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इश्क की कहानी

इश्क की कहानी में हम दोनों
साल दर साल एक साथ बहते रहे,

अब एक दिन ऐसा आया जब

वो वहां उस पार रह गए
और हम इस पार ही रह गए
हम यहां उनके इंतज़ार में खड़े थे

की वो आएंगे लेकिन वो तो
You are not my type of a guy
यह आखिरी शब्द थे जो हमसे वो कह गए।

इश्क की कहानी
इश्क की कहानी

अब इन शब्दों के सहारे जिए या मर जाए यह बात हम समझ ही नहीं पाए, बस दिन बीती ओर रात बीती लेकिन ना हम जी पाए ओर ना ही मार पाए उनकी यादों में ही हम कही खुद को गम नजर आए।

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वक्त बेवक्त

वो वक्त बेवक्त सताते है
कभी दिल में आते है
कभी दिमाग में आते है
कभी आंखो से टप टप बह जाते है
तो कभी धड़कनों धड़क जाते है
कभी आवाज को नरम
तो कभी भारी कर जाते है
कभी नींद तोड़ देते है
तो कभी सोने ही नहीं देते है
कभी इस दिल का डर
तो कभी मन की वेदना को बढ़ाते है
अब थोड़ा
मुश्किल है , नामुमकिन है
क्युकी
वो अब खुश है
लेकिन हम नाखुश
क्युकी वो हर ख्याल में
अब भी हमको सताते है
मेरे ख्यालों की खुशी छीन जाते है
वो वक़्त , बेवक्त हमें सताते है।

वक्त बेवक्त
वक्त बेवक्त

तालिया

मुझे तालियों की गड़गड़ाहट का शोर नही चाहिए
इसमे भी मुझे हिंसा दिखती है
दो हाथो के बीच जो आवाज होती है उसे शब्दो की
की गूंज को दबाना कहते है, इसलिए तालिया ना बजाओ

तालिया बजाकर मेरी तौहीन ना करो
ये दो हाथो के बीच का शोर बस इसे थोड़ा कम ही करो,अच्छा तो यही होगा की तुम इसे बंद करो

ये जो तुम्हारी तालियो की गड़गड़ाहट है न मुझे अच्छी नही लगती
आजकल तो ये तालिया हर गली चौराहे पर 10-10rs में बिकती है,

तुम्हारे जो इन हाथो के बीच का शोर है ना
किसी ने इसे भी हिंसा कहाँ है, इस हिंसा को बंद करो

बेसहारा छोड़ दिया

मुझको तेरी यादों ने बेसहारा छोड़ दिया
मेरा दिल कितना सख्त था तूने वो भी तोड़ दिया

किसी के लिए इस दिल में जगह ना थी
तूने मुझेको ही बेपनाह कर छोड़ दिया

किसी को पनाह मेने भी ना थी
और तूने भी मुझे बेपनाह कर छोड़ दिया

मेने खुद का जिंदगी से नाता तोड़ दिया था
लेकिन तूने मुझे अपनी और फिर मोड़ लिया

लोगो ने कहाँ सच्चे वाला प्यार सिर्फ एक बार होता है
तूने ये झूठ कर दिखाया
दूसरी बार वाला तो और भी बेशुमार होता है।

ढूँढता हूँ

मैं घूमता हूँ दिन भर , दिन भर ढूँढता भी हूँ मैं

खुद को ही ना जाने कहाँ कहाँ ढूँढता हूँ मैं

कहाँ मिलूँगा-कहाँ मिलूँगा

खुद से बस

यही एक सवाल है जो

मैं खुद से बार बार पूछता हूँ

क्या मैं खुद को ढूंढ पाऊँगा

खुद के सवालों से ही मैं जूझ रहा हूँ

खुद से ही बस यही एक सवाल पूछ रहा हूँ

ढूँडु खुद को कैसे यह एक सवाल कर रहा हूँ

कहाँ कहाँ ढूढू खुद को

खुद से

बस यही एक सवाल है जो मैं खुद से कर रहा हूँ  

जवाब तो नहीं पता मुझे इसका कब मिलेगा

ये मुझको नहीं खबर है बस लापता हूं, इस दुनिया की भीड़ में

निकला हूँ उस ठिकाने को ढूँढने जिसका पता नहीं मालूम मुझे

जीवन के नियम

जीवन के नियम ….
सत्य सदा परम ….
मैत्री की सरगम ….
शांति और संयम….
जीवन एक सपना
जो पूर्ण छदम ….
विकास चरम….
हँसना खिलखिलाना
सब भूल के नई शुरुआत
ही शुद्ध धर्म ।

जीवन के नियम, अनमोल विचार,
एक सत्य की दृष्टि, जीवन का आदार।

सत्य सदा परम, ज्ञान का प्रकाश,
हृदय में शुद्धता, छाती में निर्मल आस्था।

मैत्री की सरगम, विश्वास की पंख,
दूसरों का सम्मान, अपार गुणवंश।

शांति और संयम, मन को शुद्ध रखें,
चंचल बालवती मन, वश में हम सब रखें।

जीवन एक सपना, स्वप्नों की उड़ान,
सपनों को पूरा करें, जीवन का मकसद जान।

इस जीवन के नियमों को स्वीकारें,
आचरण करें, अपने आपको संयम दें।

प्रेम और सम्मान से बनाएं यह सृष्टि,
हर लम्हे को सुंदर, जीवन को सुरम्य बनाएं विस्तृत।

