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समस्या का समाधान

बात पते की क्या वो बात?
यहाँ सब कुछ दिन भी यही ओर यही रात ।
जब जब समस्या लेती जन्म….
समाधान समस्या का पति रखता संग कदम ।

समस्या को सही से समझे ….
ध्यान दे मस्तिष्क की बत्ती न बुझे ।
समस्या भी होती खुश पा के समाधान …
समस्या भी खोज रही होती बेहतर इंसान ।

किसी उत्पाद प्रचार में किसी ने कहा दाग अच्छे होते हे…..
समस्या भी होती अच्छी उस में समाधान के झरने निकलते हे।

क्रोध खतरनाक

क्रोध खतरनाक …
इसकी लंबी नाक ।
क्रोध की आँधी …..
रिश्तों की समाधि ।

शांत रहकर जो कमाये रिश्ते …..
शैतान क्रोध की बलि वो चढ़ते ।
समय पे एक चुप ओर सौ सुख….
दंड तुम्हें मिलता गलती करता मुख ।

क्रोध सोचने समझने की शक्ति करता नष्ट…
क्रोध के पीछे पछतावा ओर कष्ट ही कष्ट ।
आगे आगे रिश्ते वेसे ही हो रहे समाप्त….
बचा लीजिए रिश्ता यह वजह ही पर्याप्त ।

क्रोध खतरनाक सी अग्नि….
भस्म करती नहीं किसी की संगिनी ।
जीवन एक प्रश्नपत्र….
शांति ही उत्तर इसका अस्त्र ।

शुभ रात्री आज जून माह की
विदाई दिवस हे और जुलाई माह का कल
आगमन होगा तो बाँहे खोल के जून माह की करे विदाई और जुलाई माह का स्वागत ।

क्या गर्मी

क्या गर्मी बहुत हे
अधिकतर हाँ जी बहुत हे
भाई अधिकतर A.C में रहते हो
नहीं छोड़ते उसको किसको यह कहे,

जब कभी दिन में पड़ता निकलना
जैसे हो गया आफ़त से सामना
शरीर पसीने पसीने होता
शरीर में ख़त्म होता पानी का कोटा

शरीर लगता जैसे लाल टमाटर
लगता बंद हो रहा सांसो का शटर
a.c थोड़ी देर अच्छा वरना
घर वो बीमारी का

बीमारी की नई नई क़िस्म
नई नई दुश्वारियों का
रोज़ बाहर निकलिए
शिकंजी लस्सी पीजिए

आपने वो तो सुना हे गाना
गाना गुनगुनाना सबको सुनाना
क्या हे बोल
बहुत अनमोल

ठंढे ठंढे पानी से नहाना चाहिए
गाना आए या न आए गाना चाहिए
तो न कहे बहुत हे गर्मी
गर्मी में गर्मी नहीं तो क्या होगा हठधर्मी

गर्मी आई तुझे मज़बूत करने
धन्यवाद करे उसका न लगे उससे डरने ।

क्या गर्मी बहुत है,
अधिकतर हाँ जी, बहुत है।
भाई, अधिकतर A.C. में रहते हो,
इस ज़माने में यह सच है या झूठ है कोई पता नहीं।

धूप में जलती खामोशी,
गर्मियों की छुट्टियों में छुपी सर्दी।
एयर कंडीशन की ठंडक में,
जी भरकर जीने की चाह रखते हो सब।

गर्मी की छुट्टियों में भीषण गर्मी,
जलती धूप में भटकती जीवनी।
अधिकतर अंधेरे के बगैर देखते हो तुम,
अपने ही आसपास की उस खामोशी को।

क्या गर्मी बहुत है,
या फिर वो तुम्हारी भावनाएँ हैं?
अधिकतर A.C. की ठंडक में रहना,
या फिर खुद को ढूँढना धुप-छाँव के बीच?

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समस्या

हर समस्या का समाधान होता …..
ध्यान की कमी से नही पाते पहचान ।
समस्या का समाधान हमारे भीतर ….
दूसरो के पास सिर्फ़ सुझाव की खबर ।

भीतर करे समस्या का चिंतन ….
जन्मेगा समाधान समस्या का निश्चित पतन ।
अपने ध्यान की रखे सही दिशा और दशा ….
उत्तर मिलेगा न छोड़े समाधान की आशा ।

विचारों का बेहतर होना

हमारे विचारो में
हो सकती असहमति…लेकिन हमारे विचारों का बेहतर होना है संभव
हमे खोजना उन विचारो को
जिसमें दोनों की एक मति ।
तब एक बेहतर संवाद जन्मेगा….
उसी की सुगंध चहु ओर बहेगा ।

