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अचारी बा

“अचारी बा” एक हिन्दी फिल्म है जिसे सभी वर्ग के लोग देख सकते है, यह एक पारिवारिक फिल्म है, इस फिल्म में अचार का मूल्य उन पारिवारिक रिश्तों के तौर पर दर्शाया गया है, जो कुछ खट्टे , कुछ मीठे, कुछ तीखे है।

नीना गुप्ता, वत्सल सेठ, कबीर बेदी, मनासी रच आदि।
फ़िल्म की लम्बाई: 1 घंटा 38 मिनट
कहाँ देखे: जिओ हॉटस्टार
निर्देशक: हार्दिक गज्जर

किरदार का चुनाव: किरदारों का अच्छा चुनाव फिल्म को ओर भी बेहतर बना देता है फिर यह बात दर्शकों को पता होती है की इस फिल्म को देखने समय की हानी नहीं होगी, कुछ अच्छा व बेहतर ही मिलेगा।

और जिस फिल्म में नीना गुप्ता हो उसका फिल्म का रंग और रूप अलग हो ही जाता है, गुजराती स्टाइल में नीना गुप्ता की कॉमेडी बहुत ही अच्छी है, नीना गुप्ता एक 65 वर्ष की महिला की भूमिका निभाती है, जिनके पति का बहुत पहले ही निधन हो गया था और वह एक आचार का व्यापार करती है, जिनका बेटा केतन ( वत्सल सेठ ) जिसकी परवरिश व बहुत अच्छे से करती है।

इस फिल्म में केतन अपनी माँ को छोड़कर मुंबई रहने लग जाता है, और कई सालों बाद अपनी माँ को याद कर मुंबई बुलाता है, वही जयेशनी ( नीना गुप्ता ) की कहानी एक नया मोड लाती है, उन्हे समझ आने लगता है की उनके बेटे ने उसको किसलिए बुलाया था, कहानी और अच्छी होने लगता है, जयेशनी और केतन के डॉग जिसका नाम जेनी होता है उससे गहरी दोस्ती हो जाती है। अब डॉग का नाम जेनी क्यू रखा यह भी आप फिल्म देखकर ही जानिए सारी कहानी यदि मैं आपको बता दूंगा तो फिल्म का मज़ा कैसे आएगा।

आप “अचारी बा” फिल्म देखिए जिओहोत्सतर पर यह फिल्म सिर्फ 1 घंटे 38 मिनट की है और पूरी फॅमिली के साथ यह फिल्म आपको अच्छी लगेगी, क्युकी आजकल सभी फिल्म परिवार सहित नहीं देखी जा सकती लेकिन यह फिल्म आप पूरे परिवार संग देखते सकते है इसमे हसी मजाक , और भरपूर प्यार व रिश्ता बिल्कुल आचार की माफिक है, और फिल्म देखने के बाद कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताए की फिल्म आपको कैसी लगी।

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OTT ओर इंटरनेट

आजकल हम बहुत सारे इंटरनेट विज्ञापन देख रहे है जिनमे बहुत ही खुलापन है, इसमे कोई शिक्षा नहीं है लेकिन यह शिक्षा का रूप दिखाकर हमे उस ओर धकेलने की कोशिश है जिससे हम बुरी आदतों में फंस जाए,  इस तरह के विज्ञापन हम घरवालों के सामने भी नहीं देख सकते जिस तरह के विज्ञापन आजकल आते है, केबल घरों से हट रहे है ओर अब OTT ओर इंटरनेट ही सभी घरों में लगवाया जाता है, ओर केबल हटवा लिया जाता है केबल की जगह अब इंटरनेट ने ले ली है, जिसकी वजह से अश्लीलता बढ़ रही है, उन्हे कुछ भी दिखाने की आजादी मिली हुई है, ओर वो समाज को को कुछ भी दिखा रहे है।

“हमेशा अपने पार्टनर से पूछो” यह लाइन एक इंटरनेट विज्ञापन में कान्डम की है जो अपने साथी से पूछने के बारे में है की आपको शारीरिक संबंध बनाने में कौनसा एस कान्डम लिया जाए जिसमे ज्यादा मजा आएगा, आज कार्तिक आर्यन किसी एक स्त्री के दिखते है कल दूसरी स्त्री के साथ ओर परसों किसी ओर से शादी कर लेंगे क्या इस विज्ञापन पर कोई प्रतिबंध नहीं है, आज कल बहुत खुलापन हो गया जिस तरह से विज्ञापन आते है,

