Posts tagged padhai kyu jaruri

पढ़ाई क्यों जरूरी है

पढ़ाई क्यों जरूरी है ? इस बात को समझते है, पढ़ाई हम सभी के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, यह हमारे व्यक्तित्व को विकसित करती है, और हमे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाती है, जब तक हम किसी भी विषय को अच्छे से नहीं पढ़ते , हमारी सोच विकसित नहीं होती है, और हम सफलता की दुनिया में आगे नहीं बढ़ सकते हैं।

आज के समय जीतने भी सफल व्यक्ति है उनकी दिनचर्या में पुस्तके शामिल है वह हर रोज कुछ नया कुछ नया पढ़ते है , कुछ नया सीखते है तभी कुछ नया वो सभी कर पाते है हमारा मस्तिष्क ओर विकसित तभी होता है जब कुछ पढ़ते है देखते है , नई नई चीजों के बारे में जानने की कोशिश करते है।

पढ़ाई करने से हमारे ज्ञान और विचारशक्ति में विस्तार होता है। इससे हम विभिन्न क्षेत्रों में अपने आपको आगे बढ़ सकते है, और अपने अवसरों को समाज व सम्पूर्ण मानव जाति के लिए उपयोगी बना सकते हैं।

पढ़ाई के द्वारा हम समाज में एक सक्षम व्यक्ति के रूप में उभर सकते हैं। यह हमारे जीवन में एक आधार बनती है, जो हमें सफलता के द्वार तक पहुंचाती है।

पढ़ना हमारी प्रथम प्राथमिकताओं में होना चाहिए, जितना ज्यादा हम किताबें पढ़ेंगे, जितना ज्यादा अध्ययन करेंगे, हमारे दिमाग में उतना ही ज्यादा कंटेंट होगा साथ ही हमारे दिमाग में जितना ज्यादा कंटेंट होगा उतने ही बेहतर ढंग से हम हमारे एग्जाम में उसका प्रयोग कर पाएंगे।

यकीन मानिए यदि गलती से भी मेरे जैसा अध्ययनरत छात्र इस कोरी बकवास पर विश्वास करके बैठ जाए कि— किताबी ज्ञान से कुछ नहीं होता तो जरा सोचिए तो सही जब मेरे दिमाग में कंटेंट ही नहीं होगा तो मैं प्रयोग क्या करूँगा???

इसलिए, पढ़ाई जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। हम सफलता की ऊंचाइयों को छूने के लिए इसे अपने जीवन का आधार बनाना चाहिए।

पढ़ाई क्यों जरूरी है इस बात का आपको विचार करना है ओर इसे समझना है।

इन्हे भी पढे: पढ़ाई की आदत, शिक्षा का ही जीवन का आधार है, पढ़ाई की आदत

टालने की आदत

टालने की आदत छोड़िए कुछ बच्चे अपनी पढ़ाई को बहुत देर से शुरू करते है, ओर कुछ बहुत जल्दी यह जो बहुत देर वाले बच्चे है न कुछ ज्यादा ही पीछे रह जाते है, कुछ जल्दी वाले कुछ ज्यादा ही आगे भी निकल जाते है , इतने लटक लटक कर यह बच्चे चलते है, की इनको पकड़ कर चलना पड़ता है, यदि इनको कोई काम दिया जाए तो यह बच्चे उस काम को टालते रहते है, समय पर कोई काम नहीं करते बस टालते रहते है, आखरी समय में इनको याद आता है की कुछ काम करना है, इनका काम पूरा नहीं होता।

आखरी समय में कुछ बच्चे पढ़ते है, पूरा साल पढ़ाई को स्किप करते है वह सिर्फ बहाने लगते रहते है, की मैं पढ़ाई को कल शुरू करूंगा लेकिन शुरुआत होती नहीं दिखती है।

किसी भी कार्य को टालना कोई अच्छी आदत नहीं है, टालने से समय की हानी होती है, ओर समय को बर्बाद नहीं करना चाहिए। इसका भरपूर अत्रिके से प्रयोग करना चाहिए।

