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अलग होना अच्छा

अलग होना अच्छा है
होना बस सच्चा है ।
सच्चे का हो बोलबाला….
सच बनेगा तेरा रखवाला।

ठंड रख ठंड
बस रहना हर स्थिति में सच्चा  है ।
ख़ुद को ही देना है जवाब…
सच्चे होंगे तो जवाब दे पायेंगे जनाब ।

सच्चे का हो बोलबाला,
सच बनेगा तेरा रखवाला।

जब तू अपनी राह पर चलेगा,
दुनिया तेरी खिड़की खोलेगी।
सबकी नज़रों में तू अद्भुत होगा,
जीवन की राहों में रौशनी लाओगा।

अलगी दुनिया में अपनी पहचान बनाओ,
सच्चाई की लाली सबको दिखलाओ।
हार न मानो, आगे बढ़ो,
जीवन के हर मोड़ पर खुद को निखारो।

ना डरो, ना हिचकिचाओ,
अपने सपनों को पुकारो।
सच की राह पर चलो तुम,
खुद को खो दो, जग को पाओ तुम।

सच्चाई की उचाईयों पर चढ़ो,
धैर्य और संघर्ष से महकदार बनो।
सच्चे दिल से जीवन जियो,
अलग होकर खुद को परखो और खुश रहो।

सच बनेगा तेरा रखवाला,
सच्चाई की विजय बनाओ आपका काम।
अलग होना अच्छा है,
सच्चाई की जीत बनाओ आपका नाम।

विनम्रता ही सम्पदा

विनम्रता ही सम्पदा
हृदय नहीं किसी का दुखा ।
बोझल चेहरे को हंसा….
देगा वो तुझको  दुआ ।

विनम्रता का सदा बड़ा रहे क़द….
जैसे सौदा अच्छा लगता नक़द ।
बोझिल चेहरे को तू दे हंसा….
ये सब बिन पैसे की मुफ़्त दवा ।

विनम्रता ही सम्पदा है,
हृदय नहीं किसी का दुखा।
बोझल चेहरे को हंसा,
देगा वो तुझको दुआ।

जीवन की धूप और छाँव में,
चलता रहे तू अचम्भा।
खुशियों की बौछार बरसाए,
बना दे तुझे आदर्श संभा।

दूसरों की दुःखों में तू,
सहानुभूति का आयाम हो।
दया और करुणा की झरोखों से,
छाती चौड़ी कर जयाम हो।

समय के अवसर पर तू,
सदैव विनयपूर्ण रह।
अपनी महानता छिपाए नहीं,
बल्कि हमेशा प्रकट कर दें वह।

संगठन और समाज में,
तू नेतृत्व का मार्गदर्शक हो।
विनय की आड़ में सबको ले,
भाईचारे का नूतन प्रस्ताव हो।

विनम्रता ही संपदा है,
हृदय नहीं किसी का दुखा।
बोझल चेहरे को हंसा,
देगा वो तुझको दुआ।

विनम्रता से जीने का,
सबसे बड़ा आदर्श हो।
इंसानियत की महिमा चलाए,
खुशहाली का रास्ता सादर हो।

चाहे जितनी चमक हो तेरे पास,
विनम्रता की किरण चमकती रहे।
इस संसार में तू राहत दे,
विनम्रता से जीने वाले हरें।



भविष्य निर्माण

भविष्य निर्माण हो जाते चौतीस पैंतीस ….
खाना पीना अब नहीं रह गया ख़ालिस ।

तीस पैंतीस में थोड़ी जीवन आई स्थिरता..
इस उम्र में आनंद और खाने पीने में रमता।

फिर पचास पचपन में गाड़ी चलती पीछे ..
शारीरिक बौद्धिक सब क्षमता होती नीचे ।

इस आयु में भिन्न प्रकार की बीमारियाँ लेती घेर ….
ब्लड प्रेशर शुग़र कलेस्ट्रॉल अन्य बीमारियों होता शरीर ढेर ।

