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जीवन में संतुलन

जीवन में संतुलन होना ही उसका बाल है, हिम्मत है इस जीवन के आवश्यक घटक भी यही संतुलन है इस संतुलन को नया बिगाड़िए खुद को संभालिए इस जीवन रूपी राह में अड़ग होकर खड़े हो जाइए

जीवन में संतुलन,
ही उसका बल ……
क्या जीवन के
आवश्यक ओर क्या
अनावश्यक का पटल ॥

संतुलन में स्थिरता ओर विकास….
सुखद जीवन जीने का प्रयास ।
चल रहा आवश्यक अनावश्यक खेल…..
चुनाव सही तो तभी चलेगी जीवन की रेल ।

जीवन पथ

जीवन पथ में काँटे बिछे हे लाखों हज़ार….
आत्मविश्वास से आँखे खोल के रहना तैयार ।
इस जीवन पथ पर सभी चलते …..
व्यक्तित्व हो ऐसा नए पथ चले गढ़ते


आत्मविश्वास एक मशाल….
जो अंधेरे जीवन का काल ।
आत्मविश्वास संग सत्य का तड़का….
निर्माण पथो का , चाहे तगड़ा आए झटका ॥

आत्मविश्वास एक शक्ति एक ऊर्जा , इस ऊर्जा के उत्सर्जन के लिए एक लक्ष्य निर्धारित हो वो वहाँ नया निर्माण सम्भव कर देगी ओर दूसरो के लिए भी मील का पत्थर बनेगी , आत्मविश्वास संग सत्य को लेकर चलेंगे साथ
तो जीवन की कई अंधेरी गुफाओं से सुगमता से नए पथो का निर्माण कर पाएँगे ओर अपने जीवन को नई दिशा ओर गति में सहायक होंगे ।

कहने को बहुत कुछ लेकिन कम कहा जाए अधिक उसकी गूंज हो तों बहुत शुभ ।
सब की जय हो विजय हो इस बात में नही कोई संशय हो ।

असंभव को संभव

असंभव को संभव करना ही बहुत अच्छा लगता है ओर यह बात बिल्कुल खरी है की जब प्रयत्न किया जाए तो हर असंभव चीज संभव परिणामों से के साथ या जाती है इसलिए लगातार प्रयतन करना चाहिए ,

जिंदगी इसी को कहते है हमेशा लगता हे असम्भव,
जब तक कार्य हो नही जाता सम्पन्न ….
असम्भव बदल जाता हो जाता सम्भव,
जब कार्य को लेते जेसे बीता बचपन ॥

क़ार्य को माने बच्चा ,
ओर उसके साथ खेले ।
खेल खेल में कार्य को
सही दिशा में धकेले ॥

हम जब तक किसी भी कार्य की शुरुआत नहीं करते हमे उसके बारे में पता ही नहीं लगता, और वो कार्य कठिन भी बहुत है लगता है, इसलिए किसी भी को कठिन ना समझे बस शुरुआत करके के देखे जब तक शुरुआत नहीं होगी कोई परिणाम नहीं निकलेगा ओर वह कार्य भी असम्भव ही लगेगा , यदि कार्य को करने से पहले ही हार मान लोगे, तो सफलता कैसे मिलेगी इसलिए कोई भी कार्य असम्भव नहीं है बस उसकी शुरुआत जरूरी है। तभी असंभव को संभव किया जा सकता है।

यह भी पढे: असम्भव याद रखना, असम्भव बात, सब संभव, पेड़ का पहला पत्ता, शब्द, काल,

कुछ बेहतर

कुछ बेहतर जो होता हे सिर्फ़ ऑर सिर्फ़ वो एक खूबी वो सदा ही अच्छा….
न जाइए वहाँ जहां आपको किया जाता सहन स्वयं की दो ऐसी शिक्षा…
जाइए वहाँ जहाँ आपका जाना ही उत्सव….
मेला उत्साह उल्लास का हो जाए सब सम्भव।

समय का दान

आज एक शब्द से दोस्ती हुई सुनाई दिया वो अनायास ही था शब्द सुना तो था वक्त दान मै उसे समय का दान में परिवर्तित करके आपके समक्ष रख रहा हूँ आशा हे आपको अच्छा लगेगा इस प्रकार हे

आज 2023 में एक दान को बढ़ा
दीजिए वो हे परस्पर एक दूसरे
के लिए समय दान….
सब अकेले अकेले एक दूसरे के
लिए देना समयदान ही
जीवन का महाकल्याण ।

शरीर ओर पानी

शरीर ओर पानी सम्बंध ओर शरीर सदा रहे बहते ओर उन्हें सदा रखे चलाते…..
क्यूँ क्यूँकि नियम पानी स्वास्थ्य सम्बंध जब
बहते पारदर्शी स्वच्छ वो दिख पाते ।

