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एक दूसरे के दर्द

एक दूसरे के दर्द ख़ुशियाँ
समवेदना की समझ….
मनुष्यता के प्राण
उसके प्राणो का ध्वज ।

जब जीवन में प्रेम
तो दूसरे का ख़ुशियाँ
दुःख दर्द दिखता….

जब नही जाना प्रेम
नही गलती सिर्फ़ स्वयं
का दुःख दिखता
तो नही दूसरे का सुख
दुःख समझता ॥

जब दिल में दर्द उतर जाए,
तब गम की लहर आ जाए।
क्या करें जब ये छाती फट जाए,
वो दर्द जिसे बयां करने के लिए शब्द ना मिल पाए।

इस दर्द से जुड़े दोस्त का जब दिल दुखाए,
तो कैसे उसका दर्द कम कर पाए।
जब उसके आँसू बाहर ना निकले,
तो कैसे उसकी रूह से बातें कर पाए।

जीवन का हर मोड़ पर दर्द का एहसास होता है,
कोई अपना अपनों को खोता है, कोई प्यार को तरसता है।
दुखी होता है जब हमें अपने दोस्त का दर्द देख पाते हैं,
मगर उसे संभाल लेने की चाहत हमें हमेशा होती है।

हम दर्द को कम नहीं कर सकते,
लेकिन उस दर्द के साथ रह सकते हैं।
दोस्त के दर्द में शामिल होकर,
उसका साथ देकर, उसकी मुस्कुराहट लौटाने का हमें सौभाग्य मिल सकता है।

जब दोस्त का दर्द हमारा दर्द बन जाए,
तब हमें उसके साथ थाम जाना चाहिए।
दोस्ती का ये रिश्ता हमेशा सच्चा रहेगा,
जब तक हम एक दूसरे के दर्द को समझना नहीं सीखेंगे।

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मन यू ही भागता

मन यू ही भागता फिर रहा है कही, फिर रहा है कही, इस मन को कैसे संभालु , बस इस मन की व्यथा है , मन यू ही भागता रहा,
खुशियों की तलाश में थका हुआ।
कहीं न रुकता, न ठहरता,
हर समय खोजता रहा।

जीवन की दौड़ में पड़ा हुआ,
खुद को भुलाता जा रहा था।
सफलता की तलाश में जुटा हुआ,
मन खुशियों के सागर में बहता रहा था।

पर वो नहीं जानता था,
कि जो उसे खुश करता था,
वो उसी के अंदर ही मौजूद था।

बस वो एक दिन देख लिया,
खुशियों का सागर अपने अंदर ही था।
जो उसने ढूंढा था बाहर,
वो उसी के अंदर छुपा हुआ था।

अब वहीं बैठकर, खुशियों के साथ,
वहीं वो खुश होता जा रहा है।
मन नहीं भागता अब,
खुशियों का सागर अपने अंदर ही पाता है।

गलतफहमी से बचे

गलतफहमी क्या है? गलतफहमी से बचे गलतफहमी एक ऐसी स्थिति होती है जब व्यक्ति अधिकांश समय अपने विचारों, धारणाओं या ज्ञान में गलत तथ्यों को स्वीकार करता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जब व्यक्ति अपने आसपास के लोगों, वस्तुओं या घटनाओं के बारे में गलत धारणाएं बनाता है और इनके आधार पर निर्णय लेता है।

गलतफहमी क्यू होती है ? गलतफहमी के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अपनी सोच और मूल्यों की असंगति, अपने इतिहास, अनुभव या शिक्षा की सीमाओं से मुक्त न होना, अपने भावों या विचारों के पीछे छिपे हुए संदर्भों की अनदेखी करना और अन्य लोगों से बातचीत न करना।

