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याद कैसे किया जाए

याद कैसे किया जाए , याद आँखियो से नहीं हृदय से किया जाने वाला संदेश ।
आँखो को तो हृदय से मिलता समाचार ही सच्चा आदेश ॥
हृदय में यादों के उठते जवार ओर भाटा ।
उठते तूफ़ान आँखियो को भिगो भिगो जाता ॥

जब याद आँखियों से नहीं, हृदय से आता है संदेश,
तब विश्वास जगा लेता है, अनुभवों का आदेश।

आँखों की नकली छटा, सुन्नी हो जाती है सदा,
लेकिन हृदय से उठी बात, सच्चाई कराती वादा।

यादों की गहराई में, छिपे होते हैं राज,
हृदय की धड़कनों में, छुपा होता है प्यार का छाज।

स्पष्ट होता है हृदय से, मन की गहराई जो चाहे,
आँखों के मोर नहीं, हृदय का आदेश आये जो सदा।

सोचो न कभी, केवल आँखों से करके तारीफ किया जाना,
हृदय के उग्र ध्वनियों में, छिपा होता है भगवाना।

इसलिए, जब याद आँखियों से नहीं, हृदय से आए संदेश,
उन्हें सुनो, उन्हें मानो, जीवन को हो जाये आदेश, याद कैसे किया जाए

मित्र आपका दर्पण

मित्र आपका दर्पण , मित्र भिन्न भिन्न प्रकार की उनकी सुगंध को लिए वो इत्र…..
मित्र आपका दर्पण उनको हम चुनते, मददगार गढ़ने में चरित्र ।

नहीं मन में इच्छा बड़े महत्वपूर्ण व्यक्तियों से हो मित्रता ….
मेरे मित्र हो जाए वो बड़े महत्वपूर्ण ऐसी हो उनकी पात्रता ।

मित्र, वह रंगीन फूल है जिसके पत्तों में छुपी है सुगंध,
विविध रूपों में व्यक्त होती है उनकी आत्मा की विशेषता।
जैसे शीतल वायु में तरंगों की लहरें छाती हैं,
वैसे ही मित्रता के साथ वे दिलों को छू जाते हैं।

मित्र, तुम्हारी प्रतिबिंब वे देखते हैं अपनी आभा में,
तुम्हारे साथ जीवन के सफर में रंग भरते हैं।
वे बनते हैं तुम्हारे मददगार, तुम्हारे संग वे चरित्र गढ़ते हैं,
मित्र आपका दर्पण जैसे दर्पण तुम्हें चुनता है, वैसे ही वे तुम्हें स्वीकारते हैं।

मित्र, वे संगठित होते हैं जैसे पुरानी किताबों के पन्ने,
जो अनमोल विचारों से भरे हैं और ज्ञान का संग्रह करते हैं।
वे सहायता करते हैं जब जीवन के अचानक मुड़े आते हैं,
तुम्हारे दुःख सुख में सदैव वे संगीत बनते हैं।

मित्र, उनके साथ जीने में हमेशा होती है आनंद की बरसात,
जैसे इत्र की सुगंध हमें ले जाती है आभा की उषा में।
वे रचते हैं हमारी कहानी को खुदा की एक कृपा समान,
मित्र, तुम्हारा दर्पण वे हैं, जो हमेशा रहेंगे हमारे अभिमान।

यह भी पढे: मित्र या शत्रु, एक मित्र जो समझे, अच्छे लोगों का साथ, मित्रता अद्भुत,



यह सत्य

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन ….
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन ।
वो देता छाया यह क्या कम हे….
यथाशक्ति वो दे रहा जितना दम हे।

अनगिनत पक्षी कीड़े मकोड़ों इसकी शरण…
ये उसका स्वभाव प्रकृति के प्रति समर्पण ।
पेड़ मरकर भी जीवन के प्रति समर्पित…..
नौका किवाढ़ सज्जा से जीवन शोभित ।

