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आधुनिक तकनीक

आधुनिक दुनिया में आधुनिक तकनीक ने हमारे जीवन को बदल दिया है।

आधुनिक तकनीक का उपयोग इतना व्यापक हो गया है कि हम उसके बिना अपनी दैनिक जिंदगी के काम नहीं कर सकते। तकनीक ने हमें नए संभावित दुनिया का दरवाजा खोल दिया है जो हमारे अभी तक नहीं जाने वाले अनुभवों को संभव बनाता है।

तकनीक के उपयोग से हम समय और श्रम की बचत कर सकते हैं, संचार को सुगम बना सकते हैं, खाद्य उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में आविष्कार कर सकते हैं। तकनीक ने संचार के क्षेत्र में भी एक बड़ा बदलाव लाया है। टेलीफोन, ईमेल, सोशल मीडिया और वीडियो कॉल के जरिए हम दुनिया के किसी भी कोने से संचार कर सकते हैं।

तकनीक के उपयोग से हम ऐसे उपकरण बना सकते हैं जो अपने आप संभव नहीं थे। उदाहरण के लिए, स्मार्टफोन जो हमें आवश्यक संचार उपकरण के साथ साथ अन्य सेवाओं भी प्रदान करता है। वाहन और निर्माण के क्षेत्र में भी तकनीक ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उदाहरण के लिए, ऑटोमोबाइल और जहाजों में उपयोग किए जाने वाले संशोधन और नए उपकरण ने इन वाहनों को सुरक्षित और अधिक उपयोगी बनाया है।

लेकिनआधुनिक तकनीक के उपयोग से उत्पन्न होने वाली समस्याओं का भी सामना करना होगा। तकनीक का उपयोग संकट और अपराधों में भी होता है। साइबर अपराधों, डेटा उत्पादन और उसकी सुरक्षा विषय में भी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा, तकनीक का उपयोग वातावरण के लिए भी खतरा हो सकता है। टेक्नोलॉजी के उपयोग से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण, जल उपयोग और जनसंख्या वृद्धि की समस्याएं भी हमें उत्तरदायी बनाती हैं।

इसलिए, तकनीक का उपयोग एक दोहरी तलवार है। अगर हम इसे संवेदनशीलता और स्वयंसेवा के साथ उपयोग करें, तो इससे हमारे जीवन को बेहतर बनाने के साथ-साथ अधिक सुरक्षित और अस्थायी बनाने में मदद मिल सकती है। तकनीक को उच्च गुणवत्ता और सामाजिक उपयोग की सवयंसेवा के साथ विकास करना चाहिए। इससे हम एक संतुलित और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं जो तकनीक के उपयोग से अधिक उन्नत बनता जाएगा।

उम्मीद एक भावना है

उम्मीद किसे कहते है ?उम्मीद एक भावना है, जो किसी व्यक्ति या समूह को अपनी स्थिति को बेहतर बनाने की आशा देती है, यह आशा व्यक्ति के मन में उत्पन्न होती है, कि वह एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकता है या कुछ सकारात्मक हालात से निकल सकता है।

उम्मीद के कारण कई हो सकते हैं, जब तक हम जीवित हैं, तब तक उम्मीद हमारे साथ होती है। कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

समर्थन: जब व्यक्ति किसी और की समर्था और सहयोग प्राप्त करता है, तो वह उम्मीदवादी बनता है।

सफलता का इतिहास: जब व्यक्ति के पास एक सकारात्मक सफलता का इतिहास होता है, तो वह उम्मीदवादी बनता है और उसे विभिन्न स्थानों पर सफलता की उम्मीद होती है।

आशावादी भावना: जब व्यक्ति आशावादी होता है, तब वह उम्मीदवादी बनता है।

मनोवृत्ति: जब व्यक्ति उदार मनोवृत्ति वाला होता है तो वह उम्मीदवादी होता है।

आशा की अभिवृद्धि: जब व्यक्ति के अंदर आशा की भावना बढ़ती है, तो वह उम्मीदवादी बनता है।

इन सभी कारणों से उम्मीद उत्पन्न होती है, और व्यक्ति को अगले कदम उठाने के लिए प्रेरित करती है।

क्या उम्मीद के बिना जीवन संभव है? उम्मीद के बिना जीवन संभव है, लेकिन उम्मीद जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है, उम्मीद एक भावना है, जो हमें अपने ज़िंदगी के बदलाव और सकारात्मक नतीजों की उम्मीद देती है, उम्मीद की मदद से हम अपने जीवन की समस्याओं का सामना करते हैं, और उन्हें हल करने का तरीका ढूंढते हैं।