गलतफहमी को कैसे दूर किया जाए ? गलतफहमी से बचने के लिए, व्यक्ति को सकारात्मक रूप से सोचना चाहिए, अपने विचारों और मूल्यों को समीक्षित करना चाहिए, और अपने सभी विचारों और धारणाओं को अवलोकन करना चाहिए। व्यक्ति को समय समय पर अपनी सोच और धारणाओं को आधार बनाने वाले संदर्भों की जांच करनी चाहिए, इससे उन्हें गलतफहमी से बचाया जा सकता है, और छोटी छोटी गलतफहमी से बचे

गलफहमी का मुख्य कारण क्या हो सकता है? गलतफहमी का मुख्य कारण व्यक्ति की असमझ, धारणा और समझोते की कमी हो सकती है। इस तरह की स्थिति अक्सर अलग-अलग परिस्थितियों में हो सकती है, जैसे कि भ्रम, घमासान या संदेह के समय। इसलिए, व्यक्ति को अपने विचारों को समीक्षित करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और उन्हें स्पष्ट करने के लिए अपने आसपास के लोगों से बातचीत करनी चाहिए और गलतफहमी से बचे।

किसी भी प्रकार की गलतफहमी से बचना चाहिए, और हमे अपनी सूझ बुझ के साथ ही कार्य को करना चाहिए, बहुत सारे रिश्ते सिर्फ गलतफहमी के कारण ही टूट जाते है ऐसी स्थिति बन ही ना पाए हमे उस तरह से अपने आपको तैयार करना चाहिए, जिससे की गलतफहमी पैदा ही न हो।

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कामयाबी

सफल होने के लिए यहाँ कुछ महान व्यक्तियों के अनमोल शब्द हैं, जिन विचारों से हम कामयाबी के शिखर तक पहुच सकते है, इन अनमोल शब्दों को हमे अपने जीवन में लाना चाहिए इन महान लोगों के उत्तम विचारों, शब्दों का चिंतन , मनन, अनुसरण करना चाहिए।

1.”जब तक आप अपने सपनों का पीछा नहीं करते, तब तक आप अपने सपनों को जीना नहीं चाहते।” – एपीजे अब्दुल कलाम

2.”सफलता का रहस्य वही है जो हमें कभी नहीं बताया गया है। यह आपके विश्वास और मेहनत में है।” – धीरुभाई अंबानी

3″कामयाबी खुद के अंदर होती है, उसे भरोसा रखिए और कोशिश करते रहिये।” – महात्मा गांधी

4. “जो आप कर सकते हैं, उसे कीजिए। जो आप नहीं कर सकते, उसकी चिंता मत कीजिए।” – मदर टेरेसा

5. “कामयाबी के पीछे भागते रहिए, पर कभी अपने सपने से नहीं भागते।” – सचिन तेंदुलकर

6. “जिंदगी में कामयाबी के लिए, मेहनत और आज़ादी दोनों की ज़रूरत होती है।” – स्वामी विवेकानंद

7. “कामयाबी तब तक संभव है जब तक आप हार नहीं मानते।” – स्टीफ़न हॉकिंग

8. “सफलता का राज़ एक अच्छा प्लान है और उससे भी ज़रूरी है उसे पूरा करने की प्रेरणा।” – बिल गेट्स

9. “अपने इरादे को इतना मजबूत बनाओ कि सफलता के सामने कोई बार नहीं आ सके।” – वाल्ट डिस्नी

10. “अपने सपने को पूरा करने के लिए, आपको उनसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।” – लियोनेल मेस्सी

11. “कामयाबी के लिए, आपको पहले अपने आप में विश्वास होना चाहिए।” – विराट कोहली

12. “सफलता तब तक दूर नही है जब तक आप हार नहीं मान लेते।” – अर्नोल्ड श्वर्ज़नेगर

13. “जीवन का सबसे बड़ा उपहार है आपकी समझदारी।” – भगत सिंह

14. “मुझे अच्छे लोगों के साथ रहने का शौक है।” – महात्मा गांधी

15. “शिक्षा अपनी आत्मा का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।” – स्वामी विवेकानंद

16. “सफलता एक तनावमुक्त जीवन होता है।” – महात्मा गांधी

17. “अगर आप एक अच्छे व्यक्ति बनना चाहते हैं, तो अपने आप को निर्मल और स्पष्ट बनाइए।” – महात्मा गांधी