वैचारिक मतभेद का करे सम्मान….
तभी सच्चाई को जान पाते श्रीमान ।
जहाँ एक मति से कार्य होगा सम्पन्न….
तीव्र गति से होगा सुखो का संवर्धन ।

सुखी रहने का मंत्र….
कार्यशैली में निरंतर अपनाये सुधार तंत्र ।

भीतर शांति के बीज

भीतर शांति के बीज अनमोल वचन जीवन के लिए सदा उपयोगी होते है, इन्हे अपने जीवन में उतार लीजिए ओर हर रोज इन विचारों का अनुसरण कीजिए लाखों ही हम पढ़ रहे है, परंतु इन्हे सिर्फ पढ़ना ही बहुत नहीं है इनको अपने जीवन में उतारना भी बहुत आवश्यक है।

भीतर तेरे शांति के बीज…..
अंकुरण करना उनका हरगिज़ ।
मानवता के फूल खिलेंगे….
ख़ुशियों की सब ओर तरंगें ही तरंगें ।

शांति से जीवन होता उजियारा…
शांति से बेहतर नहीं कोई सहारा ।
शांति के फूल सुंदर सुंदर….
खिलता जीवन मोहक मधुर ।

मुस्कुराने का जादू

यह मुस्कुराने का जादू है , जहाँ शब्द न करे काम मुस्कुराहट काम कर जाती……
बात पते की मुस्कुराहट की नही कोई जाति प्रजाति ।
यह तो प्रकृति का वरदान बात यह सब को समझ हे आती ।

मुस्कुराहट में प्यारी सी आहट…
काम को बनाने की इसमें चाहत ।
मुस्कुराहट का प्रभाव…..
कहलाता अच्छे व्यवहार का स्वभाव ।
मुस्कुरा कर जब करते काम….
उसमें झलकता शांत मन का आयाम ।

मुस्कुराहट से हो जाता हर असमभाव वाला संभव काम , मुस्कुराहट करती हर दुख को दूर शांति का प्रस्ताव लाती हर दिल में उम्मीद में जगाती , यही मुस्कुराने का जादू है, जो मुस्कुराहट खुशिया बिखेरती जाती।

स्वस्थ नहीं तो कैसा

स्वास्थ्य नहीं दवाई के घर का नौकर…..
खाऊँगा दवाई , मिलेगा स्वस्थ नहा धो कर ।
स्वास्थ्य तो जीवन की ताश के पत्तों का गेम पलटने वाला जोकर ….
स्वास्थ्य रहता मन की शांति में रास्ता निकलता इसका पेट से होकर ।
मन शांति से बड़े काम हो सकते सिद्ध …
उदाहरण मानवता के पास महात्मा बुद्ध ।
महात्मा बुद्ध जी का जीवन संदेश….
करुणा शांति मंगल , न पनपे राग द्वेष ।

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दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ

मैं घोषणा करता हूँ मुझे हुआ हे वो दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ
शर्मा जी वर्मा जी ने पूछा है क्या ज्ञान हुआ आपको श्रीमान ?
मैं बताऊँ मुझे हुआ हे दिव्य सत्य ज्ञान पत्नी देवी ही शुद्ध भगवान।
घर में बैठा हे भगवान….
ऐ शेतान् इस परम ज्ञान को नहीं रहा जान ।
क्या बुद्धि तेरी जल गई बुझ गई ओ अहंकारी ओ बुद्धि नुक़सान।
मेरा ज्ञान व्यावहारिक टन टनाटन….
यह समझ का गेम मुझे हुआ परम ज्ञान।

इस ज्ञान हम 24×7 करते प्रचार….
खाओ गोलगप्पे और खट मीठिया आचार।

जय श्री पत्नी सर्व देवाये नमों नमः
संकट कटे कटे सब पीड़ा ओम फट।

दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ

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यौवन शरीर या मन

यौवन शरीर या मन से या ज़्यादा मन की स्थिति….
हो सोच का हिस्सा मन में हो उपस्थिति ।
समय अब तो भीतर के यौवन को सँवारो….
समझ से कार्य लो ताकि हम बने हीरो।

यौवन एक सोच ये समाप्त तो फिर बेसाख़ी वाला जीवन…
नहीं मरने देना इसको दो क़ीमती एक बचपन और एक यौवन ।
अभी आपने बहुत क़िले हे फ़तहे करने….
दुश्मन भिड़े तो उसे चबाने पड़े लोहे के चने ।

राम ललवानी के विचार

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