जीवन में अनेक बार ऐसी स्थितियां आती हैं, जब हमारी सारी उम्मीद खत्म हो जाती है, और लगता है, कि हम अपनी समस्याओं का कुछ नहीं कर सकते, लेकिन इस समय भी हमें उम्मीद रखना चाहिए क्योंकि उम्मीद ही हमें आगे बढ़ने की शक्ति देती है, उम्मीद रखने से हमारी मनोदशा भी सकारात्मक होती है जो हमें अपनी समस्याओं का समाधान निकालने में मदद करती है।

इसलिए, उम्मीद के बिना जीवन संभव हो सकता है, लेकिन उम्मीद के अभाव में जीवन थोड़ा अधिक असंभव और अधिक दुखद हो सकता है, हमे अपनी उम्मीद को बनाए रखना है ओर किसी भी स्थिति में हिम्मत से काम लेना है।

यह भी पढे: जीत की उम्मीद, उम्मीद पर जीवन, हमारी उम्मीद, उम्मीद,

नए ब्लॉग

यदि आप एक नए ब्लॉगर हैं, तो निम्नलिखित टिप्स आपको अपने नया ब्लॉग को शुरू करने में मदद कर सकते हैं

अपने नए ब्लॉग का विषय चुनें: आपको एक थीम चुननी होगी जो आपके ब्लॉग के सभी पोस्ट के लिए उपयुक्त हो। आप अपने ब्लॉग के विषय के बारे में विचार करें जो आपकी रुचि के अनुसार हो।

एक नाम चुनें: एक उपयोगी नए ब्लॉग नाम चुनें जो आपके उद्देश्यों और विषय से संबंधित हो। ब्लॉग नाम को सरल और यादगार बनाने के लिए एक छोटा और स्पष्ट नाम चुनें।

एक ब्लॉग होस्ट का चयन करें: एक अच्छे ब्लॉग होस्टिंग सेवा का चयन करें, जो आपके वेबसाइट को चलाने के लिए आवश्यक हो। आपको एक बेहतरीन होस्टिंग सेवा चुननी चाहिए जो आपके ब्लॉग के लिए उचित समर्थन और सुरक्षा प्रदान करती हो।

एक शीर्षक और लोगो बनाएं: एक शीर्षक और लोगो (LOGO) बनाना आपके ब्लॉग के लिए एक अलग और पहचानी चीज होगी। एक जीवंत और उपयोगी लोगो बनाएं जो आपके ब्लॉग के विषय को ठीक से दर्शाता हो।

अपने ब्लॉग के लिए सामग्री लिखें: अपने ब्लॉग के लिए उचित सामग्री (CONTENT ) लिखें जो आपके विषय से संबंधित हो। सामग्री को आकर्षक, सरल और उपयोगी बनाएं जो आपके पाठकों को समझने में मदद करेगी।

एक सोशल मीडियाप्रवेश करें: एक सोशल मीडिया साइट पर अपने ब्लॉग का प्रचार करना आपके ब्लॉग के लिए उचित ट्रैफिक लाने में मदद कर सकता है। आप एक या दो सोशल मीडिया प्लेटफार्म चुन सकते हैं, जैसे फेस्बूक, ट्विटर , पिनटेरेस्ट, जो आपके लक्ष्यों और विषय से संबंधित हों।

अपने ब्लॉग को विज्ञापित करें: अपने ब्लॉग को विज्ञापित ( Advertise ) करना आपके ब्लॉग के लिए ज्यादा ट्रैफिक लाने में मदद कर सकता है। आप इंटरनेट पर अपने ब्लॉग के बारे में जानकारी शेयर कर सकते हैं और अपने ब्लॉग को लोगों के बीच फैलाने के लिए विभिन्न दलों और समुदायों को जोड़ सकते हैं।

नियमित रूप से सामग्री अपडेट करें: एक अपडेट किया गया ब्लॉग लोगों को अपने ब्लॉग के लिए वापस आने के लिए प्रोत्साहित करता है। नियमित रूप से नई सामग्री अपडेट करें और अपने पाठकों से संबंधित टिप्स और लेखों के बारे में संपर्क में रहें, लोगों से फीडबैक जरूर ले ये आपके ब्लॉग को सुधार करने में मदद करता है।

अपने पाठकों से संपर्क में रहें: अपने पाठकों के साथ संपर्क में रहना आपके लिए उचित होगा। अपने पाठकों के टिप्स, प्रश्नों और टिप्पणियों का जवाब दें और उनसे अपने ब्लॉग के बारे में अधिक जानकारी जानने की कोशिश करें।