18. “आपका समय अतुलनीय है। उसे बेकार न करें, इसे किसी अच्छे काम में लगाएं।” – स्वामी विवेकानंद

19. “जब तक आप अपने लक्ष्य के प्रति निष्ठावान नहीं होते, तब तक आप उसे प्राप्त नहीं कर सकते।” – महात्मा गांधी

20. “जो लोग सोचते हैं कि वे कुछ नहीं कर सकते, वे असल में कुछ नहीं करते।” – महात्मा गांधी

21. “जीवन का उद्देश्य न केवल एक नायाब अनुभव है, बल्कि एक उच्चतम उद्देश्य की भी तलाश है।” – स्वामी विवेकानंद

22. “आप अपने जीवन की गाड़ी खुद चलाते हैं। अपनी मनचाही दिशा में बढ़ने के लिए इसे सही दिशा में सेट करें।” – रवींद्रनाथ टैगोर


23. “समय अभी भी हमारी तरफ अपना चेहरा नहीं फिराया है।” – महात्मा गांधी

24. “अपनी विश्वासयोग्यता के बारे में विश्वास रखें, और उसे बढ़ाएँ। आप जो कुछ चाहते हैं, उसे प्राप्त कर सकते हैं।” – स्टीव जॉब्स

25. “अपने दोस्तों के साथ समय बिताना एक उत्तम विचार है।” – अब्राहम लिंकन

26.”आपका विश्वास आपके आप से शुरू होता है।” – जिम रोहन

27. “जब आपको दुःख होता है, आप उससे सीखते हैं।” – अमिताभ बच्चन

28. “जो चीजें आपको दुखी करती हैं, उससे दूर रहिए। जो आपको खुश करती हैं, उनसे संबंध बनाइए।” – महात्मा गांधी

29. “आप जितने सक्षम हैं, उतने ही तरक्की करें।” – विवेकानंद

30. “जीवन का आनंद उसे बांटने से बढ़ता है।” – श्री रविशंकर

31. “जीवन का अर्थ अपने आप को दूसरों के लिए सेवा करने में है।” – महात्मा गांधी

32. “जीवन में सफल होने के लिए, आपको बड़े सपने देखने होंगे।” – महेंद्र सिंह धोनी

33. “जीवन का रहस्य सफलता के लिए मेहनत करना है।” – लटा मंगेशकर

34. “अपने आप में विश्वास करें और दूसरों का सम्मान करें।” – सुभाष चंद्र बोस

35. “धन अच्छी चीज है, लेकिन धन से बढ़कर अच्छी चीज है समझदारी।” – महात्मा गांधी

36. “अपने सपनों के लिए लड़ना जरूरी है।” – स्वामी विवेकानंद

37. “जो लोग आपके बारे में बुरा कहते हैं, उन्हें ध्यान में न रखें।” – माँ तेरेसा

38. “जीवन एक संघर्ष है। आपको हार नहीं मानना होगा।” – अमिताभ बच्चन

39. “असफलता एक अवसर है फिर से प्रयास करने का।” – अपजेफा

40. “आप जो चाहते हैं, वह संभव है।” – विवेकानंद

41. “आपकी सफलता आपके अंदर है।” – जिम रोहन

42. “जो लोग सफल होते हैं, वे लोग नहीं होते हैं जो हमेशा सही होते हैं।” – विश्वास खरे

43. “आप जितना विश्वास रखते हैं, उतनी ही शक्ति आपको मिलती है।” – जिम मुहर

44. “जब आप अपनी आँखें बंद करते हैं, तब आप वह देखते हैं जो आप चाहते हैं।” – अमिताभ बच्चन

45. “जो आपको खुशी देता है, उससे जुड़े रहिए।” – स्टीव जॉब्स

46. “जो आपके सपनों को असंभव कहते हैं, उनसे दूर रहिए।” – आचार्य बालकृष्ण जी महाराज

