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LSG VS MI

आज का आईपीएल मैच LSG VS MI का लखनऊ के भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी एकाना क्रिकेट स्टेडियम में हुआ। यह मैच नंबर 16 है, आज के मैच में मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक पांड्या ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया।

LSG VS MI
LSG VS MI

लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 203/8 का स्कोर बनाया। मिचेल मार्श ने 60 गेंदों में 31 रन बनाकर टीम को मजबूत शुरुआत दी, जबकि आयुष बडोनी ने 19 गेंदों में 30 रन का योगदान दिया।

मुंबई इंडियंस (MI) के कप्तान हार्दिक पांड्या ने लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के खिलाफ बेहतरीन गेंदबाजी का प्रदर्शन किया, अपने टी20 करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 5 विकेट लिए। उन्होंने निकोलस पूरन, ऋषभ पंत, एडेन मार्कराम, डेविड मिलर और आकाश दीप के महत्वपूर्ण विकेट चटकाए।

अन्य गेंदबाजों में, ट्रेंट बोल्ट और शार्दुल ठाकुर ने भी योगदान दिया। बोल्ट ने 18वें ओवर में अब्दुल समद का विकेट लिया, जबकि ठाकुर ने रयान रिकेल्टन को आउट किया।

कुल मिलाकर, MI की गेंदबाजी प्रभावशाली रही, जिससे उन्होंने LSG को 203/8 के स्कोर पर रोकने में सफलता पाई।

मुंबई इंडियन की शुरुआत कुछ खास नहीं रही पहले 2 विकेट बहुत जल्दी खो दिए , लेकिन उसके बाद नमन और सूर्या ने मिलकार लंबी सांझेदारी निभाई, जिसकी बदोलत मुंबई इंडियन अपने लक्ष्य के पास पहुच पाई, लेकिन हासिल नहीं कर पाई, शायद मुंबई इंडियन ने एक और गलती की जो गलती यह थी की तिलक वर्मा को रिटायर्ड आउट किया गया और उनकी जगह पर डेनिएल वेटटोरी को लाया गया, जो कोई भी समझदारी वाली बात नहीं थी।

मुंबई इंडियंस (MI) की गेंदबाजी में कप्तान हार्दिक पांड्या ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए 5 विकेट लिए।

आज मुंबई इंडियन फिर एक बार हार गई लखनऊ सुपर जाइअन्ट ने यह मैच 12 ऋणों से जीत लिया।

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प्रेरणादायक विचार

यहाँ कुछ महान व्यक्तियों के प्रेरणादायक विचार दिए गए हैं, जो हमारी सोच को बदलने में मदद करते है और यदि हम इन अनमोल विचार को अपने जीवन में उतार लेते है तो निश्चित ही हमारा जीवन बदल जाता है।

महान व्यक्तियों के प्रेरणादायक विचार

  1. स्वामी विवेकानंद
    “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।”
  2. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
    “सपने वो नहीं होते जो आप नींद में देखते हैं, सपने वो होते हैं जो आपको सोने न दें।”
  3. महात्मा गांधी
    “आप जो बदलाव दुनिया में देखना चाहते हैं, पहले खुद में वह बदलाव लाइए।”
  4. अल्बर्ट आइंस्टीन
    “प्रतिभा का कोई विशेष उपहार नहीं होता, बस जुनून की हद तक जिज्ञासु बने रहना ही असली प्रतिभा है।”
  5. नेपोलियन हिल
    “जो मनुष्य जो सोच सकता है और विश्वास कर सकता है, वह उसे प्राप्त भी कर सकता है।”
  6. रवींद्रनाथ टैगोर
    “जो खुद पर विजय प्राप्त कर लेता है, वही सच्ची आज़ादी का हकदार होता है।”
  7. स्टीव जॉब्स
    “आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और की ज़िंदगी जीने में बर्बाद मत करो।”
  8. ब्रूस ली
    “ज्ञान देना पर्याप्त नहीं है, हमें उसे लागू भी करना चाहिए। इच्छाशक्ति होना पर्याप्त नहीं है, हमें उसे करना भी चाहिए।”
  9. थॉमस एडिसन
    “मैं असफल नहीं हुआ, मैंने बस 10,000 तरीके खोजे हैं जो काम नहीं करते।”
  10. विन्सेंट वैन गॉग
    “अगर आपके भीतर एक आवाज़ कहे कि आप पेंटिंग नहीं कर सकते, तो हर हाल में पेंटिंग करें और वह आवाज़ खुद-ब-खुद शांत हो जाएगी।”

