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मन की बाते

मन की बाते अब मन में ना ठहर जाए
कुछ बाहर आ जाए कुछ तुमसे कह जाए

राग कोई नया तुमसे छेड जाए
फिर बिछड़े तार , टूटे तार जुड़ जाए

मन की बाते अब मन में ना ठहर जाए
कुछ बाहर आ जाए कुछ तुमसे कह जाए।

दिल के रास्ते जब खोलते हैं हम,
अनकही बातें जुबां से कह जाएं।
जैसे हवा चलती है बेख़बर,
मन की चिंगारी तुम तक पहुँच जाए।

पलकों के पीछे छुपी हैं ख्वाहिशें,
दिल की धड़कनों में बसी है आसहिष्णुता।
कहने की हिम्मत जब मिल जाती है,
वो अनहद गीत तुमसे कह जाएं।

हर एक रात को छूने की ख्वाहिश है,
हर एक चाँद को अपने में समेटने की चाहत है।
जब तुम्हारे साथ रहते हैं हम,
सुकून की नदी में बह जाएं।

अभी तो कुछ अधूरी बातें रह गईं हैं,
जो तुम्हें सुनाने को हमें तरस रही हैं।
होने को बहुत कुछ बाकी है दोस्त,
वो अविरल स्नेह तुम्हें पहुँच जाएं।

तो चलो, आओ मन की बातें करें,
जीवन की हर राह पर साथ चलें।
अनजाने रास्तों में खोये रहें,
पर एक दूसरे को खो ना जाएं।


उत्सुकता

जीवन को जानने के लिए हम उत्सुक है ओर हमें अपनी उत्सुकता को बढ़ाना चाहिए।

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समस्या ओर समाधान

समस्या ओर समाधान कि बात की जाए तो बेहतर है, यदि सिर्फ समस्या ही गिनते रहेंगे तो आप एक दिन समस्यायों को इतना बड़ा कर लेंगे की फिर उभर नहीं पाएंगे, उन समस्याओ का समाधान ढूँढने के लिए लगातार प्रयास करते रहे, क्युकी समस्या को बड़ा नहीं होने एक बार जब समस्या बड़ी हो जाती है तो उससे निकलना मुश्किल हो जाता है, इसलिए जब भी कोई समस्या आती है उसको वही पर खतम करे, उसे देख लेंगे, या छोड़ो न कहकर ना खतम करे, उसका हिसाब वही पर चुकता करे यही एक बेहतर समाधान है, क्युकी जब हम समाधान ढूँढने के लिए जाते है तो उसका समाधान नहीं मिलता, बस समस्या बड़ी हो जाती है ओर हम उसमे फंस जाते है।

समस्या का समाधान अवश्य मिलता है लेकिन उसमे तकलीफ को बड़ा ना होने दे, कैसी भी समस्या हो आपको उसका हाल मिल ही जाता है, बस आप समस्या को रबड़ की तरह ना खींचे यही आकी जिम्मेदारी है।

इसलिए यदि समस्या है तो उसका समाधान भी अवश्य है, इसलिए साथ साथ उसको भी बताए सुझावों की सूची बनाएं।

सुझाव दीजिए तभी आप सशक्त होंगे तभी हम बेहतर बन पाएंगे।

zomato

बहुत बार हम अपने ही जानने वाली दुकान से online समान मंगाते है, Zomato से हमे लगता है की सिर्फ हम डिलीवरी का ही चार्ज ज्यादा देते है बाकी समान का मूल्य वही होता है, लेकिन यदि आपको ऐसा लगता है तो यह बिल्कुल गलत है क्युकी बहुत सारे समान के मूल्य Zomato की वेबसाईट पर बढ़े हुए दिखाई देते है, जब आप उसी दुकान पर जाकर खरीदते है तो समान का मूल्य भी कम होता है, उसकी क्वानटिटी भी अधिक होती है। जिसकी वजह से ग्राहक का ही नुकसान अधिक होता है, हर तरफ से ग्राहक का ही नुकसान है।

