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समय का अंधेरा

समय का वो अंधेरा तला
जिसके अंदर तू बैठा छिपा

आ बाहर आज तू फिेर से कर
चहल पहल
कुछ तो कर
ना बैठ यू तू

क्यों तू है सहमा सहमा
क्यों है तू बैठा यू
समय के उस अंधेरे तले में
ना छुपकर यू बैठ तू

आ बाहर कुछ फुसफुसाहट करे
आ चल उठ कुछ बात करे

थोड़ा सा साथ चले
थोड़ी सी कुछ शरारत, गुदगुदाहट करे
आपस में कुछ और की बात करे
चल उठ खड़ा हो कुछ दूरी ,

कुछ फासले हम तय करे
जो मंजिल राह देख रही है तेरी,

उस मंजिल की और आ आज साथ हम चले
कुछ दूरियां कुछ फासले तय करे हम
हो जाने दे कुछ हरकत , हो जाने दे जो होना है

जिंदगी जी लेने से पहले
काहे अंधेरे तले में
हम छिपकर मरे
बाहर आ रोशनी में ,

देख चकाचोंध रोशनी सूरज की ,
यह सूरज कैसे खुद जल कर
दुनिया को रोशन करे

चल उठ खड़ा हो
कुछ दूरी कुछ फासले हम तय करे

तू काहे समय के अंधेरे तले में
जी लेने से पहले क्यों तू मरे

समय का अंधेरा तला
समय का अंधेरा तला