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सारी शिकायते

तुम्हारी सारी शिकायते सुनूंगा , तुम्हे सुलझा लूंगा , तुम्हे लिखना है मुझे, तुम्हे सुनाना है मुझे, एक खामोशी हटानी है तुम्हारे भीतर की जो तुम्हे फिर से नायब करे तुम्हे वक़्त दूंगा तुम्हारे हिस्से का

तुम्हारी सारी शिकायते सुनूंगा,
तुम्हें सुलझा लूंगा, तुम्हें सुनाऊंगा।
इक खामोशी हटानी है तुम्हारे भीतर की,
जो तुम्हें फिर से नायाब करे, तुम्हें वक्त दूंगा।

दर्द और गम के रास्ते तुम्हारे संग चलूंगा,
खुशियों की बहारें तुम्हें संग दिखलाऊंगा।
कागज़ पर तेरे इश्क़ की कहानी लिखूंगा,
हर एक अक्षर में तुम्हें अपना दिल सुनाऊंगा।

ज़ख्मों को तेरे दवा बनाकर लिखूंगा,
आँसूओं को मुस्कान में रंगाऊंगा।
तेरे अंदर छिपी ख़ामोशियों को जगाऊंगा,
तुझे वक्त के साथ फिर से पास लाऊंगा।

अपने शेरों में तुम्हें चाँद सितारे दूंगा,
ख्वाबों की मस्ती को तुम्हें सुनाऊंगा।
हर गम को तेरे दिल से उठा लूंगा,
मुसीबतों के साथ तुम्हें फिर से जीना सिखाऊंगा।

तू लिखना ज़रूरी है मुझे, तू सुनाना ज़रूरी है मुझे,
एक नया अध्याय तेरी कहानी में लिखना है मुझे।
तेरी बातों को समझने का वक्त दूंगा मैं,
तेरे हर अल्फ़ाज़ को दिल के करीब लाऊंगा मैं।

सारी शिकायते

पता नहीं

पता नहीं वो कौनसे राज छिपा के बैठे है अपने सीने में जो वो हर पल मुस्कुराते ही रहते है। ना वो हमसे कुछ कहते है और जिंदगी से उदास रहते है।

पता नहीं वो कौनसे राज छिपा के बैठे हैं,
अपने सीने में जो वो हर पल मुस्कुराते ही रहते हैं।

उनकी हंसी की बारिश में खो जाता हूँ,
मेरे दिल की झील में बह जाते हैं वो बार-बार।

जैसे छिपा हुआ है खुदा का एक राज़,
बिना वजह मुस्काने का वो उपहार देते हैं।

ना जाने कौनसे संगीत की सुरीली धुन,
उनके होंठों से बहती है बार-बार।

जब भी उनकी आँखों में देखता हूँ,
एक नया जहां बनता है हर बार।

वो राज़ी हैं खुदा से और अपने दिल से,
जैसे खिलते हैं फूल हर बगिया में बार-बार।

इतनी खुशियों से भरी है उनकी ज़िंदगी,
जैसे उजियारे हों सबके आस-पास हर जगह।

पता नहीं वो कौनसे राज छिपा के बैठे हैं,
पर उनकी मुस्कान से जगमगाती है दुनिया हर पल।

खता हो गई

खता हो गई तो फिर सज़ा सुना दो दिल में इतना,
दर्द क्यूँ है वजह बता दो, इस दिल को राहत दिला दो।

जिंदगी के सफर में कभी-कभी हम गलतियाँ कर जाते हैं,
खुद से और दूसरों से गलत आश्वासन पाते हैं।
प्यार और विश्वास के क्षणों में हो जाती है ये भूल,
फिर इसे सुधारने का इरादा करते हैं हम सब।

पर दिल में जब दर्द बस जाता है बेवजह,
तो क्या कहें, कैसे समझाएँ वो अहसास महका दो।
इंसान होते हैं खामोश कुछ तो बात कर दो,
हालात को समझाने का मौका दे दो।