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क्या लिखू मैं

क्या लिखू मैं तेरी तारीफ में,
हर लफ्ज़ भी तुझसे हारा है।
तेरी हंसी में चाँदनी बसती,
तेरी आँखों में सारा नज़ारा है।

फूलों की खुशबू तुझसे कम,
बादल भी तुझपे बरसें हैं।
तेरी जुल्फ़ों की छाँव तले,
हवाएँ भी धीरे-धीरे तरसें हैं।

सूरज की किरण भी मंद पड़े,
जब तेरा चेहरा दमकता है।
तेरे लबों की उस मासूम हँसी पे,
हर दिल पिघलकर बहकता है।

तेरी चाल में कशिश ऐसी,
कि लहरें भी संग चल पड़ें।
तेरी बातों में मिठास ऐसी,
कि हर मौसम रंग बदल पड़ें।

खुदा भी तुझसे कहे कभी,
“क्या तुझे मैंने खुद बनाया है?”
या मेरी कल्पना से चुरा लिया,
कोई सपना साकार कराया है?

अब क्या लिखू मैं तेरी तारीफ में,
लफ्ज़ भी तुझसे कम पड़ जाते हैं।
जो देख ले तुझे एक दफा,
वो तेरा दीवाना बन जाते हैं।

कैसी लगी ये कविता? चाहो तो इसमें कुछ और जोड़ सकते हैं! प्लीज आप कमेन्ट कर हमे भेजिए 💕

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सपनों को पूरा करे

धीरे धीरे उन सपनों को पूरा करे जिनको कही छोड़ दिया था, जिनको हम भूल गए थे, जिम्मेदारी के बोझ तले वो सपने जो पीछे रह गए, जिन सपनों को हमने कुचल दिया था, जिन सपनों को अब हम याद भी नहीं करते, जो समय के साथ साथ धुंधले हो गए थे, फिर से उनही सपनों को चिंगारी देते है और सुलगाते है आग भीतर की उन सपनों के लिए जो अधूरे रह गए थे।

उनही सपनों को फिर से पूरा करने की कोशिश हम करते है, उनही सपनों को फिर से हकीकत हम बनाते है।

हममे से बहुत सारे लोगों के ऐसे सपने होते है जिनको हम अपने घर की जिम्मेदारी के कारण पूरा ही नहीं कर पाते, या फिर हमारे सपने अधूरे रह जाते है, जिनके लिए हम कोशिश तो बहुत करते है, लेकिन उन्मे कुछ न कुछ कमी रह जाती है।

वो क्या कमी थी जिसकी वजह से वो सपने, वो ख्वाब हकीकत ही नहीं बन पाते है।

पैसों की कमी: बहुत सारे ऐसे सपने होते है जो पैसों की कमी के कारण हकीकत में नहीं बदल पाते।

अड़चने: बहुत सारी ऐसी अड़चने आती है जिंदगी में जिन्हे हम समझ ही नहीं पाते, जिनकी वजह से भी हमारे सपने अधूरे रह जाते है।

जिम्मेदारी: हमारे कंधों पर घर परिवार की जिम्मेदारी भी होती है, जिनकी वजह से भी हम अपने सपनों से दूर हो जाते है।

हम इसी उलझन में फंस जाते है और हमारे सपने कही पीछे और बहुत दूर छूट जाते है जिनको हम पूरा नहीं कर पाते, बल्कि उन सपनों के बारे में हम भूल भी जाते है जो सपने हमने अपने बहपन और जवानी के दिनों में देखे थे, जो हम पूरे नहीं कर पाए और शायद उन सपनों के लिए हमने फिर पलट कर भी नहीं देखा।

