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सच्चाई का करे

सच्चाई का करे सदा स्वागत , इसमे कोई घाटा नहीं है , इसमे मिलती सदा भलाई है, ये आपके गुण को गुना कर देती है इसका करे सदा स्वागत, झूठ से बचे एक झूठ को छुपने के लिए 100 झूठ ओर बोलने पड़ते है, इसलिए सदा रहे दूर उस झूठ से, सच्चाई का दे हमेशा साथ रख कर मन में यह आत्मविश्वास , आत्मविश्वास की डोर बहुत मजबूत देती हिम्मत ओर सूझबूझ, प्रेम भाव से देखे सबको छल कपट से भी रहे दूर, अहित किसी ना करे बस यही भाव लेकर सदेव आगे बढ़े, अडिग रहे अपने पथ पर आगे बढ़े, सच्चाई का करे स्वागत

सच्चाई का करे
सदा स्वागत…
देगा यह कमा के
कई गुणा लागत ॥ जहां सच्चाई वहाँ नही
डर का बसेरा….
वहाँ सदा ख़ुशियों का
नित नया सवेरा ॥ सच्चाई की धार…
डरते झूठे ओर मक्कार ॥

सच्चाई का करे सदा स्वागत,
इसमें कोई घाटा नहीं है।
इसमें मिलती सदा भलाई है।
ये आपके गुण को गुणा कर देती है।

इस पर चिंतन करें सदा स्वागत।
सत्य की पथ पर चलें निरंतर,
खोये आपने मन की भ्रांतियों को।
जीवन में जो भी गलत है,
उसे सही करें निश्चित तौर पर।

धोखे से दूर रहें, मखौलियों से।
सत्यता का पाठ पढ़ें सिर उच्च कर।
जीवन की गहराइयों में जा कर,
खोए हुए आत्मा को खोजें निरन्तर।

यथार्थता की ओर आगे बढ़ें,
प्रेमभाव से हर किसी को देखें।
अहंकार को छोड़ दें पीछे,
निष्काम कर्मों में जीवन बिताएं।

सच्चाई का स्वागत करें सदा,
जीवन को नयी दिशा दें बरसों।
धर्म की रक्षा करें सबकी,
इसी से मिलेगी सदा सुख-शांति।

सच्चाई का करें सदा स्वागत,
इसमें नहीं है कोई घाटा।
सदा उज्ज्वल हो जाए आपका जीवन,
सत्य की रोशनी से भर दे हर पल।

इन्हे भी पढे राम ललवानी द्वारा लिखी गई कुछ कविताए: जीवन आप रहे, जीवन में सफलता, जीवन का आनंद

पढ़ाई क्यों जरूरी है

पढ़ाई क्यों जरूरी है ? इस बात को समझते है, पढ़ाई हम सभी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, यह हमारे व्यक्तित्व को विकसित करती है, और हमे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाती है, जब तक हम किसी भी विषय को अच्छे से नहीं पढ़ते , हमारी सोच विकसित नहीं होती है, और हम सफलता की दुनिया में आगे नहीं बढ़ सकते हैं।

आज के समय जीतने भी सफल व्यक्ति है उनकी दिनचर्या में पुस्तके शामिल है वह हर रोज कुछ नया कुछ नया पढ़ते है , कुछ नया सीखते है तभी कुछ नया वो सभी कर पाते है हमारा मस्तिष्क ओर विकसित तभी होता है जब कुछ पढ़ते है देखते है , नई नई चीजों के बारे में जानने की कोशिश करते है।

पढ़ाई करने से हमारे ज्ञान और विचारशक्ति में विस्तार होता है। इससे हम विभिन्न क्षेत्रों में अपने आपको आगे बढ़ सकते है, और अपने अवसरों को समाज व सम्पूर्ण मानव जाति के लिए उपयोगी बना सकते हैं।

पढ़ाई के द्वारा हम समाज में एक सक्षम व्यक्ति के रूप में उभर सकते हैं। यह हमारे जीवन में एक आधार बनती है, जो हमें सफलता के द्वार तक पहुंचाती है।