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

वो देता छाया यह क्या कम हे,
जब उगते होते हैं वो ज़मीन।

पुष्पों से सजा आँगन उनका,
फलों से भरी होती डाली।

वृक्षों की छाया देती है शर्म,
सबको देती है वो माली।

फलों का मज़ा जब चखा जाता है,
हर बार नए रंग लाता है।

यह पेड़ नहीं सिर्फ़ हरा नहीं,
यह जीवन का संघर्ष दिखाता है।

छोटे छोटे पत्तों से जब खिलता है,
पूरे वन को रंगीला बनाता है।

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

जब खेतों में वो बढ़ते हैं,
अन्न की तरह सबको पोषण देते हैं।

जब हवाओं में उनकी लहरें होती हैं,
सबको ताजगी और शान्ति मिलती है।

यह पेड़ नहीं सिर्फ़ हरा नहीं,
यह जीवन का संघर्ष दिखाता है।

धूप के तप से जब सबको बचाते हैं,
प्राकृतिक सौंदर्य को बनाते हैं।

नीर के बंद कोषों से जब गूढ़ निकलता है,
जीवन की सत्यता को समझाता है।

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

इन पेड़ों के महत्व को जब समझोगे,
प्रकृति की रक्षा में योगदान दोगे।

अपने आस-पास के हर एक पेड़ को,
संभालो, प्यार दो, बचाओ।

क्योंकि हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

कुछ तो लिखे हम

कुछ तो लिखे हम, हर रोज तो लिखने को नही होगा
क्या यह बात है सही
नही नही
यह बात तो बिलकुल भी सही नही
क्यों
क्युकी हर पल , हर क्षण , हम अपने भीतर भर रहे असंख्य विचार उन्ही का समूह हम बना रहे है। बना रहे विचार पर विचार
फिर कैसे कुछ
फिर कैसे कुछ ना होगा कहने को
सुनने को
सुनाने को
कैसे ना होगी बात
और फिर कैसे ना होगी हमारी और आपकी मुलाकात
होगी और बहुत सारी होगी बात, कुछ नए शब्द और विचारो के तालमेल संग हम और आपका होगा साथ

कुछ तो लिखे हम, हर रोज लिखना ज़रूरी नहीं है,
यह सत्य नहीं है बिलकुल भी।
क्योंकि हमारे भीतर बसते हैं
असंख्य विचार, भावनाएं अनगिनत।

हर पल, हर क्षण ये विचार घुलते हैं,
उनसे ही हमारी कविताएं मिलती हैं।
ये विचारों का समूह हमें बनाता है,
कविता की रचना में उन्हें समाता है।

कविता हमारी आत्मा की अभिव्यक्ति है,
जब विचारों को शब्दों में बदलती है।
हर रोज़ लिखकर हम बनाते हैं वाद्य,
अपनी भावनाओं को साझा करते हैं यहाँ।

तो हर रोज़ लिखने को हो सकता है,
यह बात बिलकुल सही हो सकती है।
क्योंकि जब विचार बहुत हों अनगिनत,
उन्हें शब्दों में छिड़कते हैं हम नित्यत।


जीवन यात्रा


जीवन की अपनी यात्रा हो सामान की कम मात्रा ।
जीवन यात्रा में आपकी शैली महत्वपूर्ण….
अकारण सबसे प्रेम का जीवन अर्थपूर्ण ।

ग़लतियों से किसी का हृदय दुखता ….
जब जब स्वार्थ से ये हृदय है भरता ।
अकारण और निस्वार्थ प्रेम ही निवारण…
सदा बल देते रहे अपनाये ये आचरण

जीवन की यात्रा में आपकी शैली महत्वपूर्ण है,
व्यक्तित्व और आचरण से बनता है आपका महिमान्वित चित्र।

अकारण सबसे प्रेम का जीवन अर्थपूर्ण है,
स्नेह और सहयोग से बनता है संबंधों का महत्वपूर्ण वातावरण।

चलें यात्रा पर अंतर्मन के साथ,
प्रकृति की सुंदरता को देखें, दिल के नगरी में खो जाएं।

आत्म-विकास के पथ पर चलें, सीखें और बढ़ें,
ज्ञान के उद्धार से जीवन को अर्थपूर्ण बनाएं।

रिश्तों को महत्व दें, प्रेम को बांधें,
आपसी सम्बन्धों को देखें, सुख-दुःख में सहारा दें।

जीवन में अनुभवों को आत्मसात करें,
खुशहाली की ओर बढ़ें, अपने सपनों को पूरा करें।

ध्यान रखें सदैव आपकी नैतिकता,
जीवन को अर्थपूर्ण बनाएं, सच्चाई की ओर आगे बढ़ें।

यह अमूल्य विराम से सजी,
हर पल नया अद्भुत अनुभव, आनंद से भरी।

समय ओर स्थिति

समय ओर स्थिति सदा होते उसमें बदलने के गुण…
अच्छे सम्बन्ध सच्चे मित्र नहीं बदलते ऐसे उनके सदगुण ।
समय ओर स्थिति पे रखे अपनी तेज नज़र….
अच्छे सच्चे मित्र बने साधे इतना सब्र ॥