आओ फिर से उन सपनों को पूरा करे जिन्हे हमने पीछे छोड़ दिया है।

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Ham Sochte Hai

ham sochte hai kya hai aur kya ho jata hai, is baat ka hame bhi nahi pta chalta, sab kuch hamare chahne se bhi nahi milta aur bahut kuch bin chahe hi mil jata hai……….

hamare sochne aur karne mei bahut fark hota hai isliye bahut saare kaam adhure reh jaate hai, hamesha dimaag do taraf sochta hai aur alag chizo mei dimaag lgaata hai jiski wajah se bhi ham jo haasil karna chahte hai vo haasil nahi kar paate, kai baar hamara dimaag negative hota hai toh kai baar positive jab ham negative hote hai toh usme hamare emotion hamare control mei nahi hote un emotion ki wajah se bhi hamari bahut saari chize poori nahi ho paati

kabhi kabhi hame kuch , sirf thoda saa hi paane ke liye bahut mehnat karni padti hai aur kabhi kabhi chize bahut aasani se mil jaati hai, jo chize aasani se mil jaati hai unki kadr bhi nahi karte ham aur jo bahut mehnat ke baad milti hai uska ek alag hi maza hota hai, usko sambhal kar rakhne ka mann karta hai, usko khona nahi chahte ham, use ham zindagi bhar sambhal kar rakhne ki koshish karte hai, isiko fark kehte hai jo mehnat se milta hai aur jo bina mehnat kiye hi mil jaata hai.

bahut baar yahi hota hai hamare jivan mei ki ham karna toh bahut kuch chahte hai lekin kar nahi paate, kuch hamare vichar aur karya mei sahi taalmel nahi hota, jiski wajah se bhi ham apne karyo mei safal nahi ho paate,

Aesa kyu hota hai lekin: jab bhi ham kisi chiz ke baare mei sochte hai par vo chiz hame nahi milti aesaa kyo? kya us vastu par hamne sahi se dhyan kendrit nahi kiya? ya hamari iccha hi kamjor hai jiske kaaran ham jo chahte hai vo poora nahi ho paata

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होली कब है

होली कब है, कब है होली , कब – कब-कब, इस बार होली का त्योहार 2025, 14 मार्च को आ रहा है, हर साल की तरह इस साल भी होली का त्योहार बहुत रंगारंग होगा, यह गीले शिकवे भुलाने का दिन है, आपस में भाईचारा बढ़ाने का दिन है।

संग बैठ खुशिया मनाने का दिन है, पुरानी उन बातों को धो देने का दिन है जिनसे दिलों में दूरिया बढ़ गई थी, होली हम सभी के लिए नजदीकिया बढ़ाने का दिन है।

2025 में होली का त्योहार शुक्रवार के दिन आ रहा है, इससे पहले भी कई बार होली शुक्रवार के दिन आई होगी, लेकिन पहले कभी इतनी बहस नहीं हुई थी, यह मुस्लिम समाज के लिए जुम्मे का दिन है, जुम्मे के दिन मुस्लिम समाज ज्यादा संख्या में बाहर निकलता है नवाज अदा करने के लिए जिसकी वजह से सड़कों पर काफी भीड़ होती है, मुस्लिम समाज रंगों से परहेज करता है वह होली का त्योहार नहीं मनाते जिसकी वजह उन्हे कुछ आपत्ति होती है।

लेकिन हिन्दू धर्म में होली का त्योहार बहुत धूम धाम से मनाया जाता है, और रंगों से खेलने की प्रथा तो देवी देवतायो से चलती आ रही है।

यह कोई मुद्दा नहीं था जिसे मुद्दा बनाया जा रहा है, क्युकी पहले भी जुम्मे वाले दिन होली आई होगी लेकिन किसी को कोई आपत्ति नहीं आई फिर इस बार क्यू, क्या ये मीडिया कुछ शब्दों का ट्रेंड में, या सोशल मीडिया मेडिया पर ऐसे शब्दों को जबरदस्ती ट्रेंड में लाना ही है।

