Posts tagged anmol shabd

बुद्धि

बुद्धि – मस्तिष्क
1- हमारी बुद्धि मैं सोचने और समझने की क्षमता होती है
2 हमारा मस्तिस्क एक कुशल प्रबंधक है।
3 हमारा मस्तिस्क आदेश और निर्देश देता है। इस शरीर को
4 निर्देश करना

किसी भी ज्ञान को काफी लंबे समय तक रखने की क्षमता और योग्यता होती है जिसके कारण हम किसी भी समय पर इस ज्ञान का प्रयोग करते है। अपने कार्यो तथा उस स्तिथी में उसी प्रकार का निर्णय ले सकते है।
किसी भी अनिश्चित घटना पर हमारा मस्तिष्क सुचारू रूप से कार्य करता है, यदि हमारे पास उस स्तिथी के अनुरूप ज्ञान है।
संभालना, किसी भी कार्य में नयापन लाना तथा कार्यो को नए ढंग से करने की क्षमता
किसी भी दूर की स्तिथी को समझने, परखने और जानने की क्षमता होती है।
सीखने की योग्यता
इच्छा शक्ति
समन्वय
भाषा का रूपांतरण
उद्द्देश्य शक्ति

हमारे मस्तिस्क के अंदर अनंत शक्ति है जिसे हम जान नहीं पा रहे है परंतु हमे जानना है और वह सभी शक्तियां हम कैसे जान सकते है ? उन शक्तियों को कैसे अर्जित कर सकते है ? कहते है हमारे मस्तिष्क की जो संरचना है वह बिल्कुल अंतरिक्ष की संरचना से मेल खाती है जैसा हमारा मस्तिष्क है वैसा ही बाहरी अंतरिक्ष भी है इसलिए जो हम अपने भीतरी मस्तिष्क में कर रहे है वैसा ही हमारे अंतरिक्ष में हो रहा है। उसी की वजह से ब्रह्माण्ड की स्तिथि ओर परिस्थिति लगातार परिवर्तन कर रही है।

हमारे मस्तिस्क मैं सारे ज्ञान को अर्जित करने की तथा उस ज्ञान को किर्यान्वित करने की बहुत क्षमताएं है। हमारा मस्तिष्क किर्याशील होता है। हर समय हमारा मस्तिस्क कितने ही प्रकार किर्यायो से संलग्न रहता है। अपने मस्तिस्क की क्षमताओं को देखो और पहचानो, अपने मस्तिस्क किसी की बुद्धि मेधावी ना हो, बहुत कम सोच पाता हो हम उसे ना जाने कितने ही प्रकार की दवाइया खिलाते है परंतु हमारे मस्तिष्क को बढ़ने के लिए किसी चव्यांप्रश् की आव्यशकता नहीं है सिर्फ अपने मस्तिष्क को देखो, स्वयं को समझो, हम अपने जीवन मैं किसी भी स्तर पर हो अपने जीवन को बेहतर बनाने की अवस्था चाहते है। हम सभी बेहतर जीवन चाहते है । हमारा मस्तिष्क बहुत तीव्र होना चाहता है। हम चाहते है की हमारी बुद्धि भी बहुत तीष्ण हो

हमारा मस्तिस्क बहुत शक्तिशाली है शायद जितनी हम कल्पना भी नहीं कर सकते तथा हमारा शारीर भी बहुत शक्तिशाली तथा विभिन्न प्रकार की शक्तियो से भरा हुआ है। जिसका हम अनुमान भी नहीं लगा सकते परंतु इन सभी शक्तियो को हमे जानना है मानव मस्तिस्क की शक्तियो को हमे समझना है जिसके द्वारा हम अनेको राज समझ सकते है इस जीवन के तथा इस जीवन की सभी आव्यसक्ताओं को पूरा कर सकते है । इस मानव मस्तिष्क में इतने रहस्य छिपे है की मानव मस्तिष्क भी छोटा पढ़ जाये

परंतु हम अपने मस्तिस्क के विचार को नहीं देखते,  हम सिर्फ चाँद, तारे, सूरज और आदि दूसरे ग्रहो की स्तिथी, परिश्तिथि को जानने में लगे हुए है अपने आपको जानने की कोशिश ही नहीं कर रहे है , की हमारा जन्म किन कारणों से हुआ है , क्या रहस्य है हमारे जन्म का?

