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विचार क्या है

विचार क्या है, कहाँ से आते है ? क्यों ये इतना बड़ा रूप ले लेते है ? तथा यह किस प्रकार से कार्य करते है ? विचारो का विचारो से जुड़ना ही सोच का रूप लेता है, क्या आपने कभी विचारो को देखा है ? कितने सूक्ष्म विचारो को आप अब तक देख पाए है ? सबसे महिन ध्वनि आजतक कौनसी सुनी है वह किस प्रकार की ध्वनि है क्या कोई बता सकता है ? कैसे यह विचार बढ़ते ओर घटते है ? क्या इन विचारों को नियंत्रण लिया जा सकता है, या फिर अनियंत्रित विचारों के साथ ही बह रहे है।

हम अपने साथ कितने ही ऐसे विचारो को बांध लेते है जिनका कोई महत्व नही होता बस वो हमारे मन मस्तिष्क में अपना घर सा बना लेते है जैसे कोई एक राज्य से उठ कर किसी दूसरे राज्य में चला जाता है और वही बस जाता है उस पर कोई निगरानी नही रखता और वह अपना काम और आदि कार्य करता रहता है और वही अपना घर बसा लेता है उसी प्रकार यह विचार भी कही से आ जाते है और इस मस्तिष्क में अपने घर बना लेते है

विचारो का आपस में टकराना एक विचार से दूसरे विचार पर जाना और उन विचारो का श्रृंखला में परिवर्तित हो जाना हमारे विचारो में हमारी ही विभिन्न प्रकार की किर्या और प्रतिक्रिया का होना , हम अलग अलग तरीको से सोचते है उन पर अपनी प्रतिकिर्या देते है यह बात मोटेे स्तर पर समझी जा सकती है और बहुत महीन स्तर जहाँ शब्दो की बात है तो मोटा स्तर और जब एक सूक्ष्म सा विचार हो तो बहुत गहराई में छिपा कर इन बातो का अर्थ जो शब्दो में नही समझाया जा सकता है

जब बहुत सारे विचार एक जैसे हो तो वह विचार शसक्त हो जाता है, जब वह विचार सिर्फ एक हो और उसका कोई सहारा नही दे रहा हो तो विचार अकेला पड़ा रहता है, जब तक उसे उठाने के लिए दूसरा विचार ना आये इसलिए हमारे जो विचार और शब्द हमेसा आपस में टकराते है, और संबंध बनाने की परस्पर कोशिश करते है जो हमारे जीवन को आगे बढ़ाते है, इस हर एक विचार का अपना योगदान है जो हमारे मस्तिष्क में हमेसा कार्यरत रहता है।

इस बात को इस तरह से समझ लीजिए हमारा जीवनकाल  निश्चित है हम इस शरीर को धारण कर यहाँ पर निम्न प्रकार के कार्य कर रहे है कभी कभी हम तेज़ी से कार्य करते है और कभी कभी हम धीमा हो जाते है इस प्रकार हमारा एक विचार भी कभी धीमा कभी तेज़ हो जाता है जब हम बहुत लोगो से मिलते है तो हमे अच्छा लगता है उसी प्रकार से एक विचार अपने ही तरह के विचारो से मिलता है तो अच्छा लगता है वो गतिशील होता है और गति से कार्य करता है और वह विचार एक जैसे अनेकों विचारो को स्वयं के साथ जोड़ लेता है

इसलिए हमे उन सभी विचारो के समूह को हमेशा तैयार करते रहना चाहिए जिसका हम अपने जीवन में अधिक मात्रा में परिणाम देखना चाहते है, जिस वस्तु, विषय आदि इत्यादि की हमे अपने जीवन में आवश्यकता है उसी को हमेशा अपने विचारो के माध्यम से जोड़ते रहना चाहिए
और उन विचारो को हटाते रहना चाहिए जो बेकार में हमारे मस्तिष्क में जगह बनाकर बैठ चुके है, उन विचारों से लगातार दूरी बनाकर रहना चाहिए, जिनका हमारे जीवन से कोई मतलब नही है जिससे कोई रस नही पैदा होता, जो हमारे जीवन में हानी पहुंचा रहे है।

घूमर फिल्म

घूमर फिल्म में कुछ ऐसे वाक्य जो हमारी जिंदगी को बदलने में सहायक है, कुछ ऐसे विचार जिनको पढ़कर आपको हिम्मत मिले