पढ़ना हमारी प्रथम प्राथमिकताओं में होना चाहिए, जितना ज्यादा हम किताबें पढ़ेंगे, जितना ज्यादा अध्ययन करेंगे, हमारे दिमाग में उतना ही ज्यादा कंटेंट होगा साथ ही हमारे दिमाग में जितना ज्यादा कंटेंट होगा उतने ही बेहतर ढंग से हम हमारे एग्जाम में उसका प्रयोग कर पाएंगे।

यकीन मानिए यदि गलती से भी मेरे जैसा अध्ययनरत छात्र इस कोरी बकवास पर विश्वास करके बैठ जाए कि— किताबी ज्ञान से कुछ नहीं होता तो जरा सोचिए तो सही जब मेरे दिमाग में कंटेंट ही नहीं होगा तो मैं प्रयोग क्या करूँगा???

इसलिए, पढ़ाई जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। हम सफलता की ऊंचाइयों को छूने के लिए इसे अपने जीवन का आधार बनाना चाहिए।

पढ़ाई क्यों जरूरी है इस बात का आपको विचार करना है ओर इसे समझना है।

इन्हे भी पढे: पढ़ाई की आदत, शिक्षा का ही जीवन का आधार है, पढ़ाई की आदत

खुद से करे सवाल

खुद से करे सवाल जीवन जी रहे या उसे रहे हो काट ।
ग़र वर्तमान में प्रसन्न…..
यही सच्चा कमाया धन ।

फिर जीवन को नहीं रहे तुम काट…..
चाहे न या कम धन फिर भी ठाठ -भाट।

जीवन का मालिक कौन है यह सत्ता किसके है पास….
यदि जीवन की चाभी स्वयं के पास यह सुखद अहसास ।

आपकी सुखी और दुखी होने की चाभी यदि दूसरो के पास….
राक्षस और तोते की कहानी गर्दन तोते की दाबेगी इधर राक्षस की उड़ेगी सांस ।

अकारण वर्तमान में रहे ख़ुश ….
शुक्रिया करे नहीं हो कभी नाखुश ।

ख़ुशी का विकल्प सिर्फ़ और सिर्फ़
ख़ुशी ….
जिये जीवन जैसे जीवन जीता शशि ।

खुद से करे सवाल जीवन जी रहे या उसे रहे हो काट,
गर वर्तमान में प्रसन्न, यही सच्चा कमाया धन।

जीवन का मतलब क्या है, विचार करो थोड़ा,
क्या तुम बस काम करते हो, और अपनी ज़िन्दगी छोड़ा?

ख़ुद से पूछो, क्या तुम खुश हो, क्या तुम संतुष्ट हो,
क्या तुम वह सपना पाए हो, जिसे ज़िंदगी ने तुमसे छीना हो?

क्या तुम वक्त का मज़ा ले रहे हो, प्यार से अपनों के साथ,
या बस दौड़ रहे हो, धन-दौलत के पीछे भागते रहते हाथ?

जीवन एक उपहार है, इसे सवार्थी बना न पाओ,
इसका आनंद लो, अपने सपनों को पूरा करो।

धन और सम्पत्ति तो केवल मालिकी हैं यहाँ,
परम मूल्यवान है वह, जो मनुष्य को मिलता है स्वयं।

ताजगी और ख़ुशी से भरी हो ज़िंदगी की क़लाएं,
बस वही सच्चा कमाया धन, जो दिल को छू जाएं।

ज़िंदगी को अपने अरमानों से सजाओ,
सपनों को पूरा करके अपनी ख़ुशियां बढ़ाओ।

खुद से करो सवाल, जीवन को जी रहे हो या उसे रहे हो काट,
गर वर्तमान में प्रसन्न, यही सच्चा कमाया धन।

