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धन सम्पदा ओर समय

धन सम्पदा ओर समय में अंतर….
धन सम्पदा हो सकती ज्ञात लेकिन
कितना बचा समय अज्ञात कभी भी
हो सकते छूमंतर ॥

समय सबसे मूल्यवान…
सदा करे समय का सम्मान,
समय हे तभी उपयोग धन सम्पदा ओर समय
की भी पहचान ।

2. सभी अपने
बात ये हृदय की…..
बाक़ी कुछ व्यक्ति विशेष
नहीं मिल पारे बात यह
पते की ।

ख़ुशियों के फूल सदा
खिले मित्रों के हृदय में….
हृदय का सही संचालन
हो ध्यान रखें समय समय में ।

3. चरित्र की भूमिका वृक्ष समान
प्रतिष्ठा यश सम्मान उस वृक्ष की छाया ।
चरित्र हो इतना सबल प्रबल
प्रतिष्ठा यश सम्मान की बरसेगी माया ।

4. ज्ञानी होने से शब्द आते समझ…..
अनुभवी को ज्ञान मिलता सहज ।
ज्ञान जब होता परिष्कृत…
आभाओ से सब होता सुशोभित ।

अनुभवों की जलाये रखो मशाल….
जीवन जीयो बिंदास खुशहाल ।
अर्जित ज्ञान को कसोटी पे कसना….
पूरा होगा खुली आँख से देखा सपना ।

5. प्रसन्नता में विघ्न हे अधिक सोच विचार….
वेसे ही जीवन के पल हे कुल चार ।
करने कहने से पहले सोचना अच्छी बात…
इस बात की अधिकता आफ़त की बरसात ।

सोच की दिशा सदा हो न्यायुक्त….
सुने सबकी लेकिन विचार हो स्वतंत्र मुक्त ।
फिर अधिक सोचने की नही आवश्यकता…
इतनी हो जीवन में सुदृढ़ संग परिपक्वता ।



भीतर की परत

भीतर की परत दर परत हट रही है अनेकों परतों से गुजर चुका हूं अनेकों परते और लग रही है हर परत के साथ लगता है मंजिल करीब है लेकिन मंजिल अब भी बहुत दूर सी लग रही है।
परत = लेयर ( Layer )