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यादों से कैसे बचे

किसी की यादों से कैसे बचे:इसके लिए आपको अपने ध्यान को दूसरी ओर केंद्रित करना होगा तभी आप उनकी यादों से बच सकते है

किसी की यादों से कैसे बचे, क्या किसी के साथ क्या उनके साथ आप की कोई बेकार यादे जुड़ गई है या कोई छोड़ कर चला गया है याडे जब दिल दुखती है तभी उन यादों से बचने की कोशिश की जाती है, आप उनके बारे में अपने विचार को बदल दीजिए वह यादे आपको कभी दुख , तकलीफ नहीं देगी।

आप उनके साथ बिताए अच्छे पलों को याद कीजिए ओर जीवन का सुखद आनंद लीजिए हर किसी से हमने कुछ न कुछ सीखा ही होता है जो चला गया उन्होंने भी कुछ सिखाया ही है एस सोचिए।

यादे बुरी है ऐसा सोचकर आप यादों से दूर ना भागे, बस अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए उनकी यादों का उपयोग कीजिए।

जीवन बहुत बड़ा है सिर्फ कुछ महीनो ओर सालों की यादे आपके बहुत बड़े जीवन पर कैसे अपना शासन कर सकती है उन यादों को अपने ऊपर हावी न होने दे उनसे आगे बढ़े ओर कुछ बड़ा करे।

पुरानी यादों से कैसे बचे:

सबसे पहले तो उस इंसान को माफ करदे जिसकी याद आपको आ रही हो कोई भी इंसान वो बाते याद नहीं करता जो सुलझी हो इंसान की आदत होती है वहीं बात सोचने की जहां गड़बड़ हो, तो माफ करने से आप अपने दिमाग में सुलझोगे उसकी गलती माफी लायक ना भी हो या फिर गलती आपकी हो आपको माफी मन में उसको माफी देनी है इससे आप मन में सुलझ जाओगे

आपको सारी सोशल मीडिया से ब्लॉक नहीं करना है, क्यों की आपका दिमाग का ट्रिगर वहीं जाएगा कि आपने उसे ब्लॉक कर रखा है unblock ka trigger आपको परेशान करेगा। बताया ना दिमाग वहीं जाता है जो चीजें अनसुलझी हो और ना नंबर डिलीट kre ना फोटो ये सब वहीं करे तो सोने पे सुहागा आपको दिमाग का ट्रिगर अपने को प्रेरित करने वाली चीजों को दूर ही रखे तो अच्छा है इसलिए ऐसा पहले ना करे

उसकी यादों से आनंद लेना बंद करे हम उनके साथ बिताए पल को इसलिए याद करते है क्यों की हमे आनंद अपनापन लगता है और ये सोच कर हमे बुरा लगता कि ये पल दोबारा हमारे साथ नहीं होंगे उस वक़्त दिल में गहरा सा एक दर्द होता है जिसे प्यार में तड़प कहते है हमे ये वार वार इस यादों को हल्के में लेना होगा जैसे अरे यार ये तो नॉर्मली ही था कुछ स्पेशल नहीं था

जिस वक़्त आप उस व्यक्ति से बात करते थे या WhatsApp chat ya social media पर बात करते थे या कॉल में बात उस वक़्त आपको ज्यादा याद आएगी तो उस वक़्त को गुजारने के लिए बुरी आदत में ना पड़ जाए जैसे शराब सिगरेट इत्यादि क्यों की कुछ समय में आपको वहीं आदत हो जाएगी ,इसलिए उस समय में अच्छी बुक पढ़े अच्छी बुक पीडीएफ फाइल डाउनोड करे, अच्छी आदतें बनाइए आगे आप जब इससे उभर जाएंगे आपको फायदा मिलेगा

उसको भुलाने के लिए किसी जगह डिपेंड नहीं रहे जैसे की आप दोस्तो के पास जाते हो की उसकी याद ना आए कुछ देर तो आपको याद नहीं आएगी पर जैसे ही आप अकेले रहो तब एक दम से उसकी याद आने लगती है तो आपको सहारे नहीं ढूंढ ना है सहारे से आप भूलने की कोशिश करोगे तो आपके दिमाग को पता होता हैं दिमाग का ट्रिगर आपको कुछ देर रुक देगा किन्तु वो जनता है समस्या सुलझी नहीं है तो दिमाग वहीं जाएगा

अब सबसे अहम काम ये है कि आपको खाली समय को भरना होगा पर इसलिए नहीं की उसकी याद ना आए बल्कि इसलिए कि उसकी यादों को रोकने के लिए आप जो बेफिजूल के काम करोगे जैसे किसी भी जान अनजान को मेसेज भेजना किसी से भी बात करना बिना मतलब की या नया रिश्ता बनाने की ओर प्रेरित होना ये बाद ने चलकर आपको दुख देगा रिग्रेट feel करवाएगा इसलिए उस खाली समय को अच्छे कामों में भरों क्यों की आदत तो आपको उसके बदले में किसी भी चीज की होगी ही