पानी चलता बहता अच्छा….
कर्म करना हे उसकी शिक्षा ।
शरीर चलता तो वो स्वस्थ…
कुछ करते रहे सही , रहना व्यस्त ।
रिश्ते में भी होता रहे आदान प्रदान….
रिश्तों को तभी मिलता उचित सम्मान ॥

भीतर की परत

भीतर की परत दर परत हट रही है अनेकों परतों से गुजर चुका हूं अनेकों परते और लग रही है हर परत के साथ लगता है मंजिल करीब है लेकिन मंजिल अब भी बहुत दूर सी लग रही है।
परत = लेयर ( Layer )

ना जाने कब होगा इस सफर का अंत लेकिन मंजिल तो बहुत करीब लग रही है, रास्ते मंजिल से अच्छे ही होते है उनका अपना ही एक मजा होता है।

बड़बड़ाना

बड़बड़ाना भी कैसा होता है , जब दिमाग खुद से ही बाते करने लग जाता है , जब दिमाग संतुलन में ना हो और जुबान से शब्द खुद ही निकलने लगे उसे बड़बड़ाना कहते है। अपने शब्दो को नियंत्रण में रखने के लिए ध्यान में उतरना सीखिए।

जब दिमाग खुद से इतनी बाते बनाने लग जाए , कोई मिल नहीं उसके दिल का हाल सुनने वाला जो वह खुद से बाते करने लग गया , उसके दिमाग ने अब खुद को ही साथी बना लिया है , खुद ही सवाल है खुद के ही जवाब है , जो अब वो अपने भीतर ही ढूंढ रहा है।

बड़बड़ाना बहुत आदत है मेरी,
बोलने की जो चाहत है खुद की।
कभी कभी बातों का ध्यान नहीं,
बस चलती रहती है जुबान यहीं।

कुछ बातें बिना सोचे बोल देता हूँ,
बचपन के दिनों की याद ताजगी देता हूँ।
खुश रहने की ख्वाहिश में बड़बड़ाता हूँ,
कभी कभी खुशी को साझा कराता हूँ।

बड़बड़ाने से दिल हल्का हो जाता है,
मन में खुशियों की बौछार भर जाती है।
दोस्तों के बीच आत्मा नवीन हो जाती है,
बड़बड़ाने से जीवन रंगीन हो जाती है।

कभी-कभी बड़बड़ाने से झगड़ा भी हो जाता है,
परंतु फिर भी दोस्ती की राह ढलती है।
बड़बड़ाने से जीवन में जीने की चाहत होती है,
कुछ अनुभवों को अपने साथ लेने की चाहत होती है।

खुद को रोके बड़बड़ाने से पहले,
एक बार सोच लो, सुन लो मेरी बातें।
मेरी आदत यह शायद नहीं बदलेगी,
मगर दोस्ती को मज़बूती देती है यह बातें।

जीवन शिक्षा

अनावृत जीवन शिक्षा न रुके सदा नया कुछ न कुछ रहे सीखते ….
जीवन निरंतर शिक्षा देता बिना शुल्क के ।
सदा सीखने जब होगी आदत में शुमार….
जीवन का हृदय से आपके प्रति आभार ॥

जीवन आपको सौंपने आया अपना सर्वोत्तम ..
भरपूर ख़ज़ाना उसका कभी नहीं होता कम ।
वादा करे सदा जीवित रहे सीखने का जनून..
ख़रीदी हम पे आधारित की थोक या परचून॥