अच्छी सच्ची मित्रता सम्बंध दो व्यक्तियों का होता प्रयास ….
हर बार एक ही अच्छा करे न मन में पाले ये आस ।
अब ज़माना का रुख़ हाथ को हाथ हे …..
बनना अच्छा मित्र किसी को आपसे आस हे ॥

समय और स्थिति पर रखें अपनी तेज नज़र,
जानें क्या करें, कैसे करें, यही हो मेरा मंत्र।

बदलाव के साथ हमेशा तैयार रहें,
समय के साथ चलें, आगे बढ़ते रहें।

अच्छे संबंध बनाएं और निभाएं,
सच्चे मित्रों के साथ खुशियों का गीत गाएं।

जब समय बदले और स्थिति बदले,
सदगुण बनाएं, आपने को मजबूत बनाएं।

समय का सदुपयोग करें, स्थिति को समझें,
आपने आपको विकसित करें, आगे बढ़ें।

जीवन के नए संघर्षों को आप स्वीकारें,
सदगुणों के साथ आप जीवन को सार्थक बनाएं।

समय के बदलने को स्वीकारें और स्थिति में निरंतर बने,
सदगुणों की रश्मि में हमेशा प्रकाशित रहें।

जीवन की प्रतिक्रियाएं अच्छी दिशा में ले जाएं,
सकारात्मक गुणों से हमेशा जीवन को सजाएं।

अपमान ओर अहंकार

ज़िद ,ग़ुस्सा,लालच, अपमान ओर अहंकार ये सब खर्राटों के समान…..
जो दूसरो को चुभते परंतु स्वयं को नहीं कोई अहसास या अनुमान ।
सब गुण ,सदगुण ओर अवगुण हमारे विरासत के संस्कार…
पता चल जाता हे इतिहास व्यक्ति के व्यवहार का आधार ॥

सब कर रहे हे ग़लतियाँ नहीं कोई भी इस बात में बुराई…
बस न होना सुनने की क्षमता ये बात व्यवहार की दुखदाई ।
सुनना स्वयं की ग़लतियाँ ओर भविष्य में उससे सीखना….
नहीं कोई सम्पूर्ण ,चाहिए तो बस ग़लतियों से दूरी रखना ॥

ज़िद, ग़ुस्सा, लालच, अपमान ओर अहंकार
ये सब खर्राटों के समान।
जो दूसरों को चुभते परंतु स्वयं को नहीं कोई अहसास या अनुमान।

सब गुण, सदगुण और अवगुण हमारे विरासत के संस्कार।
ये विचार हों, हमारी रचना का सार।

ज़िद जैसी बाधाएँ हमें रोकें आगे बढ़ने से,
ग़ुस्सा को हम शांति में बदलें जीने से।

लालच का पाठ देकर सबको समझाएँ,
अपमान को दूर भगाएँ, प्रेम को लाएँ।

और अहंकार को छोड़ तेज़ ध्यान में लगे,
सदगुणों के मार्ग पर चलने को तैयार हो जाएँ।

सदगुण जैसे धैर्य, क्षमा, और संयम,
सबको सिखाएँ, आत्म-निर्माण का काम।

अवगुण को दूर भगाएँ, उनका संघर्ष करें,
हम खुद को स्वयं सद्गुणों से भरें।

ऐसी हो आपसी सद्भावना की राह,
जहाँ सब मिलकर बनाएँ खुशहाल समाज।

इस कविता के द्वारा समझाया है,
सदगुणों की महत्ता, नेकी का रास्ता।

नमस्ते का अर्थ

नमस्ते का अर्थ हम आपके प्रति प्रकट करते सम्मान….
नमस्ते हमारी संस्कृति का हिस्सा उसका स्वाभिमान ।
नमस्ते से जब होती दिन कि शुरुआत….
मन होता प्रसन्न चेहरे पे ख़ुशियों की बात ॥

नमस्कार के संस्कार से खुले हृदय का द्वार….
हृदय से खूब खूब करते इसका प्रचार प्रसार ।
अच्छी बांतो की समाज को प्रचार करना ज़रूरी….
मेरा नमस्कार करे स्वीकार नहीं तो बात रहेगी अधूरी ॥

नमस्ते कहने से जगमगाता है आसमान,
यह नभ बदलता है रंग और छान।
हमारी संस्कृति की गहराई छुपी है इसमें,
नमस्ते का शान है उसकी मधुर गीता।

हर बात का होता है एक आरंभ नमस्ते से,
हर मिलन सा लगता है अनुपम नमस्ते से।
जब आँखों में आपसी स्नेह छा जाता है,
दूर होती है सभी दुर्भावनाएं जब नमस्ते बोलता है।