वक़्त के साथ चलने की कला ये सिखा दो,
गलती से जुदा हो गए तो भी राहत दिला दो।
हमसे भी तो बड़ी होती हैं गलतियाँ अक्सर,
क्षमा के फ़साने में सद्भाव समा दो।

खता हो गयी तो फिर सज़ा सुना दो दिल में इतना,
दर्द क्यूँ है वजह बता दो, इस दिल को राहत दिला दो।
बस, एक मौका दो हमें फिर से सुधारने का,
प्यार और माफ़ी की कहानी को फिर से बना दो।

खता हो गई तो फिर

खता हो गई तो फिर
सज़ा सुना दो दिल में इतना
दर्द क्यूँ है वजह बता दो

मेरे हिस्से में

काटें तो आने ही थे मेरे हिस्से में,
मैंने यार भी तो फूल जैसे चुने हैं।

जीवन की राहों में थीं कठिनाइयाँ,
पर दोस्ती के फूल मुझे मिले हैं।
चाहत के रंग बिखेरे हैं हमने,
प्यार और सदा का वादा किया है हमने।

जैसे फूलों की खुशबू होती है अदा,
वैसे ही दोस्ती की मिठास है यारों।
हमारे बीते हुए पलों के साथ,
बनते हैं यादें, प्यार के प्यारों।

जब भी थक जाती हूँ राहों की चालों में,
फूलों की माला घुमाती हूँ मैं।
दोस्तों के साथ हाथ थामे चलती हूँ,
खुशियों की बहार बिताती हूँ मैं।

काटें तो आने ही थे मेरे हिस्से में,
मैंने यार भी तो फूल जैसे चुने हैं।
दोस्ती की दास्तान ये रंगीनी जारी रहे,
हर लम्हे में यारी की धुन बजे हैं।

काटे तो आने ही थे मेरे हिस्से में
मेरे हिस्से मे

काटें तो आने ही थे मेरे हिस्से मे, मैंने यार भी तो फूल
जैसे चुने हैं…

जाते जाते तमन्ना है

जाते जाते तमन्ना है मेरे दिल की,
हर पल साथ तुम्हारा हो।
जितनी भी सांसें चलें, हर सांसों पर नाम तुम्हारा हो।

चले जाओ तुम, ये दिल रो रहा है,
बस यही एक आरजू है मेरी।
तुम्हारे साथ बिताए हर पल की यादें,
मेरे जीवन की आधार हैं ये तेरी।

क्या कहते हो, क्या कर दिया है तुमने,
जो ये दिल तुम्हें चाहता है इतना।
कुछ भी नहीं, बस तुम्हारे प्यार ने,
इसे दिवाना बना दिया है दिल का मना।

तुम्हारी यादों में खोया है ये दिल,
जीने की वजह बन गये हो तुम।
हर पल तुम्हें चाहे, हर ख्वाहिश में,
ये दिल तुम्हारा ही गाता है गीत सुनूं।

जाते जाते तमन्ना है मेरे दिल की,
हर पल साथ तुम्हारा हो।
जितनी भी सांसें चलें, हर सांसों पर नाम तुम्हारा हो।

जाते जाते तमन्ना है मेरे दिल की

जाते जाते तम्मना है मेरे दिल कि
हर पल साथ तुम्हारा हो
जितनी भी सांसे चले हर सांसो पर नाम तुम्हारा हो

उलफ़त की कहानी

उलफ़त की कहानी लिखते हैं हम शेरों की ज़ुबान से,
जब दिल का इश्क़ उभरता है, और रूह को छू जाता है।

उल्फ़त की चाहत में जब दिल बेकरार हो जाता है,
हर वक़्त उसका जिक्र करने को तैयार हो जाता है।

जब उल्फ़त का रंग बदलता है वक़्त के साथ,
दिल में नयी धड़कनों की आवाज़ उठ जाती है।

उल्फ़त की आग में जब दिल जलता है,
हर एक दर्द को बहुत गहरा महसूस करता है।

उल्फ़त की बेवफ़ाई में जब दिल टूट जाता है,
हर एक ख्वाब बर्बाद हो जाता है।

उल्फ़त की इक नज़र जब दिल को चूमती है,
ज़िन्दगी की हर चीज़ प्यार की मिसाल बन जाती है।