जीवन सदा देने के लिए बना हे ये मॉडल ऐसे तैयार हे इसका निर्माता हे जो कोई क्लेम नहीं करता लेकिन हे सब चीज़ें एक दूसरे को सपोर्ट करती हे सहायक हे जीवन को आगे सही से चलाने में वो एक अंग का काम करती हे अब ये व्यक्ति विशेष पे आधारित हे वो इस जीवन से क्या क्या ले सकता हे ओर क्या क्या लौटा सकता हे ।
मुझे लगता हे जीवन सही से चलाने के लिए इसको इस्तेमाल करके इसकी भरपाई भी करे ताकि ये प्रक्रिया चली आ रही हे उसमें अवरोध न उत्पन्न हो आप ने लिया ओर थोड़ा भी लौटाया ये जीवन उसे बढ़ा देता हे ये इसकी ख़ासियत हे ये सर्जनक़ारी व्यवस्था हे जो देने के लिए बना हे ।
ज़मीन खोदो ख़ज़ाने निकल रहे हे हीरे भाँति भाँति के खनिज पदार्थ सोना ओर चाँदी क़ीमती धातुएँ गैस अकूत सम्पदा से सम्पन्न हे ये धरा ।
वातावरण किसने इसकी रूपरेखा रखी होगी ये जंगल ,पहाड़, गुफाये ,नादिया , समुन्दर फल फूल वनस्पति पेड़ ये जानवर पक्षी नहीं बखान कर सकते एक करोड़ चीज़ें वो जान लेंगे तो एक करोड़ फिर अनजान रह जाएँगे ये सब हमें विरासत में मिला कोई गहरी विशाल अथाह अबूझ शक्ति हे जो यहाँ जीवन को पनपाना चाहती हे ओर हम उस शक्ति के बहुत ही निकट हे नहीं समझे तो दूर भी बहुत हे ओर मज़े की बात पहचाने तो वो बहुत निकट हे ओर नकारे तो कुछ भी नहीं हे क्या ग़ज़ब का ये खेल हे न ? ये मेरा प्र्श्न हे मुझे लगता हे ये एक खेल हे आपका क्या कहना हे ।
मुद्दा ये हे कि इस जीवन से सीख ले इसके डिज़ाइन इसकी संरचना से सीख ले तो काफ़ी सारे मेरे हिसाब से सब उठे प्रश्नो के उत्तर इसी में छुपे हे ।
अब का तो मुझे पता नहीं पहले अंग्रेज़ी के पेपर में एक दो प्रश्न इस प्रकार के होते थे जिसमें एक कहानी लिखी संवाद लिखे अब प्रश्न उसी घटनाक्रम पर आधारित 4-5 प्रश्न पूछ लिए जाते थे जिनका जवाब उसी संवाद कहानी मेन छुपा होता था कहने का मतलब ये हे की उसी प्रकार हमें भी जीवन रूपी paragraph मिला हे प्रश्नो के उत्तर इसी में निहित हे बस सही से इस मिले जीवन की कहानी को पढ़ना हे ।
सब उत्तम हुआ हे आगे भी उससे कम नहीं होगा अति उत्तम होगा .
सब का मंगल हो सभी का कल्याण हो ।
सर्वतः दा भला । जय हो सबकी विजय

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जरूरी नहीं हर बात

जरूरी नहीं हर बात अच्छी लगे, हर बात अपनी ही मनमानी की हो, कुछ ऐसी बाते होती है जो हमारे वश में होती ही नहीं है।
जरूरी नहीं हर किताब अच्छी लगे, हर फिल्म अच्छी लगे, हर मौसम अच्छा लगे हर सफर और हमसफर भी अच्छा लगे कुछ साथ मुलाकात जज़्बात ऐसे होते है जो ना चाहकर भी जिंदगी के हिस्से होते हैं , कहानी और किस्से होते है , उनका होना भी घटना है, उस घटना में बहुत कुछ अपना है तो बहुत कुछ पराया है, बहुत सारी चीज़े जो हो रही है वो हमारी समझ से पड़े होती है।

कुछ जो हमे समय आने पर समझ आ जाती है, ओर कुछ समझ नहीं आती क्युकी हमारी समझ भी उस स्तर तक नहीं पहुच पाती इसलिए जो हो रहा है, जो घटना बन रही है, वो अच्छी ओर बेहतर हो रही है, बस यही सोचकर हमे आगे बढ़ना है जिंदगी की सारी समस्या स्वयं ही हल हो जाती है।

या तो वो दुर्घटना है या फिर महत्वपूर्ण घटना यह तय करना तुम्हारी जिम्मेदारी है, की कितनी दूर साथ चले कुछ दूर या पूरी जिंदगी साथ निभाते चले कुछ को बीच रास्ते में छोड़ा जा सकता है। कुछ को बिलकुल भी नहीं फिर उसका हमारी पसंद और न पसंद से कुछ लेना देना नही,

बस साथ निभाना उसमे बहुत कुछ छिपा है, जो आपको समझना है हो सकता है वो आपके लिए सही है, लेकिन आपको पसंद नही था या नही है लेकिन वो एक दम फिट है आपके लिए , आपके जीवन के लिए।

इसलिए जिंदगी का साथ निभाते चलो
मेरे दोस्त यह जिंदगी इस जिंदगी के साथ थोड़ा मुस्कुराते चलो ,
कभी दुख होगा तो कभी सुख होगा
लेकिन सफर जिंदगी का है
अतंत अच्छा ही होगा
यूं गम को अपने सीने में दबाकर कब तक चलोगे
मुस्कुरादो उस दबे हुए घाव के भी तो गम भरेंगे, क्युकी जरूरी नहीं हर बात अच्छी लगे

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