क्युकी ना तो उसको समान की क्वानटिटी ज्यादा मिली बल्कि पैसे भी ज्यादा देने पड़े ओर साथ ही डेलीवेरी चार्ज भी अधिक देता है, इसके अलावा खाना आते हुए ठंड भी हो जाता है। अब आप ही देखिए आपका कितना नुकसान होता है, आप खुद ही देख सकते है यदि आपके आसपास कोई खाने का समान बाहर से मंगाते है तो कभी भटूरे आप मंगाते है तो उसका मूल्य हाफ प्लेट का भी बहुत अधिक होता है, ओर फूल प्लेट का मूल्य भी

जब मैं नागपाल से भटूरे लेने गया तब उन्होंने मुझे अच्छी पॅकिंग करके दी साथ ही उन्होंने मुझे समान की क्वानटिटी भी अधिक दी जब मैं खुद लेकर आया तो उन्होंने छोले ज्यादा दिए साथ ही सलाद भी अधिक मात्रा भी दी थी। बल्कि जो मैंने अनलाइन 183 रुपये दिए थे।

1 प्लेट के वही मैं 100 रुपये में लेकर आया ओर 10 मिनट बात भी हुई कुछ उनसे जानने को भी मिला ये एक ईमोशनल टच भी बहुत बहुत जरूरी होता है, जब भी आप किसी दुकानदार के पास जाते है तो आपको उनके बारे में जानने को मिलता है, ओर समझने को भी साथ ही आप ये भी देखते है वह खाना साफ सफाई के साथ तैयार हो रहा है या नहीं, इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए हमे।

क्या आप ज्यादा पैसे दे रहे है? हम जब भी अनलाइन खाना मंगाते है तो हमे उस समान की कीमत से अधिक मूल्य चुकाना होता है ओर यही अनलाइन फूड वाले एप हमे बेवकूफ बनाते है की हम इतना डिस्काउंट दे रहे है, हर एक समान पर वास्तव में उस समान का मूल्य कम ही होता है, यदि आप उस समान को दुकान पर जाकर खरीदते है तो, जसई तरह से आप सिनेमा हाल पर जाकर टिकट लेते है तो आपको कन्वीन्यन्स चार्ज का भुगतान नहीं करना होता उसी तरह फूड के लिए भी आपको डेलीवेरी चार्ज नहीं देना होता आप उसे दुकान पर जाकर लेते है तो साथ ही उसकी मात्रा भी अधिक होती है।

यह फैसला आपका है की आप अनलाइन समान खरीदना चाहते है या फिर ऑफलाइन इन फिल्मी कलाकारों व हमे भी इस बात के पैसे मिलते है यदि हम अनलाइन समान को प्रमोट करते है या बेचते है परंतु यह चीज जनता के हिट की नहीं है ओर इससे हमारा भविष्य काफी हद तक नुकसान की जाएगा इसलिए अनलाइन न जाकर हमे ऑफलाइन समान खरीदना चाहिए।

zomato ओर swiggy ये दोनों ही महंगे है जबकी ऑफलाइन आपको समान इन दोनों से सस्ता पड़ता है।

कुछ ऐसे काम करो

कुछ ऐसे काम करो जिंदगी में की लोग तुम्हें भूल ना जाए ,काम करो ऐसे जीवन में,
जो लोग न भूलें तुम्हें;
आदर और सम्मान की माला,
तुम्हारी गर्व से सजाएं।

नई राहें चुनो, नये सपने,
करो काम जो रचें इतिहास;
प्रेरणा बनो आप सबके लिए,
तुम्हारी महिमा गुनगुनाएं।

संघर्षों का मुकाबला करो,
हर चुनौती को गले लगाओ;
अपनी मेहनत से चमकों,
तारीफों से गगन में उड़ाओ।

सेवा का पथ चुनो, उच्च स्थान,
करो दिल से जो बातें;
विश्वास रखो, संयम रखो,
जीवन को बना दो महान।

संगठन में जुटो, मिलकर काम,
सहयोग से पहुंचो आगे;
तुम्हारी योग्यता और संयम,
लोगों को हमेशा याद रखें।

कुछ ऐसे काम करो ऐसे मन से प्रेम से,
जो अनुभव करें सबको आदर;
तुम्हारी मेहनत और उपकार,
बनाएंगे तुम्हे यादगार।