उल्फ़त की बातें करते हैं हम शेरों की ज़ुबान से,
जब इश्क़ की लहरें दिल को बहुत भाती हैं।
उलफ़त की कहानी लिखते हैं हम शेरों की ज़ुबान से,
जब दिल का इश्क़ उभरता है, और रूह को छू जाता है।

इश्क मोहब्बत क्या है

इश्क मोहब्बत क्या है, कौन समझा सकता है,
दिल में उतर जाता है, फिर रूह को सताता है।

ये एक आग है जो जलती है बिना बुझने,
जब तेरे दीदार का ख्वाब मन में छाने।

इश्क की बारिश में जब दिल भीग जाता है,
हर सांस तेरे नाम पर ज़िंदगी बस बिताता है।

दर्द की गहराई में जब आँखें नम हो जाती हैं,
इश्क के रंग में जब दिल खुद को खो जाता हैं।

ये जुनून है जो दिल को भरमा देता है,
जिस्म को जला देता है, रूह को जला देता है।

इश्क मोहब्बत क्या है, जब बयां करने की ज़रूरत नहीं,
सिर्फ एहसासों को अपने दिल में बसाने की चाहत है।

इश्क मोहब्बत क्या है

इश्क मुहब्बत क्या है..?
मुझे नही मालूम…?
.
बस …..
.
तुम्हारी याद आती है..?
सीधी सी बात है

मेरी नींद पर कभी

मेरी नींद पर कभी मेरा हक न था, ये दिल रोज़ रोया,
ज़िंदगी के रंग उजाले गए, नींद की रातों में खोया।

आँखों की नींद चुराने को रवाना कर दिया,
चाँदनी रातों में सपनों को गले लगाने को रवाना कर दिया।

जब रात की घनी छांव में सोने का सवाल नहीं,
ज़िंदगी के ख्वाबों को लूटने का हक़ नहीं।

अधूरी रातों में चाँद को देखते रह गये,
नींद के सपने धुंधले से रह गये।

लेकिन जब हक़ नहीं मेरी नींद का कोई,
तो शायरी के रंग में खुद को ढलाने को रवाना कर दिया।

मेरी नींद पर कभी
मेरी नींद

मेरी नींद पर कभी भी हक मेरा ना था
पहले तुम थी इसकी मालिक फिर तुम्हारी यादें बन गई…

वैसे तो कई शिकवे

वैसे तो कई शिकवे है
Sanjay gupta shayri

वैसे तो कई शिकवे हैं तुम्हारे हमसे, पर सुनो!
शिक़ायत करती हो तो बहुत प्यारी लगती है…

वैसे तो कई शिकवे है तुम्हारे,
मगर शायरी के जरिए अदाएं करते हैं हम।
जब भी तुम्हें याद करते हैं हम,
दरिया-ए-गम में इक नया सफ़र तराशते हैं हम।

तुम्हारी बातों में ज़रा सी ढ़ेर है गिले,
मगर उन गिलों को शायरी के रंगों में रंगते हैं हम।
कभी गुस्सा करते हो तुम हमसे,
शब्दों की लहरों में वफ़ा की आवाज़ बुलाते हैं हम।

जब तुम्हें अकेलापन महसूस होता है,
शायरी की बाँहों में तुम्हें ले आते हैं हम।
मोहब्बत की कश्ती के लिए जो शिक्वे हैं,
उन शिक्वों को रूह की गहराईयों में छिपाते हैं हम।

तुम्हारी यादों की बारिश में बहते हैं हम,
ज़िंदगी की मस्ती को नया रंग देते हैं हम।
शिकवे हो या गिले, तुम्हारे हर एहसास में,
शायरी की ज़ुबान से प्यार का इज़हार करते हैं हम।