढ़ते चलो मुस्कराओ और मुस्कुराना भी सिखाओ यही बात दुनिया को भी सिखाओ

सुखद आनंद

मुस्कुराहट का ही तो एक नाम है जिंदगी , ये जिंदगी रोने के लिए नही है इसे मुस्कुराना सिखाओ ओर खो जाओ उन सभी लम्हो में जो तुम्हे सुखद आनंद देते है।

सुखद आनंद

ज़िंदगी क्या है?

मुस्कराहट का ही तो एक नाम है जिंदगी
जरा इसे मुस्कुराने ही दो,

ना गम के साये में खोने जाने दो यह है जिंदगी
जिसे मिली उसे कदर नहीं है

जिसे न मिली उससे पूछो जरा क्या है जिंदगी ?
न तड़पाओ न रोने दो बड़ी प्यारी है जिंदगी

इसे खिलने दो जरा यह खिलना चाहती है
क्योंकि खिलखिलाती सी है यह जिंदगी

गुदगुदाती सी है जिंदगी
बहुत हसाती है यह जिंदगी

रुलाती भी बहुत है जिंदगी
मिलकर जीने का नाम है जिंदगी

बिछड़ने का नाम है जिंदगी
फिर मिल जाने का नाम भी है जिंदगी

प्यारी सी मुस्कान है यह जिंदगी
खुद में जीने का नाम है जिंदगी

रूठे हुए को मनाना है जिंदगी
किसी अपने से रूठ जाना भी है जिंदगी

इंतज़ार भी है जिंदगी
अधूरी प्यास है जिंदगी

सहलाती हुई माथे पर हाथ रखती माँ है यह जिंदगी
माँ का आँचल है जिंदगी

पिता की डांट का नाम है जिंदगी
खुदसे प्यार करने का नाम है जिंदगी

मैं से मैं मिल जाना है जिंदगी
तुम और मैं को खत्म कर देना है जिंदगी

Rohit Shabd