47. “जब आप अपने सपनों को पूरा करते हैं, तब आप खुशी महसूस करते हैं जो कुछ भी नहीं बदल सकती।” – ओप्रा विनफ्री

48. “जीवन का सबसे बड़ा उपहार है कि आप जीवन को जीएं।” – विल रॉजेंबर्ग

49. “सफलता उसी के लिए होती है जो कुछ करता है, न कि उसके सपनों को देखता है।” – संदीप माहेश्वरी

50. “जीवन का उद्देश्य नहीं है केवल जीना, बल्कि एक अर्थपूर्ण जीवन जीना है।” – विलियम शेक्सपियर

51. “आप अपनी सोच के अनुसार बनते हैं। जो भी आप सोचते हैं, वह आपकी वास्तविकता बन जाता है।” – विलियम जेम्स

52. “जीवन में सबसे खतरनाक विचार होते हैं, उन विचारों से बचें जो आपके समझ से पार होते हैं।” – एलन मस्क

53. “विफलता सफलता का मूल नहीं होती, यह सिर्फ एक नया प्रयास करने से पहले होती है।” – जॉर्ज एलियट

54. “आपका सफलता आपके अंदर की ज़िम्मेदारी है।” – विलियम बूट्स

55. “जितना बड़ा सपना, उतनी ही बड़ी ज़िम्मेदारी।” – विश्वास नायक

56. “जब लोग जुट जाते हैं, तब उनमें शक्ति होती है।” – हेलन केलर

57. जीवन का सबसे बड़ा सूत्र है – अच्छे लोगों का साथ दें। – ए पी जे अब्दुल कलाम

58. “अगर आप आसान रास्ते से सफल होते हैं, तो आपको सोचना चाहिए कि आपने किस चीज का टुकड़ा छोड़ दिया होगा।” – गैरी वास्केज

59. “जीवन एक संघर्ष है जो आपको बेहतर व्यक्ति बनाने में मदद करता है।” – महात्मा गांधी

60. “वृक्ष के समान बनों जो कड़ी गर्मी झेलने के बाद भी सभी को छाया देता है”।– महाकवि कालिदास

उम्र

दिन आता है, दिन चला जाता है इस दिन की उम्र 24 घंटे ही है लेकिन ये सम्पूर्ण संसार को कार्यरत होने के लिए बढ़ी कर देते है कुछ ना कुछ करने के लिए।

उम्र से नहीं कार्य से आँको , उम्र कितनी भी हो परंतु कार्य बड़ा होना चाहिए
उम्र या कार्य

क्या आपके जीवन में भी स्वयं को बाध्य करने के लिए कोई नियम है? उम्र कितनी भी हो परंतु कार्य का बड़ा होना चाहिए।

इंसान

इंसान जब दुःखी होते हैं तो साधु-सन्तों, मन्दिर-मस्जिद, गुरुद्वारे में जाकर भक्ति-भजन में लग जाते हैं और जब जीवन में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा होता है तो यही सब उसे ढोंग-पाखण्ड, आडम्बर लगने लगता है। ऐसा क्यों?

इंसान मतलबी है ओर रिश्ते भी मतलबी ढूँढता है , उसका भगवान से भी कुछ इस तरह का ही रिश्ता है, उसे भगवान से कुछ मिलने की चाहा दिखती है इसलिए वो जाता है, सुख में उसे लगता है की अभी है जब नहीं होगा तब जाऊंगा , उस समय उसकी मानसिकता बदल जाती है।

उसका समय उसे अब कीमती लगने लग जाता है , इसलिए न मंदिर , मस्जिद कुछ याद नहीं आता बस अपने स्वार्थ की पूर्ति करता हुआ नजर आता है , जैसे ही शारीरिक ओर मानसिक कष्ट हल्का सा दिखता है तो वह घबरा कर फिर भगवान के पास आ जाता है,

इंसान  मतलबी है ओर रिश्ते भी मतलबी ढूँढता है , उसका भगवान से भी कुछ इस तरह का ही रिश्ता है,
इंसान