हमारा मानव मस्तिष्क इतनी विशाल शक्तियो से भरा हुआ है की ये ग्रह आदि सब इस मस्तिष्क की रचना का हिस्सा है। मेरा यह कहना गलत नहीं होगा की एक ब्रह्माण्ड बाहर है और एक मानव शारीर मैं जिसको हम बहार खोज रहे है इन आँखों के द्वारा उसे हम अपने भीतर भी झांक कर देख सकते है, जिसकी पूरी स्तिथी और परिस्तिथि को समझ सकते है।

इस ब्रह्माण्ड की स्तिथी के लिए हमे बाहरी आँखों की आव्यसक्ता नहीं है ये सब कुछ हमारे भीतर ही है मात्र हमे अपने भीतर होते जाना है, बाहर तो सिर्फ दर्पण है जो अंदर है वो बाहर है। इसलिए सिर्फ भीतर होते चले जाओ सबकुछ अपने आप होता चला जायेगा

मुस्कुराओ

मुस्कुराओ ….क्युकी दुनिया का हर आदमी खिले फूलों और खिले चेहरों को पसंद करता है, जो मुसकुराता है वो दुनिया को बदलने की हिम्मत रखता है, उसका विश्वास अपनी मुस्कुराहट से ओर बढ़ जाता है, वो मुरझाए हुए चेहरों को फिर से नई जान देता है, उनके भीतर नई ऊर्जा भर देता है।

मुसकुराना मानो दुनिया का खुद से ही बदल जाना है, मुसकुराना एक कला है भीतर चाहे कितने ही दुखी दुखी लेकिन आपके होंठों पर मुस्कुराहट दूसरों के चेहरों पर भी मुस्कुराहट भर देता है,

मुस्कुराओ क्युकी दुनिए का हर आदमी कहिले फूलों ओर कहिले चेहरे को पसंद करता है।

शब्दों का प्रभाव

शब्दों का प्रभाव होता है तथा इस शरीर के प्रभाव में कौन-कौन से शब्द आते है? हमारा शरीर शब्दों के प्रभाव को किस प्रकार से समझता है। यह शरीर शब्दों के कारण क्यों तथा कितना प्रभावित होता है? शब्दों का प्रभाव शरीर पर किस प्रकार का होता है?
और कैसे ? 

क्या हम सभी यह जानते है तथा यह जानने की कोशिश की है? शब्द ही है जो हमारे जीवन को निर्मित कर रहे है, जो भी हम बोल सुन रहे है उनका हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता है।

यह शरीर एहसास का सागर है,शब्दों की परिभाषा है। शब्दों का सागर है ये पांच तत्वों से मिलकर बना हुआ शरीर है।
जल,धरती, आकाश,अग्नि,हवा
फिर हम क्यों डरते है?

इनसे  इनको पहचानो जानो और समझो हम ही है  क्योंकि वो अधिकतम मात्रा में है और हम कम मात्रा में है  इसलिए हमे लगता है हम कमजोर तथा असहाय है अपने जीवन में परंतु हम इन्ही पांच तत्वों का रूप है

यह शरीर के मुख्य तत्व है। यही हमारे शरीर की शक्तिया है। हमारे शरीर का एहसास हम संजोते और संवरते है। हाव भाव जो हमारा शरीर है पूर्ण बनता है,  हमारे शरीर में शक्तियो का संचार होता रहता है, यह लगातार चलने वाला कार्य है।

जिसकी जैसी भावना होती है। उसको वैसा ही मिलता है। मतलब एहसास के कारण ही हमे जन्म और मृत्यु का निर्णय होता है तथा कौन-सा शरीर मिलेगा यह भी हमारे एहसास के कारण ही

र्धारित होता है। जीवन का बहुत ही मजेदार खेल है, इसको खेलना इतना आसान नहीं है। 

हर चाल में कुछ नयापन है। हर एक पल कुछ नया देता है। सिखाता है, नया एहसास देता और समझाता है। कोई भी पल जीवन का व्यर्थ नहीं होता है। हर पल कुछ ना कुछ सिखाता है जब आप कुछ पाना चाहते है तो प्रकृति भी आपको देने के लिए तैयार बैठी है और वो देती है।
परंतु यह आप पर निर्भर करता है। की आप उस पल को किस तरह से समझते है? क्या महसूस और एहसास करते है? उस वातावरण से कौन-कौन से शब्दों को प्राप्त करते है ?

कोशिश करो स्वयं को देखने की, महसूस करने की, एहसास करो, कौन सा शब्द आपके आसपास गूंज रहा है? आपका एहसास आपकी मंजिल आपके पास ही है। आप उसको देख भी रहे हो परंतु फिर भी उससे हम दूर हो रहे है क्यों? क्या हम मंजिल को देखना ही नहीं चाहते या ऐसे ही भटकना किसी और चाह रहे है।

हमारी छोटी-छोटी बाते जब बड़ी होती जाती है। हम उन बातो को सँभालने में असमर्थ होते है। हम हमेशा छोटी छोटी लड़ाई झगड़ो में अपना समय नष्ट करते रहते है और अपने जीवन को नीचे की ओर धकेल देते है जिसके कारण हम कमजोर होते जाते है और अपनी शक्तियो को भूलते जाते है