सिर्फ विज्ञापन ही नहीं आजकल तो महिलाये इंस्टा पर अपने कपड़े भी बदल कर दिखाती है जिसमे अब उनको कोई शर्म नहीं आती ओर कंपनी के विज्ञापन देती है।

एक समय वो था जब कपड़े बदलने के लिए रूम को पूरी तरह बंद कर लिया जाता था ओर आसपास कोई देख तो नहीं रहा ये सब देखने के बाद ही कपड़े बदलने के लिए महिलाये जाती थी लेकिन आजकल यह बहुत ही आम हो गया है, जिस तरह समय बदल रहा है उस तरह से आने वाले समय में हमे क्या क्या देखने को मिलेगा यह कहना बहुत मुश्किल हो गया है, लेकिन समाज किस ओर जा रहा है ये बात समझनी बहुत मुश्किल हो चुकी है।

जिस तरह से अश्लीलता ओर नंगापन पर परोसा जा रहा है उसे शिक्षा नहीं कहते, इसे शारीरिक संबंध के लिए उकसाना कहा जाता है, लेकिन यह हमारी बदकिस्मती है की हमे इन चीजों के बारे में अंतर नहीं समझाया जाता जो युवा शारीरिक संबंध को प्रेम समझता है उसे असली प्रेम कैसे समझ आएगा। वह युवा अपने शरीर की भूख मिटाने के लिए बार बार अपने पार्टनर को बदल देता है ओर कहता है की वह वफादार प्रेमी नहीं था/थी फिर वही मूव ऑन करना चाहते है जिन्हे कभी प्रेम समझ ही नहीं आया।  

हमारा समाज किस ओर जा रहा है ये कहना तो मुश्किल है लेकिन जिस तरह से अंग प्रदशन हो रहा है, वो भी कुछ भी पहनने की आजादी पर जिस पर कोई रोक नहीं है।

OTT ओर इंटरनेट पर किसी भी तरह की गाली बहुत ही आम हो चुकी है जिन पर कोई रोक नहीं है, नेटफलिक्स जैसे ott चैनल पर ए सर्टिफिकेट वाली फिल्मे बहुत आम हो चुकी है जिन्हे आज के समय में कोई आसानी से देख सकता है। अब कोई बड़ा या छोटा होने का कोई फर्क ही नहीं रह गया बस अपनी मर्जी से कुछ भी देख सकते है।  

कपिल शर्मा शो में जब रोहित शर्मा ओर श्रेयश अय्यर आते है उस एपिसोड में कपिल शर्मा डबल मीनिंग शब्दों का प्रयोग करते है, ओर क्रिकेट के बारे में इस प्रकार से बोलते है की लोग क्रिकेट को क्यू ही देखते है इतना इनका कहने का अर्थ तो यही निकलता है की लोग इनकी हाइलाइट भी देखते ओर समय की बर्बादी भी करते है, कपिल शर्मा खुद ही सोचे की वो कितनी बेहूदी भरी बाते करता है, बहुत सारे लोग कपिल शर्मा के शो को देखते एस कोई ज्ञान नहीं देता कपिल शर्मा शो सिर्फ कुछ समय हँसे ओर अच्छा समय व्यतीत हो इसलिए देखा जाता है कपिल शर्मा का शो लेकिन क्रिकेट में बहुत कुछ सीखने के लिए मिलता है, वह लोगों का सपना है जिस वजह से लोग क्रिकेट देखते है ओर बार बार एक ही चीज को देखना पड़ता है तब वो चीज़े समझ में आती है, लेकिन इस कपिल को क्या पता यह सिर्फ बेमतलब की बाते करके अभी पैसा कमा रहा है बहुत सारे सेलिब्रिटी आते है उनको देखना लोग चाहते है नाकी आपकी बकवास कोई सुनना चाहता है, उन लोगों के बारे में हम लोगों को जानने की इच्छा होती इस वजह से हम लोग कपिल का शो देखते है बस इतनी ही वजह थी जो तुम्हारा शो देखने लगे यदि तुम सिर्फ बकवास करोगे तो कोई तुम्हारी बकवास सुनने के लिए तुम्हारा शो नहीं देखेगा इसलिए बकवास काम करो ओर काम पर ज्यादा ध्यान दो।

