वक्त के साथ हर कोई बदल जाता है किसी की अकड़ काम हो जाती है, तो झुक झुक कर चलने लग जाता है, ये वक्त है साहिब इसके आगे कोई नहीं चल पाता है।
वक्त के साथ बदलाव सबमे दिखता है
वक्त के साथ हर कोई बदल जाता है किसी की अकड़ काम हो जाती है, तो झुक झुक कर चलने लग जाता है, ये वक्त है साहिब इसके आगे कोई नहीं चल पाता है।
वक्त के साथ बदलाव सबमे दिखता है
प्रेरणा हमारे जीवन में कितना महतव रखती है ओर यही प्रेरनाए कितनी ही संभावनाओ को को जन्म देती है, ये प्रेरणा एक जीवन संभावना है जिसके द्वारा हमारे जीवन का सुधार होता है।
प्रेरणा एक जीवंत संभावना
जीवन में सुधार की कामना ।
प्रेरणा के द्वार अच्छे बुरे दोनों के लिए खुले
दस्तक दे इसके द्वार अच्छाई के फूल खिले ।
ले प्रेरणा नकारात्मक से सकारात्मक की
या फिर ले वो संदेह से विश्वास की
प्रेरणा ले निराशा से आशा की
प्रेरणा ले अंधेरो से उजाले की
सही प्रेरणा जीवन की मास्टर की।
अकारण प्रश्नता हो जाए व्यवहार….
यही सच्चा जीवन का शृंगार ।
बॉट दे उसे कर दे यह व्यापार…..
करो सब को जो जैसा हे स्वीकार ।
माँग और पूर्ति का खेला चल रहा….
खेल रहे हे सब सब होके बेपरवाह। ।
समय आधार सब हो गाएगा मिट्टी……
अकारण प्रसन्नता हे तेरी मुट्ठी ।
जो हो रहा है वो बेहतर है बस यही एक विचार तेरा ही आसरा यह की जो हो रहा है वो सबसे बेहतर सबसे सर्वोत्तम
आसरा यह कि जो हो रहा है वो सबसे बेहतरीन सबसे सर्वश्रेष्ठ………..
बस आसरा एक कि चरित्र में प्राण डाल सकूँ
तो कार्य हो जाए दी बेस्ट ।
मर्जी अपनी तो अक्सर सभी चलाना चाहते……
चाहूँ जो सही हे वही हो चाहे मेरे हो विरुद्ध कार्य जो मुझे नहीं भाते ।
कलाकार का जीवन
कलाकार पर्दे पे आपके सुख दुःख भोगता…..
कलाकार किरदार भीतर स्वय के सोखता।
अपनी कला का जलवा मंच पे बखेरता….
किरदार में अपनी कला के प्राण फूकता।
कलाकार अभिनय को देता उत्तम आकर ….
एकलोते जीवन में जीता भिन्न भिन्न किरदार ।
कलाकार की ख़ुशबू चारों और फैलती…
प्रशंसा उसके कार्य में नई ऊर्जा भरती ।।
कलाकार समाज का वो नुमाइंदा…..
भीतर से वो भी शख़्स अच्छा या गंदा ।
कलाकार में हम शख़्सियत नहीं नायक को खोजते …..
उस नायक से क़ायम होता रिश्ता बड़ी शिद्दत से उसे हम पूजते ।।
कलाकार का जीवन, पर्दे पे आपके सुख दुःख भोगता,
किरदार भीतर स्वयं के सोखता।
रंग और अभिनय की दुनिया में खो जाता है सब,
अपने भावों के माध्यम से जगत को भर देता है अर्थ।
प्रेम, विरह, आनंद, विलाप, सबको अदा करता है वह,
जीवन के हर रंग को अपनी कला से सजाता है वह।
कला के सम्राट, कलाकार नाम उनका,
रंगमंच पर जीवन का सच उनका।
संगीत की साज, नृत्य की आवाज,
सभी रसों को जीवंत करता है वह राज।
पढ़ता है वह वाचिक विधान,
साधक के रूप में निभाता है अद्वितीय ध्यान।
नाटकों के पट पर, सिनेमा की दुनिया में,
कलाकार रचता है अपनी कहानी में।
जीवन के रंगों को चित्रित करता है वह,
अपनी कला से जन-जन को भरता है वह।
जीवन-संगीत की लहरों में नाचता है वह,
अपनी अभिनय की कविता सुनाता है वह।
कलाकार का जीवन, रंग और रूपों का संगम,
अपनी कला के साथ जीने का अद्वितीय उपयोग।
धन, यश या स्थान की परवाह नहीं होती उसको,
उसकी प्राथमिकता होती है अपनी कला में खोने की।
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न समय बर्बाद करना ग़ुस्सा करने में….
ग़ुस्सा भरता दुखो को अपने झोले में ।
न समय बर्बाद करना चिंता करके….
चिंता बंद गली ,दम लेगी वो मर के ।
जीवन हे हवा के ग़ुब्बारे सा ….
चिंता ग़ुस्सा दुःख उसे जाते खा ।
हंसिए मुस्कुराए दुखो को सुई लगाए….