धैर्य रखें: अपने ब्लॉग को सफल बनाने में समय लगता है। धैर्य रखें और हर रोज नियमित रूप से सामग्री अपडेट करें ताकि पाठकों की संख्या बढ़ती रहे।

पाठक आपके ब्लॉग के लिए वापस आते रहें। अपने ब्लॉग को बढ़ाने के लिए आपको अपने लक्ष्यों के लिए एक समय सीमा तय करनी चाहिए और अपने ब्लॉग में नियमित रूप से समय निकालना चाहिए। यदि आप परत टाइम कर आढ़े रहे है तो भी आप इस कार्य को कम से कम 1-2 घंटे जरूर दे।

आप अपने नए ब्लॉग के लिए एक समुदाय (Group) भी बना सकते हैं, जो आपके ब्लॉग के विषय से संबंधित हो। इससे आप अपने पाठकों की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं, अपनी सामग्री को साझा कर सकते हैं और अधिक बढ़ने के लिए एक सामान्य नेटवर्क बना सकते हैं।

एक अच्छे नए ब्लॉग को संचालित रखने के लिए, आपको अपने पाठकों के साथ संपर्क में रहना चाहिए। आपको अपने पाठकों के टिप्स, प्रश्नों और टिप्पणियों का जवाब देना चाहिए जिसके लिए आप Quora को चुन सकते है, और उनसे अपने ब्लॉग के बारे में अधिक जानकारी जानने की कोशिश करनी चाहिए। इससे आप अपने पाठकों के बीच एक विशेष रिश्ता बना सकते हैं जो आपके ब्लॉग के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।

अंत में, आपको धैर्य रखना चाहिए। ब्लॉगिंग में सफल होने में समय लगता है इसलिए आपको धैर्य रखना चाहिए और नियमित रूप से सामग्री अपडेट करना चाहिए। अपने ब्लॉग के लिए उचित समय निकालें, उचित सम्पादन और शोध करें, और अपने पाठकों के साथ संपर्क में रहें। यदि आप इन टिप्स का पालन करते हैं, तो आप अपने ब्लॉग को सफल बनाने में सक्षम होंगे।

व्यस्त अपनी जिंदगी में

व्यस्त अपनी जिंदगी में सब है यहाँ, किसी को किसी की कोई परवाह नहीं है बस बेफिक्री है , किसको किसकी फिक्र है यहाँ , शहर तो अनजान नहीं था बस मतलब ने इस शहर को भी अनजान बना दिया है , देख कर भी लोग आंखे चुराते है उन्हे लगता है चोर है चोरी करकर खाते है।

सब व्यस्त है अपनी जिंदगी में

बेखबरी का जमाना है

खबर किसकी किसको यहाँ

जमाने भर की बात होती है लेकिन

जरूरत किसकी किसको यहाँ

सब अपना अपना मतलब सोचते है,

मतलब की दुनिया है मतलब से लोग खोजते है

किसी को किसीसे मतलब नहीं है यहाँ

किसी से किसी की मुलाकात हो बस इतनी सी बात है

ध्यान

क्या ध्यान से विचार बलवान और फलित होता है ?
जी हाँ , ध्यान से आपके विचार बहुत बलवान होने लग जाते है, शब्द आकाश का विकार होते है, जब हम ध्यान करते है तो मन ओर बुद्धि शुद्ध विचारों से भर जाती है, ओर इस प्रकृति का मूल ही शुद्ध होना है, जब हमारे विचार शुद्ध होते है ओर प्रकृति का संपर्क ओर गहरा हो जाता है जिससे हमारे विचारों बलवान होते है, तथा यह फलित भी होते है, सम्पूर्ण ब्रह्मांड का आधार ही शब्द है, आपके शब्द ही फलित होते है, जैसे ही विचारों के माध्यम से आप किसी भी चीज का संकल्प करते है, वो फलित होना शुरू जाते है, ब्रह्मांड में जैसे ही आप कोई भी शब्द छोड़ते हो उस पर कार्य होना शुरू हो जाता है, यह आपकी भावनाए, आप कितने सकारात्मक है , इन पर भी निर्भर करता है , जैसे जैसे आप ध्यान की गहराई में भीतर उतरेंगे आप अपने विचारों के प्रति सजग होना शुरू कर देते है ओर उसी तरह से आपका जीवन हो जाता है , यदि आप की इच्छा दृढ़ है ओर विश्वास आपके भीतर बहुत भरा हुआ है, तो आप जो चाहते है वह अवश्य पा लेंगे।

law of attraction

secret

सहायता के तौर पर इन दोनों किताबों को पढ़ जा सकता है।

क्या सलाह है

20-28 वाले उम्र के व्यक्ति के किस प्रकार की सलाह है? क्या सलाह है ?