यह भी पढे: सवाल उठ रहे है, सवालों के कटघरों में, सवालों में गुम,

स्वयं का अध्ययन

जिंदगी में सभी को कुछ न कुछ पढ़ते रहना चाहिए, आप आजकल क्या पढ़ रहे है?मैं सिर्फ स्वयं का अध्ययन करता हूँ बाकी सभी किताबे को मैंने खुद को पढ़ना काफी समय पहले ही बंद कर दिया था, लेकिन हा मैं अब बुक समरी सुन लेता हूँ लेकिन वो भी इतनी सुन ली है की कुछ बचा नहीं है, अधिकतम किताबों की समरी एक जैसी ही है, उन्ही आदतों को बदलने के लिए बताते है जो 20 साल पहले बताई जाती है, इन सभी बाहर के लेखकों ने श्रीमद भगवत गीता ओर हमारे ही ग्रंथों से उठाकर लिख रखा है।

मैं पिछले कुछ वर्षों सिर्फ भागवत गीता ही पढ़ता हूँ, कभी कभी ओर इसके साथ स्वयं को पढ़ता हूँ बस यही इसके अलावा कुछ नहीं।

Do not read books just read yourself

यदि आप स्वयं को पढ़ते है, तो आपको अन्य किसी भी किताब को पढ़ने की आवश्यकता नहीं रह जाती है, इसलिए स्वयं का अध्ययन अत्यंत आवश्यक है, हम अनेकों जन्मों से इस धरती पर जन्म ले रहे है

हमारे भीतर बहुत सारे शब्द भरे हुए है, उन शब्दों को टटोलना शुरू करो फिर आपको बाहरी शब्दों की जरूरत नहीं पड़ेगी, आपके भीतर ही अथाह भंडार है, शब्दों का जिन्हे आप पढ़ सकते है, फिर बाहरी किताबों का ज्ञान क्या लेना

इसके साथ साथ आप आसपास का वातावरण , आसपास की घटनाओ, समाज को भी पढ़ सकते है, यह आपको पूरा जीवन ओर जीवन के मूल्य को समझते है, हम सभी के मन , मस्तिष्क में हजारों विचार चलते यही कुछ न कुछ प्रश्न भी उठते है, उन सभी सवालों का जवाब भी आपको आपके आसपास ही मिल जाता है।

हो सकता है शुरुआत में आपको जवाब नहीं मिल रहा हो या थोड़ा समय लग रहा हो, लेकिन जैसे जैसे आप लगातार वही प्रश्न आप इस ब्रह्मांड करने की आदत में जुड़ जाते है, तो आप ब्रह्मांड भी आपको उन सवालों का जवाब देना शुरू कर देता है , किसी न किसी घटना , कार्य, आदि प्रकार से आपको जवाब मिलते है।

यह भी पढे: स्वयं को जाने, स्वयं का आकलन, स्वयं को नहीं रोकना, स्वयं को समय दे,

बस और मेट्रो

एक समय था जब नीली वाली प्राइवेट बस चला करती थी उसमे बहुत भीड़ होती थी और लोग लटक लटक जाते थे, ज्यादातर लोग गेट पर ही खड़े हो जाते थे आज जब मेट्रो चलने लगी है तब भी लोगों में वही आदत है, लोग गेट पर ही खड़े रहते है वहाँ से हटते ही नहीं है पता नहीं लोगों को क्या लगता है, की उन्हे वही खड़ा रहना है जैसे एकदम से कूदेंगे जैसे ही मेट्रो रुकेगी, चाहे मेट्रो में भीड़ हो या नहीं लेकिन उन लोगों को तो गेट पर ही खड़ा होना है, जैसे सारा आनंद उनको गेट पर ही मिलेगा, किसी को भीतर आने ओर बाहर जाने का रास्ता आसानी से नहीं मिल पाता है, ये लोग ऐसे अढ़ कर खड़े हो जाते है जैसे की अब जगह नहीं बची है किसी को प्रवेश नहीं होगा।

