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मुस्कुराओ

मुस्कुराओ ….क्युकी दुनिया का हर आदमी खिले फूलों और खिले चेहरों को पसंद करता है, जो मुसकुराता है वो दुनिया को बदलने की हिम्मत रखता है, उसका विश्वास अपनी मुस्कुराहट से ओर बढ़ जाता है, वो मुरझाए हुए चेहरों को फिर से नई जान देता है, उनके भीतर नई ऊर्जा भर देता है।

मुस्कुराओ क्युकी दुनिए का हर आदमी कहिले फूलों ओर कहिले चेहरे को पसंद करता है।
मुस्कुराओ

मुसकुराना मानो दुनिया का खुद से ही बदल जाना है, मुसकुराना एक कला है भीतर चाहे कितने ही दुखी दुखी लेकिन आपके होंठों पर मुस्कुराहट दूसरों के चेहरों पर भी मुस्कुराहट भर देता है।

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परिस्थितियां

हमारे जीवन की परिस्थितिया किस प्रकार की बन रही है, और हमारे जीवन से इन परिस्थितियों का क्या संबंध है। जीवन का परिस्थितियों के साथ बड़ा गहरा संबंध है जीवन में अलग-अलग समय पर अलग-अलग प्रकार की परिस्थितियां आती- जाती है और यह सब परिस्थितियां हमारे द्वारा किये गए कर्मो के अनुसार ही आती है।

अच्छा और बुरा समय तो सबके साथ आता- जाता है सब अपने अपने तरीके से  अपनी परिस्थितियां निकालते है, कुछ लोग बुरा समय देखकर टूट जाते है तो कुछ निखर जाते है।
आप टूटना चाहते है या निखरना अब यह आप पर निर्भर करता है।

कुछ लोग किसी तरह से जीते है तो कुछ लोग किसी तरह से कौन बेहतर ढंग से जीता है ? यह निर्भर करता है उस समय पर तथा आपके मस्तिष्क के विचारो पर निर्भर करता है।
परिस्थितिया कैसी भी हो परंतु इंसान को हारना नही चाहिए हर एक व्यक्ति के जीवन में अलग अलग प्रकार की परिस्थितिया आती है।

सभी को अपनी परेशानिया और परिस्थितियां ज्यादा मुश्किल लगती है।
वह व्यक्ति किस प्रकार के निर्णय लेता है किस तरह से चलता है क्या संभल पाता है या नही यह उसका अनुभव ही तय करता है।

उसको संभल कर कदम बढ़ाना चाहिए और उस समय को बहुत सजगता से जीना चाहिए।
यह कहना हमारे लिए आसान है परंतु उस समय हर एक व्यक्ति की मानसिकता भिन्न होती है।
आप किस प्रकार के इंसान हो ? और आप अपने समय और परिस्थितितयो से किस प्रकार से सामना करते हो ?

यह आप पर ही निर्भर करता है कोई और आपको संभालने के लिए नही आता सिर्फ एक दिलासे के रूप में आपके साथ दिखाई तो देते है परन्तु वो साथ नही होते अक्सर परिस्थितियां देख कर लोग मुह मोड़ लेते है। लेकिन कुछ साथ भी होते है।
बुरा समय ही आपको आपके जीवन में सबसे बेहतर लोगो से मिलवाता है।

कुछ लोग खराब समय को देख कर भाग जाते है और
कुछ लोग समय को तब तक देखते है। जब तक वो समय निकल नही जाता।
जब तक वो ठीक ना हो जाए उस पर पूरी तरह से निगरानी रखते है की समय अब कोई हरकत तो नही कर रहा वह हर प्रकार का मौका ढूंढते है की समय या परिस्थितियां एक मौका दे, और हम फिर से करवट ले अपनी परिस्थितयो को बदले वह लोग डर कर भागते नही है सामना करते है और हिम्मत से खड़े रहते है। आख़िरी वक़्त तक जब तक समय बदलता नही है।
कुछ लोग समय के साथ समझौता कर लेते है की हमारा तो समय खराब है, हम कुछ नही कर सकते है और हार कर बैठ जाते है।