सबकुछ ठीक है तभी तो आडंबर , पाखंड लगता है जब कुछ भी ठीक नही होता तो वह इंसान ठीक करने के लिए दौड़ पड़ता है, बस जैसे ही ठीक होता है वही भूल जाता है फिर उसी चक्र के चक्रव्यूह में फंस जाता है।

अब इंसान को आडंबर क्या लगने लगता है यह सिर्फ एक इंसान का सवाल नहीं है यह हम देख रहे है, हम बहुत तेजी के साथ आगे की ओर बढ़ रहे है, बहुत सारी नई बाते सुन रहे है।

हमारा व्यवहार बदल रहा है , हमारा समाज बदल रहा है , नए विचार आ रहे है , कुछ गलतिया जो बीते दिनों में हुए उन हम नहीं भूले , कुछ नहीं खोज का पता लगना , कुछ विचारों का बढ़ना , एक बहुत बड़ी जनसंख्या का अलग तरीके से सोचना यह सभी कारण होते है हमारी सोच के बदलने में

यदि लाखों किसी को गलत बोलना शुरू कर देते है, तो हम उसको गलत मानना शुरू कर देते है चाहे वो गलत हो या नहीं , हम उसकी पुष्टि नहीं कर पाते। तो हमारे विचार बदल जाते है, जिसकी वजह से पिछले 10-15 साल में बाबाओ के प्रति विचार बदल गए है।

अब वो आडंबर, ढोंग लगने लगा यही लगता है की वह हमारी आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे है , सिर्फ लूटने का काम ही है अब हमे यही लगने लगा है।

दूध का जला छाछ भी फूँक फूँक कर पीता है , जिस तरह की घटनाए बीते कुछ सालों में हुई है उसकी वजह से हमारे विचार में बदलाव आया है।

हममे से कुछ लोग मूर्ति पूजा करते है।

कुछ लोग निर्गुण निराकार की

कुछ दोनों को नहीं मानते वह बोलते है, प्रकृति ही सबकुछ है, जो जैसे चलना चाह रहा है उसे उसी तरह से चलने दीजिए मंजिल सबकी एक ही है इसलिए इन सभी चिंताओ में न पड़े भीतर की खोज को

चुनौती

1-

ईमानदारी में हो पारदर्शिता और ईमानदारी में हे भीतर की स्वच्छता…..
जी के देखे यह बात , यह बात हर कोई नहीं समझता ।
बड़े से बड़े कार्य ईमानदारी से होते वो संभव..
ग़लत कार्य भी बिना ईमानदारी के असंभव ।

2-

अकारण सब और फैलाए ख़ुशियाँ….
नाचो नचाओ पकड़ के बहियाँ ।
क्या कारण खोजने खुश रहने के…..
दूसरे रहे खुश , स्नेह दृष्टि से सबको देखे ।

देखिए फिर कितना आता आनंद…..
कल कल बहे जीवन नादिया मन्द मन्द ।
अकारण रहे खुश और ख़ुशियाँ फैलाये…..
जीवन की अच्छी सच्ची बाँतो को अपनाए ।

3-

व्यक्तित्व व्यक्तित्व की बात है …..
कोई काहे मिली चुनौती रोता दिन रात हे ।
प्रार्थना कि चुनौती में ध्यान सही रहे….
कहाँ काम करना हे इस बात का सज्ञान रहे ।

कर्म शक्ति से उस चुनौती को भेदना…..
मौक़ा यह स्वयं के विस्तार का सोचना ।
धन्यवाद चुनौतयों का जो व्यक्ति के भीतर विराजित वैज्ञानिक को उसकाती…..
व्यक्ति स्वायं की ऊर्जा से चुनौती से बड़ी समाधान की लकीर खीच दिखलाता ।

अक्सर सब करते , दुःख जताना आसान….
दुःख से कैसे पार पाना वही सच्चा इंसान ।
चुनौतियों से न घबराये वो मिलती हर मोड़….
काम करना कैसे जाए वो तेरा पिंडा छोड़