कुछ बच्चे लगातार यही बोलते है, की अभी तो पूरा साल बच हुआ है पढ़ लेंगे आराम से लेकिन वो कल नहीं, आता वो किसी का नहीं आया तो, आपका कैसे आएगा इसलिए शुरुआत आज से करे, चाहे थोड़ा थोड़ा पढे लेकिन पढ़ना शुरू कीजिए, जिससे की आपका कोर्स जल्द से जल्द खतम हो ओर आखिरी में आपको बोझ ना लगे।

365 दिनों को अच्छे से प्लान करे की आपको किस तरह से पढ़ाई करनी है, सभी दिनों अच्छे से मैनेज करे क्युकी साल में लगभग 112 छुट्टिया होती है, इसलिए इसमे भी पढ़ाई करे इनको टाले नहीं।

पूरे साल में बहुत सारी छूटिया आती है, उनको भी आपको मैनेज करना है उन छूटियों का सही उपयोग करना है।

होली हो या दिवाली लेकिन आपको पढ़ना है, अपनी पढ़ाई से कोई समझोंता नहीं करना है।

आजकल बच्चों के पास कुछ एक्स्ट्रा सब्जेक्ट भी होते है, जिन वह ध्यान नहीं देते ओर न ही उनको पढ़ते है, लेकिन वह सब्जेक्ट उनकी प्रतिशत की मात्र को बढ़ाने के लिए काम आते है, इसलिए इन सब्जेक्ट को भी अच्छे से पढ़ना चाहिए।

जो एक्स्ट्रा सब्जेक्ट है, वो आपके शारीरिक शिक्षा, भारतीय कला का इतिहास , हिन्दी , या कोई ओर भी हो सकता है, लेकिन इन सब्जेक्ट को आप ध्यान से पढे जिससे की आपको आपकी परीक्षा में यदि किसी सब्जेक्ट में कम नंबर हो तो उसका संतुलन हो सके इन सब्जेक्ट को बाद के लिए ना टाले इन सब्जेक्ट पर भी पूरा ध्यान दीजिए।

हममे से बहुत सारे बच्चे ट्यूइशन भी पढ़ते है लेकिन इन बच्चों को आखिरी के 15 दिन पहले याद आता है, की अब पढ़ना भी है तो ट्यूइशन लगा लेते है, यदि आपको लगता है की खुद ही तैयारी कर सकते है ओर आपको ट्यूइशन की आवश्यकता नहीं है, तो यह कोई जरूरी अनही है लेकिन यदि आपको लगता है, की मैं बिना ट्यूइशन के नहीं कर पाऊँगा तो आप देरी नया करे।

यदि आप आज से शुरुआत कर रहे है , तो आपको ज्यादा से ज्यादा पढ़ने का मौका मिलेगा ओर जो पढ़ा है, वह याद भी रहेगा बस उसको एक बार रिवीसीऑन ही करना पड़ेगा ओर वह पूरा याद हो जाएगा।

पढ़ाई में कभी टालमटोल न करे क्युकी यह आपका भविष्य बना रही है।

यह भी पढे: टालना, आलस, मौका, दृढ़ निश्चय, लगातार बने रहे, हरकत में बरकत, भागम भाग,

 

डिस्ट्रैक्शन से कैसे बचे

बहुत सारे बच्चे यह भी एक सवाल करते है की  डिस्ट्रैक्शन से कैसे बचे , हम बार बार डिस्ट्रैक्ट हो जाते हो जाते है , जब भी पढ़ाई करने के लिए बैठते दिमाग कही ओर चला जाता है , इसका उपाय क्या है ?

