Posts tagged Shabd

भीतर तकलीफ गहरी

बात कुछ भी नहीं थी लेकिन
मेरे भीतर तकलीफ गहरी थी
चार दिवारी में भी लगती दोपहरी थी।
दिन भी नही कटते थे
रात की तो बात क्या करु?
अश्क़ रुकते नही थे गाल सूखते नही थे

उन्हें बार बार रुमाल से पूछ  साफ क्या करु ?
ना जाने ये कैसी बीमारी थी ?
लेकिन किसको बताये किसे समझाए
ये तकलीफ तो हमारी थी
वो साथ ना थे हमारे इस बात की भीतर तकलीफ गहरी थी

इसलिए सिर्फ दिन ही नहीं
रात भी अब मुझ पर भारी थी।
किसी ने खूब समझाया लेकिन
मुझ पागल को कुछ समझ ही नहीं आया
उसने बार बार समझाया

कई बार प्यार से बताया तो कई बार गुस्से में बताया
लेकिन मै बेवकूफ इतनी सी बात नहीं समझ पाया

दिन रात बस तेरा ही जिक्र
 मेरे ख्यालों में,
 जिसको मै अब तक भुला नहीं पाया ,
 आंखो से औझल भी नहीं कर पाया

कुमति निवार सुमति के संगी

“कुमति निवार सुमति के संगी”

जब आप एकांत , ध्यान में होते है प्रकृति की छत्र छाया में होते है तब आपके भीतर बहुत सारे अच्छे विचारो का संचालन होने लगता है और तब बुरे विचारो से मुक्त होने लगने है और आप अपनी सारी दुरबुद्धी को बाहर निकाल देते है और सुमति का आचरण करते है


ऐसा ही हर जगह देखने को मिल रहा है बेशक हम सभी कुछ घबराए हुए है लेकिन घबराहट तो उस अर्जुन को भी हुई थी अर्जुन तो क्षत्रिय था तब भी वो घबराहट से भरा हुआ था
जब श्री कृष्ण ने अर्जुन को यज्ञ निहित कर्म करने को कहा था


आज हम सभी को भी प्रकृति प्रेरित कर रही है और हम भी शायद प्रेरित हो रहे है तभी हम सभी लोग सकारात्मक सोच की और बढ़ रहे है


इस मुश्किल घड़ी में , फेसबुक , वॉट्सएप, ट्विटर, आदि कहीं भी सोशल मीडिया पर इस समय कोई राजनीतिक , सामाजिक , बुरी ख़बर नहीं है ना ही कोई लड़ाई झगड़ा आदि इत्यादि है जैसा कि हम सुबह से शाम तक इतना स्क्रॉल करते है तब हमे ना जाने कितनी ही नकरात्मक खबरे पढ़ने को मिल जाती है कभी किसी को ट्रोल करते है तो कभी किसी गालियां देते है परन्तु आज हम सभी एक दूसरे सिर्फ यही कह रहे है “घर में रहिए कुछ ना करिए”


अब हमारी
सिर्फ एक यही कोशिश है Corona को हराने की जिस पर हम जीत जरूर हासिल करेंगे हमारे विचार आचरण सभी शुद्ध हो रहे है इससे तात्पर्य यह की प्रकृति अपने ऊपर से एक परत,एक आवरण हटा रही है


जो तामसिक परत है उसे हटाकर सात्विकता की और बढ़ रही है मांस खाने से लोग घबरा रहे है , जीवो के बारे में लोग सोच रहे है यही सुमति है , यही सुविचार है, कुमति से मुक्ति है , बुरे विचारों से दूर होना है और अच्छे विचारो का समावेश करना है।


प्रकृति के संदेश को कभी भी नजरअंदाज ना करे प्रकृति के साथ सदैव जुड़े रहे।

Rohitshabd

मालूम नहीं

मालूम नहीं यह एक ऐसा जवाब है जो अनेको दुविधाएं उतपन्न करता है, और इसका निष्कर्ष कुछ भी नही है और इस कुछ भी नही से प्राप्त होता है, आपके समय की हानि जिसका हर्जाना कोई भी नही भुगत सकता।

मालूम नहीं
मालूम नहीं

मालूम नहीं सिर्फ दो शब्द लेकिन मन में अनेकों प्रश्नों को जन्म दे देते है यह दो शब्द मान लीजिए आप किसी को अपने दिल का हाल बता दे, ओर उससे आपको एक बेहतर जवाब की अपेक्षा हो उसके बदले वो सिर्फ यह कह दे की पता नहीं तो आप समझेंगे, ना जवाब हा में आया ओर न ही ना में आया ओर साफ साफ शब्दों में आपके प्रश्न का उत्तर भी नहीं आया तो मन में तो हजारों पर्ष्णि का आना सहज ही है, यह एक दुविधा है आपको फिर से दुबारा वही प्रश्न पूछना होगा ओर फिर जवाब की तलाश में आप रहेंगे।

