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बैलन्स आपके स्वभाव

जीवन को बैलन्स बनाकर चलना ही बेहतर विकल्प है यही हमारे जीवन के बैंक बैलन्स है, इसलिए हमे अपने स्वभाव का बैलन्स बना कर रखना चाहिए, आज का शब्द “बैलन्स आपके स्वभाव का गहना”

बैलन्स आपके स्वभाव का गहना …
यह साधने से पूरे करता जीवन का सपना ।
बैलेन्स बैंक का या हो जीवन का हो भरपूर ….
बीमारियाँ ओर दुःख रहेंगे सदा दूर दूर ।

बैलेन्स ( संतुलन) से यह पृथ्वी भी टिकी….
निरंतर चलते चलते भी लगती रुकी रुकी ।
बैलेन्स ( संतुलन ) सदा इसे बनाए रखे ….
इस नियम का सुखद पक्ष जीवन में दिखे ॥

स्पर्धा एक प्रेरणा

आज का शब्द स्पर्धा एक प्रेरणा है, हमे उन्ही बाहरी स्पर्धाओ से मुक्त होना है ओर भीतरी स्पर्धा के लिए जाग्रत होना है

प्रतिदिन नए कीर्तिमान बनाए…..
स्पर्धा सिर्फ़ स्वयं से हे समझाए ।
दे कीर्तिमान में अपना the best…..
कल best से भी बढ़िया हो taste॥

सब कीर्तिमान बसते भीतर….
वो भी बाहर आने को तत्पर ।
स्वयं को विषय में दे झोंक…..
फिर नही कोई सकता आपको रोक ॥

स्पर्धा एक प्रेरणा वो किसी से हो या फिर स्वयं से हो बस वो स्वस्थ होनी चाहिए मैल नही होना चाहिए , स्पर्धा मनुष्य का गुण कुछ कर गुज़ारने की चाह फ़िर जीवन के पास पर्याप्त कारण हे जीवन को सुखद पथ पर दोड़ाने के लिए , सब के लिए प्रार्थना सब के लिए असीम प्रेम ।

समय के अनुसार

समय के अनुसार इस शरीर को मृत्यु आती है कोई भी साधन इस मृत्यु को रोक नहीं पाता है, सब कुछ यही रह जाता है, कौन था राजा कौन रंक ये कौन जाने मृत्यु तो बस अपने रास्ते आती है, इस शरीर को मृत्यु ले जाती है
प्रकृति यह नियम अपनाती।
ये सब प्रकृति का केमिकल
लोचा….
शरीर सब तत्वों में मिल जाता जो नही था सोचा ॥

समय के अनुसार मृत्यु नही लगनी चाहिए वो बुरी……
इसमें एक ख़ुशी समय अनुसार चली जीवन की धुरी ॥

मृत्यु सच्चाई नही वो बुरी वो कड़वा सत्य लेकिन सत्य नही वो बुरी ॥

समय अनुसार प्रकृति अपना चक्र पूरा करती हे यह प्रकृति का चक्रव्यूह हे उसमें वो मतभेद नही करती राजा हो रंक हो अमीर हो गरीब हो ताकतवर हो कमजोर हो सब के साथ समान व्यवहार इसकी पहचान ।
प्रणाम प्रकृति को उसके सत्य को उसकी कार्यशेली को नमन वंदन बस सत्य कि माँ प्रकृति इस सत्य के दर्शन भीतर से हो पाए उसमें सहायक बनना आपका अति आभार ।

तुम हो समुद्र

तुम हो समुद्र तुम्हारा दुख तेज धूप तुम्हारी सहन शक्ति के आगे नतमस्तक हम , तुम्हारा बल अद्भुत तुम्हारी गाथा तुम हो अनेकों विचारों एक दाता तुम हो समुद्र दुःख तेज धूप…
धूप विकट समुद्र विराट स्वरूप ।
तेज से तेज धूप समुद्र का बाल भी
बाँका नही कर सकती …..
समुद्र चुप शांत कभी क्रुद्ध धूप की
तो एक नियत शक्ति ।

