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जीवन यात्रा


जीवन की अपनी यात्रा हो सामान की कम मात्रा ।
जीवन यात्रा में आपकी शैली महत्वपूर्ण….
अकारण सबसे प्रेम का जीवन अर्थपूर्ण ।

ग़लतियों से किसी का हृदय दुखता ….
जब जब स्वार्थ से ये हृदय है भरता ।
अकारण और निस्वार्थ प्रेम ही निवारण…
सदा बल देते रहे अपनाये ये आचरण

जीवन की यात्रा में आपकी शैली महत्वपूर्ण है,
व्यक्तित्व और आचरण से बनता है आपका महिमान्वित चित्र।

अकारण सबसे प्रेम का जीवन अर्थपूर्ण है,
स्नेह और सहयोग से बनता है संबंधों का महत्वपूर्ण वातावरण।

चलें यात्रा पर अंतर्मन के साथ,
प्रकृति की सुंदरता को देखें, दिल के नगरी में खो जाएं।

आत्म-विकास के पथ पर चलें, सीखें और बढ़ें,
ज्ञान के उद्धार से जीवन को अर्थपूर्ण बनाएं।

रिश्तों को महत्व दें, प्रेम को बांधें,
आपसी सम्बन्धों को देखें, सुख-दुःख में सहारा दें।

जीवन में अनुभवों को आत्मसात करें,
खुशहाली की ओर बढ़ें, अपने सपनों को पूरा करें।

ध्यान रखें सदैव आपकी नैतिकता,
जीवन को अर्थपूर्ण बनाएं, सच्चाई की ओर आगे बढ़ें।

यह अमूल्य विराम से सजी,
हर पल नया अद्भुत अनुभव, आनंद से भरी।

समय ओर स्थिति

समय ओर स्थिति सदा होते उसमें बदलने के गुण…
अच्छे सम्बन्ध सच्चे मित्र नहीं बदलते ऐसे उनके सदगुण ।
समय ओर स्थिति पे रखे अपनी तेज नज़र….
अच्छे सच्चे मित्र बने साधे इतना सब्र ॥

अच्छी सच्ची मित्रता सम्बंध दो व्यक्तियों का होता प्रयास ….
हर बार एक ही अच्छा करे न मन में पाले ये आस ।
अब ज़माना का रुख़ हाथ को हाथ हे …..
बनना अच्छा मित्र किसी को आपसे आस हे ॥

समय और स्थिति पर रखें अपनी तेज नज़र,
जानें क्या करें, कैसे करें, यही हो मेरा मंत्र।

बदलाव के साथ हमेशा तैयार रहें,
समय के साथ चलें, आगे बढ़ते रहें।

अच्छे संबंध बनाएं और निभाएं,
सच्चे मित्रों के साथ खुशियों का गीत गाएं।

जब समय बदले और स्थिति बदले,
सदगुण बनाएं, आपने को मजबूत बनाएं।

समय का सदुपयोग करें, स्थिति को समझें,
आपने आपको विकसित करें, आगे बढ़ें।

जीवन के नए संघर्षों को आप स्वीकारें,
सदगुणों के साथ आप जीवन को सार्थक बनाएं।

समय के बदलने को स्वीकारें और स्थिति में निरंतर बने,
सदगुणों की रश्मि में हमेशा प्रकाशित रहें।

जीवन की प्रतिक्रियाएं अच्छी दिशा में ले जाएं,
सकारात्मक गुणों से हमेशा जीवन को सजाएं।

सकारात्मक विचार

सकारात्मक विचार का जेसे जेसे होगा विकास गतिमान होंगे सकारात्मक बदलाव….
विकास ओर बदलाव पूरक ओर समान्तर का दोनो में निहित भाव ।
विकास हो चाहे व्यक्ति का , चाहे समाज हो विकसित…
सोचने का दृष्टिकोण में बदलाव होता अपरिमित ॥