जो मैंने बोल था कपिल शर्मा डबल मीनिंग वाली बातों पर आ जाएगा, नेटफलिक्स पर आने के बाद ही उन्होंने अपनी डबल मीनिंग वाली बातों की शुरुआत कर दी है।

रोहित शर्मा ओर श्रेयश अय्यर वाले एपिसोड में जब यह लोग गेंद फेक रहे होते है तब कपिल शर्मा बोलते है मेरे पास पहले से मेरे पास तो मेरी 2 बाल है तुम अपनी संभालो क्या यह फॅमिली शो है? इस प्रकार की बातों के लिए यह लोग नेटफलिक्स पर गए है।

यह लोग OTT ओर इंटरनेट पर अब गंदगी को परोसना चाहते है ओर इन लोगों को गंदगी परोसने में कोई आपत्ति भी नहीं है, यह लोग मजाक के नाम पर गंदगी परोस लेते है, ओर जनता भी इन्हे मजाक में ही टाल देती है, लेकिन इसका प्रभाव कितना बुरा होता है इन्हे इस बात की समझ नहीं होती ओर ये बिना लगाम के घोड़े की तरह दौड़ते रहते है जिसका कोई उद्देश्य नहीं होता बस इन्हे भागने से मतलब होता है ओर उस भागने में किसी को चोट लगे या मर जाए उस घोड़े को इस बात की जैसे कोई प्रवाह नहीं होती उसी तरह से यह लोग है। इन्हे समाज की कोई चिंता नहीं है की समाज किस ओर जा रहा है इनकी बातों को सुनकर, यह लोग सिर्फ अपने पैसे कमाने के जरिए पर ही ध्यान रखते है।  

भगवांथ केसरी

भगवांथ केसरी में नंदमुरी बालाकृष्ण, श्रीलीला, काजल अग्रवाल और अर्जुन रामपाल जैसे सितारों वाली फिल्म अक्टूबर में रिलीज हुई थी और जैसे ही फिल्म रिलीज हुई हर तरफ इसी के चर्चे होने लगे. इसी का असर था कि कई बड़े ओटीटी प्लेटफॉर्म इस फिल्म को खरीदने की होड़ में थे. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर फिल्म किस ओटीटी प्लेटफॉर्म ने भगवंत केसरी के राइट्स खरीदे हैं तो आपको बता दें कि अमेजन प्राइम वीडियो पर ये फिल्म रिलीज हो गई है.

सिनेमाघरों में कुछ ऐसी फिल्में भी रिलीज होती हैं, जिन्हें देखने के लिए सिेमाघरों के बाहर दर्शकों की भीड़ इकट्ठी हो जाती है. भले ही ये फिल्में कम बजट में बनी हों, लेकिन इनकी कहानी इतनी जबरदस्त होती है कि कोई भी खुद को ये फिल्में देखने से रोक नहीं पाता. पिछले महीने ऐसी ही एक फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, जिसे देखने वालों की सिनेमाघर में भीड़ लग गई. इस फिल्म की सफलता को देखते हुए अब फिल्म के मेकर्स इसे ओटीटी पर रिलीज करने की तैयारी में जुट गए हैं. ये फिल्म है ‘भगवंत केसरी’, जो ‘गणपत’ और ‘टाइगर नागेश्वर राव’ के साथ सिनेमाघरों में रिलीज हुई और दोनों ही फिल्मों को जबरदस्त पटखनी देते हुए कमाई के मामले में काफी आगे निकल गई.