तुम हो समुद्र तुम्हारे दुःख तेज धूप….
धूप शक्ति नही बदल सकती समुद्र रूप
कोई कुछ बोले करे मनन रहे सदा शांत….
इस बात में हित लाभ मन भी होगा प्रशांत ॥

जीवन का गणित

जीवन का गणित एसा है जो किसी को समझ ना आए इस गणित सब उलझे हुए नजर आए , इस गणित को जो समझे वो इस भवर से बाहर निकल जाए।

जीवन का गणित
जीवन में आशीर्वादों को जमा कीजिए
दुःख तकलीफ़ों को घटा दीजिए
भलाई को गुणा कीजिए
इच्छाओं को भाग दीजिए
जीवन के विकास में जहां जहां
जो ज़रूरी हे कही घटा कही जोड़
कही भाग तो कही गुणा निरंतर कीजिये

दुःख तकलीफ़ों को घटा दीजिए, दर्द को मिटा दीजिए,
खुशियों को बांटिए, सबको हंसा दीजिए।

भलाई को गुणा कीजिए, अच्छाई को फैलाइए,
सद्गुरु की ओर से मंगलकामनाएं लेंगे आपको बहुत सारी।

दूसरों की मदद कीजिए, सदैव नेकी में लग जाइए,
प्रेम और समझ से बनाइए, जीवन को अपारी।

सफलता की राह पर चलिए, मेहनत और समर्पण से,
आपकी कठिनाइयाँ घटाएंगे, सफलता की उच्चाईयाँ पाएंगे।

खुश रहिए, मुस्कराइए, दूसरों को खुश रखिए,
यह जीवन का गणित है, जिसे हमेशा आप सुलझाइए।

यह थी प्रेम, शांति और समृद्धि की कविता,
जीवन के साथी बनकर, खुशहाली की पथ पर चलिए सदा।

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प्रभु का आशीर्वाद

प्रभु का आशीर्वाद निरंतर हर दिन
करे प्रभु से प्रति दिन निरंतर संवाद ।
जो चाहते वो करे प्रभु जी से प्रार्थना …..
मिलेगा प्रभु जी बनाएँगे देने का भी बहाना ॥

प्रभु देकर देखते क्या बदला इसका स्वभाव ..
प्रभु चाहते दूर हो दुखी जीवनो से अभाव ।
अपनी ख़ुशियाँ दूसरे से उन्हें बाँटे….
प्रभु जी चाहते , कमियों को सुख से पाटे ॥

सच्चा मित्र

एक अस्त्र ही बहुत है वह अस्त्र आपका मित्र है , जिस मित्र के सदा विजय नहीं चाहिए सहस्त्र मित्र बस एक ही हो वो सच्चा मित्र मित्र आपका अस्त्र…
एक ही बहुत
नही चाहिए वो सहस्त्र ।
मित्र सच्चा सहयोगी….
सुगंध उसकी सर्वत्र उपयोगी ।

मित्रता की सदा विजय हो ,
मित्रता ही नारा ।

एक अस्त्र ही बहुत है, वह अस्त्र मेरा मित्र है,
जो सदा विजय नहीं चाहता, सहस्त्र मित्र बस एक ही है।

वो सच्चा मित्र, जो मेरे साथ सदैव खड़ा है,
जब भी जरूरत पड़ी मेरी, मेरे पास हमेशा आया।

उसकी आँखों में छिपी है विश्वास की ज्वाला,
वो मेरी हर बात को समझता, मेरे दुखों को महसूस करता।

जब समय था मुझे पीछे खींचते अंधकार के घेरे,
वह मेरे साथ चला, मेरे साथ हैरानी और डरे।

जब भी जीवन की लहरें मेरे सामने उठाएं,
वो सहारा बनकर मेरे पास खड़ा रहे आए।

उसने मुझे शक्ति दी, सामर्थ्य की प्रेरणा दी,
जिससे जीता मैं हर युद्ध, हर मुश्किल से लड़ा हूँ।