हर समाज हर व्यक्ति की चाहत आए विकास की लहर…
कर्म करे निरंतरता से इसी दिशा में सुबह हो या शाम पहर ।
फिर विकास बनेगा अधिकार ओर सोच होगी सम्मानित…
यह परम सुख जीवन का सब कुछ इसमें हे समाहित ॥

सकारात्मक विचार जब विकास की राह पर जाते हैं हम,
तो सकारात्मक बदलाव होते हैं क्रमशः।
संघर्षों से भरी है यह यात्रा,
पर सफलता की ओर हैं हम जुनूनी।

विकास और बदलाव दोस्त हैं हमारे,
स्वभाव समान्तर दोनों के विचारे।
चमकती है जब सभ्यता की रौशनी,
तब विकास का दीप प्रज्वलित होता है।

व्यक्ति का विकास हो या समाज का,
आगे बढ़े रास्ते पर जब राज करता है।
प्रगति के पथ पर नए आयाम होते हैं,
और सबको मिलता है नया सामर्थ्य का आभास।

समृद्धि और समाजिक न्याय की ओर हम,
बढ़ रहे हैं जब एकसाथ जोड़ते कदम।
विकास के रंग से रंग रहा है यह संसार,
हर दिन हो रहा है समृद्धि का उद्घाटन।

जगमगाती है जब विज्ञान की ज्योति,
तब तकनीकी उन्नति का अहसास होता है।
विकास और बदलाव का संगम होता है,
जब सबको मिलता है सुखी जीवन का आदान।

चलो आगे बढ़ें विकास की ओर,
बदलाव के रास्ते में हों साथी हम।
सकारात्मकता से जीने का संकल्प लें,
बनाएं यह दुनिया सुंदर और विकसित हम।

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कठिन परिस्थिति

कठिन परिस्थिति निर्माणकर्ता मज़बूत व्यक्तित्व के लोग….
वही लोग लिए मशाल अग्रसर खोजते करते नूतन नूतन प्रयोग ।
परिस्थिति के गर्भ में छिपा अनंत अनंत सम्भावनाओं का भंडार…
हर परिस्थिति के लिए रहे तेयार खिले व्यक्तित्व ओर आए निखार ॥

कुछ लोग खुद कठिन परिस्थिति का आवाहन उसको बुलाते….
उसकी हद को तोड़ कर नूतन कीर्तिमान खड़े कर दिखलाते ।
अनबूझ परिस्थिति आए अचानक या खुद हम जाके स्वीकारे…..
मन की स्थिति सदा होवे मजबूत चाहे हम जीते या हम हारे ॥

दृढ़ता से चमकते, अग्रसर होते ये व्यक्तित्व,
कठिनाइयों को चुनौती स्वीकारने के लिए समर्पित।
मशाल उठाते हैं, नये-नये अनुभवों की खोज में,
परिस्थिति के आवरण में छिपे अनंत सम्भावनाओं के।

बढ़ते हैं वे मजबूती के साथ, आगे बढ़ने के लिए,
विपरीत परिस्थितियों में भी खुद को साबित करने के लिए।
उनका विश्वास अटूट होता है, कठिनाइयों के बीच,
जैसे बवंडर के आगे भी खड़े रहें शिखर पहाड़ों सीख।

नए नए प्रयोग करते हैं, नूतनता की खोज में,
उनकी चेष्टाएं निरंतर, बढ़ाती हैं समृद्धि के रास्ते।
क्योंकि परिस्थिति के गर्भ में छिपे हैं अनगिनत सम्भावनाएं,
जो व्यक्तित्व को बढ़ाने के लिए होती हैं अद्यायेश।

संघर्षों के माध्यम से निकलता है अद्भुतता का सिरोमणि,
जो बनाता है उन्हें बेहतर, बनाता है अद्यतित भविष्य का नगरी।
कठिन परिस्थितियों में उनका जीवन निःस्वार्थ होता है,
समाज के लिए जीने की उनकी निश्चितता उठाती है आदर्श प्रतीति।

