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आधुनिक तकनीक

आधुनिक दुनिया में आधुनिक तकनीक ने हमारे जीवन को बदल दिया है।

आधुनिक तकनीक का उपयोग इतना व्यापक हो गया है कि हम उसके बिना अपनी दैनिक जिंदगी के काम नहीं कर सकते। तकनीक ने हमें नए संभावित दुनिया का दरवाजा खोल दिया है जो हमारे अभी तक नहीं जाने वाले अनुभवों को संभव बनाता है।

तकनीक के उपयोग से हम समय और श्रम की बचत कर सकते हैं, संचार को सुगम बना सकते हैं, खाद्य उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में आविष्कार कर सकते हैं। तकनीक ने संचार के क्षेत्र में भी एक बड़ा बदलाव लाया है। टेलीफोन, ईमेल, सोशल मीडिया और वीडियो कॉल के जरिए हम दुनिया के किसी भी कोने से संचार कर सकते हैं।

तकनीक के उपयोग से हम ऐसे उपकरण बना सकते हैं जो अपने आप संभव नहीं थे। उदाहरण के लिए, स्मार्टफोन जो हमें आवश्यक संचार उपकरण के साथ साथ अन्य सेवाओं भी प्रदान करता है। वाहन और निर्माण के क्षेत्र में भी तकनीक ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उदाहरण के लिए, ऑटोमोबाइल और जहाजों में उपयोग किए जाने वाले संशोधन और नए उपकरण ने इन वाहनों को सुरक्षित और अधिक उपयोगी बनाया है।

लेकिनआधुनिक तकनीक के उपयोग से उत्पन्न होने वाली समस्याओं का भी सामना करना होगा। तकनीक का उपयोग संकट और अपराधों में भी होता है। साइबर अपराधों, डेटा उत्पादन और उसकी सुरक्षा विषय में भी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा, तकनीक का उपयोग वातावरण के लिए भी खतरा हो सकता है। टेक्नोलॉजी के उपयोग से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण, जल उपयोग और जनसंख्या वृद्धि की समस्याएं भी हमें उत्तरदायी बनाती हैं।

इसलिए, तकनीक का उपयोग एक दोहरी तलवार है। अगर हम इसे संवेदनशीलता और स्वयंसेवा के साथ उपयोग करें, तो इससे हमारे जीवन को बेहतर बनाने के साथ-साथ अधिक सुरक्षित और अस्थायी बनाने में मदद मिल सकती है। तकनीक को उच्च गुणवत्ता और सामाजिक उपयोग की सवयंसेवा के साथ विकास करना चाहिए। इससे हम एक संतुलित और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं जो तकनीक के उपयोग से अधिक उन्नत बनता जाएगा।

चुनौती

1-

ईमानदारी में हो पारदर्शिता और ईमानदारी में हे भीतर की स्वच्छता…..
जी के देखे यह बात , यह बात हर कोई नहीं समझता ।
बड़े से बड़े कार्य ईमानदारी से होते वो संभव..
ग़लत कार्य भी बिना ईमानदारी के असंभव ।

2-

अकारण सब और फैलाए ख़ुशियाँ….
नाचो नचाओ पकड़ के बहियाँ ।
क्या कारण खोजने खुश रहने के…..
दूसरे रहे खुश , स्नेह दृष्टि से सबको देखे ।

देखिए फिर कितना आता आनंद…..
कल कल बहे जीवन नादिया मन्द मन्द ।
अकारण रहे खुश और ख़ुशियाँ फैलाये…..
जीवन की अच्छी सच्ची बाँतो को अपनाए ।

3-

व्यक्तित्व व्यक्तित्व की बात है …..
कोई काहे मिली चुनौती रोता दिन रात हे ।
प्रार्थना कि चुनौती में ध्यान सही रहे….
कहाँ काम करना हे इस बात का सज्ञान रहे ।

कर्म शक्ति से उस चुनौती को भेदना…..
मौक़ा यह स्वयं के विस्तार का सोचना ।
धन्यवाद चुनौतयों का जो व्यक्ति के भीतर विराजित वैज्ञानिक को उसकाती…..
व्यक्ति स्वायं की ऊर्जा से चुनौती से बड़ी समाधान की लकीर खीच दिखलाता ।

अक्सर सब करते , दुःख जताना आसान….
दुःख से कैसे पार पाना वही सच्चा इंसान ।
चुनौतियों से न घबराये वो मिलती हर मोड़….
काम करना कैसे जाए वो तेरा पिंडा छोड़

4-

अपने आप को सही समझना,
नया नहीं पायेंगे सीख …..
सीखने के लिए मन खुला रखना
पड़ता सुधार की गुंजाइश हमेशा
यह हे जीवन की तारीफ़ ।