क्या सलाह है इस बारे में बताते है , अपना दिन व्यर्थ न करें, एक टूडे सूची बनाएं और उसका पालन करें, प्रवाह के साथ मत जाओ, कुछ प्राथमिकता रखें और अपने समय का बुद्धिमानी से उपयोग करें, अपने दिन का उपयोग बुद्धिमानी से करें, “इस उम्र में 25 हजार, 30 हजार रुपये की नौकरी के लिए समझौता न करें। हर जगह से, हर नौकरी से जितना हो सके सीखें, यात्रा करें, अनुभव हासिल करें, जोखिम उठाएं और एक साम्राज्य का निर्माण करें।”

आप हमेशा ऐसे लोगों के साथ घूमें जो आपसे ज्यादा सफल और होशियार हैं क्योंकि स्मार्ट लोग आपको ज्यादा स्मार्ट बनाएंगे, आप स्वतः ही उनकी दिशा में चलने लगेंगे।

शुरुआती 20 के दशक तक ही नहीं बल्कि ताह उम्र आपको ज्यादा से ज्यादा बुक्स पढ़नी  चाहिए, अच्छे videos देखे, और अपने दिमाग में ज्ञानवर्धक कंटेंट को feed करे,  जिससे आप हमेशा अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा को बहते हुए देखेंगे और किसी भी परेशानी, समस्या का हल आप आसानी से खोज लेंगे, और एक बात ध्यान रखे कि जो कुछ भी आप देखते, पढ़ते और सुनते हो, वहीं आप बन जाते हो।

जानें कि पैसा कैसे काम करता है” जितनी जल्दी हो सके संपत्ति, देनदारियों, टैक्स, निवेश, शेयर बाजार आदि के बारे में जानें। कोई आपको यह नहीं सिखाएगा। खुद को ज्यादा से ज्यादा शिक्षित करें, जब आप 35 वर्ष के हो जाएंगे तो आप स्वयं को धन्यवाद देंगे।”

अगर आप अभिनेता या मॉडल बनना चाहते हैं तब ही इंस्टाग्राम पर दिशा पाटनी या सलमान खान को फॉलो करें लेकिन अगर आप अलग-अलग क्षेत्रों में अमीर और सफल बनना चाहते हैं तो उन लोगों को फॉलो करें जो उस क्षेत्र में सफल हैं या जिनसे आपको कुछ सीखने को मिले, जैसे रतन टाटा, रॉबर्ट कियोसाकी, विवेक बिंद्रा और संदीप माहेश्वरी आदि।”

“जानें कि मैं आय के कई स्रोत (निष्क्रिय आय) कैसे बना सकता हूँ, क्योंकि अगर आपके पास पर्याप्त पैसा नहीं है तो आपका सच्चा प्यार आपको एक दिन किसी ऐसे व्यक्ति के लिए छोड़ देगा जिसके पास पैसा है। हमेशा अपने कैरियर, लक्ष्य को पहली प्राथमिकता दे।”

आपदा को अवसर में बदलना सीखे।

जो हो चुका है उसके लिये पछतावा मत करो, सीखो और आगे बढ़ो। क्योंकि यह 18-28  के बीच की अवधि आपके जीवन की बहुत महत्वपूर्ण अवधि है। आपके कार्य और फैसले आपके भविष्य की रूपरेखा तय करेंगे, इसलिए किसी भी कार्य को हवाबाज़ी में करने की कोशिश नहीं करे उसे ध्यान पूर्वक समझ करे।

आप किसी भी एक काम मे माहिर बनो

जो भी आप अपने जीवन में करना चाहते हो या आपका लक्ष्य है, उसमें माहिर या विशेषज्ञ बनने की कोशिश करो। क्योंकि अगर आप जो करते हैं उसमें आप अच्छे नहीं हैं तो आपकी जगह कभी भी कोई भी ले सकता है, साथ आपको हमेशा अपने कार्यों में अपडेट होना बहुत जरूरी है नहीं कोई नया व्यक्ति आकार आपको आउट डेट कर देगा।

माता-पिता के साथ समय बिताएं

उन्हें महत्व दें, उनसे बात करें, उनके चेहरे पर मुस्कान लाये। आप बड़े हो रहे हैं लेकिन आपके माता-पिता भी बूढ़े हो रहे हैं, यही वो समय होता है जब आपके मत पिता को आपकी अधिक आवश्यकता होती है इसलिए उनके जितना अधिक समय बीता सके उतना ही बेहतर है।