  1. लगातार कोशिश करने से जीत हासिल होती है।
  2.  जिंदगी में कब कौनसी परेशानी आपको घेर ले ये बात किसी को नहीं पता।
  3.  हम अपने सपनों को बहुत बड़ा कर लेते है लेकिन हमे नहीं पता चलता वो कब टूट जाते है।
  4.  कोई किसी के लिए नहीं रुकता , आपके बदले कोई ओर जगह जरूर लेगा , बिल्कुल वैसा हो  या नहीं वो शायद आपसे बेहतर या फिर बस कुछ कम हो सकता है बिल्कुल आप जैसा न भी हो तो भी।
  5.  उन टूटे हुए ख्वाबों को फिर से जोड़ना मुश्किल हो जाता है, लेकिन उसका टूटना बहुत बड़ा दर्द  है।
  6.  तुम खुद को दुख से भरना चाहते हो लेकिन सुख तुम्हारे साथ ही क्युकी तुम दुख को बड़ा कर लेते हो ओर सुख को छोटा।
  7.  तुम्हारा होसला ही तुम्हें कामयाबी दिलाता है।
  8.  जिंदगी जब कही पर दरवाजा बंद करती है तब दरवाजा खोलना नहीं तोड़ना पड़ता है।
  9.  हम शरीर के कुछ अंगों को बिल्कुल भूल जाते है। जिनका प्रयोग सिर्फ कुछ ऐसे कामों के लिए करते है जिसका विकल्प भी आज मौजूद है।
  10.  जरूरी नहीं है दरवाजे को तोड़ना ही पड़े बस थोड़ी मेहनत ज्यादा करनी पड़ती है, उस दरवाजे की चाबी को पाने के लिए।
  11.  तीखी बाते कभी कभी इंसान को अच्छा बनाती है, तो बहुत सारे लोगों को बुरा भी बना देता है।
  12.  हमेशा सख्त होना भी अच्छा नहीं है।
  13.  हम हमेशा परफेक्ट होने में ही लगे रहते है। लेकिन क्या परफेक्ट होना जरूरी है?
  14.  कहते है रुकना नहीं है, बस चलते रहना है तभी मंजिल मिलती है।
  15.  अपनी गलतियों को सुधारना है, ओर दुबारा गलतिया ना हो ऐसा प्रयास करना है।
  16.  जिंदगी में बहुत सारी असफलता मिलती है, लेकिन सफलता हमारा अधिकार है, जो एक दिन  अवश्य मिलेगी।
  17.  क्रिकेट अनिश्चितिताओ का खेल है कुछ भी हो सकता है।
  18.  आपकी सफलता सिर्फ आप पर ही निर्भर नहीं करती वो एक समूह का भी हिस्सा है।
  19.  विश्वास जरूरी है अंधविश्वास नहीं।
  20. जब आपकी किस्मत ही किसी ने छिन ली हो, तब किस्मत पर भरोसा करोगे या खुद पर विश्वास।

यह विचार घूमर फिल्म से है, यदि आपको अच्छे लगे हो तो कृपया कमेन्ट करके बताए इसी तरह के बहुत सारे विचार फिल्मों के माध्यम से मैं लिखता रहूँगा।

सर्वाधिक आनंद

सर्वाधिक आनंद उन्हे प्राप्त होता है, जो अकेले रहने की कला सीख जाते है।

एकाकी जीवन की कला,
सर्वाधिक आनंद जो मिलता है।
जब अपने आप से मेल होता है,
खुद को आपमें खो जाते है।

अकेलापन को मित्र बना लिया है,
खुद के साथ संगीत गुनगुना लिया है।
मन की आवाज़ को सुनते हैं,
खोये हुए सपनों में जीने की अभिलाषा लिया है।

दिनभर की भीड़ में गहराई से सोचते हैं,
अपने मन की धड़कनों को सुनते हैं।
अपने विचारों को खुलकर खोलते हैं,
खुले आसमान में उड़ जाते हैं।

स्वतंत्रता की इच्छा जगाते हैं,
अपने आप को पहचानते हैं।
खुद को अपनी संगीत के रंग में रंगते हैं,
आनंद के नए स्वर गाते हैं।

खुद के साथ अकेले रहने की कला,
सुखद जीवन की धुन सी बन जाती है।
जब खुद की मिलती है साथी,
उस खुशियों का आनंद जीवन में बन जाती है।

सर्वाधिक आनंद
आनंद