उसका आभास हर सांस में है, हर धड़कन में बसा,
वो सच्चा मित्र, जो मेरे जीवन का अद्वितीय रंग बना।

जब भी मैं उदासी से भरा, अशांति से घिरा हूँ,
वो मेरे पास आकर मुझे हंसाता, खुशियों से भर देता है।

सदा मेरे पक्ष में स्थिर रहकर, मेरे साथ चलने वाला,
हर संकट और समस्या से मुझे बचाने वाला।

वो जिसका नाम प्यार से जुड़ा है,
जो सदैव मेरे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान धरा है।

इस अस्त्र की शक्ति सदैव मेरी आस्था बनी रहे,
सहस्त्र मित्र, तू मेरा सच्चा मित्र है और रहेगा सदैव ही।

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जीवन का आधार

पढ़ाई जीवन का आधार है
क्या यह कथन सही हे ?
किसी को सही से सुनना
भी क्या पढ़ाई हे?

क्या सही व्यवहार में पढ़ाई
का योगदान हे ?
क्या अच्छी नौकरी ओर धन
कमाना ही पढ़ाई हे ?

क्या पढ़ाई मस्तिष्क की
खुराक की हृदय का
भी इसमें कुछ योग हे ?
क्या पढ़ाई एक व्यवस्था

एक विशेष क़ार्य में आगे
बढ़ने की कसौटी ॥

पढ़ाई जीवन का आधार है ,
जो नहीं करता उसे है डर है।

ज्ञान की धरा से जब बहता है,
तब समझ में आता है जीवन का सत्य है।

जीवन की इस यात्रा में,
ज्ञान ही है सफलता का मंत्र है।

पुस्तकों का समुद्र है ये जगत,
जिसमें डूबकर ज्ञान करो जगमगाता है अपना मतलब है।

ज्ञान की इस धरती पर हर व्यक्ति,
अपनी अलग पहचान बना सकता है।

पढ़ाई से सीखो नए नए ज्ञान को,
जीवन के हर पहलू में उसे लागू करो।

इससे नहीं मिलती सिर्फ सफलता,
बल्कि आत्मविश्वास भी मिलता है जीवन का अर्थ होता है पढ़ाई का।

जब तक हम पढ़ाई नहीं करते हैं,
हम अपने जीवन को समझने में असमर्थ होते हैं।

पढ़ाई करने से हम सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं,
और अपनी अलग पहचान बना सकते हैं।

पढ़ाई जीवन का आधार है,
जो नहीं करता उसे है डर है।

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संबंध नहीं टूटते

संबंध नहीं टूटते वो जाते बच,
जब जानते एक साधारण नियम …..
कि वो नही ग़लत वो हे सिर्फ़ अलग
उठाना सिर्फ़ इस दिशा में कदम ।

हर व्यक्ति अलग…
ऐसा ही बना ये जग ।

ये ही जीवन की सुंदरता…
ये ही जीवन का सही पता ।

आम अलग अलग नीम…
वही धरती वही मिट्टी
दोनो ही क़ीमती चाहे
नीम कड़वा मीठा आम ,
क्या फ़र्क़ दोनो ज़रूरी
कोई राम कोई रहीम ॥

संबंध नहीं टूटते वो जाते बच,
जब जानते एक साधारण नियम।
कि वो नहीं ग़लत, वो है सिर्फ़ अलग।

उनकी आँखों में छुपे ख्वाब हैं,
दिल के मंज़र अनजान हैं।
जब भी मुस्काते हैं वो बहारों की तरह,
दिल में उत्साह और आशा की फुलवार हैं।

जीवन की सड़कों पर चलते हैं वो अपने क़दमों से,
सबके बीच में भी है वो अपने आप में रुकमण हैं।
वो नहीं थमते, नहीं झुकते,
अपनी अलग पहचान और गर्व से चलते हैं।