हो सकता है आप एक लंबा इंतजार भी करे उस जवाब के लिए जवाब आपके बहुत जरूरी है परंतु जवाब तो नहीं आया आप सिर्फ में लटके हो क्युकी जवाब ना हाँ था ओर ना ही ना उनका जवाब “पता नहीं” था जिसका यह अर्थ निकलता है तो इसका उत्तर उन्हे भी पता नहीं जवाब हाँ ओर ना कुछ भी हो सकता है।

समय तो अपनी गति में भाग रहा है ओर इंतजार जवाब के लिए लंबा होता जा रहा है, मन में सवाल बढ़ रहे है, मन में दवंध बढ़ रहा है, मन में चिड़चिड़ापन ओर परेशानी बढ़ती जा रही है जिसकी वजह से हम उस एक स्थिति में बंध जाते है

ना आप पीछे हट पा रहे हो ओर ना ही आगे बढ़ पा रहे हो जिस संबंध को या तो खत्म हो जाना था या आगे बढ़ जाना था उन दोनों में से कुछ नहीं हो रहा बस इनके विपरीत ही परिस्थिति बन रही होती है।

क्युकी जवाब “मालूम नही” था

यह भी पढे: पता नहीं मुझे

गलतफहमी

यू तुम्हारी सारी गलतफहमी भी मिटा दूंगा , बस तुम मेरे सामने एक बैठ जाना, दिल को भीतर से खोलकर दिखा दूंगा , बस तुम एक बार मुझे मिल जाना….

गलतफहमी का शिकार वो इश्क हमारा हुआ ही नहीं कभी #rohitshabd
galatfehmi

वो इश्क़ हमारा हुआ ही नहीं कभी
जिसे हम गलतफहमी ना जानकर मानते रहे।

वो सहम गए

वो सहम गए , वो सहम रहे है
जो वहा रह रहे है ,
जो अब भी है वहां ,ना चैन से सो रहे
और ना चैन से जाग रहे है

वो डर गए , वो सहम गए , वो कांप गए
जिनके घर वाले मारे गए
कौन कसूरवार था ? कौन बेकसूर था ?
क्यों वो इतनी हैवानियत से मारे गए
क्युकी उस भीड़ का कोई नाम नहीं
भीड़ का कोई नाम नहीं था।

उनका कोई धर्म – मजहब नहीं
रात को पहरा अब भी घर के बाहर
लगाकर लोग बैठे है सप्ताह हो गया
दिन भर बैठ कर दिन कट रहा है,
रात की नींद दहसत में उड़ गई है

लगता है घर के बाहर आग लगा गया कोई
क्या मेरा फिर से घर जला गया कोई ?
देहसत तुमने फैला दी

मेरे दिल में नफ़रत की आग लगा दी
तुम्हे अपना भाई कैसे कहूं ?
जो तुमने इतनी हैवानियत दिखा दी
मै डरता हूं , मै डरती हूं अब तुम्हारे पास आने से
मै घबरा गया हूं , मै घबरा गई हूं
तुम्हे अपना भाई बनाने से।

यह भी पढ़े: मन यू हलचल, थोड़ी बेखबरी थी, समय का अंधेरा तला,

कोशिश कामयाब होती है

पिछले काफी से सालो से मै कोशिश कर रहा हू लेकिन मेरी सभी कोशिश नाकाम हो रही थी क्या इस बार भी मेरी कोशिश नाकाम होगी या साकाम ?

मेरी जिंदगी में काफी उथल पुथल हो रही थी जो मुझे खुद ही नहीं समझ आ रही थी कि ये सब मुझे किस और के जाएगी ? क्या यह सारी घटनाएं मुझे मेरी मंजिल की ओर इशारा कर रही थी ? या फिर कोई और रास्ता दिखा रही थी?

इस साल यह जिंदगी का सबसे अहम साल होने वाला है जिसमे बताना कुछ ना चाहूं बस सबकुछ कर देना मै चाहता हू जो अभी तक सोचा था मैने जिस जिंदगी की दौड़ का हिस्सा होना चाहता हू बस अब वहीं रुख और तेज़ी से करना चाहता हू मै खुद को विपरित दिशा में ले जा रहा था लेकिन अब मै फिर से उसी और मुख कर रहा हू,
बाहर से विमुख होकर भीतर की और अब मै बढ़ रहा हू।

बहुत रुकावटें आई बहुत लोगो ने रोकना चाहा कुछ ना कुछ होता ही गया और बहुत सारी चीजों में मै उलझ भी गया खुद पर काबू ना कर पाया और बेकाबू हो गया,
जिसकी वजह से मेरा सालो का सपना कहीं गुम हो गया और मै अपनी जिंदगी में बहुत पीछे छूट गयाना चाहकर पर भी अपनी मंजिल से भटक गया।

अब उस मंजिल की ओर फिर से निकलने का वक़्त आ गया है। अब उन रुकावटों पर वो परेशानियां क्या फिर से आएगी,
और यदि आएगी भी तो क्या मै उन परेशानियों की वजह से फिर रुक जाऊंगा ?