टूटा फूटा

मैं टूटा फूटा ओर बिखर गया उन्होंने सीमेटा भी नहीं इस टूटे हुए दिल को वो बस यू ही बिखरा छोड़ चले उन्होंने मुड़ देखा नहीं, सीमेटा नहीं बेकदरी कर उस हाल में चल दिए।

टूटा फूटा ओर बिखर गया,
दर्द दिल का मेरा उठ गया आसमां में।
सीमेटा भी नहीं इस टूटे हुए दिल को,
वो बस यूं ही बिखरा छोड़ गयी मुझे यहां।

जीने के नगमे थे सजाए हुए,
अब जिंदगी के राग सुनाई नहीं देते।
प्यार के अरमान थे बहुत सजाए हुए,
पर अब तेरे बिना पल गुजराई नहीं जाती।

मेरे टूटे हुए दिल की आहटें,
मुझसे छिन गई हर रातें।
तेरे चरणों में मेरा सुख था,
पर वो भी छिन गया मेरे हाथ से।

क्या करूँ अब मैं इस टूटे हुए दिल से,
कहाँ जाऊँ इस विरानी की दस्तान सुनाने।
वो बस यूं ही बिखरा छोड़ गयी मुझे यहां,
और मैं आज खुद को खोजने में लगा हुआ हूँ।

अब्दुल कलाम

अब्दुल कलाम जी से हमे बहुत प्रेरणा मिलती है व बहुत सारी बाते सीखने को मिलती है उन्मे से एक यह भी है जिसे हम सभी को याद रखना ओर अपने जीवन में उटार्नी चाहिए।

बहाना  :- मैं अत्यंत गरीब घर से हूँ….

जवाब :- पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी गरीब घर से थे।

हम सभी को यही बात सिखनी चाहिए की हम बहाने तो बहुत सारे बना सकते है लेकिन सफल होने के लिए बहाने काम नहीं आते हमे कड़ी लग्न ओर मेहनत से कार्यों को करना पड़ता है, ओर उन कार्यों को करने उन्मे बहाने नहीं ढूँढने चाहिए।

अब्दुल कलाम

बर्ट्रांड रोसल

बर्ट्रांड रोसल मैंने हिंदुतत्व को पढ़ और जान लिया की यह सारी दुनिया और सारी मानवता का धर्म बनने के लिए है, हिंदुतत्व पूरे यूरोप में फैल जाएगा और यूरोप में हिंदुतत्व के बड़े विचारक सामने आएंगे एक दिन एस आएगा की हिन्दू ही दुनिया की वास्तविकता उतएजन होगा।

बर्ट्रांड रोसल
Burtrand rosal

किस्मत की लकीर

छोड़ दो किस्मत की लकीर पर यकीन करना , जब लोग बदल सकते है तो किस्मत क्या चीज है।

खुद पर विश्वास करो, सफलता जरूर मिलेगी,
जीवन के पथ पर आगे बढ़ो, मुसीबतें छिनेंगी।

किस्मत नहीं है, तेरे हाथों में ताकत है,
जो तू चाहे, वही तेरे आगे आएगी रात है।

जीवन की लड़ाई में हार नहीं मानना,
संघर्षों को गले लगाकर आगे बढ़ना।

खुद को परखें, अपने सपनों को पकड़ें,
जीवन की उचाईयों को छूने का जजबा रखें।

जब तू खुद को बदलेगा, दुनिया बदलेगी,
खुद पर विश्वास रख, अपनी ताकत बढ़ाएगी।

किस्मत तेरे कदमों की राह नहीं बनाती,
वह तो तू है, जो अपनी तक़दीर लिखाती।

हिम्मत की उड़ान पर तू चढ़, आकाश छू ले,
सबके दिलों में आग जगा, आशा जगमगा ले।

छोड़ दो उन हाथों की लकीरों पर विश्वास करना
तू खुद पर विश्वास कर, जीवन को जीना।

किस्मत की लकीर
किस्मत की लकीर

मैं और तुम

ये जो
मेरे और तुम्हारे
ख्वाब थे ना
उन ख्वाबो की
मंजिल जो
है ना
मैं और तुम से
“हम”
तक का एक सफर है।

ये जो मेरे और तुम्हारे ख्वाब थे ना,
उन ख्वाबों की मंजिल जो है ना।
मैं और तुम से, हम एक संगीत हैं,
जो बांटते हैं खुशियों के रंग हैं।

हर सपना हमारा निर्माण करता है,
अपनी मंजिल की ओर यात्रा करता है।
साथ चलने का सौभाग्य हमें मिला है,
खुशियों का संग्रह करता हमें जीना है।