प्रेम, सम्मान और आदर्शों की बात करता है यह,
नव जीवन की शुरुआत करता है यह।
नमस्ते की सुरीली आवाज से बसती है खुशियाँ,
नमस्ते के प्रहार से हर बुराई दूर हो जाती है।

नमस्ते की भावना से जीवन बनता है मधुर,
आपसी सम्बंधों में आत्मीयता बनती है जब आदर।
चाहे जितना भी विभाजित हो जगत,
नमस्ते की एकता में होती है आपसी मिलाप।

नमस्ते कहने से मन को शांति मिलती है, खुशियाँ बरसती है।
इसलिए आओ मिलकर बोलें नमस्ते

कभी मत करना

कभी मत करना “don’t give up”….
बनना rocket , ध्यान लक्ष्य पे ऊपर up and up ।
लक्ष्य सही जो कुछ भी होगा सुखदायक….
तुम ख़ुद के भाग्य विधाता तुम इस जीवन film के नायक ।

बुरा न किसी का सोचना यह महा दुःखदायक….
अपना पथ सही चुनना इस चुनाव के तुम महानायक ।
जो बीता अच्छा या बुरा वो करे आपको प्रकाशित….
फिर सब अच्छा हे नये शुभ विचारो से हो विकसित पुलकित ।

चलो उड़ जाएं उच्च स्वर्ग की ओर,
इस कविता में बनाएं नए सपने और उम्मीदें।
जीवन के खेल में, निरंतर आगे बढ़ें,
खोया हुआ लक्ष्य ढूँढ़ें और प्राप्त करें।

जीवन की सफलता की ओर बढ़ते चलो,
हार न मानो, पिछड़े रहो नहीं।
इस संगीत में नए स्वर गाते चलो,
हो जाओ एक रॉकेट, ऊपर, ऊपर फिरते चलो।

जब जीवन की गाथा मुश्किल हो जाए,
जब दूरीयाँ और बाधाएँ आ जाएं।
याद रखो, लक्ष्य है वह सुखदायक द्वार,
जो प्राप्त करेगा आपको खुशियों का उपहार।

थक जाओ तो नहीं, हार मत मानो,
अपनी मंजिल की ओर बढ़ते चलो।
जीवन की रेलगाड़ी बढ़ती रहे,
नये अवसर आपके पास आते चलो।

जहां आपका लक्ष्य वहां सुंदरता है,
खुशियों का संगम है और आनंद है।
तो अपने सपनों को पूरा करने का प्रयास करो,
और खुद को उच्चतम ऊंचाइयों तक ले जाओ।

इसलिए कभी मत करना “थक मत जाओ”,
आगे बढ़ो और जीवन को जीतो।
रॉकेट बनो, ऊपर की ओर उड़ो,
और जीवन को सुखदायक बनाओ।

कुछ यादे है

हाँ, कुछ यादे है जिन यादों के सहारे मैं बैठा हूँ, इन यादों को

हाँ, कुछ यादे है जिनके संग मैं बैठा हूँ,
इन यादों को मैं अपनी कविता में ढालता हूँ।

यादें वो हैं, जो बीते लम्हों को जीवंत करती हैं,
वो पल जब सपने सच होने की घोषणा करती हैं।

वो पहली मुस्कान, वो प्यार की झलक,
जब मन था मस्ती और दिल भरा उमंग से।
वो दोस्ती की मिठास, वो खुशियों का संगम,
जिन्हें याद करके हर दिन हो जाता है रंग।

यादें वो हैं, जो हृदय को छू जाती हैं,
वो गम को दूर भगाती हैं और खुशी बढ़ाती हैं।

वो रंगीन चिड़िया की उड़ान, वो बारिश की बूंद,
जो भर देती हैं जीवन को हर तरफ मस्ती से।
वो माँ के प्यार की गोद, वो पिता की मुस्कान,
जिन्हें याद करके आता है शांति का अनुभव।

यादें वो हैं, जो जीवन को महकाती हैं,
वो खोये हुए सपनों को फिर से जगाती हैं।

वो सूरज की किरण, वो चाँद की चमक,
जो दिल में उम्मीद की आग जगाती हैं।
वो गीतों की धुन, वो किताबों की कहानी,
जिन्हें याद करके जीवन बन जाता है मधुर।

हाँ, कुछ यादे है जिनके सहारे मैं बैठा हूँ,
इन यादों को मैं अपनी कविता में ढालता हूँ।