फाइनैन्शल प्लैनिंग करना शुरू करे, निवेश करने के लिए पैसे बचाएं, सिर्फ बचाने के लिए पैसे न बचाएं। 

“दुनिया में 100 से भी ज्यादा खूबसूरत देश हैं। केवल एक ही क्यों देखें? ज्यादा से ज्यादा यात्रा करो, आप कुछ ऐसा सीखेंगे जो कोई किताब या कोई व्लॉग आपको नहीं सिखा सकता।”

“विनम्र, दयालु और उदार बने। एक अहंकारी या संकीर्ण दिमाग वाले मत बनो। अहंकारी लोगों को कोई पसंद नहीं करता।”

“असफलता से डरो मत, एक असफल व्यक्ति उस व्यक्ति से बेहतर है जो अभी भी सोच रहा है। हर सफल व्यक्ति एक समय में संघर्षशील अवश्य रहा है। “मैं असफल हो गया” अच्छा है बजाए की “क्या हुआ अगर …” से।”

Hamari Halat Kya

Mere likhe hue sher bhag-5

81. hamari halat kya koi unko jake ye bataye…
ki hamari halat kya hai…
wo to hamain thukra ke age badh gaye…
magar hum band ghadi ki suiyon ki tarah wahin reh gaye…hamari halat kya

samay to apni raftaar se age nikal chuka hai…
par mera waqt us akhri mulakaat par tham sa gaya hai…

82. yun waqt ke saath chalne ki chahat main…
har apne ko peeche chor chala hun…
ek khud ka to bharosa tha…
ab har pal khud ko bhi dhoka deta hun…
jaane kiski chahat hai mujhe..
jo mere dil ki aawaaj ko bhi ansuna karta hun…

83.aaj fir kisi apne ki ankhon main ansun dekha hai…
par jaane kyun mera mann bhi udas hua hai…
mera dil uska dukh bantna to chahata hai..
par use ye kehte hue bhi darta hai….

84. Aaj main khush hun…
ki mera janaza jo nikal raha hai… 
jindagi main koi saath na tha…
maut ke baad julus sa nazara hai…
mere saath to koi na roya…
par ab koi mere liye ansun baha raha hai…
aaj main khush hun…ki mera janaza jo nikal raha hai…

85. ye logon ki bheed ye sawaalon ke tufaan…
thak gaya hun main inke jawaab dede kar…
ab to thodi shanti mil jaye jindagi main kahin…
thak gaya hun dil ka sukoon dhundh dhundh kar…

86. ye wo aakhri raat hai jab main roya hun…
shayad akhri raat jab main khoya hun…
bas yahi samajh liya hai ab maine…
ab yahi soch kar har raat sota hun…

87. Tujhme itna kho gaya hun ki khud se jyada tujhe samajhne laga hun…
ab tu kuch kahe na kahe teri khamosh jabaan bhi samajhne laga hun…
tu bol ke apni dastan-e-dil bayan kare na kare…
ab to teri dhadkano ko sun kar tere khayal samajhne laga hun…

88.har arju khatam, har khwaish ko mil gaya anjaam…
tu jo khush hua hai, nahin meri duaaon ko bhi kuch kaam…

89. jindagi nahin chalti ek din bhi tujhse door hokar…
jaane kaise rahunga tujhse alvida kehkar…
naajaane tu samajh payega ki nahin…
koi mil gaya tha apna sa tujhse milkar…

90. suna hai apni taqdeer apne haathon se baadalti hai..
yahan to jis gali se nikalte hain, wahan se to maut bhi apna rasta badalti hai…

91 wo karte hain waar anjaam-e-manzil ke aane par..
ke mud kar bhi nahin ja sakte…
sahi chodda hai jeevan ki majhdhaar par..