स्मृति चुस्ती फुर्ती भी होती कम…
बाजुओं शरीर का कम होता दम ।

अब आता याद पास है धन विद्या कला…
नहीं किया परोपकार सेवा और भला ।

यदि कोई इस स्थिति से रहे हो गुजर…
परोपकार कर्म से जीवन जाएगा संवर ।

निःसंचोक बचे समय का करे सदुपयोग..
ये प्रयोग आवश्यक सबसे बड़ा यह योग।

जो किया है प्रकृति समाज से अर्जित….
गुणों ज्ञान धन जो कर सकते अर्पित ।

आज जो तेरा कल किसी और का नियम से कार्य नहीं दे स्वय को धोखा, फिर कैसे हो भविष्य निर्माण

विनम्रता में भी नंबर

विनम्रता में भी नंबर चाहिए दस में से दस…..
तभी सोल्व होगा सही जीवन का पर्पस ।
क़द ख़ुद का नहीं हो विनम्रता का बड़ा…
है मुश्किल, जीतता वही लड़ाई जो लड़ा ।

मैं नहीं विनम्र काईयो की नज़र में….
वो सही है जानते मुझे जीवन के सफ़र में।
क़द सत्य का भी जीवन मी चाहिए बड़ा ..
सत्य कटु , सामने नहीं होता झूठ खड़ा ।

विनम्रता में भी नंबर चाहिए दस में से दस,
तभी सोल्व होगा सही जीवन का पर्पस।

क़द ख़ुद का नहीं हो विनम्रता का बड़ा,
है मुश्किल, जीतता वही लड़ाई जो लड़ा।

विनम्रता से भरी हर बात, हर काम,
प्रभुत्व को देती जीवन को नई शान।

समय के साथ बदले भाव, रहे सदा सुरमई,
विनम्रता बनी रहे हमारी शक्ति की काई।

गर्व से नहीं, बल्कि सहजता से जियें,
दूसरों की सम्मान को हम जगाएं।

जब तक विनम्रता बनी रहे विचारों की नीव,
हम बनेंगे सच्चे मानवता के प्रवीण।

इसलिए आओ मिलकर चलें विनम्रता की राह,
सृजन करें एक जीवन नया, सदा सुखी और सहज।


चलते चलो

चलते चलो रास्ता मिलेगा
एक किवाड़ बंद हुआ दूसरा या तीसरा किवाड़ खुला मिलेगा ।
कोशिश करने वाले की हार नहीं होती….
की गई कोशिशें कभी नहीं वो व्यर्थ की पनौती।

दूसरे के किवाडो को सदा खटखटातै रहे….
यही है जीवन ,सदा मुस्कुराते और खिलखिलाते रहे।

चलते चलो रास्ता मिलेगा,
एक किवाड़ बंद हुआ दूसरा खुला मिलेगा।
जीवन की यात्रा में, तोहमतें होंगी बहुत,
लेकिन हिम्मत रखो, दिल से चलते रहो तुम।

कोशिश करने वाले की हार नहीं होती,
जीवन के पथ पर विघ्न हों या मुश्किलें बहुती।
तूफानों को भी रोक नहीं सकता है कोई,
जब तक जीने की चाहत हो, तब तक जीना होगा।

की गई कोशिशें कभी नहीं वो व्यर्थ की पनौती,
हर एक प्रयास लाये गा साथ में सौभाग्य की लूटी।
हार मानने से पहले एक बार फिर सोच लो,
नया सवेरा होगा, नया संघर्ष होगा।

चलते चलो रास्ता मिलेगा,
खुले दिल से यात्रा करो, जीना सीखो तुम।
कोशिश करो, खुदा तुम्हारे साथ है,
जीवन की मुश्किलों को तुम हर बार जीतोगे।

यह भी पढे: भलाई, छोटी कविता, ना करे चिंता, दयालु, अपने पे रखे नजर, लिखता हूँ,

समाज में अधिकता

सामान्य दृष्टि को जो दिखता है,
समाज में अधिकता से वही बिकता है।

कागजों पर शब्द बिखेरने से क्या होगा,
जब विचारों को अनदेखा कर चला जाएगा।

व्यक्ति की क्षमताओं का क्या महत्व है,
जब उसकी जन्मभूमि हो इंद्रधनुष का रंगबिरंगा दाग है।