यदि आप होली के दिन किसी एरिया में देखेंगे तो मीट की बिक्री अधिक होती है ओर यह कारोबार ज्यादातर मुस्लिम लोग ही करते है, अब क्या वो होली वाले दिन मीट की दुकान बंद करंगे या अपने काम को करंगे, और एस बिल्कुल नहीं है की उनके ऊपर होली का रंग नहीं गिरता, यदि जुम्मे वाले दिन होली नहीं होती तब भी उनके ऊपर रंग ओर पानी दोनों ही गिरते जब वो लोग ऐतराज नहीं करते तो यह भड़काऊ लोग कौन है जो सोशल मीडिया में आकार हाल मचा रहे है।

कौन है ये लोग जो टीवी पर आकार गलत बयान दे रहे है, सभी को तकलीफ नहीं होती बस कुछ ही लोग है जिनको जिनको तकलीफ होती है और उनही लोगों की वजह से दरार पड़ जाती है, और दो धर्मों के बीच मतभेद पैदा होता है।

हम सभी साथ रहना चाहते है लेकिन कुछ असामाजिक तत्व ही है जो आपसी मतभेद पैदा कर रहे है।

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Sourav Ganguly

Sourav Ganguly: The Leader who Transformed Indian Cricket

Introduction:
Sourav Ganguly, fondly known as “Dada,” is a name that is etched in the annals of Indian cricket history. He is celebrated not only for his exceptional cricketing skills but also for his leadership qualities. In this blog, we delve into the life and legacy of Sourav Ganguly, who played a pivotal role in transforming Indian cricket and instilling a sense of belief and aggression in the team.

Early Life and Rise to Prominence:
Sourav Chandidas Ganguly was born on July 8, 1972, in Kolkata, West Bengal, India. Hailing from a family with a rich cricketing background, Ganguly’s passion for the sport was evident from a young age. He made his international debut for India in 1992, but it was his resurgence in the early 2000s that defined his career.

Leadership and Captaincy:
Ganguly’s tenure as the captain of the Indian cricket team from 2000 to 2005 marked a transformative phase in Indian cricket. He brought a much-needed change in the team’s mindset, instilling self-belief and a fighting spirit. Under Ganguly’s leadership, Team India achieved memorable victories on foreign soil and emerged as a formidable force in world cricket.

Building a Fearless Team:
One of Ganguly’s notable contributions was nurturing young talents and building a team that played with fearlessness and aggression. He played a pivotal role in the development of players like Virender Sehwag, Yuvraj Singh, Harbhajan Singh, and Zaheer Khan, who went on to become key pillars of the Indian team. Ganguly’s emphasis on giving opportunities to young players laid the foundation for India’s future success.

sourav ganguly
sourav ganguly

Overcoming Challenges:
Ganguly faced several challenges during his career, both on and off the field. Criticized for his batting technique and leadership style, he responded with determination and resilience. Ganguly’s comeback from setbacks showcased his mental strength and indomitable spirit, inspiring his teammates and fans alike.

Memorable Achievements:
Under Ganguly’s captaincy, India achieved remarkable milestones. The team reached the final of the 2003 ICC Cricket World Cup, where Ganguly led from the front with his batting performances. India also recorded historic Test series victories in Australia and England during his tenure, establishing themselves as a force to be reckoned with in all formats of the game.

Legacy and Contributions:
Ganguly’s impact on Indian cricket extends beyond his playing career. After retiring from international cricket, he took on administrative roles, serving as the President of the Board of Control for Cricket in India (BCCI). Ganguly played a vital role in shaping Indian cricket’s future, including the successful organization of the Indian Premier League (IPL).

Off the field, Ganguly’s charismatic personality and never-say-die attitude continue to inspire aspiring cricketers. He remains an influential figure in the cricketing fraternity, admired for his leadership skills, aggressive approach, and his role in changing the perception of Indian cricket on the global stage.

