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तारों का जाल

दिल्ली में तारों का जाल बना जंजाल

दिल्ली में तारों का जाल बना जंजाल जो हर जगह बिछा हुआ है इसका कोई हल होता नहीं दिखा रहा है , बिजली विभाग कितने ही वर्षों से नुकसान में चल रहा है यह समझ नहीं रहा है इन लोगों के पास तारों के जाल को ठीक करने के लिए क्या पैसे नहीं है ? क्या यह बिजली विभाग वाले दिल्ली को जला देना चाहते है ? क्या यह जिम्मेदारी सिर्फ बिजली विभाग की है या फिर दिल्ली की सरकार की भी कोई जिम्मेदारी है इसमे

यह दिल्ली का चावडी बाजार है जहां सिर्फ तारों का जाल बना हुआ है
तारो का जाल
इस तरह से बिखरी हुई है ये बिजली की तारे

जिम्मेदार कौन है ?

यह प्रश्न बहुत जरूरी है यदि आप दिल्ली मे देखेंगे सिर को ऊपर करके तो आपको आसमान नहीं तार दिखेगी हर ओर फैली हुई है ये तारे जो हर आने जाने वाले को परेशान करती है यदि इनमे कभी शॉट सर्किट हो गया तो क्या होगा ? क्या गलियों के भीतर दमकल को गाड़ी आ पाएगी , या भीड़ भरे इलाके में दमकल की गाड़ियां आएगी बस हर जगह हड़कंप मच जाएगी और चारो ओर तबाही नजर आएगी

तारों का जाल बना हुआ है जंजाल लेकिन क्यों? क्या इन तारों को ठीक करने की जिम्मेदारी कोई नहीं लेना चाहता क्यू इतनी लापरवाही इन तारों के जाल को लेकर

आजकल तारे तो खाली बिजली विभाग की नहीं बाकी भी केवल की , इंटरनेट सर्विस की भी लटकी रहती है जिनकी वजह तारों का जाल अब जंजाल बना हुआ है

ऐसी जगह जहां पर तारे बहुत नीची लटकी हुईं है यदि इस जगह से कोई वाहन निकलता है तो यह तारे उस वहाँ से टकरा जाती है तथा कुछ तारे टूट जाती है ओर यदि इन तारों में करंट हुआ तो क्या होगा ? क्या इस वजह से पूरा एरिया खतरे में नहीं पड जाएगा

चावडी बाजार जहा तारे इतनी बुरी तरह से फैली हुई है जिनका हिसाब लगाना बहुत मुश्किल है यदि की विदेशी इस जगह से निकलता है तो वह बाकी फोटो को छोड़कर वह इन तारों की फोटो लेने लग जाते है वह बहुत अचंभित होते है इन तारों को देखकर

दिल्ली का कोई भी हिस्सा हो तार ही तार का जाल है

तारो का जाल

दिल्ली में तारों का जाल बना जंजाल लटकी हुई तारे
तार का जंजाल
तारो का जाल
बिजली की तारे
तारो का जाल
क्या होगा इस भीड़ भाड़ वाले इलाके में यदि कुछ हो जाता है
तारो का जाल

मन भी घबरा जाता है जब तारों का ऐसा दृश्य सामने आता है

पहाड़ गंज

पहाड़ गंज एरिया की कृष्णा गली घी मंडी चौक की तारे बहुत सारे लोगो के लिए एक ऐसा स्पॉट बना हुआ

जिसे देख कर बहुत सारे लोग स्तब्ध हो जाते है, कभी सिर झुक कर चलते है तो कभी ऐसे देखते है, जैसे उन्होंने पहले कभी तारे देखि ही नहीं।

इन बिजली, केबल , वाईफाई, टेलीफोन की तारों देखने के बाद लोगो के पास शब्द नही होते और उन तारो को देखकर फ़ोटो खिंचने लग जाते है।

जब विदेशी पर्यटक इस गली से गुजरते है तो वह इन तारो की फोटोज लेते है, और इनकी ड्राइंग भी बनाते है, आज से थोड़े टाइम पहले मेरी मुलाकात साशा बेजुरोव से हुई थी जो बहुत ही मशहूर फोटोग्राफर है उन्होंने भी इन तारो की बहुत सारी फोटोज ली एवं चित्र भी बनाया था।

कहने का तात्पर्य यह है, कि यह तारे सभी को अचंभित करती है क्युकी यह बहुत नीचे है, तथा आने जाने वालो को परेशानी भी होती है यह पूरी तरह से एक झुंड बनाए हुए है।

इनको यह नीचे लटकी हुई तारे बड़ी अदभुत सी लगती है, मानो उन्होंने ऐसे तारो को नीचे की और कभी देखा ना हो, यह नजारा कभी देखा ही ना हो इसलिए यह तारे उन्हें आकर्षित करती है, परंतु यह तारे खतरनाक तारे है, यदि किसी दिन कोई हादसा हो गया तो कौन कैसे बच पायेगा एक तो पहाड़ गंज की गालियां इतनी संकरी और उसके बाद यह नीचे लटकी हुए तारे जिनका कोई समाधान नही मिल रहा है।

क्या इनका कोई समाधान है ? क्या सरकार इन लटकी हुई तारो के बारे में कुछ सोच रही है , यह तारे सिर्फ पहाड़ गंज में ही नही है। दिल्ली की काफी जगह ऐसी जहाँ इस प्रकार से तारे लटकी हुई है , नई सड़क, चावड़ी बाजार , चांदनी चौक आदि जगहों पर भी इसी तरह से तारे नीचे की और लटकी हुई है, तथा इससे भी बदतर हालात में है, और इनका कोई समाधान होता हुआ नही दिख रहा है।

दिल्ली की काफी जगह ऐसी जहाँ इस प्रकार से तारे लटकी हुई है , नई सड़क, चावड़ी बाजार , चांदनी चौक, आदि जगहों पर भी इसी तरह से तारे नीचे की और लटकी हुई है, तथा इससे भी बदतर हालात में है, और इनका कोई समाधान होता हुआ नही दिख रहा है।