जीवन बहुत विस्तृत सही
जैसा कुछ नहीं, कुछ आता
नया पुराना हो जाता फेल …..
व्यक्ति समाज एक विचार से दूसरे
में कूद जाता पहले वाले को
भूलकर नए से करता मेल ।

5-

कुछ पाने और कुछ खोने का नाम ज़िंदगी
उम्र से मिला तजुर्बा यह ज़िंदगी की बंदगी ।
ज़िंदगी में कमाई दौलत काम आए न आए …
रिश्ते कमाए वही सही हे काम कर जाए ।

दौलत और रिश्तों का करे सही इस्तेमाल…..
फिर ज़िंदगी ख़ुशियों की बनेगी मिसाल ।
अधिक मात्रा मे सब चीजें ज़हर…..
सही जीयो नहीं तो अधिक दवाई भी क़हर ।

क्या सलाह है

20-28 वाले उम्र के व्यक्ति के किस प्रकार की सलाह है? क्या सलाह है ?

क्या सलाह है इस बारे में बताते है , अपना दिन व्यर्थ न करें, एक टूडे सूची बनाएं और उसका पालन करें, प्रवाह के साथ मत जाओ, कुछ प्राथमिकता रखें और अपने समय का बुद्धिमानी से उपयोग करें, अपने दिन का उपयोग बुद्धिमानी से करें, “इस उम्र में 25 हजार, 30 हजार रुपये की नौकरी के लिए समझौता न करें। हर जगह से, हर नौकरी से जितना हो सके सीखें, यात्रा करें, अनुभव हासिल करें, जोखिम उठाएं और एक साम्राज्य का निर्माण करें।”

आप हमेशा ऐसे लोगों के साथ घूमें जो आपसे ज्यादा सफल और होशियार हैं क्योंकि स्मार्ट लोग आपको ज्यादा स्मार्ट बनाएंगे, आप स्वतः ही उनकी दिशा में चलने लगेंगे।

शुरुआती 20 के दशक तक ही नहीं बल्कि ताह उम्र आपको ज्यादा से ज्यादा बुक्स पढ़नी  चाहिए, अच्छे videos देखे, और अपने दिमाग में ज्ञानवर्धक कंटेंट को feed करे,  जिससे आप हमेशा अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा को बहते हुए देखेंगे और किसी भी परेशानी, समस्या का हल आप आसानी से खोज लेंगे, और एक बात ध्यान रखे कि जो कुछ भी आप देखते, पढ़ते और सुनते हो, वहीं आप बन जाते हो।

जानें कि पैसा कैसे काम करता है” जितनी जल्दी हो सके संपत्ति, देनदारियों, टैक्स, निवेश, शेयर बाजार आदि के बारे में जानें। कोई आपको यह नहीं सिखाएगा। खुद को ज्यादा से ज्यादा शिक्षित करें, जब आप 35 वर्ष के हो जाएंगे तो आप स्वयं को धन्यवाद देंगे।”

अगर आप अभिनेता या मॉडल बनना चाहते हैं तब ही इंस्टाग्राम पर दिशा पाटनी या सलमान खान को फॉलो करें लेकिन अगर आप अलग-अलग क्षेत्रों में अमीर और सफल बनना चाहते हैं तो उन लोगों को फॉलो करें जो उस क्षेत्र में सफल हैं या जिनसे आपको कुछ सीखने को मिले, जैसे रतन टाटा, रॉबर्ट कियोसाकी, विवेक बिंद्रा और संदीप माहेश्वरी आदि।”

“जानें कि मैं आय के कई स्रोत (निष्क्रिय आय) कैसे बना सकता हूँ, क्योंकि अगर आपके पास पर्याप्त पैसा नहीं है तो आपका सच्चा प्यार आपको एक दिन किसी ऐसे व्यक्ति के लिए छोड़ देगा जिसके पास पैसा है। हमेशा अपने कैरियर, लक्ष्य को पहली प्राथमिकता दे।”

आपदा को अवसर में बदलना सीखे।

जो हो चुका है उसके लिये पछतावा मत करो, सीखो और आगे बढ़ो। क्योंकि यह 18-28  के बीच की अवधि आपके जीवन की बहुत महत्वपूर्ण अवधि है। आपके कार्य और फैसले आपके भविष्य की रूपरेखा तय करेंगे, इसलिए किसी भी कार्य को हवाबाज़ी में करने की कोशिश नहीं करे उसे ध्यान पूर्वक समझ करे।

आप किसी भी एक काम मे माहिर बनो

जो भी आप अपने जीवन में करना चाहते हो या आपका लक्ष्य है, उसमें माहिर या विशेषज्ञ बनने की कोशिश करो। क्योंकि अगर आप जो करते हैं उसमें आप अच्छे नहीं हैं तो आपकी जगह कभी भी कोई भी ले सकता है, साथ आपको हमेशा अपने कार्यों में अपडेट होना बहुत जरूरी है नहीं कोई नया व्यक्ति आकार आपको आउट डेट कर देगा।