अच्छे दिन

प्रत्येक अच्छे दिन की गतिविधि का ले आनंद…
यही जीवन का प्रबंध , कस्तूरी और उसकी सुगंध ।
करे प्रयोग बुरे दिन को बनाए अच्छा….
जीवन एक प्रयोगशाला जीवान्त कक्षा ।

बुरे को बुरा अच्छे को अच्छा सब कहते हे….
बुराई में ढूँढ लो अच्छाई अर्थ बदलते हे ।
हर दिन का एक अलग ही रूप रंग…..
अलग ही ऊर्जा अलग ही उसकी तरंग ।

अपनो का साथ सब को लेके चले संग….
जीवन में अलग सुगंध अलग ही तरंग ।
मिलजुल के रहने में भरपूर आनंद…..
शर्त एक चालाकी से तोड़ना पड़ेगा संबंध।

प्रत्येक अच्छे दिन की गतिविधि का ले आनंद…
यही जीवन का प्रबंध, कस्तूरी और उसकी सुगंध।
करे प्रयोग बुरे दिन को बनाए अच्छा…

जीवन के रंग और खुशियों का संगम,
बुरे दिन को भी बना सकते हैं हम।
प्रत्येक सुबह उठकर देखो आँखों में चमक,
खुशियों का गुलशन सजाएं जीवन के रास्ते में।

सूरज की किरणों से रंगी हर सुबह,
चीरते अंधकार को मिटाएं दिल की दहली।
करे योग ध्यान में, स्वास्थ्य का रखे ध्यान,
हर दिन बनाए अच्छा, बढ़ाएं जीवन की गाथा।

अच्छे कर्म करें, दूसरों की मदद करें,
खुशियों का बांटें, दुःखों को हरें।
संयम और समर्पण से जीवन जियें,
बुरे दिनों को भी अच्छा बनाएं आप खुद ही।

हंसते रहें, मुस्कान बांटें सबके साथ,
सदैव आपका जीवन हो खुशियों से भरपूर।
बुरे दिन आएं तो अच्छे दिन को ढूंढें,
खुशियों के जीने का तरीका हमेशा याद रखें।

जीवन के रंग और खुशियों का संगम,
बुरे दिन को भी बना सकते हैं हम।
करे प्रयोग बुरे दिन को बनाए अच्छा,
हर दिन अपने जीवन को उज्जवल बनाएं आप खुद ही।

इश्क भर की बातों में

तुम ये जो- इश्क भर की- बातों में

तुम ये जो

मिश्री के जैसे घुल जाओ

कही तुम गुम न हो जाओ

कही तुम न खो जाओ

बस जो तुम हो

वही होने को हो जाओ

खुद को संभालो

बस संभालो

खुद को

खुद को

कही तुम खुद से दूर ना जाओ 

कही तुम गुम ना जाओ

कही तुम ना खो जाओ

इस जिंदगी को संभालो

कही जिंदगी को भी ना खो डालो

खुद से इतना इश्क तुम कर डालो

हर एक गम जिंदगी का तुम भुलादों

तुम ये जो इश्क भर की बातों में

इश्क भर जिंदगी हो जाओ

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सदा आशावान

सदा आशावान रहे हृदय…..
आस्था का साथ सुखमय ।
सब होगा जीवन में सर्वश्रेष्ठ …
हृदय से दे आस्था की भेंट ।

समस्याओं से जूझता आशावान व्यक्ति….
झूझने से बड़ती हे प्रतिरोध की शक्ति ।
कार्य में लक्ष्य के प्रति रहे समर्पित….
चाहे संसाधन वो चाहे हो सीमित।

सदा आशावान रहे हृदय,
आस्था का साथ सुखमय।
जब तोड़े हों अवसरों के संकट,
आस्था दे दे तुम्हें बलिदान।

जीवन के रास्ते चुन रहा है,
चुन रहा है सर्वश्रेष्ठ।
आस्था की प्रेरणा से जीना,
मन को दे तुम्हें उज्ज्वलता की आप।

विपदा के समय उठती है आवाज़,
तोड़ती है अँधियारे की बंधन।
हृदय से दे आस्था की भेंट,
बन जाए जीवन की पहचान।

रोग, दुःख, और असंख्य विपत्ति,
आते हैं सभी के द्वार।
पर जब हृदय में बसे हों आस्था,
हर मुश्किल को तुम हरा दे प्यार।

सदा आशावान रहे हृदय,
आस्था का साथ सुखमय।
सब होगा जीवन में सर्वश्रेष्ठ,
हृदय से दे आस्था की भेंट।

उलझन

उलझन तुम्हारी थी
मेरा क्या था?

जिद्द तुम्हारी थी
मेरा क्या था?

वहम तुम्हारा था
मेरा क्या था?

मै अधूरा था और अधूरा ही रह गया
सपने जो पूरे करने थे
उनको भी भूलकर तुम्हारे साथ जीने में
मै मसगुल हो गया

इस बात से ये समझ आया
की तुम्हारा क्या गया?
मै जहां था अब तो मै वहां भी नहीं
मेरी मंजिल, मेरा सफर, मेरी दासता

मेरी हर डगर कहीं रुक गई क्युकी
मुझे तो ये भी नहीं पता
कि अब मेरा रास्ता है
किधर? यही कुछ उलझने थी मेरी ओर मेरे सफर की

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