यह सत्य

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन ….
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन ।
वो देता छाया यह क्या कम हे….
यथाशक्ति वो दे रहा जितना दम हे।

अनगिनत पक्षी कीड़े मकोड़ों इसकी शरण…
ये उसका स्वभाव प्रकृति के प्रति समर्पण ।
पेड़ मरकर भी जीवन के प्रति समर्पित…..
नौका किवाढ़ सज्जा से जीवन शोभित ।

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

वो देता छाया यह क्या कम हे,
जब उगते होते हैं वो ज़मीन।

पुष्पों से सजा आँगन उनका,
फलों से भरी होती डाली।

वृक्षों की छाया देती है शर्म,
सबको देती है वो माली।

फलों का मज़ा जब चखा जाता है,
हर बार नए रंग लाता है।

यह पेड़ नहीं सिर्फ़ हरा नहीं,
यह जीवन का संघर्ष दिखाता है।

छोटे छोटे पत्तों से जब खिलता है,
पूरे वन को रंगीला बनाता है।

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

जब खेतों में वो बढ़ते हैं,
अन्न की तरह सबको पोषण देते हैं।

जब हवाओं में उनकी लहरें होती हैं,
सबको ताजगी और शान्ति मिलती है।

यह पेड़ नहीं सिर्फ़ हरा नहीं,
यह जीवन का संघर्ष दिखाता है।

धूप के तप से जब सबको बचाते हैं,
प्राकृतिक सौंदर्य को बनाते हैं।

नीर के बंद कोषों से जब गूढ़ निकलता है,
जीवन की सत्यता को समझाता है।

हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

इन पेड़ों के महत्व को जब समझोगे,
प्रकृति की रक्षा में योगदान दोगे।

अपने आस-पास के हर एक पेड़ को,
संभालो, प्यार दो, बचाओ।

क्योंकि हर पेड़ दे फल यह नामुमकिन,
यह सत्य करना पड़ेगा यक़ीन।

कुछ तो लिखे हम

कुछ तो लिखे हम, हर रोज तो लिखने को नही होगा
क्या यह बात है सही
नही नही
यह बात तो बिलकुल भी सही नही
क्यों
क्युकी हर पल , हर क्षण , हम अपने भीतर भर रहे असंख्य विचार उन्ही का समूह हम बना रहे है। बना रहे विचार पर विचार
फिर कैसे कुछ
फिर कैसे कुछ ना होगा कहने को
सुनने को
सुनाने को
कैसे ना होगी बात
और फिर कैसे ना होगी हमारी और आपकी मुलाकात
होगी और बहुत सारी होगी बात, कुछ नए शब्द और विचारो के तालमेल संग हम और आपका होगा साथ

कुछ तो लिखे हम, हर रोज लिखना ज़रूरी नहीं है,
यह सत्य नहीं है बिलकुल भी।
क्योंकि हमारे भीतर बसते हैं
असंख्य विचार, भावनाएं अनगिनत।

हर पल, हर क्षण ये विचार घुलते हैं,
उनसे ही हमारी कविताएं मिलती हैं।
ये विचारों का समूह हमें बनाता है,
कविता की रचना में उन्हें समाता है।

कविता हमारी आत्मा की अभिव्यक्ति है,
जब विचारों को शब्दों में बदलती है।
हर रोज़ लिखकर हम बनाते हैं वाद्य,
अपनी भावनाओं को साझा करते हैं यहाँ।

तो हर रोज़ लिखने को हो सकता है,
यह बात बिलकुल सही हो सकती है।
क्योंकि जब विचार बहुत हों अनगिनत,
उन्हें शब्दों में छिड़कते हैं हम नित्यत।


कुछ यादे है

हाँ, कुछ यादे है जिन यादों के सहारे मैं बैठा हूँ, इन यादों को

हाँ, कुछ यादे है जिनके संग मैं बैठा हूँ,
इन यादों को मैं अपनी कविता में ढालता हूँ।

यादें वो हैं, जो बीते लम्हों को जीवंत करती हैं,
वो पल जब सपने सच होने की घोषणा करती हैं।