समाज ने तथाकथित मान्यताओं को बना लिया धर्म,
जहां प्रेम और सद्भावना को हुआ है अपमान।

प्रतिभा की नगरी में निर्माण सब करते हैं,
लेकिन नाम और शोहरत उन्हीं के होते हैं।

गरीबी के अश्रु और धन के प्याले,
समाज के अस्तित्व को करते हैं खाली।

जब आदर्श बन गए हैं न्याय के मंदिर,
क्या आशा रखें अच्छाई के विचारों की?

सामान्य दृष्टि को जो दिखता है,
समाज में अधिकता से वही बिकता है।

सोचो, समझो, करो विचार नये,
समाज को बदलो, देश को बदलो, जग को बदलो।

जब एक हो जाएंगे सब एक सोच और भावना में,
तब होगा समाज में समता का उदय और विकास।

यह भी पढे: सामान्य दृष्टि, बाह्य दृष्टि, अपनी दृष्टि, अपनी शक्ति, अपनी मेहनत,

सामान्य दृष्टि

सामान्य दृष्टि को जो दिखता है…..
समाज में अधिकता से वही बिकता है ।
बाहय दृष्टि के यंत्र मिले दो नेत्र….
सहायक सुंदर सटीक इनका क्षेत्र।

जानवरों मनुष्यों में समानता से दो नेत्र..
दृष्टि से दृष्टिकोण समृद्धि का रणक्षेत्र ।

सामान्य दृष्टि को जो दिखता है…..
समाज में अधिकता से वही बिकता है ।

अक्सर दृष्टि वाले व्यक्ति दृष्टिवहीन….
विकसित नहीं दृष्टिकोण भावना हीन ।

स्वागत विविधता से रचे हो दृष्टिकोण….
दृष्टिवहीन लालच अधीन उनका कोण ।

भिन्न भिन्न दृष्टिकोणों का स्वागत….
सच्चाइयों से करते वो सामना अवगत  ।

अक्सर अपने दृष्टिकोण को मानते सही..
सत्य नहीं इतना सस्ता यह पहचाने नहीं ।

दृष्टिकोण को करते रहे निरंतर सुमृद्ध….
दूसरे दृष्टिकोण को समझने की हो ज़िद।

मेरी दृष्टि से में उकेरता छह….
सामने की दृष्टि से वही दिखता नौ
बात समझे ।

काहे मोक्ष ध्यान दे स्मृद्ध हो दृष्टिकोण…
स्वय उन्नति हो गाएगी जब होंगे बेहतर ।

यह भी पढे: बाह्य दृष्टि, दृष्टि, मौन का अवलोकन, लफ्जों में बयां, कुछ बात ऐसी,



वर्तमान निपट खरा

वर्तमान निपट खरा सच्चा बदलाव का द्यौतक…….
वर्तमान में अपनी सोच के लगाओ शतक पे शतक ।
बदलाव =वर्तमान सच,  वो ऑपरेशन थियेटर….
नया जन्मता वर्तमान में लगा नया बनाने का जनरेटर।

जब सोच पर राज करे व्यापक विचारों का महासागर,
तब होता है बदलाव का एक नया जन्मांतर।
विचारों के जनरेटर से उठती है नई ऊर्जा की धारा,
जो वर्तमान को बनाती है नया अध्याय करारा।

बदलाव की प्रेरणा वर्तमान में बसती है,
जिसमें समाज के नवीन संकल्प व्यक्त होते हैं।
सोच के परिवर्तन से होता है समाज का उत्थान,
नए आदर्शों के समृद्ध द्वार खुलते हैं।

अपनी सोच को जगाओ, वर्तमान में लगाओ शतक पे शतक,
क्योंकि बदलाव का जन्म तो सोच में ही होता है नया।
नया जन्मता वर्तमान में लगा नया बनाने का जनरेटर,
जिससे समय के साथ सच्चे और उज्ज्वल भविष्य का खेल चला।