इसलिए जो लोग लिए मशाल अग्रसर, करते हैं नूतन प्रयोग,
वे निर्माता हैं अपार संभावनाओं के, जो बाहर करेंगे उन्हें खोज।
क्योंकि कठिनाईयाँ सिर्फ एक चुनौती होती हैं उनके लिए,
जिनमें छिपा है अनंत सफलता का सौंदर्य और वही करेंगे अपने नए सपनों का विस्तार।

मस्तिष्क के द्वारा

जो भी हो रहा वो सब मस्तिष्क द्वारा उत्पन्न परछाई …..
सब कुछ बदला जा सकता हे मस्तिष्क के द्वारा सब बाँते ऊसमे समाई ।
मस्तिष्क का सकारात्मक भाव …..
हमेशा सुख और दुखों का अभाव ।

मस्तिष्क में सुख और दुख के लिए समान भाव….
दोनों नही सदा रहने वाले दोनों से ऊपर उठना व्यक्ति का हो स्वभाव ।
हर जगह मस्तिष्क द्वारा चालित कार्यक्रम चल रहे ….
चालाक व्यक्ति वहाँ अपना राज हमेशा रहेगा सोच के चला रहे ।

जो कुछ हो रहा वो मस्तिष्क के द्वारा उत्पन्न उसकी छाया….
सब ओर धुँआ धुँआ हे सब इस प्रकृति की शक्ति उसकी माया ।

जीवन के कठिनाइयों में, मस्तिष्क की छाप,
उत्पन्न करती है मस्तिष्क से रचित ये कविता।

सब कुछ जो हो रहा है, उसकी बुनियाद है मस्तिष्क,
जहां सभी विचार आकर एकत्र होते हैं समाई।

चाहे चुनौतियों का सामना हो, या विपरीत परिस्थिति,
सकारात्मक भाव से भरा होता है मस्तिष्क का आकार।

मस्तिष्क की शक्ति से ही होता है सब कुछ बदला,
विचारों की ऊर्जा द्वारा जीवन को मिलती उम्मीद।

जब आत्मविश्वास से भरा होता है मस्तिष्क का विश्वास,
तो हर कठिनाई को हम पार कर पाते हैं आसानी से।

मस्तिष्क की परछाई से ही प्रेरित होती है ये कविता,
जीवन को बदलने की शक्ति देती है ये अद्भुत विचार।

इसलिए, जब भी आपको लगे कि हर बात हार गई है,
याद रखें मस्तिष्क की शक्ति है हमारी आधारभूत ताकत।

कल किसने देखा

कल किसने देखा है ओर कौन ही देख पाएगा, कल की काहे को फिकर करता है ऐ बंदे आज में जी ओर मौज में रह बस यही जीवन का असली अर्थ है।

कल किसने देखा …..
कल मतलब पानी पे रेखा ।
कल कल ध्वनि से जल बहता जाए…
समय रहा हे बीत यह जता जाए ।

कल विश्व का सबसे बढ़ा झूठ….
कल कल करके आज को लेता लूट ।
मज़ा या सजा जो भी हे वो वर्तमान….
सजा मज़ा में कर दे परिवर्तित फिर तू वैज्ञानिक महान ।

न खोना आज अभी ….
यही सत्य जो बीत रहा अभी ।

कल किसने देखा,
कल मतलब पानी पे रेखा।
कल कल ध्वनि से जल बहता जाए।
समय रहा हे बीत, यह जता जाए।

प्रशान्त वायु लहराती है,
धूप में रंगी हुई चादर।
विचारों की उड़ान भरे,
हर दिन की चादर।

आँखों में चमक, ख्वाबों की नैया,
जीवन की धरा पर बहती जाए।
कल की चिंगारी आज बुझ गई,
नई सोचों से सजती जाए।