Conclusion:
Sourav Ganguly’s contribution to Indian cricket goes beyond his batting statistics. He was a leader who transformed the Indian team, instilling a winning mentality and fearlessness. Ganguly’s impact on the sport, both as a player and an administrator, is undeniable. His legacy as one of India’s most influential cricketers and leaders will continue to inspire generations to come. Sourav Ganguly will forever be remembered as the man who changed the face of Indian cricket and brought glory to the nation.

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सारी शिकायते

तुम्हारी सारी शिकायते सुनूंगा , तुम्हे सुलझा लूंगा , तुम्हे लिखना है मुझे, तुम्हे सुनाना है मुझे, एक खामोशी हटानी है तुम्हारे भीतर की जो तुम्हे फिर से नायब करे तुम्हे वक़्त दूंगा तुम्हारे हिस्से का

तुम्हारी सारी शिकायते सुनूंगा,
तुम्हें सुलझा लूंगा, तुम्हें सुनाऊंगा।
इक खामोशी हटानी है तुम्हारे भीतर की,
जो तुम्हें फिर से नायाब करे, तुम्हें वक्त दूंगा।

दर्द और गम के रास्ते तुम्हारे संग चलूंगा,
खुशियों की बहारें तुम्हें संग दिखलाऊंगा।
कागज़ पर तेरे इश्क़ की कहानी लिखूंगा,
हर एक अक्षर में तुम्हें अपना दिल सुनाऊंगा।

ज़ख्मों को तेरे दवा बनाकर लिखूंगा,
आँसूओं को मुस्कान में रंगाऊंगा।
तेरे अंदर छिपी ख़ामोशियों को जगाऊंगा,
तुझे वक्त के साथ फिर से पास लाऊंगा।

अपने शेरों में तुम्हें चाँद सितारे दूंगा,
ख्वाबों की मस्ती को तुम्हें सुनाऊंगा।
हर गम को तेरे दिल से उठा लूंगा,
मुसीबतों के साथ तुम्हें फिर से जीना सिखाऊंगा।

सारी शिकायते

तू लिखना ज़रूरी है मुझे, तू सुनाना ज़रूरी है मुझे,
एक नया अध्याय तेरी कहानी में लिखना है मुझे।
तेरी बातों को समझने का वक्त दूंगा मैं,
तेरे हर अल्फ़ाज़ को दिल के करीब लाऊंगा मैं।

यह भी पढे: मैं और तुम, इश्क की कहानी, लिखता हूँ, कुछ बात ऐसी, तनहाई का रास्ता,

पता नहीं मुझे

पता नहीं मुझे कैसे मेरी ओर तुम्हारी बाते हो जाती है, कुछ तो बात है हम दोनों के बीच जो कभी अधूरी रह जाती तो कभी पूरी हो जाती है, हम दोनों ना जाने किसलिए मिले, कौनसा था तार जो हम दोनों को जोड़ रखा था, कितनी दूरिया हो जाती है फिर एक मोड पर आकार हम मिल ही जाते है, फिर उनही बातों को सिरा बनाकर हम आगे की और बढ़ चल चले जाते है।

तुझसे मिलना और बाते करना मेरी आदत सा था जो अब भी छूटा नहीं लगता क्युकी करता हूँ तुझसे अब भी मैं बाते अपने ही ख्यालों में तेरे संग करता हूँ।

कुछ ऐसे ही बस तेरी यादों में डूब जाना चाहता हूँ, हर जगह से दूर हो जाना चाहता हूँ, कुछ ओर ना हो अब हम दोनों के बीच सिर्फ तेरे ही ख्यालों में अपने हर ख्याल को बिताना चाहता हूँ, खो जाना चाहता हूँ, तेरे ही सपने सजाकर तुम्हें अपनी आँखों में मुँदना चाहता हूँ।

क्या तुम भी मुझे अपनी यादों में रखना चाहती हो या फिर उन सभी यादों का भुलाना चाहती हो, जो सँजोई थी एक दूसरे के साथ रहकर उन यादों को कैसे तुम भुला दोगे, यह सोचकर भी मैं घबरा जाता है।

