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थोड़ी बेखबरी थी

मेरी जिंदगी में
बस थोड़ी बेखबरी थी
कुछ सहमी
कुछ अकड़ी थी
एक आहट थी
दबे पाँव की सरसराहट थी
तभी मेरी एक बाह ने
दूसरी बाह पकड़ी थी जो
इस कदर जकड़ी थी मानो
लिपटी आग से एक लकड़ी थी
जिसमे मेरी जिंदगी अटकी थी
कोई एक राह सी भटकी थी

थोड़ी बेखबरी थी
मेरी जिंदगी