खुद को मजबूत करना है खुद से वादा था मेरा जो मुझे पूरा करना है। क्या वो वादा झूठा हो जाएगा या मै अपनी मंजिल की ओर निकल चलूंगा ? क्या अपना सपना पूरा कर सकूंगा ?

सवाल बहुत सारे है इस मस्तिष्क में कहीं मै फिर से कमजोर तो नहीं पड़ जाऊंगा ? फिर कहीं मै अपनी मंजिल को भूल तो नहीं जाऊंगा ? फिर कहीं रास्ता तो नहीं भटक जाऊंगा ?

मुझे मजबूत करने के लिए जीवन में कई ऐसे लोग आए जिन्होंने मेरे जीवन की सोच को सम्पूर्ण तरह से बदल दिया उनका मै हमेशा से शुक्रगुजार हूं मेरी आगे की यात्रा अब उन्हीं की वजह से तय होगी जिन्होंने मुझे झंझोड दिया है पूरी तरह से

मेरा दिमाग और दिल अब अपनी मंजिल की ओर सिर्फ पिछले बीते समय के कारण ही होगा उसी जीवन के कारण मेरे आगे के जीवन को दिशा मिल रही है।




#monklife #monk #life #Lifestyle #journey #innerjourney #shabd #wordpower

बारिश की उन बूंदों

एक प्यारी सी कविता जिसमे मेरा बचपन कही छूट गया है, बारिश की उन बूंदों ने इस बात आज मुझे एहसास दिलाया है।

फिर से आज एहसास हुआ है मुझको
की मेरा बचपन कही छूट गया है

उन छोटी छोटी खुशियों से
शायद मेरा रिश्ता अब टूट गया

बारिश की उन बूंदों ने आज एहसास दिलाया है
बहुत दूर निकल आया हूं बचपन के
उन नन्हे नन्हे हाथो से , उन नन्हे नन्हे कदमो से
जो थका कभी नही करते थे
घंटो खेलने के बाद भी कुछ देर और खेल लू क्या? बस यही कहा करते थे

वो बचपन की बाते बड़ी अजीब सी होती थी, जो खुद को तो समझ आती थी लेकिन औरो को पागल बहुत बनाती थी

उसी के चलते आज एहसास हुआ की मेरा बचपन
कही पीछे छूट गया है

जिंदगी से जिंदगी का नाता
थोड़ा कम और थोड़ा ज्यादा
बस छूट गया है

सवाल बहुत किये अपने आपसे
जवाब यही था
की मेरा बचपन कही पीछे छूट गया है

आज फिर बारिश की बूंदों ने यह एहसास दिला दिया है
प्यार से भरा और प्यारा था मेरा बचपन जिसमे गम ना था , ये हर रोज की आपाधापी ना थी वो लड़कपन और कुछ शरारते थी , बतमीजी थी बहुत लेकिन दिल में मैल नही था

आज एहसास हुआ मुझे की मेरा
बचपन जो कही छूट गया है

बारिश में भीग जाने का डर नही था,
बारिश में भीगने से घमोरियां ठीक हो जाएगी
इसलिए बारिश में भीग जाया हम करते थे,
आज मोबाइल रखा है जेब में इस बात से डरा हम करते है

आज आधुनिक तकनीको ने छीन लिए वो सारे खेल
जिनकी वजह से ही होते थे हम बच्चो के दिल के मेल

घंटो मिट्टी में खेला हम करते थे,
कपड़े गंदे होंगे इस बात से घबराया नही करते थे
आज हल्की सी शर्ट की क्रीज खराब न हो जाए,
इस बात से भी चीड़ हम जाते है

तब लड़ाई सिर्फ ताकत बढ़ाने के लिए होती थी
आज ताकत दिखाने के लिए लड़ा हम करते है।

उन छोटे छोटे कदम और
नंगे पांव से मिलो का सफर
तय हम कर लेते थे

कांटे चुभ रहे है या नही
इस बात पर भी सोचा हम नही करते थे

खेलते थे खूब
जब तक मन करता था
घर जाना है
हम इस बात पर भी सोचा नही करते थे
आज एक मिनट देर हो जाए
फ़ोन पर फ़ोन बज जाया करते है

थक जाने के बाद हम यह नही देखते थे
फर्श है या गद्दे वाला पिलंग बस जहा
जगह मिली सो जाया हम करते थे