बदला लेने की ना सोचे जैसे में उसको बताऊंगा या बताऊंगी की में कोन था /थी अपना ईगो सेटिस्फाई करने के चक्कर में आप ना की भूल पाओगे बल्कि खुद की स्थिति और परिवार की स्थिति को भी बिगड़ दोगे इससे आपका वक़्त फ़िज़ूल जाएगा उसकी याद में खुद को किसी के भी सामने प्रूफ करने जरूरत नहीं है, हा उसने बहुत बुरी तरह छोड़ा हो पर बदले की भावना से आप कभी आगे नहीं बढ़ पाओगे अनसुलझे हो जाओगे फिर याद आपको रहेगी ही खुद में विश्वास करे आप खुश हो बस,

अब शांत बैठ जाओ और मन में सोचना प्यार सबसे अच्छी चीज होती है दुनिया में अगर भूलना इतना आसान होता तो दुनिया में प्यार जैसा शब्द नहीं होता ये हमारी अच्छाई ही है की हम भूल नहीं पाते वरना कोई भी किसी को अपने मतलब के लिए आसानी से छोड़ सकता था, में खुश हूं कि में एक बहुत अच्छा इंसान हूं जिसके दिल में प्यार करूणा है गहरी सास लेकर छोड़ो अब सब ठीक है वक़्त के साथ हर चीज नॉर्मल हो जाती है ज्यादा तकलीफ हो तो डॉक्टर की मदद ले सकते ह

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पता नहीं मुझे

पता नहीं मुझे कैसे मेरी ओर तुम्हारी बाते हो जाती है, कुछ तो बात है हम दोनों के बीच जो कभी अधूरी रह जाती तो कभी पूरी हो जाती है, हम दोनों ना जाने किसलिए मिले, कौनसा था तार जो हम दोनों को जोड़ रखा था, कितनी दूरिया हो जाती है फिर एक मोड पर आकार हम मिल ही जाते है, फिर उनही बातों को सिरा बनाकर हम आगे की और बढ़ चल चले जाते है।

कुछ ऐसे ही बस तेरी यादों में डूब जाना चाहता हूँ, हर जगह से दूर हो जाना चाहता हूँ, कुछ ओर ना हो अब हम दोनों के बीच सिर्फ तेरे ही ख्यालों में अपने हर ख्याल को बिताना चाहता हूँ, खो जाना चाहता हूँ, तेरे ही सपने सजाकर तुम्हें अपनी आँखों में मुँदना चाहता हूँ।

क्या तुम भी मुझे अपनी यादों में रखना चाहती हो या फिर उन सभी यादों का भुलाना चाहती हो, जो सँजोई थी एक दूसरे के साथ रहकर उन यादों को कैसे तुम भुला दोगे।

पता नहीं मुझे हम दोनों के बीच में कौनसा संबंध है, जो ना टूटता है ना जुड़ता है फिर भी हम दोनों का संबंध अटूट सा लगता है, उस अटूट से संबंध में हम दोनों का नहीं पता ना नाम दिया उस संबंध ना कोई पता फिर भी होने को रिश्ता कहला रहा है।

तेरी यादे

तेरी यादे बन बैठा हूँ मैं तेरी मोहब्बत में,

ख्वाबो का पुतला सा

मैं कुछ कह ना पाऊ

कुछ सुन ना पाऊ

बस बेसुध सा नजर आउ मैं

ये जो तुझसे मोहब्बत हुईं

ना पाकर घबराऊँ मैं….

जब मैं तेरे बारे

जब मैं तेरे बारे सोचता हूँ

आंखे भीग जाती है मेरी

दिन का चैन खो जाता है

और

रातो की नींद उड़ जाती है

सारे सपने भूल जाता हूं

ना सोता हूं ना जागता हु

पागलो की तरह बड़बड़ाता हुआ

लोगो को नजर आता हूं

जब मैं तेरे बारे में सोचता हूं

ना काम कर पाता हूं

ना खाली बैठ पाता हूं

तेरी याद में ना जाने कहाँ खो जाता हूं

तुझको भूल ही नही पाता हूं

फिर ये बात भी गलत लगती है

कि मैं तेरे बारे सोचता हूं

तू तो मेरे खयालो से नही जाती है

हर पल हर दम तू मेरी

सांसो की धड़कनों में धड़कती

हुई सुनी जाती है 

फिर कैसे कह रहा था मैं

की जब भी तू मेरी यादों में आती है

अब तो यह बात मेरी सांसो ने भी झुठलादी है

की जब तू मेरी यादों में आती है, आंखे भीग जाती है मेरी जब भी तेरी याद आती है।  

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