माता-पिता के साथ समय बिताएं

उन्हें महत्व दें, उनसे बात करें, उनके चेहरे पर मुस्कान लाये। आप बड़े हो रहे हैं लेकिन आपके माता-पिता भी बूढ़े हो रहे हैं, यही वो समय होता है जब आपके मत पिता को आपकी अधिक आवश्यकता होती है इसलिए उनके जितना अधिक समय बीता सके उतना ही बेहतर है।

फाइनैन्शल प्लैनिंग करना शुरू करे, निवेश करने के लिए पैसे बचाएं, सिर्फ बचाने के लिए पैसे न बचाएं। 

“दुनिया में 100 से भी ज्यादा खूबसूरत देश हैं। केवल एक ही क्यों देखें? ज्यादा से ज्यादा यात्रा करो, आप कुछ ऐसा सीखेंगे जो कोई किताब या कोई व्लॉग आपको नहीं सिखा सकता।”

“विनम्र, दयालु और उदार बने। एक अहंकारी या संकीर्ण दिमाग वाले मत बनो। अहंकारी लोगों को कोई पसंद नहीं करता।”

“असफलता से डरो मत, एक असफल व्यक्ति उस व्यक्ति से बेहतर है जो अभी भी सोच रहा है। हर सफल व्यक्ति एक समय में संघर्षशील अवश्य रहा है। “मैं असफल हो गया” अच्छा है बजाए की “क्या हुआ अगर …” से।”

कामयाब व्यक्ति कौन

1. कामयाब व्यक्ति कौन …..
उसकी जीवन के प्रति अभिव्यक्ति
मुस्कुराहट से मसले करता हल….
मन मस्तिष्क उसका इतना सबल ।
खामोशी से मसलों से बनाता दूरी …
रास्ता सही का चुनता करता जो ज़रूरी ।

सब अहसास अभिव्यक्ति आपकी शक्ति….
शक्तियों का सही प्रयोगो से बनती हस्ती ।
वरना तो एक नाम के बहुत से हे व्यक्ति….
किस कर्म से जीतना यह असल शक्ति ।

कामयाब व्यक्ति कौन …………..

2. क्या हमारी इतनी समझ हम निस्वार्थ प्रेम जानते है या जानना चाहते हे ?
यह एक प्रशंचिन्ह जब सब कुछ स्वार्थ के घेरे इर्द गिर्द घूमता हो वही धुरी हो फिर वहाँ निःस्वार्थ के असली फूल कैसे खिलेंगे ।

कहते तो हम इसे बहुत अच्छा क्या हम इसमें डूबना चाहेंगे ?
प्रश्नों की झड़ी में उत्पन्न एक उफनता सत्य ।

जानने की शुरुआत

जानने की शुरुआत कहाँ से हुई यह सवाल जीवन में एक बार तो सबके मन में उठता ही है, की मैं कौन हूँ ? और इस जीवन का क्या अर्थ है? फिर चाहे वो इन प्रश्नों पर गौर करे या नहीं बहुत सारे सवालों की भांति इन सवालों को छोड़ देता है ओर जीवन की व्यस्तता में खुद को खो देता है।

लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ यह वो प्रश्न था जिस पर मैं अटक गया मैं इस प्रश्न से हटने को तैयार नहीं था, इस प्रश्न का जवाब नहीं मिल रहा था उससे पहले मैं आपको बताता हूँ यह प्रश्न मेरे मन में कब ओर कैसे आया? स्वयं को जानने की शुरुआत होती है।

कौन हूँ मैं यह प्रश्न कब ओर कैसे उठा मेरे मन में

मेरी उम्र 13 साल थी जब मैं कक्षा 8 के फाइनल पेपर देकर रिजल्ट का इंतजार कर रहा था, हम एक सयुक्त परिवार में रहते थे अभी सब अलग अलग रहते है जैसे जैसे परिवार बड़े होते गए जगह छोटी पड़ती गई ओर हम इधर उधर बस गए, तो उस दिन घर पर सभी लोग नहीं थे क्युकी बड़े बड़े भाई माँ वैष्णो देवी के दर्शन के लिए निकले थे शाम को उसी शाम अचानक मेरी दादी जी की तबीयत खराब हो गई ओर तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी, घर वालों को लगा की अब इनका अंतिम समय आ गया है तो अब गीता का पाठ कर लेना चाहिए ताकि अच्छे शब्द कानों में जाए।

तो मैं श्रीमद भागवत गीता अपने कमरे से ले आया ओर मैंने पढ़ना शुरू कर दिया कुछ देर पढ़ने के उपरांत ही दादी जी का देहांत हो गया।