फिर आगे वो उसी जगह खुद को एडजस्ट कर देते है जिसकी वजह से वे लोग अपने सपने , अपनी इच्छाये मार डालते है। तथा वे
कुछ लोग समय और परिस्थितियों को दोष देते है बस और कुछ भी नही करते ,  ना वो कुछ कर पाते है।

समय बलवान है ऐसा सोचकर लोग हार मान लेते है,समय के साथ जो दुख और अनेको चीज़ आती है उसको  भी साथ पकड़ लेते है और इंसान कमजोर पड़ जाता है हार मान लेता है तथा डरने लग जाता है जिसके कारण ना जाने वो क्या क्या कर बैठता है इस बात की समझ नही आती ओर वक़्त गुजर जाता है। परिस्थितियां उनको अपने साथ बहा कर ले जाती है।

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सुनने की शक्ति

श्रवण शक्ति और सुनने की शक्ति, अच्छा श्रावक बने, हमारे कानो के द्वारा हमे बाहरी आवाजे सुनाई देती है जिसकी वजह से हम बहुत सारे शब्दों पर कार्य करते है,

सुनने की शक्ति हमे कानो के द्वारा कुछ सूक्ष्म आवाजो को सुन सकते है यदि हम अपनी सुनने की शक्ति को बढ़ाले तो हम अति सूक्ष्म धवनियो को आसानी से सुन सकते है परन्तु अभी तो हम कई बार अपने टीवी की आवाज को भी तेज़ करते है कि सुनाई नहीं रहा , बहुत जोर से रेडियो speaker आदि लगाकर सुनते है जैसे हम खुद नहीं सुनना पूरी दुनिया को सुनाना चाहते है हम सब शोर पसंद कर रहे है

हमारे साथ तो ऐसा भी होता है की घड़ी की सुई बज रही होती है परंतु हमारे मस्तिष्क में विचारो का इतना शोर होता है की उस घड़ी की आवाज भी नही सुनाई देती आजकल तो हम सभी का यह हाल हो चुका है की सड़क पर चलते रहते है औए बहुत सारी गाड़िया हॉर्न बजाती है और हमे उन्हें निकलने की जगह भी नही देते बस वो भी बजाते रहते है, हॉर्न और हम अपने कानो को जैसे बन्द करके चलते है यह कोई दिन में आप मगन नही होते यह तो आपके बाहर सारे विचार है जो आपके मस्तिष्क में एकत्रित हो जाते है जिसके कारण आप कुछ भी सुन नही पा रहे  मतलब सुनकर भी अनसुना कर रहे हो या उन्ह विचारो में खो जाते हो


कानो में मोबाइल की लीड लगाकर रोड पार करते है इधर उधर घूमते है और बाहर का तथा अंदर का शोर दोनो एक साथ सुन रहे होते है, किसी भी आवाज को अपनी और आने नही देना अपनी
बहुत सारी ऐसी बाते भी सुन सकते हो जो सामने वाला कहना तो चाह रहा हो परंतु होठो तक ला कर ही रोक लिया हो ब्रह्मंड में ऐसी बहुत सारी ध्वनियां गूंज रही है जो आसानी से नही सुन पाते वो सिर्फ और सिर्फ ध्यान की गहराई में उत्तर जाने के बाद सुन सकते है जिसमे ऐसा अनुभव होता है की कोई हमे बहुत कुछ बोला चला जा रहा और हम सुन रहे है समझ रहे है

Translate the words through ears
हमारे कान क्या सुन्ना चाह रहे है ?
ये किस प्रकार की ध्वनि सुन्ना चाहते है? 
किसी भी सूक्ष्म ध्वनि को सुनने में सक्षम होते है

परंतु हम उन सूक्ष्म ध्वनियों को सुन्ना नही चाहते या सुन नही पा रहे है क्योंकि हमारा  मस्तिष्क हमेसा  बहुत सारे विचारो के साथ उलझा हुआ है लगातार शोर में जीने कि आदत हो गई है हमें
हमारे मस्तिष्क के कारण हम अंदर की ध्वनियों को सुन नही पा रहे है हम उन पर ध्यान केंद्रित नही कर पा रहे है हम उन सभी ध्वनियों पर अपना ध्यान केंद्रीत कर ही नही पाते  हमारे कान हमेसा बाहर की ध्वनियों को सुनने में ज्यादा मसरूफ रहते है ये अंदर की ध्वनियों को सुनने के लिए ज्यादा सजग हो नही पाते उसके लिए हमे ध्यान की लंबी प्रकिर्यायों से गुजरना होता है।

