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आलस

जब बहुत सारा आलस भर जाता है, इस आलस की वजह से लिखने का मन नहीं करता, तब आपको ज्यादातर समय सिर्फ सोने ओर लेटने का ही मन करता है। खुद को व्यस्त रखना बहुत जरूरी है यदि आलसी नहीं बनना तो, स्वयं को किसी ना किसी कार्य में व्यस्त रखना बहुत जरूरी है जिससे हमारा शरीर आलसी ना बने।

शरीर इतना आलसी होता है, खुद से कुछ काम करने को मन नहीं करता एसा लगता है, कोई हमारे लिए काम करदे, अक्सर हम यही चाहते है।

ये आलस ही है, जो हमे बार बार काम को टालने की आदत से भर देता है। जो हमे हमारे लक्ष्य से दूर करता है।

आलस को कैसे दूर करे? आलस को दूर करने के लिए कुछ तरीकों को अपनाये।  

हमे व्यायाम करना चाहिए, हर आधे घंटे बाद अपने शरीर को स्ट्रेच करना चाहिए, हमे अपने दिमाग की एक्सर्साइज़ करनी चाहिए।

किसी भी कार्य की शुरुआत करना जरूरी है जिससे आलसीपन खत्म हो।

आलस की वजह से कम्फर्ट ज़ोन में चले जाते है, ओर बार बार कार्य को टालते जाते है।

आलसी होने की आदत को बदलिए।

में नींद भी बहुत आती है, हाथ ओर पैर जाम से लगते है शरीर को हिलाने तक मन नहीं करता ये शरीर इतना आलसी हो जाता है।

ज्यादा से ज्यादा किताबे पढे जिससे आपका दिमाग लगातार अच्छा सोचे ओर शरीर बेहतर करे।

शरीर चुस्त रहना चाहिए, हर रोज व्यायाम करना चाहिए जिसकी वजह से हमारा शरीर खुलता है ओर आलसीपन दूर होता है।

खाली दिमाग

कहते है खाली दिमाग शैतान का घर होता है इसलिए इस दिमाग सही जगह व्यस्त रखना जरूरी होता है।

खाली दिमाग को समझने और जानने को कोशिश की दिमाग जब खाली होता है तो क्या क्या कार्य करने लग जाता है और दिमाग व्यस्त रहने के कौन कौनसे उपाय ढूढता है।

खाली दिमाग क्या है?
क्यों होता है खाली दिमाग ? जब कोई काम न करने को हमारे पास तो दिमाग को लगता है कि वह खाली है , दिमाग व्यस्त रहना चाहता है किसी न किसी कार्य में और शरीर को भी व्यस्त रखना चाहता है।

मस्तिष्क क्यों खाली है ? क्या कुछ करने को नही है?
आप क्या करना चाहते है या आप खाली नहीं बैठना चाहते जैसे ही आप खाली होते है आप बोर होना महसूस करते है आप को घर , ऑफिस काटने को दौड़ता है की कही चला जाऊ या कुछ करु , कुछ तो करु बस खाली न बैठू मैं

आपका दिमाग आपको शांत नही बैठने दे रहा ?
खाली खाली , सूना सूना लग रहा है ?

आप टीवी चलाकर गाने सुनने लगते है नही तो रिमोट का कान आपके हाथ में बस चैनल को इधर उधर बस  पलटने भर का आप काम करते हैं, नही कुछ मिला टीवी में देखने को तो मोबाइल उठाकर सोशल मीडिया पर ही कुछ करने लग जाते है , और कुछ नही तो अपने मोबाइल में फोन कॉन्टैक्ट कितने है कौन कौन है , जरूरी है या नही है ये कौन है कौन है बस यही सोचने लग जाते है आपका खाली बैठा दिमाग है इस समय बस फिर क्या आप कुछ भी करने लग जाते है।

यह दिमाग बिना काम के कार्यों में लग लग जाता है इसको लगता है की मैं बोर हो रहा हूं तो कही ना कही जुट जाता है और कुछ ना कुछ करने लग जाता है यदि इसका तार हम जोड़े तो वही खाली समय अब हमारी आदत में बदलने लग जाता है जो आदत कैसी भी हो सकती है।

यह दिमाग उत्पात बहुत मचाता है , कभी चैन से बैठता नही हर बैचेन नजर आता है बस कुछ ना कुछ करता हुआ ही नजर आता है , किसी उधेड़ बुन में खुद को यह दिमाग पता है।

अब तो अगले दो दिन है नही करने को तो समझो अपने अपने दिमाग को की क्या चाहता है आपका दिमाग।

दिमाग को खाली रहते देखना चाहते हो या फिर दिमाग को अपने विचारो से भर देना यह आप पर ही निर्भर करता है। आपको दिमाग है की आपका दिमाग खाली बैठा हुआ है या भरा।

आप अपने खाली समय में खाली दिमाग से क्या करवा रहा हो या वो आप से करवा रहा है
कभी फोन लिस्ट खोलकर नंबर चेक करोगे , तो कभी फालतू के व्हाट्सएप मैसेज नही तो वीडियो गेम ही खेलने लग जाते हो
और फिर करोगे भी तो क्या?
यह तो आपका दिमाग है इसको उत्पात मचाने की आदत है इसको सही जगह लगाओ वरना यह दिमाग खुद ही ना जाने कही लग जायेगा जो आपकी आदत में बन जायेगी और उन आदतों को बदलना मुश्किल होता है यह आप अच्छी तरह से जानते है।

समय को लाभ और बुद्धि का उपयोग हो ऐसा कुछ करना।

नमस्कार दोस्तो फिर मिलेंगे और कुछ नई बातो के साथ

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Best Part Of Life

best part of life is to love yourself just love yourself nothing else your life is very important for you and for others too

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