डिस्ट्रैक्शन को दूर करने के लिए बहुत जरूरी बाते है, जो हमे करनी है जीतने समय की हानी हम कर रहे है उस समय को बराबर कारणए के लिए वही काम देर तक करो उसे उस लेवल पर ओर उस लेवल से ज्यादा करो ताकि डिस्ट्रैक्शन की वजह से जिसे कम किया था।

क्युकी इसके विपरीत ओर इलाज नहीं है आप डिस्ट्रैक्शन से हट नहीं सकते डिस्ट्रैक्शन कितनी देर तक रहेगी , आप अपने गोल से कितनी ही दूर रह पाओगे क्या आपके गोल के बीच कोई आ रहा है यदि आ रहा है तो वह आपका गोल नहीं है या आप उस गोल से दूर भाग रहो हो।

डिस्ट्रैक्शन को कैसे कम करे व डिस्ट्रैक्शन से कैसे बचे

अपने काम की प्लैनिंग करे।

अपने फोन में जीतने भी सर्च है उनको सिर्फ अपने काम के हो ऐसा  सुनिश्चित करे।

लगातार फोन न देखे, मोबाईल फोन से दूरी बनाकर रखे, अपने मोबाईल में notification को बंद करके रखे ।

मानसिक तौर से आपको शांत होना चाहिए लेकिन उसको टुकड़ों में नहीं बाटना , एक समय पर एक ही काम करे पढ़ाई करते समय गाने नहीं सुने।

जब भी आप पढ़ाई करने बैठते हो आपको नींद आने लगती है , उसके लिए ठंड पानी पिए जिससे नींद टूट जाएगी , नींद आ रही तो चाय ना पिए , चाय आपको इन्स्टेन्ट रीलीव देती है लेकिन कुछ समय बाद चाय ही आपको एक आलसी व्यक्ति बना देती है , नींद कब तक आएगी यह भी एक सवाल ही है एक दिन नींद खुद ही टूट जाएगी ओर फिर नहीं आएगी।

आलस भी नहीं आएगा बॉडी को स्ट्रेच करे

40 मिनट पढ़ने के बाद 20 मिनट टहले बिना मोबाईल ओर दोस्त के साथ ही टहले अकेले जिससे जो आपने अभी पढ़ पढ़ वह दिमाग में ठहर जाए

पढ़ने ओर सीखने की आदत को लगातार बढ़ाए

अपने आसपास की चीजों से सीखे ओर जाने उनके बारे में

खाने पर नियंत्रण रखे , बार बार खाने के बारे नहीं सोचे

यदि आप एक स्टूडेंट है तो आपके लिए बहुत जरूरी ऐफर्मैशन तैयार की गई उनको ध्यान से पढे ओर बार दोहराए जो मैं नीचे लिख रहा हूँ , इन कुछ ऐफर्मैशन से आप पाएंगे की आपकी जिंदगी में यही घटना सही क्रम में होने लग गई है ओर आप पढ़ाई में या किसी में कार्य में बेहतर हो रहे है

1) मैं पढ़ रहा हूँ
2) मुझे पढ़ना अच्छा लगता है
3) मुझे पढ़ते समय नींद नहीं आती
4) मुझे पढ़ते समय आलस नहीं आता
5) मुझे पढ़ने में मज़ा आता है
6) जब मैं पढ़ता हूँ तो फिर  मेरा ध्यान कही नहीं जाता बस पढ़ाई में ही मेरा ध्यान है रहता
7) मुझे बहुत अच्छी तरह से समझ आता है एक बार पढ़ने पर
8) मैं जब भी पढ़ता हूँ तो मुझे ओर भी सारी बाते जानने की इच्छा होती है
9) मुझे सबकुछ जल्दी याद हो जाता है
10) मैं इनको विस्तारपूर्वक समझ लेता हूँ 
11) मैं पढ़ाई से बोर नहीं होता
12) मेरा ग्रुप भी पढ़ाई वाला है
13) मेरे सभी दोस्त पढ़ाई में मेरी मदद करते है ओर मैं भी उनकी

यह भी पढे: छात्रों के लिए, फोकस, फोकस रखना खुद को,

जीवन का आधार

पढ़ाई जीवन का आधार है
क्या यह कथन सही हे ?
किसी को सही से सुनना
भी क्या पढ़ाई हे?

क्या सही व्यवहार में पढ़ाई
का योगदान हे ?
क्या अच्छी नौकरी ओर धन
कमाना ही पढ़ाई हे ?