92.tu mera na ho saka iska gum nahin…
tune mujhe thukra diya iska bhi gum nahin…
gum to bas is baat ka hai ki…
tujhe meri mohabbat ki inteha ka andaja hi nahin…
kher ismain teri bhi koi khata nahin…
is pyar ki hadd ka to ab tak mujhe bhi pata nahin…

93. Na jaane kyun tere jaane ka gum hai..
na jaane kyun fir na milne ka darr hai…
tu na bhoolne ka waada to kar gaya..
par tera ye waada bhul jaane ka darr hai…

94. Haar tabhi maan jab haarne ko kuch baaki na bache…
jeet tabhi hai jab jeetne ko kuch baaki na bache…
patthar hote hain sabki rahon main…
har patthar ko chunkar bharle apne daaman main..
jab tak rahon main ek bhi patthar baaki na bache…
hum tere saath hain har haal main har raah main…
chahe tera koi aur saathi baki na bache…
एक कदम तुम चलो हमारी  तरफ, एक कदम हम चले तुम्हारी तरफ
यूँ ही चलते रहे जब तक कोई फैसला बाकि न रहे

95. Har koi hans leta hai haal sunkar mera…
fir dil kuchal deta hai,jab wah kehta hai sher sunkar mera…
use to meri shayari main dar-e-dil sunai padta hai…
har gum ko sehta to bechara dil mera….

96. Aaj fir tera haal poochne hi himmat ki hai…
fir se us dosti ko jodne ki koshish ki hai…
bas ye dostana fir purane jaisa ho jaye …
aaj fir is aitbaar main ye umeed ki hai…

97. Rooh-e-jindagi meri yun ghayal si ho gayi hai…
jane kis dukh main dukhi hokar gafil hi ho chuki hai…
ab aur na saha jata hai na jiya jata hai ek pal bhi..
jindagi meri khushgawar si nahin ek bojh main badal gayi hai….

98. jaane wo kis sapne se darr lagta hai..
ki ab ratoon ko sona bhi  nahin chahata hun…
jo sapna jagti ankhon se dekha tha…
ab use toot te hue nahin dekhna chahata hun…
jo mujhse ek dill ka rishta banaya hai tune..
koi naam dekhar use badnaam nahin karna chahata hun…
har baat tujhse shuru ho jindagi ki…
aur tujhpar hi khatam bhi karna chahata hun…

99. Seedhe chalte raston par bhatak jata hun…
sirf tere khayal se kahin kho jata hun…

tu ek nigah bhar ke dekh le kabhi yun hi…
bas teri taraf is khayal se dekhta jata hun…

kahin is baar tu aaya hoga shayad..
yahi soch kar darwaje par nigahen lagaye baith jata hun…

har aahat pe lagta hai tu aaya hai shayad…
halki si aawaaj se adhi raat ko bhi jaag jaata hun…

shayad tu sapno main hi aajaye…
yahi sochkar fir sone ki  koshish main lag jaata hun…

100. nigahen baar baar unhe dhundhti hain jo kabhi humse milte hi nahin…
wo rehte hain pass pass hamesha par kabhi apne se hue hi nahin..

Read This Also: Chaho Agar, Sab Se Milta Hun, Pta Nahi Main,

Meri Khushiyo

Mere likhe hue sher (bhag-3) meri khushiyo ne bahot kiya, pta nahi kaise likhne lga hoon, jab maut ne gale laga liya to jindagi ki kise fiqr hai…jab gummo main bhi hansna seekh liya to khushi ki

1. meri khushiyon ne bahot kiya mere gamo ke janaze ka intezaar…
aaj to mera hi janaza hai doston…
shayad ye intezaar khatam ho jaye jindagi ke us paar…

2. har burai ko chorne ki koshish karta hoon ..
main bura insaan nahin hoon… bas burai chor nahin sakta hoon…
har khushi ne mujhe chor diya hai… ab gumo ko chor nahin sakta hoon…
khushiyon ne to dhoka diya… dard ko khafa chor nahin sakta hoon…

3. bas aaj ye ehsaas hai kaun mera kaun paraya hai…
jo dekh le nigah bharke wo apna lagta hai…
jo ankhe churaye  wo begana…
kabhi nahin mushkil thi log pehchanne main…
ab to dhoka khata hoon rojana…

4. salon se sukhe banzar is dil ko bas ek khushiyon ki barish ka intezaar hai…
han dil nam to hua hai or hara bhara bhi…
bas nami gummo ke samandar ki hawaon se hai…
jo mere dil ke nasooron ko hara bhara rakhti hai…

5. Main aine ke rubaru…
ye aks mujhse hairaan hai kyun…

6. tujhse bichadne ka dukh nahin.. tere milne ke intezaar de darr lagta hai…
ki us ummeed ki lau se mere dil ke har dard ka diya jalta hai…

7.har dard se ubarna chahata hoon…
in tanhayion se nikalna chahata hoon…
shayad tere pyar main hui nakamayabi ka asar hai…
ab kabhi pyar ke us masoom chehre ko padhna nahin chahata hoon…

