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जीत की उम्मीद

हम जीत की उम्मीद छोड़ रहे है धीरे धीरे, लेकिन हमारे चेहरे पर दुख झलकने लगा है तभी मुझे याद आई केन विलियमसन की वो मुसकुराता है, वो बेचारा हर बार हार रहा है ओर उसे पता है की शायद वो अगला वर्ल्ड कप नहीं खेल पाएगा वो उस टीम का शायद हिस्सा भी ना हो लेकिन वो मुसकुराता हुआ चला गया, सेमी फाइनल में, ओर हम दुखी है, इतनी दूर तक आए है ओर फिर हार गए बहुत दुखद है ये हम विश्व विजेता नहीं बन पाए तीसरी बार, और ऑस्ट्रेलिया छठी बार विश्व विजेता बनने की तैयारी कर रहा था।

बीच में ही टीवी बंद कर दिया, बीच में ही लोग स्टेडियम से बाहर चले गए जैसे जैसे हम हार की ओर बढ़ रहे थे, हमसे हार बर्दास्त नहीं हो रही थी, हम हारना नहीं चाहते, हम दूसरे की जीत को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे, क्युकी हम बेहतर खेलते हुए आ रहे थे, ओर हम इस बार भी उतना बेहतर खेल दिखाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन हमारे सारे प्रयास विफल हो रहे थे, आज हम हार की ओर बढ़ रहे थे, मैदान में उत्साह कम हो रहा था, हौसला टूट चुका था, अब कुछ समझ नहीं आ रहा था।  दिल ओर दिमाग यह मानने को तैयार नहीं था की हम हार रहे है। हम इस हार को स्वीकार ही कर पा रहे थे, क्युकी निकट आकार इतना दूर हम विश्व कप से दूर खुद को पा रहे थे। 

हम सभी भारतीयों के दिल टूटने लगे है कंधे झुकने लगे है, लेकिन जब तक हार नहीं होती हम हार नहीं मानते, लेकिन उन्होंने जल्द ही हमे हार का एहसास कर दिया जहां से वापस लौटना बेहद मुश्किल था, ओर जीत की उम्मीद बिल्कुल खत्म हो चुकी थी।

ऑस्ट्रेलिया ने वास्तव में हमसे बेहतर खेल खेला आज का दिन उनका था ओर जीत का सेहरा इसलिए उनके सिर पर बंध गया, लेकिन सिर्फ मैच हारने से हम बेकार खेले ऐसा बिल्कुल भी नहीं था हम बेहद शानदार खेले इसलिए भारतीय टीम को बहुत प्यार ओर हमारा समर्थन उनके अद्भुत पर्दशन के लिए ओर ऑस्ट्रेलिया को बधाई उनकी जीत के लिए।

एतिहासिक पारी

क्या कुछ देखा आज एक नया अजूबा सा देख लिया है, अपनी ज़िंदगी में इस प्रकार का मैच पहली बार देखा है, जिसमे सिर्फ एक प्लेयर ही पूरा मैच बदल देता है, जब जीत का प्रतिशत मात्र 3% रह जाता है तब ग्लेंन मेक्सवेल वो करते है, जो इतिहास में भी कभी नहीं हुआ था, आज इतिहास लिखा गया है, ऐसी एतिहासिक पारी खेली गई आज जो पहले कभी किसी ने नहीं देखी थी। इस मैच के सारे प्रतिशत बदल दिए आज मेक्सवेल ने सबको गलत साबित कर दिया ओर सच कर दिखाए वो शब्द जिन्हे उनकी टीम अपने खेमे में लिखती है। I can and I will मैं कर सकता हूँ मैं करूंगा।

ऑस्ट्रेलिया ओर अफगानिस्तान के बीच जो मैच हुआ यह पूरी दुनिया को याद रहेगा, यह खेल इतिहास में सबसे यादगार मैच बन गया, ओर इसकी वजह है ग्लेंन मेक्सवेल जिन्होंने इस पारी 291 रन का पिच करते हुए 201 रन बनाए 128 गेंदों पर अकेले ही, जब उनकेर 7 खिलाड़ी 100 रन के भीतर ही आउट हो चुके थे, ये खेल अनिश्चित घटनाओ का खेल इसमे कुछ भी हो सकता है, परिणाम कभी बदल सकता है। इसलिए आपको हार नहीं माननी है।

यही बात आज पूरी दुनिया को मेक्सवेल ने बताई की की हम जीत सकते है ओर उन्होंने जीतकर दिखाया इस मैच को अकेले ही, दूसरे छोर Pet Cummins खड़े रहे उन्होंने मेक्सवेल का पूरा साथ दिया 68 बाल पर 12 रन बनाए लेकिन वह सामने खड़े रहे आउट नहीं हुए जो साथ मेक्सवेल को चाहिए वो साथ उन्होंने दिया जिसकी बदोलत मेक्सवेल रन धीरे धीरे बनाते रहे,

मेक्सवेल दर्द से झूझ रहे थे उनके पैरों में क्रैम्प आ रखे थे लेकिन वह खेलते रहे उस असहनीय दर्द के साथ भी, जबकी कप्तान ने उनसे कहा भी की आप कुछ देर खेमे में जाकर आराम करे ओर फिर वापस आए लेकिन मेक्सवेल नहीं गए उन्होंने बोल मैं खेलूँगा, ओर मेक्सवेल अपनी जिद्द पर आड़े रहे उन्होंने इस मैच अंत अकेले ही जीता दिया।

यह एक एतिहासिक पारी थी जो आज खेली गई जिसको कई दसको तक याद रखा जाएगा, जो शायद कभी भूली नहीं जा सकेगी, यह पारी मेक्सवेल ने अपने लिए नहीं खेली अपनी टीम के लिए खेली जिससे की वह अपनी टीम सेमी फाइनल में सुनिश्चित करे ओर आज उन्होंने वह कर दिया।

इस विश्व कप में मेक्सवेल ने बहुत गजब की पारी खेली इससे पहले भी उन्होंने 40 गेंदों पर 100 रन बनाए नीदरलेन्ड के खिलाफ ओर आज बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने 201 रन बनाए ये दोनों ही रिकार्ड बन गए।