पता नहीं मुझे हम दोनों के बीच में कौनसा संबंध है, जो ना टूटता है ना जुड़ता है फिर भी हम दोनों का संबंध अटूट सा लगता है, उस अटूट से संबंध में हम दोनों को नहीं पता क्या नाम दिया उस संबंध ना कोई पता फिर भी होने को रिश्ता कहला रहा है।

कितनी भी दूर हम रहे लेकिन फिर भी जीवन में जब भी हम याद करते है एक दूसरे को तो मानो वो पल हिचकी से भर जा रहा है।

यह भी पढे: पता नहीं, बहुत सारा ख्याल, pta nahi mujhe, pta nahi main,

विज्ञापन

सहवाग कहने को तो स्कूल चलाते है, लेकिन विज्ञापन गुटखे का देते है, क्या वो यही बात अपने स्कूल में भी सिखाते है, क्या जो बच्चे उनके स्कूल में पढ़ते है उनको भी वो यही शिक्षा देते है, उनके स्कूल के बच्चे भी शायद गुटखा खाते होंगे, इसलिए बाकी जिन्ह लोगों ने अपने बच्चों का दाखिला नहीं करवाया है, तो वो लोग जरा सोच समझ कर कराए। इनके साथ साथ सुनील गावस्कर भी जो दूसरों को बहुत सलाह देते है। लेकिन खुद किसी भी सलाह पर काम नहीं करते ऐसे फालतू के लोगों को अपना रोल मॉडल नहीं बनाना चाहिए।

सौरव गांगुली जिन्हे हम सभी दादा कहते है ये भी इसी तरह के कार्यों में लगे हुए है, समझ नहीं आ रहा है, इतना पैसा कमा कर ये लोग क्या कर रहे है, यदि इन्हे गुटखा, तंबाकू, ओर सट्टा खेलना ही सिखाना था, तो किसी ओर काम में चले जाते क्यों ये इस तरह पैसा कमा चाह रहे है? ये हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी बर्बाद कर देना चाहते है, इस तरह के लोगों से वयं को दूर रखे।

इसी दौड़ में सचिन जिनको क्रिकेट का भगवान कहा जाता है , इनको भारत रत्न दिया जाता है, ओर एक सांसद के रूप में नियुक्त किया गया है क्या यह सही है? अब यही सचिन तेंदुलकर Paytm के गेम का विज्ञापन कर रहे है, पहले मैं भी बहुत आदर सम्मान करता था, लेकिन अब कोई आदर नहीं ऐसे लोगों जो कुछ रुपयों के लिए बिक जाते है, इतना धन होने के बाद भी इन लोगों की धन के प्रति हवस कम नहीं होती ये लोग ओर कमाना चाहते चाहे पैसा कही से भी आ रहा हो, इस बात से शायद इन लोगों को कोई फरक नहीं पड़ता, इन्होंने गुटखे का विज्ञापन नहीं दिया क्युकी इनके पिता जी ने कहा था, लेकिन जुआ खेलों ओर खिलाओ ये बात भी इनके पिता जी ने कही थी इसलिए सचिन तेंदुलकर अपने देश को बेचने पर भी आतुर हो जाते है, सिर्फ कुछ रुपयों के लिए हो सकता है, कुछ ज्यादा भारी रकम इस काम के लिए मिली हो तभी तो सचिन पैसों के नीचे दब गए ओर ये काम शुरू कर दिया।

इसके साथ ही कुछ ऐसे फिल्मी सितारे है, जो गुटखे का विज्ञापन कर रहे है, अब लिस्ट इन लोगों की लंबी होती जा रही है, जैसे की अक्षय कुमार , शाहरुख खान , ओर अजय देवगन ये अजय देवगन तो है ही पैदाईशी नसेड़ी, हृतिक रोशन, कपिल शर्मा जो हरभजन सिंह के साथ गेमिंग एप का विज्ञापन करते है, यह लोग बहुत सारे पैसों के लिए बिक रहे है। बस किसी भी तरह से पैसा आ जाए ये लोग अपने देश को बेच देंगे।

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