हम दोनों एक-दूजे की आँखों में खो जाते हैं,
जब हमारे ख्वाब साकार हो जाते हैं।
मिलकर ज़िंदगी के हर रंग चढ़ाना है,
प्यार और विश्वास का संगीत गाना है।

एक-दूजे के साथ चलते हैं हम,
खो जाते हैं जब दुनिया की गड़बड़ी में।
प्यार और समर्पण से बँधते हैं हम,
आपस में जीवन के खुशहाली की सरगर्मी में।

ये जो मेरे और तुम्हारे ख्वाब हैं,
उन ख्वाबों की मंजिल जो है ना।
मैं और तुम से, हम एक संगीत हैं,
जो बांटते हैं खुशियों के रंग हैं।

मैं और तुम
मै और तुम

फोकस रखना खुद को

अपने दिमाग को एक ही तरफ फोकस रखना खुद को, इधर उधर दिमाग को नहीं दौड़ने देना, ये दिमाग जितना इधर उधर भागेगा उतना ही आपका काम से मन हटेगा, यदि आप एक स्टूडेंट है तो आपका मन पढ़ाई में नहीं लगेगा। इसलिए अपने काम की और ध्यान लगाकर रखिए उससे ना हटे चाहे आपका मन लग रहा है या नहीं बस आपको लगातार उस कार्य में बने रहना है, ओर प्रयास करते रहना है, क्युकी हमारा दिमाग तो इधर उधर भागते ही रहता है, लेकिन उस दिमाग को बार बार उस कार्य में लगाना है जिस कार्य को आप करना चाहते लेकिन जब आपका मन नहीं करता तो आप छोड़कर उठ जाते है।

हर बार यही याद रखना की हमे बार बार नहीं भटकना जिस चीज को हम चाहते है, सिर्फ उसीके लिए जी जान लगाकर हमे है भागना नहीं पीछे मुड़कर देखना, जब तक उसमे सफलता हासिल ना करले हम तब तक हमे उसे नहीं है छोड़ना , हर एक परिस्थिति का डटकर मुकाबला करना है।

खुद पर विश्वास होना बहुत जरूरी है, यदि आपको स्वयं पर विश्वास है की आप कुछ कर सकते है, ओर बीच रास्ते से वापस नहीं आएंगे तो आप वो सभी चीज़े हासिल कर सकते है, जो आप अपनी जिंदगी में हासिल करना चाहते है।

फोकस रखना खुद को, खुद के लक्ष्य की ओर ये बहुत जरूरी है, आपका ध्यान हमेशा आपके लक्ष्य की ओर ही रहना चाहिए उससे कही ओर नहीं भटकना चाहिए, जो आप हासिल करने के लिए निकले है उसको पाकर ही लौटना है, चाहे कितनी ही अड़चने आए रास्ते में लेकिन अपने लक्ष्य को पाना है।

अपने फोकस को बरकरार रखने के लिए हमे स्वयं को बार बार Analysis करना चाहिए, जिससे की हम कही भटक रहे हो, तो दुबारा खुद को फोकस कर सके, ओर उस के ऊपर पूरी तरह से ध्यान लगा सके।

इश्क़ की बात

फिलहाल ए दिल तू
इश्क़ की बात ना कर
मै तो बर्बाद हूं पहले से
अब और मुझे
तू बर्बाद ना कर

बेफिजूल की चर्चा है ये इश्क़
इस पर बेशकीमती शब्दों को
बर्बाद ना कर

बेमतलब , बेवजह
किसी के ख्यालों में डूबकर
अब वक़्त को तो
तू बर्बाद ना कर

छोड़ बैठ जा बस
इश्क़ एक रोग है
लाइलाज
दिल ओर दिमाग का
अजब सा संजोग है

इस इश्क़ पर
तू अपना पंचभूत
शरीर बर्बाद ना कर …….

इश्क़ की बात ना कर
इश्क़

फिलहाल ए दिल तू, इश्क़ की बात ना कर

मेरे दिल की धड़कनों को तू ना छीन,
मैंने तुझे प्यार किया था, ये जाने ना तू,
अब क्या कहूँ, कैसे समझाऊं तुझे,
मेरी आँखों में आँसूओं को तू ना भरे।

जो बीत गया है, वो बीता हुआ है,
अब तो अपने आप को संभालना है,
मैं जी रहा हूँ अकेलापन के साथ,
तू मेरे दर्द को और गहरा ना कर।

हर रात तेरी यादों में रोता हूँ,
क्या करूँ, कैसे सहूँ, समझता हूँ,
तेरे जाने के बाद भी, ये दिल तेरी ही है,
पर अब तू इसे और दर्द ना कर।

फिलहाल ए दिल तू, इश्क की बात ना कर,
मैं तो बर्बाद हूँ पहले से, अब और मुझे,
तू बर्बाद ना कर।