Posts tagged spiritual

फोकस

कैसे करे अपने गोल को सेट ? फोकस, फोकस, फोकस ओर सिर्फ फोकस कीजिए , क्या करना है क्या नहीं उस पर फोकस करो जहां opportunity देखी वही भाग जाना नहीं खुद को उसी जगह पर बिल्ड करो

किसी ने सच ही कहाँ है की सक्सेस इस डूइंग राइट थिंग नोट एनीथिंग ओर मेनी थिंग

1. घर ओर परिवार में संतुलन : जो तस्वीर में होते है वो परिवार नहीं है जो तकलीफ में होते है वो परिवार है , घर को ऑफिस ले जाना ओर ऑफिस को घर ले जाना ये ठीक नहीं है , जिन लोगों को आदत होती है की अपनी सारी ऑफिस की टेंशन को घर में उठाकर ले आए ओर घर की परेशानी अपने ऑफिस में तो इसे बंद करे।

2. फाइनैन्शल : खाली पेट ईमानदारी , सच्चाई की बड़ी बड़ी बाते करना कोई ठीक नहीं है इसलिए पैसा कमाओ लेकिन ईमानदारी से ही , पैसा खराब नहीं होता लेकिन यदि आप पैसे से प्रेम करते है तो वह गलत है।

3. शारीरिक दुरुस्त: होना चाहिए सेहत बहुत जरूरी है , जब हम मानसिक तौर पर अच्छे होते है तब अच्छा महसूस करते है ,तभी हम अच्छे बड़े ओर फायदेमंद फैसले ले पाते है।

4. मेंटली स्ट्रॉंग – यदि हम 1 हफ्ते में एक किताब पढ़ते है तो इसी तरह साल में 52 किताबे पढ़ सकते है, जो आपकी बुद्धि को बढ़ाए , आपको नया सोचने कए लिए प्रेरक करे , एक आइडीअ मिलियन डोलोर के बराबर है , सफल होने के लिए सिर्फ एक idea ही बहुत है।

लर्निंग एण्ड अर्निंग , लर्न मोर अर्न मोर , हमेशा पढ़ने की कोशिश करे यह आपको एक बेहतर इंसान बनाने में भी बहुत मदद करता है , समय कितना भी हो लेकिन पढ़ना बहुत जरूरी है, और अच्छी किताब को एक बार नहीं पढ़ना जितनी बार पढ़ सको उतना अच्छा हर बार कुछ नया सीखने को मिलता है , अच्छी किताब सिर्फ पढ़ी नहीं जाती उससे बातचीत की जाती है।

5. आपका सोशल सर्कल – आपका सोशल कितना जरूरी है , आपकी संगत ओर आपकी किताबे जो पढ़ते है वो कहाँ पर है , आज से 5 साल बाद आप कहाँ होंगे, ओर आपका सोशल सर्कल कहाँ होगा क्या आज भी आप उन लोगों के साथ ठहरे हुए है या आप उन्हे भूल गए या वो आपको आपने अपनी जिंदगी में कितने लोगों को संभाल कर रखा है। इस बात से अंदाज लगाया जा सकता है आप आज कहाँ है।

6. आध्यात्मिक – झूठ नहीं बोलना , अपने आप से चोरी नहीं करना, अच्छे रास्ते पर चलना दूसरों को ओर साथ ही खुद को धोखा नहीं देना ,

इन 6 चीजों में से कोई भी एक चीज मिस करोगे तो आपकी गाड़ी झटके मारेगी , इन सभी बातों में से कोई भी एक चीज आप छोड़ते हो तो आपकी गाड़ी डोलेगी।

मन क्या है?

मन क्या है ? मन क्या चाहता है ? मन शरीर का एक अंग नही है, यह शरीर से अलग है,
मन हमेसा हम नए नए कार्यो उलझता है मन सिर्फ नए कार्य ही करने चाहता है, यह मन का स्वभाव है, यह मन की पृकृति है की यह सिर्फ नए की खोज में लगातार लगा रहे यह पुराने को भूल जाता है, छोड़ देता है हर दूसरे पल में कुछ ना कुछ नया करने की इच्छा इस मन में रहती है।

जिसकी वजह से हम कुछ ना कुछ कार्यो को करना चाहते है, और खाली बैठ नही पाते मन तो कभी इस दिमाग को व्यस्त रखता है। खाने, घूमने, खेलने, आदि कार्य करने या कुछ भी सोचने आदि के कार्यो में हमेसा उलझाए रखता है।

हम क्यों खाली खाली महसूस कर रहे है या करते है ? क्या हमारे पास कुछ नही है करने को ?
या हम कुछ अलग कुछ नया हम करना चाहते है।

हम क्यों अपने आपको खाली खाली देखते हैै ?

क्यों हमारा मस्तिष्क खाली खाली सा महसूस कर रहा है हमारा मन हमेसा नए कार्यो में नई चीज़ों की तरफ आकर्षित होता है, तथा शरीर पुराने की मांग करता है जो पिछले दिन किया था उसी कार्य को करना चाहता है परंतु मन नए कार्यो में लगाना चाहता है, ये सिर्फ कुछ स्थानों पर शांति चाहता है जैसे बीते हुए दिन में क्या हुआ था ? वही दुबारा चाहता है।

उसी को बार बार दोहराना चाहता है शरीर आलसी है, मन नित नए कार्यो की अग्रसर होता है, अर्थात यह मन नया चाहता है, इसलिए हमेसा हम एक छोर को छोड़ते है, तो दूसरे छोर की और भागते है, एक कार्य पूरा नही होता बस दूसरेे कार्य में लग जाना चाहते है, एक मिनट भी हम मन हमे खाली बैठने नही देता बस किसी ना किसी कार्य में लगातार लगाए रखता है।