नीली बस और मेट्रो
courtesy of image alamy नीली बस

आजकल तो बस और मेट्रो के तो गेट बंद हो जाते है इसमे लटक भी नहीं सकते फिर भी यह लोग गेट पर खड़े होते है, पहले जो नीली वाली बसे चलती थी उन्मे ज़्यादार लोग बस की सीढ़ियों पर ही खड़े रहते थे, तब गेट नहीं बंद होते तो ज्यादातर लोग गेट पर ही लटक जाते थे चाहे भीड़ हो या नहीं फिर भी बसों में लटकने की आदत बनी हुई थी।

तो मुझे इन गेट पर खड़े होने वाले लोगों को देखकर वही दृश्य याद आता है जो आजसे 15 साल पहले  होता था, लोग उस समय एक बस के इंतजार में आधे घंटे तक खड़े रहते थे लेकिन आज इतनी जल्दी होती है, एक मेट्रो का इंतजार वो 2 मिनट नहीं कर पाते पता नहीं कितनी जल्दी है, अब लोगों को की उनसे इंतजार के 2 मिनट नहीं बीतते दिल्ली मेट्रो के कुछ स्टेशन जैसे राजीव चौक, कश्मीरी गेट स्टेशन पर तो लोग ऐसे धक्का मुक्की करते है जैसे दूसरी कोई मेट्रो ही नहीं आएगी।

मेट्रो का सफर बहुत आरामदायक हो चुका है पहले से बेहतर है सब कुछ बेहतर हो रहा है फिर भी इंसान परेशान सा लगता है, इतना आरामदायक जीवन हो चला है फिर भी कही फंस हुआ लग रहा है ये इंसान।

दिल्ली मेट्रो और बस
दिल्ली मेट्रो

आज से 10 साल पहले जब रात 9 बजे बस सर्विस नहीं थी या कम थी तब घंटे भर तक एक बस का इंतजार करना पड़ता था ओर वो भी बिल्कुल भरी हुई आती थी, लेकिन आज के समय में लगातार बस भी है ओर मेट्रो भी हर 2 मिनट बाद मेट्रो आ जाती है, रात 11 बजे तक तो मेट्रो चलती है कुछ स्टेशन के लिए 12 बजे तक की भी सर्विस है फिर भी लोग बेचैन हो जाते है।

समय के साथ सबकुछ बेहतर हो रहा है लेकिन क्या इंसान बेहतर हो पा रहा है इंसान उसी तरह से, उसी सोच के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रहा है उसमे कोई बदलाव नहीं दिख रहा है।

यह भी पढे: दिल्ली की जनता, राजधानी दिल्ली, घूमने के फायदे, दिल्ली की बस, सरकारी बस,

मैं सुनाता हूँ

मैं सुनाता हूँ तुम्हें जबान की कहानी….
यह मीठी तो फूल बरसते यही कड़वी तो उसकी क़ीमत पड़ती चुकानी।
ज़ुबान से दिल का निकलता महामार्ग …
बात अच्छी तो दिल होता गदगद लगती बुरी तो लगाता बंदा लार्ज।

जबान से निकला तीर नहीं होता वापस….
चूस जाता इस जीवन का पूरा मधुर रस ।
इसलिए ज़बान का/ को इस्तेमाल करे
सम्भाल के….
दे इज्जत और ले इज्जत इसके सही इस्तेमाल से..

मैं सुनाता हूँ तुम्हें जबान की कहानी,
यह मीठी तो फूल बरसते यही कड़वी तो उसकी क़ीमत पड़ती चुकानी।

ज़ुबान से दिल का निकलता महामार्ग,
वक्त के साथ बदलती कहानियों का विस्तार।

शब्दों की बातें जगातीं हैं भावनाएं,
ज़ुबान की बारीकी से उभरती हैं आदतें।

एक मुस्कान की ताकत होती है शब्दों में,
खुशियों का जादू छिपा होता है बोलों में।

प्यार की मिठास छिपी होती है वाक्यों में,
दिलों के मेल को जोड़ती हैं वाचाएं।

पर कभी-कभी कटुता भी होती है ज़ुबान में,
ठेस पहुंचाते हैं कुछ निर्बाध शब्द समयांतर में।

हमें समझना चाहिए क़ीमत शब्दों की,
नकारात्मकता से दूर रखें हम भाषाओं की।

ज़ुबान को उचित उपयोग में लाएं,
सद्य और शिष्टाचार से खुशहाली पाएं।

जबान की कहानी सुनने से पहले सोचें,
शब्दों की महत्वपूर्णता को समझें और महसूस करें।

ज़ुबान की ताकत से भर जाएं आप भरपूर,
कहें अच्छे शब्द, बनें अच्छे बहुत शानदार!

