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भविष्य के निर्माता

आप ही हो अपने भविष्य के निर्माता है इसलिए इसे समझे
बहुत सारे सवाल है जो प्रश्न मेरे मस्तिस्क में आते है,  किस से पूछे हम अपने इन सवाल को ? कौन बताएगा इन सवालो के जवाब ? यह ऐसे सवाल है जिनका उत्तर सिर्फ हम स्वयं ही जान सकते है और कोई आपको नहीं बता सकता।

क्या मेरा कोई अंतिम स्थान है?
क्या है मेरी मंजिल ?
मुझे किस ओर जाना है?
मुझे किस मंजिल की तलाश है?
मैं कहाँ से आया हूँ?
और कहाँ जा रहा हूँ ?
मैं अपनी मंजिल तक कैसे पहुँचूँ?
कैसे पहुँचूँगा?
क्या है मेरी मंजिल का साधन ?

मेरे विचार और मेरी खोज किस तरह से मेरी मंजिल तक पहुचने में मेरी मदद कर रही है?
   
बहुत सारे प्रश्नो का अम्बार हमारे इस मस्तिस्क में लगता जा रहा है।

ऐसा लगता है की हमारे पूछे ही सवालो का जवाब नहीं होता हमारे पास
मै बड़ा बेबस सा महसूस करता हूँ जब नहीं मिलता कोई जवाब लेकिन रुकता नहीं थकता नहीं हूँ आगे निकल चलता हूँ क्युकी मुझे ऐसा लगता है एक समय आता है जब सभी सवालों का जवाब सामने आता है जो पूछ रहा हूं आज उन सभी प्रश्नों का समधन कभी तो मिलेगा इसलिए आज सिर्फ मै सवाल पूछ रहा हूं।

क्या आप अपने बारे में जानने की इच्छा नही रखते ? क्या नहीं जानना चाहते इस जीवन के बारे में ?
क्यों आप अपनी मंजिल का रास्ता नहीं खोज रहे?
या आप इस रास्ते पर जाना नहीं चाहते ?
मंजिल आपको चुन रही है सही रास्ते
और सही दिशा के लिए

हम कैसे अपनी मंजिल की और पहुच रहे है? कौन सा रास्ता हमने चुन लिया है इस जीवन के लिए ?
क्या मंजिल तक पहुचना आसान है,
क्या मंजिल पास में ही है या बहुत दूर है ?
हम सभी को अपने जीवन के लक्ष्य की दिशा को निर्धारित करनी चाहिए  और आप पाओगे की आप सही मंजिल की ओर जा रहे है।

इस सफ़र का कोई अंत नहीं यह तो अनंत की यात्रा है यह सफ़र है स्वयं को जानने का, जीवन के कार्यो को समझने और उन्ह कार्यो को पूरा करने का , स्वयं का अनुभव पाने का स्वयं का अर्थ जानने का , स्वयं को महतवपूर्ण बनाने का , स्वयं से स्वयं की मंजिल तक पहुचने का
इस छोटे से जीवन में बहुत सारी घटनाओ का समावेश है। आपको अपने जीवनरूपी अर्थ को समझने का, बनाने का पहचानने के लिए यह घटनाये हमारे जीवन को महत्वपूर्ण बनाती है। और और अर्थपूर्ण बनाती है। हमे स्वयं में होने का एहसास दिलाती है। यह सभी घटनाये हमारे जीवन की विकासशील परिकिर्यायो से विकसित होने तक सहायता करती है।

यह सभी घटनाये हमारे जीवन में गति प्रदान करती है तथा हमे मृत्यु का भी बोध कराती है।
हम अपने जीवन बिंदु को किस प्रकार से जान सकते है, समझ सकते है? पहचान सकते है?
किस तरह से हम अपनी मंजिल की और बढ़ रहे है ? ऐसे कौनसे सहायक तत्व है जो हमारे जीवन में हमारी मदद करते है आगे बढ़ने के लिए एक सही दिशा की अवसर होने के लिए उन दिशा निर्देशों को हमें भली प्रकार से समझना चाहिए।

हम ही हमारे भविष्य के निर्माता है।

एक अजीब उलझन है

यह उलझन खत्म होने का नाम नहीं लेती बस बढ़ती ही रहती है एक उलझन खत्म होती है तो दूसरी उलझन का तार जुड़ जाता है मानो जिंदगी उलझाने के लिए ही बनी है, इसी तरह से चल रही है मेरी जिंदगी भी जिसमे एक अजीब सी उलझन है, उसी पर मैंने एक कविता लिखी है।

एक अजीब उलझन में फंसा है इंसान
क्या वो अनजान , लापता है ?
क्या उसे अपने दर्द का भी पता है ?

कुछ बात दबी सी कुछ बात उभरी है
दिल में बेचैनी है कुछ बेसब्री है
कुछ इम्तिहान बाकी है

और कुछ देकर आए है
बस बीते हुए दिनों में
कुछ खुशी और कुछ गम छिपाए है

उन्हें क्या पता ?
कि हम किस दर्द से गुजर कर

फिर दुबारा उस प्यार में पड़ने आए है
जिसमे हमने ना जाने कितने पहले ही दर्द सहकर आए है।
#Rohitshabd

एक अजीब उलझन में फंस गया इंसान है , जीसे न दर्द का पता न आराम का
uljhan