भगवांथ केसरी फैंस लंबे समय से फिल्म के ओटीटी पर रिलीज होने का इंतजार कर रहे थे, जो अब खत्म हो गया है. नटसिंह्मा नंदमुरी बालकृष्ण और श्री लीला की फिल्म के राइट्स ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम ने खरीद लिए हैं. यानी अब आप ये फिल्म अमेजन प्राइम पर आसानी से देख सकेंगे. फिल्म 24 नवंबर को ही ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज की जा चुकी है, अब इसका हिन्दी वर्जन अमेज़न उपलब्ध है, फिल्म बहुत ही शानदार है। फिल्म की कहानी में दम है,

नंदा बालकृष्ण मूरी अपनी बेहतरीन ऐक्टिंग के लिया बहुत ही विख्यात है, इनका अपना ही एक अलग अंदाज है, इनके डाइअलॉग दर्शकों को बहुत लुभाते है, गुंडे तो कांपने लगते है इनको देखकर फिल्मों में जब ये बोलते है सब चुप हो जाते ओर जब मारते है तो बचते नहीं मार ही जाते है।

ताली सीरीज

सुष्मिता सेन की ताली सीरीज आज जिओ सिनेमा पर आज लॉन्च हुई है , थोड़ा पतंग उड़ाने में व्यस्त रहे हम इसलिए देख नहीं बस जब रात को काम करने के लिए बैठे तो याद आया की फिल्म भी लॉन्च हुई है , तो देख लेते है , तो हम बैठ गए देखने के लिए आपको फिल्म के बारे में बताना भी था न तो ये भी बनता है की फिल्म देख ली जाए , वैसे तो सोने का मन कर रह था लेकिन जब सीरीज शुरू कर दी तो बंद करने का मन नहीं किया इसलिए पूरी देखली।

सुष्मिता सेन पहले से ही एक बेहतरीन अदाकारा है , इस फिल्म में तो उन्होंने अपनी ऐक्टिंग से चार चाँद लगा दिए है , सुष्मिता सेन उर्फ गौरी

समानता की लड़ाई : सबको समान अधिकार का कानून , एक ट्रैन्ज़्जेन्डर को भी वही हक मिलना जो स्त्री ओर पुरुष के लिए। सीरीज के पहले में भाग में सुष्मिता सेन कोर्ट पहुचती है तब उनके ऊपर हमला होता है।

सीरीज के दूसरे भाग में : सुष्मिता सेन के डाइअलॉग काफी अच्छे लिखे गए है। जिंदगी की जद्दोजहत सर्वाइवल की लड़ाई ये दूसरी लड़ाई है इस कहानी में
सुष्मिता सेन इस चैप्टर का नाम देती है फीलिंग इस चैप्टर में ईमोशन है कहानी बनती है , एक ट्रैन्ज़्जेन्डर की ओर यहाँ गौरी ट्रैन्ज़्जेन्डर बनने की कोशिश करती है ओर उनके रहन सहन से रूबरू होती है।

कहानी का तीसरा भाग जिसमे राही चल रहा है : अब सुष्मिता सेन वापस मुंबई आ जाती है
ओर अब वह एक ट्रैन्ज़्जेन्डर बनती है अभी तक वह अंदर से ट्रैन्ज़्जेन्डर नहीं बनी थी, इस फिल्म में सुष्मिता सेन ट्रैन्ज़्जेन्डर के हक की लड़ाई लड़ती है। जिसमे उनको भी आधार कार्ड , पान कार्ड , ओर व्यवसाय करने का हक मिले जो अभी तक इस हक से यह वंचित थे, समाज इन्हे बुरी नजरों से देखता है उन नजरों में बदलब लाने की लड़ाई , उनके हक की लड़ाई, इसी पर यह कहानी आगे बढ़ती है।

कहानी के 4 से 6 भाग तक कहानी बहुत तेज भागती है ओर इस सीरीज को बंद करने का मन नहीं करता, क्युकी हर एक सीन इस तरह से दर्शाया गया है मानो आप उस घटना को होते हुए अपनी आँखों के सामने ही देख रहे है।

इस कहानी में वो समाज भी है जो किसी को उभरने नहीं देता , उस समाज का कड़वा सच जो किसी को समान अधिकार देने से अब भी घबराता है, ओर उस समाज का एक भद्दा चेहरा भी नजर आता है जो किसी को घृणा की नजर से भी देखता है।

कहानी आगे बढ़ती है ओर जिस तरह से कहानी आगे बढ़ती है सुष्मिता सेन कमाल करती ही नजर आती है उनकी ऐक्टिंग इस सीरीज को चार चाँद लगा देती है, हर एक सीन में तालिया बजाने को मन करता है। जैसा की सुष्मिता सेन कहती है ताली बजाऊँगी नहीं बजवाऊँगी

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