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समय नहीं मिला

जिस जिस को समय नहीं मिला उन सभी के लिए समय की कोई कमी नहीं है। सोच तू
कितना सोच सकता है
लिख तू
कितना लिख सकता है
सो तू
कितना सो सकता है

नाच तू
कितना नाच सकता है
गा तू
कितना गा सकता है
खा तू
कितना खा सकता है

आराम कर तू कितना कर सकता है
पढ़ तू
कितना पढ़ सकता है
टीवी देख
तू कितनी देख सकता है

गेम खेल
तू कितना खेल सकता है
बात कर , गप्पे मार
तू कितनी कर सकता है
तू क्या ? और कितना कर सकता है

वो सब आजमा ले आज जो तू करना चाहता था अपनी जिंदगी में कभी करले अब अगर थक जाए तो छोड़ देना वो सब तू जो करना चाहता था नहीं थका वो सब करके , नहीं पका वो सब करके तो बाकी सब छोड़ देना ओर वहीं अपनी जिंदगी में अपना लेना जो तू बस करना चाहता है। फिर ये ना कहना हो की समय नहीं मिला

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बस कोशिश है

बस कोशिश है
हां कोशिश है कुछ लिखने की, कुछ बता देने की, कुछ भीतर जो हो रहा है, दिल में उसको बयां कर देने की, ये जो कोशिशे है ना लगातार चलती रहनी चाहिए।

जो मन के भीतर है दबा कहीं, यह कोशिश है उन सभी दबे हुए विचारो के लिए एक कोशिश है, जो उन विचारों को बाहर निकाले ओर उनके साथ कुछ बाते हो, कुछ तालमेल बने वरना वो विचार कही घुटकर मर ना जाए, जिन विचारों से चल रहा है यह जीवन, कभी इस जीवन एमी संतुलन आता है तो काभी असंतुलन बस यह जीवन यू ही चलता है, इस जीवन को बेहतर करने की कोशिश में लगे रहना ही है, यही कोशिश हो हमारी हर समय अवसर की खोज रखे जारी।

जिनको बाहर निकाल पाना बहुत मुश्किल सा है।

लेकिन फिर भी बस एक कोशिश है, कुछ हो जाने की, कुछ करने की, कुछ पाने की,
कुछ कह पाना,
कुछ समझा पाना,
कुछ बता पाना, कुछ हो पाना भी संभव नहीं दिखता बस यू ही यह जीवन चलता फिरता

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अभी वक़्त है

अभी वक़्त है
कुछ और करने का
ना यू लड़ने का
ना झगड़ने का
बस जिंदगी को आइना मानलो
खुदको समझने का

खुद में जीने का , खुद जान लेने का, खुद को पहचान जाने का

अभी वक़्त है, कुछ और करने का।
ना यू लड़ने का, ना झगड़ने का।
बस जिंदगी को आइना मानलो।

देखो आज को, नई सुबह लाई है।
खुद को ज़रा समझो, खुशियों की राही है।
मुसीबतों से ना डरो, आगे बढ़ो तैरो,
ख्वाबों को पकड़ो, नई दुनिया को छेरो।

ज़िन्दगी है रंगों की पलटाना,
खुद को खो देने की इंतहा नहीं।
चाहिए बस यकीन, और थोड़ा सा होशियारी,
हर चुनौती को देखें एक सफ़लता की तयारी।

जीने का मज़ा लो, खुश रहो हमेशा,
प्यार से सबको गले लगाओ सदा।
बदलो दुश्मनों को दोस्तों में,
खुदा से दुआ लो, बहार लो वफ़ा में।

अभी वक़्त है, कुछ और करने का।
ना यू लड़ने का, ना झगड़ने का।
बस जिंदगी को आइना मानलो।