यह भी पढे: कुछ ऐसे काम करो, क्या करता हूँ मैं, मन की मनगढ़ंत बाते,

लगन की चमक

लगन की चमक, लगन एक छोटा शब्द, परिभाषित करे विशेष,
हौसला और जोश की बहुत ही अनूठी भेष।

जब लगन लग जाती, जीवन देती है रंग,
बदल देती है सोच, बनाती है भाग्य को संग।

लगन वही चमत्कार है, जो बदल देती है ख्वाब,
रास्ते सजाती है मुश्किलों में उठा देती है कबाब।

जीवन की उड़ान को देती है पंख,
विफलता को पार कर, देती है सफलता की फुलवारी रंग।

हर कठिनाई को पार कर, चलती है आगे,
लगन की रोशनी जगाती है हर एक रिश्ते को साथ लेकर बढ़ती है आगे।

मेहनत की राहों में लगन बनी होती है साथी,
सपनों को साकार कर, जीने को मिलती है साथ रात-दिन।

लगन की शक्ति से जगता है कर्म,
संघर्षों को मिटा कर, देती है सफलता को आराम।

जब लगन जीवन की साथ बन जाती है इक राह,
चमकती है जीवन में बदलाव, बनाती है सफलता का महासागर अपार।

लगन की चमक, लगन एक छोटा लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण शब्द,
जो जीवन को देती है नई दिशा और उम्मीद की आभा।

लगन एक छोटा लेकिन बहुत सुंदर संदेश है इसमें , जब लगन लग जाती वही फिर चमत्कार दिखाती है जीवन को बदल देती है transform कर देती है ।
सफल जीवन में लगन अति आवश्यक ….
वही लगती बनाती बन्दे को लायक़ ।
ल से अर्थ बनता “लक्ष्य”….
बनेगे महान न हो कोई संशय ।
ग से अर्थ बनता “गंभीर”…
क़ुव्वत बदलता वो तक़दीर ।
न से अर्थ बनता “निरंतर”…
सिखाता खोजने से प्राप्त है सारे उत्तर।

यह भी पढे: गुणों में निरंतर विकास, लगातार करते रहे, सफलता का सफर, वादा, बस कोशिश है,

कल सिर्फ एक शब्द

कल सिर्फ एक शब्द
नहीं इसका अस्तित्व ।

कल एक कल्पना….
एक झूठा सपना ।

कल की सच्चाई….
हमेशा आज की शक्ल बनाई ।

कल सबसे बड़ा चोर…..
झूठ बोल के ख़ुद मचाता शोर ।

कल का कुख्यात भाई परसों…
कल नहीं क़ाबू वो तो दूर कोसो ।

कल का मृत पिता भूतकाल….
सूचना और याँदो को लेता सम्भाल ।

कल एक शब्द, नहीं उसका अस्तित्व….
कल का शरीर लगते कल्पना के तत्त्व ।

कल सिर्फ़ एक शब्द…
नहीं इसका अस्तित्व,
परन्तु अनगिनत ख्वाबों की एक उम्मीद,
जो दिल में समायी रहती है।

कल अनजान भविष्य की कथा,
जो अधूरी सी यादों में छिपी है।
कल की एक कहानी, एक सपना,
जिसे आज के आईने में देखी है।

कल गुजरी हुई वो पल,
जो अनुभवों में बसी है।
कल की मुस्कान, कल की आहटें,
जिन्हें आज यादों में सजायी है।

