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क्या करता हूँ मैं

क्या करता हूँ मैं दिन भर ? वैसे तो मैं कुछ नहीं बस अगर सच बताऊ तो सिर्फ लिखने की कोशिश करता हूँ, ओर जो मन में आता है वही अब लिखता हूँ, चाहे मैंने कितना ही सोच रखा हो दिमाग में लेकिन वो एक दम शब्दों को पन्नों पर नहीं उतार पाता है।

इसलिए घंटों बैठ जाता हूँ खुद के साथ अकेले में ताकि मैं कुछ कुछ लिखू जो विचार आ रहे है उन शब्दों में उतार सकु, बस यही एक वो जरिया है , जिसकी वजह से मुझे बहुत शांति मिलती है , लगता है भीतर बहुत कुछ भरा हुआ जिसे बाहर निकाल देना है।

इसलिए मैं अपने लैपटॉप के सामने बैठ जाता हूँ ओर गूगल कीप जिसमे मैं लिखता हूँ, उसको खोल लेता हूँ, जैसे ही कोई विचार मेरे मन में आता है मैं उसे लिख लेता हूँ, यही मैं पहले भी करता था, तब मैं अपनी छोटी सी नोटबुक ओर पेन लेकर बैठ जाता था।

किस तरह से मैं लिखता था उस समय: अपने मस्तिष्क के विचारों पर गौर किया करता था की मेरे दिमाग में चल क्या रहा है? मैं सोच क्या रहा हूँ? असल मैं नहीं, मेरा दिमाग सोचा करता था बस उस दिमाग को मैं देखता था।

मैं आपको बताता हूँ, वो शुरुआत कैसे हुई जब मुझे घंटों बैठना पड़ता था, सिर्फ एक विचार के लिए , सिर्फ कुछ शब्दों के लिए की मैं लिख पाउ उन विचारों को पन्नों पर उतार मैं सकु बस इसलिए तब भी घंटों कॉफी होम में बैठता था। क्युकी एक एक विचार बहुत देर में आता था।

वो विचार जो ब्रह्मांड से आते थे , जो मुझे प्रकृति से जोड़ते थे , एक संबंध स्थापित करते थे , उन शब्दों को मैं सुनता ओर लिखता था , मुझे कुछ नहीं पता बस मैं लिख लेता था, जैसे मैं सवाल पूछ रहा हूँ ओर मेरे जवाब मुझे मिल जाते थे , कुछ बस सवाल ही बनकर भी रह जाते थे की इनका जवाब कुछ समय बाद मिलेगा अभी नहीं।

मैं हर रोज शिवाजी स्टेडियम के पास कॉफी होम है उधर जाता था, जिससे की आराम से बैठकर लिख सकु जो नया विचार आए उसको पकड़ सकु , उस समय मैं अपनी पुस्तक “कौन हूँ मैं” की शुरुआत पर था बस मन में यही विचार था ओर इसी किताब के इर्द गिर्द सभी प्रश्न ओर उत्तर बन रहे थे।

क्या करता हूँ मैं यह बात मैंने आपको बताई अब आप मुझे बताए की आप क्या करते है।

जहरीले पेय पदार्थ

जहरीले पेय पदार्थ का सेवन बंद करे जब आप किसी चीज पर ध्यान नहीं देते तो वो आपके दिल और दिमाग दोनों से बहुत दूर हो जाती है और लगता है वो अब आपके आसपास है ही नहीं या फिर अस्तित्व ही ख़तम हो गया है ऐसा ही हुआ पेप्सी के साथ भी कल यह बोर्ड देखकर ध्यान आया कि यह भी जिंदगी का अहम हिस्सा था जिसे मै लगातार पिया करता था

यह मेरी एक एडिक्शन ही थी क्युकी जब मै दिन का खाना खाता था तब भी यह चाहिए होती थी , और किसी भी समय पीने का मन करता था तो लेके आया करता था  लेकिन आज इसका ध्यान भी नहीं आता। यदि आपकी जिंदगी में कुछ अहम बाते जो आपको परेशान कर रही है तो उनकी ओर ध्यान देना बंद करदे ओर कहीं ध्यान लगाए बहुत जल्द ही आप पाएंगे कि वो आपकी जिंदगी से दूर है अब अब उनकी जगह कोई और लेने लग गया है। जिस चीज के लिए आप बहुत पोसेसिव थे अब वो धीरे धीरे ख़तम होने लग गई है

उस समय कोल्ड ड्रिंक की वजह से मेरा पेट बिल्कुल खराब होने लग गया था और मेरा पाचन तंत्र बिल्कुल नष्ट हो रहा था जब भी कुछ खाता मुझे पता नहीं था और यह परेशानी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही थी जिसका परिणाम मेरा मेरा पेट बिल्कुल खराब और में डरता था कुछ भी खाने से किसी भी समय मै कुछ खा नहीं पा पाता था।

मुझे बार बार पेट को साफ करने के लिए वॉशरूम जाना पड़ता था। और कोल्ड ड्रिंक की वजह से मेरे दांतो के कमजोरी आयी और आज लगभग 5 साल हो गए मुझे कोल्ड ड्रिंक को छोड़े हुए अब में सिर्फ कभी कभार मतलब 4-6 महीने में ले ली तो ठीक वरना नहीं क्युकी अब में कोल्ड के बारे में सोचता भी नहीं हू।, और अब जहरीले पेय पदार्थ का सेवन अब बंद हुआ।
अब मै इस प्रकार के पेय पदार्थो से दूर रहता हू और दूसरो को भी यही सलाह देता हूं कि इस प्रकार के पेय पदार्थो से दूर रहे जूस, नींबू पानी , जलजीरा आदि   का सेवन अधिक से अधिक करे।