पता नहीं

पता नहीं वो कौनसे राज छिपा के बैठे है अपने सीने में जो वो हर पल मुस्कुराते ही रहते है। ना वो हमसे कुछ कहते है और जिंदगी से उदास रहते है।

पता नहीं वो कौनसे राज छिपा के बैठे हैं,
अपने सीने में जो वो हर पल मुस्कुराते ही रहते हैं।

उनकी हंसी की बारिश में खो जाता हूँ,
मेरे दिल की झील में बह जाते हैं वो बार-बार।

जैसे छिपा हुआ है खुदा का एक राज़,
बिना वजह मुस्काने का वो उपहार देते हैं।

ना जाने कौनसे संगीत की सुरीली धुन,
उनके होंठों से बहती है बार-बार।

जब भी उनकी आँखों में देखता हूँ,
एक नया जहां बनता है हर बार।

वो राज़ी हैं खुदा से और अपने दिल से,
जैसे खिलते हैं फूल हर बगिया में बार-बार।

इतनी खुशियों से भरी है उनकी ज़िंदगी,
जैसे उजियारे हों सबके आस-पास हर जगह।

मालूम नहीं वो कौनसे राज छिपा के बैठे हैं,
पर उनकी मुस्कान से जगमगाती है दुनिया हर पल।

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आओ बाहर

आओ बाहर उन विचारो से बाहर निकल कर देखो जिनमें उलझे हो ना जाने कितने ही जन्मों से तुम अब तो आओ बाहर यह वक़्त है कुछ कर गुजरने का , कुछ हो जाने का , खुद को जानने का , समझने का , पहचानने का

देखो उस आसमान को, जो अपार है,
जहां सितारे चमकते हैं न्यारे-न्यारे।

जीवन का रंग देखो, चमक उठाओ बहार,
मुसीबतों के बावजूद खुद को बनाओ अद्वितीय यार।

सुंदरता को छूने का हौसला रखो,
आपातकाल में भी खुद को मजबूत बनाओ।

हर एक चुनौती को स्वीकारो,
खुद को परिवर्तित करो, समस्याओं को विकारो।

जीवन की गतिशीलता को समझो,
उच्चतम लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ो।

जो भी हुआ है, वह बीत चुका है,
आगे बढ़ो, नया चर्चा करो, नया रास्ता चुनो।

जन्म-जन्मांतर की कठिनाइयों से हार मत मानो,
अपनी प्रगति को बाधित नहीं होने दो।

आओ बाहर निकलो, विचारों के जंगल से,
नए दृष्टिकोण से देखो जीवन के खेलों को, ये विश्व संसार।

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मन की बाते

मन की बाते अब मन में ना ठहर जाए
कुछ बाहर आ जाए कुछ तुमसे कह जाए

राग कोई नया तुमसे छेड जाए
फिर बिछड़े तार , टूटे तार जुड़ जाए

मन की बाते अब मन में ना ठहर जाए
कुछ बाहर आ जाए कुछ तुमसे कह जाए।

दिल के रास्ते जब खोलते हैं हम,
अनकही बातें जुबां से कह जाएं।
जैसे हवा चलती है बेख़बर,
मन की चिंगारी तुम तक पहुँच जाए।

पलकों के पीछे छुपी हैं ख्वाहिशें,
दिल की धड़कनों में बसी है आसहिष्णुता।
कहने की हिम्मत जब मिल जाती है,
वो अनहद गीत तुमसे कह जाएं।

हर एक रात को छूने की ख्वाहिश है,
हर एक चाँद को अपने में समेटने की चाहत है।
जब तुम्हारे साथ रहते हैं हम,
सुकून की नदी में बह जाएं।

अभी तो कुछ अधूरी बातें रह गईं हैं,
जो तुम्हें सुनाने को हमें तरस रही हैं।
होने को बहुत कुछ बाकी है दोस्त,
वो अविरल स्नेह तुम्हें पहुँच जाएं।

तो चलो, आओ मन की बातें करें,
जीवन की हर राह पर साथ चलें।
अनजाने रास्तों में खोये रहें,
पर एक दूसरे को खो ना जाएं।

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उत्सुकता

जीवन को जानने के लिए हम उत्सुक है ओर हमें अपनी उत्सुकता को बढ़ाना चाहिए।

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