हर कल के पीछे एक सवेरा,
नयी उमंगों की आहट।
यहाँ रुकना नहीं, चलते जाना है,
जीवन की मधुशाला में बहती जाए।

चाहत के सागर में डूबते जाएं,
सपनों की परवाज उड़ाते जाएं।
कल की छांव में आज को भी जिन्दा करें,
हर दिन को यूँ ही बिताते जाएं।

कल किसने देखा,
मन से बहुत सोचा।
पानी पे रेखा बनी,
खुशियों की बहार जगाई।

मुस्कान छा गई चेहरे पर,
प्यार भरी बातें कह गई।
पानी की रेखा ने बताया,
मन की ख्वाहिश कैसे बनाई।

दिलों में उमंग भरी हुई,
खुशियों की लहर लहराई।
पानी पे रेखा ने बताया,
ख्वाबों को कैसे पार कराई।

कल की रेखा ने सिखाया,
जीने का अद्भुत तरीका।
आँखों में चमक जगाई,
खुशियों की नई प्रतीका।

कल को देखा और समझा,
जीवन की महक और मज़ा।
पानी पे रेखा ने सिखाया,
हर दिन को बनाए अनमोल तजा।

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सम्पूर्ण विश्वास

विश्वास केसे होता सम्पूर्ण विश्वास…
जब मन वचन कर्म करते हार्दिक प्रयास ।

फिर चमत्कार एक मामूली घटना….
जो दूसरो के लिए मुश्किल सपना ।

विश्वास में चाहिए हृदय का समर्पण….
करता कोई ओर आप मात्र एक दर्पण ।

हृदय भूमि मे रोपे विश्वास का वृक्ष….
समर्पण से उसे सींचे हो इतने दक्ष॥

विश्वास क्या है, वह ज्ञान का आधार है,
जब मन, वचन, कर्म सभी हों सत्य और विश्वासपूर्ण तू,
तभी सम्पूर्ण विश्वास बढ़ता है मन में तेरे,
विश्वास की आग से जलता है जीवन का प्रश्न-मंदिर।

जब मन स्वाधीन हो, मन की ओर विचार राख,
वचनों में सत्यता का आभास बना ले तू।
कर्मों का निर्माण कर एकाग्रता से,
तभी विश्वास बढ़ेगा, तू अपने मन का द्वार।

हार्दिक प्रयास कर, सत्यता का पालन कर,
विश्वास की आड़ में जीवन को समर्पित कर।
जब प्रेम से भरी आंखों से देखेगा तू विश्व को,
विश्वास की शक्ति तभी बहेगी तेरे हृदय से बाहर।

विश्वास का आधार है सत्य के संग,
विश्वास का वृक्ष है प्रेम और समर्पण का रंग।
विश्वास का उपहार है आत्मविश्वास और धैर्य,
विश्वास की प्रेरणा है नैतिकता और ईमानदारी।

तो, चल मन, वचन, कर्म से बना विश्वास का मंदिर,
सम्पूर्ण विश्वास को जीवन में बसा ले तू।
जब मन वचन कर्म हों सत्य और विश्वासपूर्ण,
तभी तू अपने अंतर्मन का साथी बना ले गगन के पार।

बुरी स्थिति में संभले

बुरी स्थिति में संभले वही श्रेष्ठ…
समय अनुसार निर्णय क्षमता सर्वश्रेष्ठ ।

बुरे समय मे जो साथ दे वही परम मित्र….
बाक़ी दिख जाता किसका केसा चरित्र ।

किसी के बुरे समय पे ज़रूर दे साथ …
ओर कुछ नही ये ही सच्चा परमार्थ ॥

आवश्यकता किसी को कभी भी पड सकती…
दिख जाती मुसीबत में किसकी केसी हस्ती ॥

जब जीवन की लहरें बदल देती हैं दिशा,
और आगे के मोड़ पर लगता हो अँधेरा।

तब उठती है वही आत्मविश्वास की ध्वजा,
जिसका साथ देता है शक्ति और आशा।

बुराइयों से संघर्ष करते वही व्यक्ति,
मजबूती से खड़ा होता है हर अवस्था में।

उन्नति का मार्ग निर्णय करता है निपुणता,
जीवन के गहराईयों में चमकता है वह व्यक्तित्व का मंडन।