जब उठती है आवाज़, तो धरती हिलती है,
उनके साथ चलती है हवाओं की लहरें।
क्योंकि वो है सिर्फ़ अलग, नहीं ग़लत,
विश्वास की गहराई में छुपी एक मिसाल हैं।

जब देखते हैं उन्हें दुनिया की नज़रों से,
तो उनकी अद्भुतता से चमकती है सृष्टि।
क्योंकि वो है सिर्फ़ अलग, नहीं ग़लत,
उनका हर कदम है एक अनूठी कविता।

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आँखे मन का दर्पण

आँखे मन का दर्पण है , इन आँखों से दिख जाते सारे भाव , सुंदरता आँखो को
ओर व्यक्तित्व हृदय को प्रिय….

आँखे हृदय मेरे ही अंग….
ये सब जीवन कथा के प्रसंग ।

आँखे मन का दर्पण….
भीतर की सूचना से वो सम्पन्न ।

ये आँखे सुख दुःख में रोना जानती….
बताती क्या चल रहा मन में उसे कह जाती ॥

आँखे मन का दर्पण है,
इन आँखों से दिख जाते सारे भाव।
सुंदरता आँखों को,
ओर व्यक्तित्व हृदय को प्रिय।

जब ये आँखें हँसती हैं,
बिना कुछ कहे सब कह जाती हैं।
आँखों में चमक और उमंग होती है,
जीवन में नई राहें बनाती हैं।

जब ये आँखें रोती हैं,
बीते पलों की यादें लेकर सोती हैं।
आँखों में आंसू और गहराई होती है,
दुख और दर्द को खुद में समेट लेती हैं।

जब ये आँखें चिंतित होती हैं,
भविष्य की भारी सोच में खोती हैं।
आँखों में उलझन और विश्वास होता है,
संकट के समय भी साथ निभाती हैं।

ये आँखें हृदय की बातें कहती हैं,
इश्क़ और प्यार की आवाज़ उठाती हैं।
आँखों में प्रेम और आदर्श होता है,
सुखी और समृद्ध जीवन का राज बनाती हैं।

आँखे मन का दर्पण है,
इन आँखों से दिख जाते सारे भाव।
सुंदरता आँखों को,
ओर व्यक्तित्व हृदय को प्रिय।

ये आँखें जीवन की कहानी सुनाती हैं,
बिना शब्दों के भी बहुत कुछ कह जाती हैं।
इन आँखों में सच्चाई और निर्मलता होती है,
जीवन के हर मोड़ पर साथ देती हैं।

चाहे आँखें हों छोटी या बड़ी,
हर इंसान की आँखों में खूबसूरती होती है।
इन आँखों को समझो और महसूस करो,
हर रंग और भाव की छवि यहां मबनी रहती है।

आँखों की झलक से भावनाएं प्रकट होती हैं,
जैसे मन की गहराई से निकलती हैं।
चाहे खुशी की बौछार हो या गम का सागर,
आँखों में ही छुपी होती हैं वह सारी कहानियां।

जब आँखें मुस्काने लगती हैं,
दिल में खुशियों की बहार उगलती हैं।
आँखों में प्रेम और स्नेह की ज्योति होती है,
खुशहाल रिश्तों को नया अर्थ देती हैं।

जब आँखें आंसू बहाती हैं,
दर्द और दुख की कहानी सुनाती हैं।
आँखों में संवेदना और सहानुभूति होती है,
आपस में जुड़े हुए हमसफ़रों को जाग्रत करती हैं।

आँखे मन का दर्पण हैं,
जो दिखाती हैं सच्चाई की पहचान।
व्यक्तित्व के रंग और अभिव्यक्ति की कला,
हर आँख में बसती हैं वही अद्भुत छान।

इसलिए आँखों को सदा महत्व देना चाहिए,
क्योंकि वे मन के रहस्यों को छूने का द्वार हैं।
जब हम आँखों की ओर ध्यान देते हैं,
तभी हम प्रेम और समझ के आदर्श अर्थ को समझ पाते हैं।

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