आप किसी छोटे मस्तिष्क
के घेरे में न आए ….
जो आपके बुने सपने को
बहुत बड़ा वो बताए । आप दिल दिमाग़ से
अपने बुने सपने देखे…
केसे वो धरती पे उतरेंगे
इस बात में बल चले लेके ॥
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शब्द बन बैठा हूँ
शब्द तो बन बैठा हूँ
लेकिन शब्दों को कह नहीं पाता हूँ
बस खुद में ही कही नजर आता हूँ
शब्द हूँ शब्दों से कतराता हूँ
कभी छुपक जाता हूँ ,
कभी दुबक जाता हूँ ,
बाहर नहीं आ पाता हूँ ,
घबरा कर बैठ भीतर ही जाता हूँ ,
यू मुझमे छिपा दर्द बहुत लेकिन कह कुछ नहीं पाता हूँ
बिना मतलब के चिल्लाता हूँ
हर किसी को बताता हूँ
लेकिन कुछ बोल नहीं पाता हूँ
भीतर की गहरी बाते जुबा पर ला नहीं पाता हूँ
जब भी बारी आई मेरी बोलने की सहमा सहमा नजर आता हूँ
शब्द हूँ मैं
लेकिन ज़्यादार मौन ही नजर आता हूँ
शब्द हूँ मैं
ना जाने ये बात भी कैसे जान पाया हूँ
लेकिन किसी को बता नहीं पाया हूँ
बस शब्द बन बैठा हूँ
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अपनी शक्ति
अपनी शक्तियो को पहचानो , जिस प्रकार समुद्र कितना की बड़ा हो लेकिन एक गुब्बारे जो भर हुआ अपनी हवा रूपी शक्ति से उसको यह समुद्र अपने भीतर नहीं खिच सकता, तुम्हें अपनी शक्तियों को पहचानना होगा कोई भी स्थिति हो तुम्हें प्रश्नचित रहना होगा , कोई भी कार्य हो छोटा या बड़ा अपने कार्य में निपुण तुम्हें बनना होगा , ये जीवन का अर्थ रसीला है इसी प्रकार के जाग्रत गुणों से तुम्हें खुद को भरना होगा, आज का विचार “अपनी शक्ति”
बड़े हुए जेसे समुंद्
लेकिन एक निरीह
ग़ुब्बारे को वो नही
सकता डूबा….
तो पहचानना अपनी
शक्ति हर स्थिति में
रहना प्रसन्न नही कोई
तेरी तरह कोई दूजा ॥
क़ार्य नही कोई छोटा या बड़ा ,
बने अपने क़ार्य में पूर्ण निपुण…
यही जीवन अर्थपूर्ण रसीला,
जिसमें जाग्रत हो ऐसे गुण ॥
जीवन में संतुलन
जीवन में संतुलन होना ही उसका बाल है, हिम्मत है इस जीवन के आवश्यक घटक भी यही संतुलन है इस संतुलन को नया बिगाड़िए खुद को संभालिए इस जीवन रूपी राह में अड़ग होकर खड़े हो जाइए
जीवन में संतुलन,
ही उसका बल ……
क्या जीवन के
आवश्यक ओर क्या
अनावश्यक का पटल ॥
संतुलन में स्थिरता ओर विकास….
सुखद जीवन जीने का प्रयास ।
चल रहा आवश्यक अनावश्यक खेल…..
चुनाव सही तो तभी चलेगी जीवन की रेल ।
प्रकृति का स्वरूप
विश्व बहुत सुंदर और अनुपम इस विश्व का रूप है, देखिए कितना मनमोहक इस प्रकृति का स्वरूप है, विश्व बहुत सुंदर,
अनुपम उसका रूप ।
देखिए कितना मोहक
इस प्रकृति का स्वरूप ॥
मनुष्य काहे बन बेठा प्रकृति का बैरी….
जिसे होना चाहिए था इसका प्रहरी ।
लोभ के बवंडरो ने मनुष्य को घेरा ….
विनाशकारी युद्धों ने डाला मनुष्यता पे डेरा ॥
अहंकार ओर लालच….
झूठ कपट का ओढ़े कवच ।
करता सब पाप दुष्कर्म…..
अब निकट आ रहा उसका चरम ॥
जीवन पथ
जीवन पथ में काँटे बिछे हे लाखों हज़ार….
आत्मविश्वास से आँखे खोल के रहना तैयार ।
इस जीवन पथ पर सभी चलते …..
व्यक्तित्व हो ऐसा नए पथ चले गढ़ते ॥
आत्मविश्वास एक मशाल….
जो अंधेरे जीवन का काल ।
आत्मविश्वास संग सत्य का तड़का….
निर्माण पथो का , चाहे तगड़ा आए झटका ॥
आत्मविश्वास एक शक्ति एक ऊर्जा , इस ऊर्जा के उत्सर्जन के लिए एक लक्ष्य निर्धारित हो वो वहाँ नया निर्माण सम्भव कर देगी ओर दूसरो के लिए भी मील का पत्थर बनेगी , आत्मविश्वास संग सत्य को लेकर चलेंगे साथ
तो जीवन की कई अंधेरी गुफाओं से सुगमता से नए पथो का निर्माण कर पाएँगे ओर अपने जीवन को नई दिशा ओर गति में सहायक होंगे ।
कहने को बहुत कुछ लेकिन कम कहा जाए अधिक उसकी गूंज हो तों बहुत शुभ ।
सब की जय हो विजय हो इस बात में नही कोई संशय हो ।
हँसना मुस्कुराना
किसी दिन नही हंसे मुस्कुराए वो दिन ख़राब बेकार…..
हँसना मुस्कुराना मनुष्य का गहना , जीवन का उपचार ।
खुद हंसे ओर दूसरो में बाँटिए हँसी प्रसन्नता…
हँसी ख़ुशी से एक खुशहाल जीवन पनपता ॥
आप प्रतिदिन हंसे कहते हे “laughter is a medicine “तो सदा नया अच्छी दिशा का
सोचे जीये ओर जेसे ख़रबूज़ा ख़रबूज़े को देख के रंग बदलता हे तो आपके सुंदर स्वस्थ जीवन से किसी का जीवन भी सुधर सकता हे खुशहाल हों सकता हे तो आप हँसते रहे मुस्कुराते रहे सदा प्रसन्नचित खुश रहे आपके स्वभाव में ख़ुशियों के रंग बिखरे हुए दिखेंगे जो बहुत शुभ हे ।
अपना कर्तव्य हँसते मुस्कुराते करते रहे ओर हर समय को गरिमामय बना दे ।
पढ़ के इसको हँसना मुस्कुराना
चाहे रहो इंडिया में रहो तुम चाइना ।
दिल में किसी के
हम भी उतर सकते है दिल में किसी के
बस पल भर के लिए नजर तो मिलाये कोई
मेरे अल्फाज
कुछ इस तरह से मेरे अल्फाज खूबसूरत होते है
कभी दर्द छुपा लेते है तो कभी एहसास छुपा लेते है.
हमारी हर दुआ में हम तुमको मांग लेते है, तुम्हारा हर गम हम अपना बनाले बस यही चाहते है।
मुकम्मल ना सही
मुकम्मल ना सही तो अधूरा ही रहने दे,ऐ सितमगर….
ये इश्क है कोई मकसद तो नही….