एक टिफिन में चार लोग खा लेते थे
एक पिलंग पर चार लोग सो जाते थे
एक बल्ले से 10 लोग खेल लेते थे
3 दोस्त
3 रुपये के प्लास्टिक वाले अंडे में
1-1 रुपया मिलाकर ले आते थे।
हॉफ प्लेट चाऊमीन में 3 दोस्त घपड घपड खा लेते थे,
गली में जगह नही खेलने की तो गली को अपने तरीके से मोड़ हम लेते थे

एक किराये की साईकल लेकर
उस पर तीन लोग सवार हो जाते थे

लेकिन

आज मत भेदों ने इस तरह से घेर रखा है
की हम कहने लगे है यह तेरा है यह मेरा है

आज एहसास हुआ है कि
मेरा बचपन कही छूट गया है

क्या है जिंदगी?

क्या है जिंदगी? नए मतलब सिखाने का नाम है जिंदगी , दुनिया कितनी भी मतलबी हो लेकिन यह जिंदगी हमे बहुत कुछ सिखाती है, इस दुनिया के बीच में हमे जीना आता है, और मतलबी है जीवन तो ओर भी रंगीन, हसीन बन जाती है यह दुनिया वरना शायद बेरंग हो जाती, जो इतना शोर है इस जीवन का वो शायद मतलब होने के कारण ही तो है यही मतलब न होता तो मौन कहला रही होती यह जिंदगी।

क्या है जिंदगी?
क्या है जिंदगी ?

मतलबी दुनिया के बीच अलग अलग मैने, मतलब सिखाती है यह जिंदगी

न मतलब की बात करो बस बिना मतलब के जिन सिखाती बताती भी है जिंदगी

बहुत सारे अर्थ बताती है यह जिंदगी इसलिए इस जीवन को जरा गौर से देखिए कही छूट न जाए कुछ, हर लम्हे में कुछ खास छिपा है इस जिंदगी के हर पल को इस जिंदगी का बेहतरीन बनाइये।

यह भी पढे: जिंदगी कैसी है, जिंदगी की राह, जिंदगी की राह में,

हंसने रुलाने

हंसने रुलाने का नाम है जिंदगी , यू ही गुदगुदाती है जिंदगी, कभी हसाती तो कभी रुलाती है जिंदगी, यह जिंदगी है साहब कुछ अटपटी तो चटपटी सी है जिंदगी

हंसने रुलाने का नाम है जिंदगी
ज़िंदगी क्या है

परीक्षा

परीक्षा से पहले डर और परीक्षा के बाद सफलता के बीच एक कड़ी होती है, जिसका नाम है रिवीजन:, यह उस चिड़िया का नाम है जो आपकी कमजोरी को कम और मजबूती को और मजबूत करती है. लेकिन आप जानते हुए भी रिवीजन नहीं कर पाते हैं.

1⃣. सबसे पहले और सबसे अहम- अपना सिलेबस को ध्यान में रखें. कहने का मतलब है कि अगर आपको सिलेबस का पता नहीं तो पढ़ाई कैसे करेंगे?

2⃣. खुद को सुनियोजित करें खुद की जरूरत को ध्यान में रखते हुए एक टाइम टेबुल बनाएँ. चाहे आपकी परीक्षा 2 माह या 1 माह हो चाहे जितना समय हो खुद को सुनियोजित करके ही कर सकते हैं. इसलिए एक टाइम टेबुल बनाएँ और उसका अनुसरण करें.

3⃣. जितनी उपर कही गई है उन बातों को ध्यान दें. बहुत से लोग छोटी मोटी गलतियाँ कर बैठते हैं. उदाहरण के लिए एक दिन किसी कारणवश यदि नियमित अध्ययन से आप चूक गए तो यह आप कभी मत सोचिए कि आज का दिन बेकार चला गया, अब मैं कल पढ़ुंगा. कड़वा लेकिन सत्य है कल कभी नहीं आता.

परीक्षा से पहले रिवीसन जरूर करे
सफलता की कुंजी

4⃣. यह याद रखें कि परीक्षा के 10 मिनट पहले किसी प्रकरण पर चर्चा न करें.

5⃣. अब आप सही रूप मेे रिवीजन कर रहे हैं, तो पिछले वर्ष का पेपर हल करें, ऐसा इसलिए कि ताकि परीक्षा का पैटर्न आपको मालूम हो जाएगा.

6⃣. परीक्षा में दूसरों की सहायता न करें, न दूसरों से सहायता लेने की कोशिश करें.

7. अपने साथ जरूरत का पूरा समान लेकर जाए ताकि आप अपने समान पेन , रबर और इत्यादि की चीज़ों को मांगने मैं व्यर्थ न करे