8.maza to bahot aata hai dastane mohabbat sunane main…
par yun achcha nahin lagta kisika berukhi ke sath sunna…
thak k ek thikana bach jata hai dard e dil sunane ko…
bura hai jaiasa bhi hai par ye kabakht saki hi sunta hai maikhane main…

9.DOST + I = DOSTI…
‘I’ will alwaz b there for ‘DOST’…
b my ‘DOST’ forever to complete ‘DOSTI’…

10.DUSHMAN+ I=DUSHMANI…
‘I’ will alwaz b there for ‘DUSHMAN’…
b my ‘DUSHMAN’ forever to complete ‘DUSHMANI’…

11. raat bahot ho chuki hai…
par ankhon main need nahin hai…
bahar sukha hai par akhon main nami hai…
Registaan sa banzarapan ab is dil main baki hai..

12 shabdon ke jaal bunna hi shayar ki shayari nahin…
wo shayar hi kya jo apne gummo ke jaal main uljha nahin…
wo shayar hi kya jo apni shayari jiya hai nahin..
wo shayri hi kya jo sachchi kahani hi nahin…
wo shayar hi kya jo apni jindagi ke ehsason ke jaal main uljha nahin…

13. jab maut ne gale laga liya to jindagi ki kise fiqr hai…
jab gummo main bhi hansna seekh liya to khushi ki kise fiqr hai…

14. sab log apna samajhte hain par abhi bhi apno ki kami si hai…
tu dil ke paas hai par fir bhi teri kami si hai…

wo kehte hain main bhoola nahin hoon fir bhi mujhe hitchkiyon ki kami si hai…
aur to kuch jyada nahin bas tere jane ke baad dil main dhadkano ki kami si hai…

sab kuch samajhta hoon mujhe samajhne walon ki kami si hai…
har kisi ko samjhata hoon mujhe samajhane walon ki kami si hai…

ya to wo mujhe bhool gaya hai…
ya meri pukaron main kami si hai…

bahot khuch kehna hai par shabdon ki kami si hai…
bahot kuch sunna hai par aawajon ki kami si hai…

dost to bahot mile par nibhane wallon ki kami si hai…
pyar to bahot kiya par humse pyar karne walon ki kami si hai…

ji raha hoon par jindagi ki kami si hai…
hans raha hoon par khushiyon ki kami si hai…

jindagi bahot jeeli hai ab to maut ki kami si hai…

(Yun to bahut kuch hai mere pass phir bhi kuch kami si hai
Ghira hun charon taraf muskurate chehron se
phir bhi zindagi me ujale bharne wali us muskrahat ki kami si hai
Dikh rahi hai pahchan apni or udte har nazar me
phir bhi dil ko chu lene wali us nigaah ki kami si ha
gunjata hai har din naye kisson , kohlahal aur dhahakon se
phir bhi kaanon me gungunaati us khamoshi ki kami si hai
bad rahe hai kadam mere pane ko nayi manjeel
phir bhi in haathon me chut chuke un naram haathon ki kami se hai…………….)

15.uski yadon main yun gumm sa ho gaya hoon…
usse dhoondhne nikla par kahin main hi kho gaya hoon…
jo kabhi mil jao kahin raaste main tum humse…
ye na kehna bhool ke bhi kabhi tumhe bhool gaya hoon…

16. hum tere shahar main aye the musafir ki tarah…( this line by Ghulaam ali)
kya kiya tune is dil-e-nadaan ke saath…
ki chala ja raha hoon tere sheher se kaafiroon ki tarah…

17. jate hue main un rasto ke purane darakhton par…
jo ek nigah bharkar sochta hoon…
to khayal ata hai ki unpe pade samay ki dhaaraon ke nishaan…
shayad  yaad dilate hain mujhe…
aine main nazar ate mere aks ki…

18. wo lete hain wahin abhi bhi chadar odhe hue…
jane kyun , wo nahin hai ab, hum ye bhi bhool gaye…
bas itna saa kehna hai…

wo soye itna ki uthna hi bhool gaye…
hum jaage itna ki sona hi bhool gaye…
saath jeene ka wada tha par saath marne ki kasam wo bhool gaye…

jane kahan chale gaye ki humare ghar ka rasta wo bhol gaye…

19. jab nikalta hoon main kisi raste par..
har raston pe mod mil jate hain..
jo mudta hoon har mod par…
to har mod ke baad  dorahe nazar ate hain…
chunta to hoon unmain se ek rasta par…
fir milte to wahi mod aur dorahe hain…

