जिंदगी क्या है? ये एक गहरा प्रश्न है लेकिन हम अपने जीवन पर गौर नहीं करते बस जीवन में बिना मतलब की भाग दौड़ में व्यस्त है, जिसके कारण मिलन ओर बिछड़ना बना हुआ है, एक बार तो सबको बिछड़ ही जाना है
लेकिन हम जिंदगी में जीते हुए भी बिछड़ जाते है, जो नहीं होना चाहिए हमारी खुद की गलतिया जिंदगी की तकलीफ को बढ़ा देती है इसलिए हमे अपनी जिंदगी को बहुत संभाल कर जिन चाहिए, हम सभी को मिलजुल कर रहना चाहिए।
जिंदगी को मिलकर बिताया जाए इसको बिछड़ने ना दिया जाए जब तक हम जी रहे है, हमे सब संग साथ रहना है यही जीवन है।
जिंदगी का जिंदगी से मिलना है, जिंदगी ओर मिलकर बिछड़ना भी है जिंदगी
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