क्या पढ़ाई मस्तिष्क की
खुराक की हृदय का
भी इसमें कुछ योग हे ?
क्या पढ़ाई एक व्यवस्था

एक विशेष क़ार्य में आगे
बढ़ने की कसौटी ॥

पढ़ाई जीवन का आधार है ,
जो नहीं करता उसे है डर है।

ज्ञान की धरा से जब बहता है,
तब समझ में आता है जीवन का सत्य है।

जीवन की इस यात्रा में,
ज्ञान ही है सफलता का मंत्र है।

पुस्तकों का समुद्र है ये जगत,
जिसमें डूबकर ज्ञान करो जगमगाता है अपना मतलब है।

ज्ञान की इस धरती पर हर व्यक्ति,
अपनी अलग पहचान बना सकता है।

पढ़ाई से सीखो नए नए ज्ञान को,
जीवन के हर पहलू में उसे लागू करो।

इससे नहीं मिलती सिर्फ सफलता,
बल्कि आत्मविश्वास भी मिलता है जीवन का अर्थ होता है पढ़ाई का।

जब तक हम पढ़ाई नहीं करते हैं,
हम अपने जीवन को समझने में असमर्थ होते हैं।

पढ़ाई करने से हम सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं,
और अपनी अलग पहचान बना सकते हैं।

पढ़ाई जीवन का आधार है,
जो नहीं करता उसे है डर है।

यह भी पढे: छात्रों के लिए, शिक्षा ही जीवन, पढ़ाई क्यों जरूरी है, परीक्षा,

पढ़ाई की आदत

पढ़ाई की आदत कैसे बदली जाए , आजकल हम सभी देख रहे है, कि बच्चो का पढ़ने का तरीका बदल गया ज्यादातर हम सभी हैरान हो जाते है कि बच्चे पढ़ते कम है , परन्तु अच्छे नंबर ना जाने कैसे लेे आते है, कुछ बच्चे वाकई पढ़ते भी बहुत है, लेकिन उनके नंबर कम हो जाते है क्या उनको याद नहीं रहता है? या वो याद किया हुआ भूल जाते है।

यह उन बच्चों के लिए एक समस्या है जब वो पेपर देने जाते है बहुत बार जो याद किया हुआ वो भूल जाते है फिर उन्हे उस प्रश्न का उत्तर देने में मुश्किल होती है इस समस्या से बचने के लिए हमे किसी भी विषय को याद करने से उस विषय को समझना जरूरी है, सिर्फ याद करने से कुछ नहीं होता।

कुछ बच्चो का ऐसा होता है कि वो पढ़ते तो बहुत है परन्तु उनके अंक हमेशा कम आते है।

कुछ बच्चो को याद नहीं रहता जो भी वो पढ़ते है भूल जाते है, कुछ बच्चो को जल्दी समझ नहीं आता तथा उनमें से कुछ बच्चो यदि कुछ समझ आ जाए तो वह बच्चे वहीं बात भूलते नहीं है।

सबका दिमाग अलग अलग प्रकार से कार्य करता है ,

यदि किसी का मन नहीं लगता पढ़ाई में तो उन्हे आधे घंटे पढ़ने के बाद कुछ देर टहलना चाहिए ताकि दिमाग फिर से खुल सके नहीं तो जो पढ़ा है, वो भी भूल जाएंगे इसलिए थोड़ी देर बाद ही पढ़ाई में अंतर देना चाहिए।

जो याद कर रहे है उसको लिखकर याद किया जाए।

जो पढ़ लिया है अब उसको दोहराए, तथा उसे अच्छे तरीके से समझे जिससे की वो देर तक याद रहे।

जिस चीज के बारे में आप पढ़ते है उस टॉपिक को क्लेयर अपने दोस्तों के साथ करे।

पढ़ाई करने की आदत को बदला जाए तभी पढ़ाई का स्तर बेहतर होगा , सिर्फ रटने से कुछ नहीं होता जो पढ़ रहे हो उसे समझना भी जरूरी है।