4-

अपने आप को सही समझना,
नया नहीं पायेंगे सीख …..
सीखने के लिए मन खुला रखना
पड़ता सुधार की गुंजाइश हमेशा
यह हे जीवन की तारीफ़ ।

जीवन बहुत विस्तृत सही
जैसा कुछ नहीं, कुछ आता
नया पुराना हो जाता फेल …..
व्यक्ति समाज एक विचार से दूसरे
में कूद जाता पहले वाले को
भूलकर नए से करता मेल ।

5-

कुछ पाने और कुछ खोने का नाम ज़िंदगी
उम्र से मिला तजुर्बा यह ज़िंदगी की बंदगी ।
ज़िंदगी में कमाई दौलत काम आए न आए …
रिश्ते कमाए वही सही हे काम कर जाए ।

दौलत और रिश्तों का करे सही इस्तेमाल…..
फिर ज़िंदगी ख़ुशियों की बनेगी मिसाल ।
अधिक मात्रा मे सब चीजें ज़हर…..
सही जीयो नहीं तो अधिक दवाई भी क़हर ।

क्या सलाह है

20-28 वाले उम्र के व्यक्ति के किस प्रकार की सलाह है? क्या सलाह है ?

क्या सलाह है इस बारे में बताते है , अपना दिन व्यर्थ न करें, एक टूडे सूची बनाएं और उसका पालन करें, प्रवाह के साथ मत जाओ, कुछ प्राथमिकता रखें और अपने समय का बुद्धिमानी से उपयोग करें, अपने दिन का उपयोग बुद्धिमानी से करें, “इस उम्र में 25 हजार, 30 हजार रुपये की नौकरी के लिए समझौता न करें। हर जगह से, हर नौकरी से जितना हो सके सीखें, यात्रा करें, अनुभव हासिल करें, जोखिम उठाएं और एक साम्राज्य का निर्माण करें।”

आप हमेशा ऐसे लोगों के साथ घूमें जो आपसे ज्यादा सफल और होशियार हैं क्योंकि स्मार्ट लोग आपको ज्यादा स्मार्ट बनाएंगे, आप स्वतः ही उनकी दिशा में चलने लगेंगे।

शुरुआती 20 के दशक तक ही नहीं बल्कि ताह उम्र आपको ज्यादा से ज्यादा बुक्स पढ़नी  चाहिए, अच्छे videos देखे, और अपने दिमाग में ज्ञानवर्धक कंटेंट को feed करे,  जिससे आप हमेशा अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा को बहते हुए देखेंगे और किसी भी परेशानी, समस्या का हल आप आसानी से खोज लेंगे, और एक बात ध्यान रखे कि जो कुछ भी आप देखते, पढ़ते और सुनते हो, वहीं आप बन जाते हो।

जानें कि पैसा कैसे काम करता है” जितनी जल्दी हो सके संपत्ति, देनदारियों, टैक्स, निवेश, शेयर बाजार आदि के बारे में जानें। कोई आपको यह नहीं सिखाएगा। खुद को ज्यादा से ज्यादा शिक्षित करें, जब आप 35 वर्ष के हो जाएंगे तो आप स्वयं को धन्यवाद देंगे।”

अगर आप अभिनेता या मॉडल बनना चाहते हैं तब ही इंस्टाग्राम पर दिशा पाटनी या सलमान खान को फॉलो करें लेकिन अगर आप अलग-अलग क्षेत्रों में अमीर और सफल बनना चाहते हैं तो उन लोगों को फॉलो करें जो उस क्षेत्र में सफल हैं या जिनसे आपको कुछ सीखने को मिले, जैसे रतन टाटा, रॉबर्ट कियोसाकी, विवेक बिंद्रा और संदीप माहेश्वरी आदि।”

“जानें कि मैं आय के कई स्रोत (निष्क्रिय आय) कैसे बना सकता हूँ, क्योंकि अगर आपके पास पर्याप्त पैसा नहीं है तो आपका सच्चा प्यार आपको एक दिन किसी ऐसे व्यक्ति के लिए छोड़ देगा जिसके पास पैसा है। हमेशा अपने कैरियर, लक्ष्य को पहली प्राथमिकता दे।”