वो पहली मुस्कान, वो प्यार की झलक,
जब मन था मस्ती और दिल भरा उमंग से।
वो दोस्ती की मिठास, वो खुशियों का संगम,
जिन्हें याद करके हर दिन हो जाता है रंग।

यादें वो हैं, जो हृदय को छू जाती हैं,
वो गम को दूर भगाती हैं और खुशी बढ़ाती हैं।

वो रंगीन चिड़िया की उड़ान, वो बारिश की बूंद,
जो भर देती हैं जीवन को हर तरफ मस्ती से।
वो माँ के प्यार की गोद, वो पिता की मुस्कान,
जिन्हें याद करके आता है शांति का अनुभव।

यादें वो हैं, जो जीवन को महकाती हैं,
वो खोये हुए सपनों को फिर से जगाती हैं।

वो सूरज की किरण, वो चाँद की चमक,
जो दिल में उम्मीद की आग जगाती हैं।
वो गीतों की धुन, वो किताबों की कहानी,
जिन्हें याद करके जीवन बन जाता है मधुर।

हाँ, कुछ यादे है जिनके सहारे मैं बैठा हूँ,
इन यादों को मैं अपनी कविता में ढालता हूँ।

चाय की चुस्की

चाय की चुस्की की तलब सुबह के समय तो ऐसी होती है,
मानो बिना चाय मेरे दिन की शुरुआत ही न हो रही हो।
लगता है चाय पीने के बाद दिमाग तरोताजा होगा,
चाय की महक तुम तक भी पहुच रही है, यही बस बात होगी।

चाय की तलब कुछ इस तरह से लग रही है,
मानो जिंदगी प्यास में तड़प रही है।
चाय की चुस्की, चाय की तलब कुछ इस तरह बढ़ जाती है,
की उसके सामने सारी तलब फीकी पड़ जाती है।

कुछ से कुछ का कहना बिना चाय के भी क्या रहना,
चाय के बिना दिन की शुरुआत अधूरी सी महसूस होना।
चाय की तलब जैसे जीवन की एक आधारभूत आवश्यकता,
जो मन को शांति देकर दिल को बहुत सुकून देती है।

चाय की चुस्की लेने से लगता है दिल खुश हो जाता है,
कलम और कागज़ की जोड़ी बनती है, जब चाय की मिठास के साथ।
चाय की तलब इतनी है कि अक्सर शब्दों की कमी हो जाती है,
की सिर्फ एक चाय की मुलाक़ात से ही सब कुछ कह जाती है।

Judge Karna

kya kisi ko judge karna sahi hai ? aap apni rai jaruri btana, lekin meri rai mei kisi ko judge karna thik nahi hai or kisi ka kisi ke saath comparison karna bhi uchit nahi hai …..

kyuki jab aap bahar kisi dusre vyakti ke bheetar sahi ya galat dekhne lag jaate ho to aap swayam ka core bhul jaate ho , aapko fer khud ka nahi maalum padta , bas aap duniay ke acche or bure mein ulajh mein jaate ho yahi baat comparison ki drishti hai jab kaun behtar hai kaun nahi, isliye in vivado ke chakkar mein fanse ho to fir aap kaise kisi ko apna dost bna paoge.

Kuch log aapko bahut baariki se dekhte hai ki aap koi galti kare or wo us galti par aapka mazak bnaye ya fir aapke jitne bhi negative point hai un par dusre logo se aapke baare mein baate kare , ye insaani fitrat hai……

Hame unh logo se dur rehna chahiye jo aapke saath kaarno se judte hai, in logo ka koi matlab hota hai aapke saath judne ka or inki hamesha koshish yahi rehti hai ki apna matlab poora kar ye log aapko chhod dete hai isliye is tarah ke logo se bache , saavdhan rahe

Aapko unki galtiyo ko bas najarandaaz karna hai , khamiya nahi dhundhni , bas wo kya aapko sikhaa raha hai , unki kaunsi baate hai jo aap apne jivan mein utaar sakte hai …. aapko sirf unhi baato par gaur karna hai.

Jivan ki jyadatar pareshaniya tabhi hoti hai jab ham khud se jyada dusro ke baare mein sochte hai , isliye khud par vichar jyada kare or dusro par kam.