चलो समय का सही सदुपयोग हो जाए ॥
हर सुबह, हर दिन अच्छे विचारों से आपका दिन शुभ हो इसके लिए कीजिए विचार प्रतिदिन आज का विचार “अत्याचार का बड़ा भाई”
अत्याचार का बड़ा भाई हे भ्रष्टाचार….
भ्रष्टाचार राक्षसों का सर्वश्रेष्ठ आहार ।
करते व्यभिचार उनका अधिकार….
उनको सब घृणित कृत्यों से प्यार ।
अब आया नए नसल का भ्रष्टाचार….
स्वयं की घोषणा पवित्र होने की हुंकार ।
उनके पाप का धड़ा जल्द ही भर रहा…
उनका नैतिकता का मुखौटा उतर रहा ।
अत्याचार का बड़ा भाई है भ्रष्टाचार,
भ्रष्टाचार राक्षसों का सर्वश्रेष्ठ आहार।
करते व्यभिचार उनका अधिकार,
उनको सब घृणित कृत्यों से प्यार।
धन का लालच, इंसानियत का त्याग,
भ्रष्टाचार के रास्ते पर चलते ये व्याघ्र।
निर्दोषों को बदनाम करते हैं आपात,
आम जनता की जीवनरेखा बन जाते हैं विलापत।
चोरी-छिपे मिलती हैं जब डेली,
सत्ता के बैठे ये लालची जेली।
सारे नेता बन जाते हैं बिकाऊ,
जनता की बातों से जुदा हो जाते हैं दूर।
खाते हैं घूस में बड़े-बड़े रिश्वत,
जनता की मुसीबतों को करते निवारण।
बदलता नहीं इनका रंग नेतृत्व,
वोटों के मोह में फंस जाते हैं गुमराह।
देश की विकास ले जाते हैं इंद्रधनुष,
जनता की आशाओं को बनाते हैं धुंध।
दिखावे के पीछे छिपाते हैं अपराध,
भ्रष्टाचार के दामन से डरते हैं नागरिक।
जब तक न जागे जनता की आँखें,
भ्रष्टाचार की चोट बनी रहेगी गहन।
संघर्ष करें हम इस बुराई के खिलाफ,
दें एक नये भारत को वादा विश्वास का।
इसिके साथ साथ आप कुछ ओर कविताए भी पढे व हमे कमेन्ट में जरूर बताए की हमारी कविटाए आपको कैसी लगती है जिससे हम ओर बेहतर ओर ज्यादा से ज्यादा लिखे आपके द्वारा दिए गए सुझाव ही हमे प्रेरित करते है
कुछ और कविताए : भविष्य निर्माण, विनम्रता में भी नंबर, चलते चलो, कैंची और सुई का संवाद,
किसी भी समस्या का समाधान मिलता है , उस समाधान का निकालने में बरते सावधानी , हो चुनाव सही ओर सही निर्णय तुम्हारा न घटे कोई असावधानी समाधान क्या उसमें बरते सावधानी…
चुनाव सही बीज का ,न हो नादानी ।
आपका चुनाव होगा जब उचित ….
पनपेगा बीज होगा विशाल विकसित ।
सही मोके पे सही उचित विचार….
बनेगा वो आने वाली ख़ुशियों का आधार ।
चुनाव अति अति बहुत ही महत्वपूर्ण….
विकास ओर ख़ुशियों का ओढ़े आवरण ॥
परस्पर सम्मान आदर रिश्तों को करता है मजबूत ….
एक सुरक्षित मज़बूत रिश्ते की यही पहचान ।
क्यारी में पनपते सुंदर सुंदर फूल…..
सुंदर रिश्ते पनपते अपनाते यह असूल ।
आदर सम्मान वो होते अनमोल….
यह व्यवहार पहचान, भाषा देती बोल ।
आदर सम्मान एक आदर्श रिश्ता…..
अनमोल दिल ख़रीदते वो भी कितना सस्ता॥
परस्पर सम्मान एक सुरक्षित मज़बूत रिश्ते की मजबूत डोरी आवश्यकता ओर एक अच्छा नेक करम ।
नही तो हज़ारों हज़ार रिश्ते हे बेदम बकवास तो जिस दिशा में चलेंगे उसी दिशा की सूचना आएगी तो फिर नेक दुआओ के रास्ते पर क्यूँ न चला जाए ।
हम सभी हाथ की लकीरों को देखते है वो अक्सर बदलती है जब हम मेहनत करते है, अपने भविष्य का निर्माण करते है , अपने जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करते है, अपने जीवन को बफलने के लिए संभव कार्य करते है हमे अपने जीवन को एक नई दिशा , नई गति देने के लिए अपना जीवन को लिखना होगा जो हम चाहते है वही हम बन जाते है , इसी पर आज का शब्द है “अपने जीवन के लेखक” अपने जीवन के लेखक बने ……
अच्छे से स्वयं के मस्तिष्क पड़े ।
जितना जितना स्वयं को समझेंगे….
दूसरी से कम से कम हम उलझेंग़े ।
भीतर की बांते सतह पर आए…..
भीतर बनी गाँठे वो पिघल जाए ।
फिर ज़रूर बढ़ेगा समझ का दायरा….
मिलेगा अच्छी बांते लोगों का सहारा ॥