20. kyun jalaye rakkha hai gam e dil ka diya yun
ki ansuon ko behne ka mauka mil gaya hai..
in ansuon se jalta hai ye gum e dil…
jo band kardo ek baar yun ansun bahana…
nahi padega kabhi fir dard e dil sehna…

vaibhav agarwal  mere likhe hue sher bhaag 3

जब कोई आपसे पूछे

जब कोई आपसे पूछे क्या हाल चाल है आपके ? तो आपका जवाब क्या होता है? कुछ नहीं बस बीमार था, तबीयत ठीक नहीं , खासी, झुकाम, बुखार है आदि इत्यादि है यह छोटी छोटी बीमारी भी आज कल हमे पहाड़ की तरह लगती है, जैसे पता नहीं क्या हो गया है यह सब बीमारी कोई न है, यह तो आपके शरीर को ओर बेहतर तरीके से काम कर सको बस इसलिए हो जाती है।

मुझे याद है बचपन में जब मैं बीमार हो जाता था तो मुझे बड़ी खुशी होती थी इसलिए नहीं की मैं घर पर आराम करूंगा बल्कि इसलिए की हाँ अब मैं आराम से कुछ सोच सकूँगा, कुछ अलग किताबे पढ़ सकूँगा मुझे एक्स्ट्रा टाइम मिल गया है कुछ अलग करने का , मैं बीमार हूँ, मैं बीमार हूँ। मैं इस बारे में नहीं सोच करता था बल्कि वो जो टाइम अब मुझे मिला है, उसको कैसे इस्तेमाल करू? ये सोचता था, लेकिन आज हम उस समय का प्रयोग कैसे करते है बीमार होने पर

आप क्या कहते है? आपसे क्या हाल चाल है

जब कोई आपसे पूछे की कैसे कैसे तो बस यही जवाब आता है की बस ठीक हूँ, चल रहा है, बस ओके ओके हूँ, या कट रही है बस, कुछ खास नहीं तुम बताओ आदि इत्यादि इसी प्रकार के साधारण से शब्द जिनका प्रभाव सकारात्मक न होकर नकरात्मक विचारों को जन्म दे रहा है, शरीर में आलस, हतास , निराशावादी विचारों की ओर ले जा रहा है

इन उत्तरों से ऐसा लगता है की आप अपने जीवन में खुश नहीं है या फिर आप आपके भीतर नेगटिव थॉट भारी हुई है जीवन के प्रति ओर यह भी हो सकता है की आप जीवन के प्रति अब उतनी खुशी प्रकट नहीं करते जैसा आप बचपन मे करते थे,

ऐसा क्या हुआ है? जिसकी वजह से आप ऐसा महसूस करते है, आइए इसका जवाब खोजने की कोशिश करते है और जानते है एस क्यू हो रहा है हमारे साथ , हमारे आसपास ऐसे कौनसे शब्द है जिनकी वजह से हम प्रभावित हो रहे है, या लगातार वो शब्द हमे आहात कर रहे है?

सकारात्मक शब्द ओर नकारात्मक शब्द

क्या आपके आसपास जो शब्द बोले जा रहे है या आप उन्हे दूसरे माध्यम से सुन ओर देख रहे हो वो सभी चीज़े सकारात्मक है या फिर फिर नकारात्मक ऊर्जा को फैला रही है जिसकी वजह से आपके शरीर ओर मस्तिष्क पर उन शब्दों का प्रभाव हो रहा है।

ओर आपका जीवन भी उन्ही शब्दों की भांति होता जा रहा है। आपके आसपास लगातार गाली गलोच, बुरे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग होता है ? या फिर आप ऐसे घरेलू नाटक देखते है, वीडियोज़ देखते है जिनमे सिर्फ ऐसे नकार शब्दों का प्रयोग होता है ऐसे शब्द हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करते है।

यह शब्द धीरे धीरे हमारे जीवन को भी उसी तरह से बना देते है जैसे वह शब्द है, यह बेशक मजाक में ही क्यू न प्रयोग हो रहे हो परंतु आपका मस्तिष्क उन शब्दों पर कार्य करता ही रहता है जिसकी वजह से आप उन शब्दों की भांति हो जाते हो इसलिए इस प्रकार के शब्दों से उचित दूरी बनाए।

हंसने का बहाना बनाना

हंसने का बहाना बनाना….
जैसे न बीता हो बचपन सुहाना ।
बचपन हँसता खिलखिलाता….
छोटी छोटी बाँतो में ख़ुशियाँ ढूढ़ लाता ।

बचपन न हो जीवन का पड़ाव…..
भीतर सजोये रखे ये मेरा सुझाव ।
बचपन हे वो मस्तीख़ोर…..
मस्ती रखना चाहे बाहर हो कितना शो