Posts tagged sankalp

शब्दों की गठरी

शब्दों में गाठ जो लगी है उन्हे खुल जाने दो इनको शब्दों की गठरी ना बनाओ तुम, इनका खुलना ही बेहतर होगा यदि ये गाठे नहीं खुली तो भीतर तकलीफ होगी, तुम्हारा शरीर , तुम्हारा मन , तुम्हारी बुद्धि रोग से ग्रसित हो जाएगी।

इन शब्दों को ध्यान, योग आदि क्रिया से हल्का करो तभी तुम अच्छा महसूस करोगे, यदि तुम्हारे मन, मस्तिष्क में प्रश्न घूम रहे है तो उन्हे पूछ डालो निसंकोच होकर यही हल है भीतर से शांत होने का कब तक, तुम इन अपाच्य शब्दों को भीतर ही रखोगे।