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बेमतलब की बाते

बेमतलब की बाते
फालतू की बाते ये लौंडे चार करते है
ये चार लड़के साथ चले तो छिछोरे लगते है
चार लडकिया साथ चले तो अच्छी लगती है


चार बुजुर्ग साथ बैठ जाए तो
बचपन की बात याद करते है
नही तो बस ताश ये पीटते है
मोहल्ले की चार औरते मिल जाए तो बस चुगली
लगाती हुई थकती नही है


और इनकी बाते कभी खत्म होती नही है
बस बात करती हुई नजर आती है
बेमतलब की बाते जिनका
कोई सर पैर नही है


बस बात नही जैसे चुगली
करती हुई नजर आती है
जवान लड़की और लड़को को बोलती है
ये कर और वो मत कर बस
बिना बात के लेक्चर देती
हुई नजर आती है

और
ये ना जाने क्यों बेमतलब की
मतलब डांट बहुत लगाती है
ना कुछ सीखती है ना कुछ सिखाती है
सिर्फ सारा दिन चुगली लगाती है


ये बस बिना बात के बातेे और फिर
बात पे बात बनाती जाती है अब ना जाने
बात करने से कितना रस टपकता है


समझ नही आता बस ये तो
चारो घड़ी बात करती ही नजर आती है
अगर कोई बात करने के लिए नही मिले इनको तो सकपका ये जाती है अकेली बैठ नही ये औरते पाती है

आंखे भीग जाती है

आंखे भीग जाती है

जब मैं तेरे बारे सोचता हूँ,

दिन का चैन खो जाता है

और

रातो की नींद उड़ जाती है

सारे सपने भूल जाता हूं

ना सोता हूं ना जागता हु

पागलो की तरह बड़बड़ाता हुआ

लोगो को नजर आता हूं

जब मैं तेरे बारे में सोचता हूं , आंखे भीग जाती है

ना काम कर पाता हूं

ना खाली बैठ पाता हूं

तेरी याद में ना जाने कहाँ खो जाता हूं

तुझको भूल ही नही पाता हूं

फिर ये बात भी गलत लगती है

कि मैं तेरे बारे सोचता हूं

तू तो मेरे खयालो से नही जाती है

हर पल हर दम तू मेरी

सांसो की धड़कनों में धड़कती

हुई सुनी जाती है 

फिर कैसे कह रहा था मैं

की जब भी तू मेरी यादों में आती है

अब तो यह बात मेरी सांसो ने भी झुठलादी है

की जब तू मेरी यादों में आती है।

यह भी पढे: तेरे होने से, तेरी आंखे, तेरी यादे , पता नहीं मुझे, ढूँढता हूँ,

रुकना तेरा काम नहीं

रुकना तेरा काम नहीं, चलते हुए सफर में
तू रुक ना जाना
थक कर हार ना जाना
बस चलते ही तू जाना

हिम्मत की हार होते हुए बहुतो की देखी
तू भी उनकी तरह टूट ना जाना
आगे देख बढ़ते जाना पीछे
जो मुड़कर देखते है वो रुकते है

इसलिए सफर को मुड़कर ना
देखना बस आगे तू बढ़ना
उचाऊ से मत डरना
नीचाई को अकड़ मत दिखाना

ऊँचाई को पकड़ लेना लेकिन
गहराई को भूल ना जाना
आराम से चलना
हर कदम संभाल कर चलना


कभी डगमगाना तो रुक जाना
लेकिन मुड़ कर वापस तू ना आना
बाहँ पकड़ खुदकी तू चलना

रुकना तेरा काम नहीं ,बाहे तेरी पकड़ने कोई ना आएगा साथ तेरे
रास्ता ना कोई दिखायेगा तुझे
उल्टा नीचे जो साथ है वो गिरायेगा तुझे
भरोसा चाहकर भी नही तू कर
खुद संभल उठ खड़ा हो
तभी इस जहांन को नजर आएगा
वरना ना जाने कहाँ गुम तू हो जाएगा