जब तूफानों की आँधी उठाती है धरती,
तो उसका सामना करता है वही निर्णयशील व्यक्ति।

क्योंकि बुरी स्थिति में होता है असली चरित्र का परिक्षण,
समय के साथ दिखता है उसकी सामर्थ्य की पहचान।

तो ना हारे हाथ उठाएं, ना हिम्मत हारें,
जीवन के दुःखों से उभरे वही दीर्घजीवी व्यक्ति।

बुरी स्थिति में संभले वही श्रेष्ठ,
समय अनुसार निर्णय क्षमता सर्वश्रेष्ठ।

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जीवन का रेगिस्तान

तकलीफ़े मुसीबतें जीवन का रेगिस्तान
आमना सामना पार पाना कला महान ।
कलाकार जिसके पास सुंदर विचार ….
अपने विचारो को ही देता रहता आकार ।

जो कुछ चल रहा भीतर उसे कर्म से उतारे …
कर्म शक्ति से धरती पे उतर सकते तारे ।
जितना हो सके जीवन को स्वीकारे….
तकलीफ़ों से स्वय को दूसरो को उबारे ।

विचार शक्ति का कर्म शक्ति से समन्वय ….
सही जीवन की दिशा का उचित होगा व्यय ।
अब प्रश्न वो शक्ति होवे सकारात्मक…..
नहीं तो बहुत नुक़सानदायक विध्वंसक ।

सकारात्मकता की सदा ही विजय…..
सच्चा पथ न उपजे लेश मात्र भी संशय ।
सत्य की विजय ही जीवन का आधार ….
फैलाए खेती करे विस्तृत करे यह विचार ।

अपने विचारों को ही देता रहता आकार,
शब्दों के साथ जगमगाता नये आकार।

मन की गहराई से उठते हैं ये धुन,
विचारों की धारा बनकर बहती हर सुन।

जैसे सागर में लहरें उठती बदलती हैं,
वैसे ही विचार बदलते रहते हैं बैर।

चिंताओं के बादल घने छाती बना लेते हैं,
फिर विचारों की बूँदें बरसा देते हैं।

कोई गीत गाते हैं, कोई कविता लिखते हैं,
विचारों के भंवर में खुद को खो देते हैं।

हर एक अक्षर बयां करता है एक कहानी,
विचारों की उड़ान को देता है पहचानी।

सोचों के आकार में दुनिया बदलती है,
विचारों की लहरों में जीवन समाया जाता है।

इसलिए रहता रहे आपका विचार बहुमूल्य,
ये ही आपकी पहचान, ये ही आपकी कृति।

इन सदृश पन्नों पर

मन के इन सदृश पन्नों पर

मैं कुछ लिखना चाहू

मन भीतर की कल्पनाओ से

इस जीवन को जैसा चाहू वैसा मैं बनाऊ

इस मन को

इस मन को

जीवन की

उधेड़ बुन में

मैं ना उलझाऊ – मैं ना उलझाउ

मन अलग अलग राहों में उलझे

कैसे मैं इसको सुलझाऊ

मन भीतर

मन भीतर

मन भीतर करे राग द्वेष

तन बैरी हो जाए

इच्छाओ का लगाके मेला

इस तन को खूब नाच नचाए

जगत के इन दृश्यों में

यह मन अटक बार बार जाए

जगत जाल में यह तन फँसता जाए

अरे मेरा तन बैरी हो जाए

यह तन बैरी हो जाए

मन के इन सदृश पन्नों पर, मैं कुछ लिखना चाहू

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