कल अभिलाषाओं की झलक,
जो आज को आराम देती है।
कल की आशा, कल की चाह,
जिन्हें आज के आसमान में पायी है।

कल सिर्फ एक शब्द
परन्तु इसकी अहमियत अनमोल है।
क्योंकि कल ही तो हमारा भविष्य है,
जिसे हम स्वयं निर्मित करते हैं।

यह भी पढे: शब्द, शब्दों की माया, शब्दों की गठरी, शब्दों का प्रभाव,

विनम्रता ही सम्पदा

विनम्रता ही सम्पदा
हृदय नहीं किसी का दुखा ।
बोझल चेहरे को हंसा….
देगा वो तुझको  दुआ ।

विनम्रता का सदा बड़ा रहे क़द….
जैसे सौदा अच्छा लगता नक़द ।
बोझिल चेहरे को तू दे हंसा….
ये सब बिन पैसे की मुफ़्त दवा ।

विनम्रता ही सम्पदा है,
हृदय नहीं किसी का दुखा।
बोझल चेहरे को हंसा,
देगा वो तुझको दुआ।

जीवन की धूप और छाँव में,
चलता रहे तू अचम्भा।
खुशियों की बौछार बरसाए,
बना दे तुझे आदर्श संभा।

दूसरों की दुःखों में तू,
सहानुभूति का आयाम हो।
दया और करुणा की झरोखों से,
छाती चौड़ी कर जयाम हो।

समय के अवसर पर तू,
सदैव विनयपूर्ण रह।
अपनी महानता छिपाए नहीं,
बल्कि हमेशा प्रकट कर दें वह।

संगठन और समाज में,
तू नेतृत्व का मार्गदर्शक हो।
विनय की आड़ में सबको ले,
भाईचारे का नूतन प्रस्ताव हो।

विनम्रता ही संपदा है,
हृदय नहीं किसी का दुखा।
बोझल चेहरे को हंसा,
देगा वो तुझको दुआ।

विनम्रता से जीने का,
सबसे बड़ा आदर्श हो।
इंसानियत की महिमा चलाए,
खुशहाली का रास्ता सादर हो।

चाहे जितनी चमक हो तेरे पास,
विनम्रता की किरण चमकती रहे।
इस संसार में तू राहत दे,
विनम्रता से जीने वाले हरें।



चलते चलो

चलते चलो रास्ता मिलेगा
एक किवाड़ बंद हुआ दूसरा या तीसरा किवाड़ खुला मिलेगा ।
कोशिश करने वाले की हार नहीं होती….
की गई कोशिशें कभी नहीं वो व्यर्थ की पनौती।

दूसरे के किवाडो को सदा खटखटातै रहे….
यही है जीवन ,सदा मुस्कुराते और खिलखिलाते रहे।

चलते चलो रास्ता मिलेगा,
एक किवाड़ बंद हुआ दूसरा खुला मिलेगा।
जीवन की यात्रा में, तोहमतें होंगी बहुत,
लेकिन हिम्मत रखो, दिल से चलते रहो तुम।

कोशिश करने वाले की हार नहीं होती,
जीवन के पथ पर विघ्न हों या मुश्किलें बहुती।
तूफानों को भी रोक नहीं सकता है कोई,
जब तक जीने की चाहत हो, तब तक जीना होगा।

की गई कोशिशें कभी नहीं वो व्यर्थ की पनौती,
हर एक प्रयास लाये गा साथ में सौभाग्य की लूटी।
हार मानने से पहले एक बार फिर सोच लो,
नया सवेरा होगा, नया संघर्ष होगा।

चलते चलो रास्ता मिलेगा,
खुले दिल से यात्रा करो, जीना सीखो तुम।
कोशिश करो, खुदा तुम्हारे साथ है,
जीवन की मुश्किलों को तुम हर बार जीतोगे।

यह भी पढे: भलाई, छोटी कविता, ना करे चिंता, दयालु, अपने पे रखे नजर, लिखता हूँ,