सुबह होते ही उन्हे किरयाकर्म के लिए यमुना घाट ले जय गया जैसे जैसे यह सभी किरयाए चालू हुई मेरे मन में प्रश्न उठने शुरू हो गए की मैं भी एक दिन मरूँगा , मुझे भी इसी तरह से जाना होगा ? जब शरीर अग्नि में दाह हो रहा था तब सिर्फ वह शरीर राख का ढेर हो रहा था तभी मेरे मन से विचार उत्पन्न हुआ यह मिट्टी का शरीर एक दिन यू ही राख ढेर बन जाएगा फिर इस जीवन का क्या फायदा जब यह तन यू ही राख में मिल जाएगा। उस समय प्रश्न यह नहीं उठा की मैं कौन हूँ लेकिन वो शुरुआत हुई जब पूरा शरीर राख ही होना है तो इस शरीर का होना ही क्यू है? इसका क्या करू मैं?

मुझे घर आने के बाद बहुत अजीब से ख्याल आने लगे ओर मेरी तबीयत ठीक न थी मुझे यह सोच घबराहट होने लागि बस उलटी हो रही हो बार ऐसे जी कर रहा था तब मेरी ममी ने मुझे मामी जी के साथ उनके घर भेज दिया था की मैं 2-4 दिन वही रह आऊ बस फिर मैं 2-3 दिन वापस आया घर तब तक सब ठीक लग रहा दुबारा उस समय तो विचार शांत हुए लेकिन मेरे मन में प्रश्न उठने लगे कुछ समय बाद फिर

यह भी पढे: खुद से करे सवाल, स्वयं का अध्ययन, स्वयं का आकलन, स्वयं को जानेंगे,

जिंदगी को समझने

बड़ी कोशिश है जिंदगी को समझने की

इस जिंदगी से कुछ रूबरू होने की

इस जिंदगी को मैं समझता लेकिन

फिर भी समझ से पार हो जाती है जिंदगी लेकिन समझ नही आती है जिंदगी कही दूर निकल जाती है फिर लौटकर भी नही आती है यह जिंदगी

वो ख्वाब मंजिलों सी

वो ख्वाब मंजिलों सी दूर हो गई, यह जिंदगी अब जिंदगी सी मजबूर हो गई इस जिंदगी के ख्यालों में कही ओर जिंदगी हो गई , क्या जिंदगी है ख्वाब सी जो ये मजबूर हो गई इस जिंदगी के जख्म इतने गहरे के ये नासूर हो गई , संभालो इसे यह जिंदगी अब मरने को मजबूर हो गई.

सफर कितना बेहतर है

सफर कितना बेहतर है इस जीवन का बस इस सफर को देख जिए जा रहा हूँ। इस जीवन का सफर कितना बेहतर ओर आनंददायक है, बस यही एक विचार मेरे मन को हर्षित कर देता है, लगता है सभी सुख इस पृथ्वी पर है, ओर कही नहीं हम सभी यहाँ किसी कारण से आए है परंतु मुझे जो लगता है।

एक मुख्यत कारण है आनंद जिसे हम सभी अनुभूत करने के लिए इस जीवन रूपी संसार में आए है, उस जीवन का आनंद हमे लेना है।

रात के ख्याल

रात के उन ख्यालों को कैसे अकेला छोड़ दु

उन ख्यालों संग ना खेलू क्या ………………………

ख्यालों को कैसे अकेला छोड़ दु जो अकेले है

रात में उन के साथ क्या खेलू नहीं

उन ख्यालों से क्या मिलू भी नहीं

वो ख्याल ही है जिनकी वजह से नींद का मज़ा आता है

ये ख्याल मुझे हर रोज नई दुनिया की सैर कराते है

मेरी कल्पनाए एक रूप ले लेती है

उन कल्पनाओ के साथ मैं इन ख्यालों को सजाता हूँ,

देखता हूँ , ओर खूब खेलता हूँ मुझे इन ख्यालों संग अच्छा लगता है

ये ख्याल मेरा बहुत ख्याल रखते है

मैं उठू या नहीं उस रात के बाद इस बात की भी चिंता नहीं

यह ख्याल मुझसे दूर कर देते है फिर कैसे ना देखू मैं ख्याल,

फिर कैसे रहू रात भर बिन ख्याल

उम्मीद

उम्मीद से उम्मीद लगाकर बैठ गया हूँ, अब उम्मीद भी पूछती है मुझसे की मैं पूरी हो जाऊ या अधूरी ही रहू।

ना जाने कितनी उम्मीद है मेरी आँखों में तुम्हें पाने की तुम्हें अपना बनाने की लेकिन तुम्हारे न कहने पर वो सारी उम्मीद टूटकर चकनाचूर हो जाती है।

"ना जाने कितनी उम्मीद है"
उम्मीद