वर्तमान निपट खरा सच्चा बदलाव का द्यौतक,
जीवन के नए विचारों का प्रेरक।
बदलाव वर्तमान में सच की ऑपरेशन थिएटर,
जहां नया जन्मता होता है नये सपनों का प्रेम परिवर्तन।


हर व्यक्ति विशेष

हर व्यक्ति विशेष
अलग उसका ज्ञान और परवेश ।
मानव सेवा ही पूजा….
सब हौवे योग्य हो मंसूबा ।

सच्चा बल ही हर सकता पीड़ा….
मन हो बलवान उठा सके यह बीड़ा ।
मानव सेवा एक पूजा…..
इससे बड़ा नहीं कोई कार्य दूजा ।

मानव जानता मानव की व्यथा….
अच्छा करना उसकी शुभ संपदा।
मानव सेवा ही पूजा….
करके अपनी प्यास बुझा ।

हर व्यक्ति विशेष होता है,
अलग-अलग उसका ज्ञान और परवेश।
कोई बनता है नेता, कोई करता है कला,
कोई विज्ञान में होता है निपुण, कोई लेखन में महारथी होता है।

मानव सेवा है सबसे महत्वपूर्ण,
इसमें है समस्त धर्मों का सम्मान।
हर व्यक्ति की यही पूजा होनी चाहिए,
जीवन का अर्थ इसी में छिपा होनी चाहिए।

जो व्यक्ति मानव सेवा में लग जाता है,
उसे दुनिया सलाम करती है।
वह बनता है राष्ट्र का गौरव,
उज्ज्वल भविष्य का निर्माता होता है।

हर कोई हौवे योग्य मंसूबा,
अपने कर्मों से जगाए आदर्श।
सेवा करें दुखियों की, दें शिक्षा ज्ञान की,
जहां भी जाएं, वहां रचें नये इतिहास।

हर व्यक्ति का यही धर्म होना चाहिए,
सबको सम्मान और प्रेम देना चाहिए।
एक-दूसरे के साथ विनम्रता से रहना चाहिए,
तभी बनेगा यह संसार अद्वितीय।

मुस्कुराहट छुआ छूत

जरा देखिए दिखे कोई चेहरा जो नहीं रहा हो मुस्कुरा….
दीजिए उसको मुस्कुराहट उसका भी चेहरा खिले ये ख़ुशी का इशारा ।
मुस्कुराहट छुआ छूत की बीमारी…..
इच्छा ये लगे सबको, है इतनी प्यारी ।

जरा मुस्कराइए….
ख़ुशी के महामार्ग पे चढ़ जाइए ।
जीवन के प्रति कृतघ्न भाव अपनाइए….
जीवन भी पूरी क्षमता से ख़ुद को लुटाइए।

जगमगाते रंगों के बीच एक चेहरा है,
जो नहीं रहा हो मुस्कुरा।
उसकी आँखों में छुपी दर्द की बूंदें,
जीवन की गहराईयों में घिरा।

पर उसे चाहिए था एक मुस्कान का इशारा,
जिससे उसका भी चेहरा खिले।
वो खुशी का संकेत जो भर दे उसके दिल को,
और हर गम को दूर कर दे मिटाए।

मुस्कुराहट छुआ छूत की बीमारी है,
जो देती है दिल को आराम।
वो बतलाती है कि जीने का असली मजा,
खुशियों को बांटने में है समाया।

जब चेहरे पर लगी मुस्कान की छांव हो,
दिल की धड़कनें भी जगमगाए।
हर दर्द को दूर कर दे वो प्यारी मुस्कान,
और खुशियों से सजाए।

तो जरा देखिए, दिखेगा वह चेहरा है,
जो नहीं रहा हो मुस्कुरा।
उसे दीजिए वो मुस्कुराहट का तोहफा,
जिससे उसका जीवन बन जाए सुहाना।