आपदा को अवसर में बदलना सीखे।

जो हो चुका है उसके लिये पछतावा मत करो, सीखो और आगे बढ़ो। क्योंकि यह 18-28  के बीच की अवधि आपके जीवन की बहुत महत्वपूर्ण अवधि है। आपके कार्य और फैसले आपके भविष्य की रूपरेखा तय करेंगे, इसलिए किसी भी कार्य को हवाबाज़ी में करने की कोशिश नहीं करे उसे ध्यान पूर्वक समझ करे।

आप किसी भी एक काम मे माहिर बनो

जो भी आप अपने जीवन में करना चाहते हो या आपका लक्ष्य है, उसमें माहिर या विशेषज्ञ बनने की कोशिश करो। क्योंकि अगर आप जो करते हैं उसमें आप अच्छे नहीं हैं तो आपकी जगह कभी भी कोई भी ले सकता है, साथ आपको हमेशा अपने कार्यों में अपडेट होना बहुत जरूरी है नहीं कोई नया व्यक्ति आकार आपको आउट डेट कर देगा।

माता-पिता के साथ समय बिताएं

उन्हें महत्व दें, उनसे बात करें, उनके चेहरे पर मुस्कान लाये। आप बड़े हो रहे हैं लेकिन आपके माता-पिता भी बूढ़े हो रहे हैं, यही वो समय होता है जब आपके मत पिता को आपकी अधिक आवश्यकता होती है इसलिए उनके जितना अधिक समय बीता सके उतना ही बेहतर है।

फाइनैन्शल प्लैनिंग करना शुरू करे, निवेश करने के लिए पैसे बचाएं, सिर्फ बचाने के लिए पैसे न बचाएं। 

“दुनिया में 100 से भी ज्यादा खूबसूरत देश हैं। केवल एक ही क्यों देखें? ज्यादा से ज्यादा यात्रा करो, आप कुछ ऐसा सीखेंगे जो कोई किताब या कोई व्लॉग आपको नहीं सिखा सकता।”

“विनम्र, दयालु और उदार बने। एक अहंकारी या संकीर्ण दिमाग वाले मत बनो। अहंकारी लोगों को कोई पसंद नहीं करता।”

“असफलता से डरो मत, एक असफल व्यक्ति उस व्यक्ति से बेहतर है जो अभी भी सोच रहा है। हर सफल व्यक्ति एक समय में संघर्षशील अवश्य रहा है। “मैं असफल हो गया” अच्छा है बजाए की “क्या हुआ अगर …” से।”

Chaho Agar

Mere likhe hue sher part-8 , chaho agar koi pyara sa insaan,chaho agar ek pyari si muskaan,chaho agar ek pyara sa dil,jis dil main ho tumhari pehchaan,to sahi chuna hai tune mujhe

141. kat rahi hai jindagi kaat raha hun…
kuch apne kuch paraye rishte apne kandhon par dho raha hun…
koi sochta hai kuch achcha bhi mera ..
to uski kya galti jo bura hi hota hai mera…
nikal lunga yun hi  hanste hue main jindagi ka safar…
jindagi ka pata nahin maut ko to bana lunga humsafar mera…

142. Mera dil todkar tune kuch bura toi nahin kiya…
ab har tukda ek seene main dhatakta hai…

143.mujhse na poocho unki nazron main jaake dekho ..
aj mere saath nahin par mujhe dhoondhti to hai…
haal mera nahin unka bhi dekho…
wo mere nahin hai.. par mera dil to unka hi hai…

144.Mat pooch mere dost meri maut ke nazaare hain hazaar…
Ek choti si maut se mera kya hoga…

145.Pyar
ek haseen lamha ya lamho ki kadi…
lamhon ki kadi ya janzeer…
mazboot janzeer ya kamzor kadiyan…
kamjor kadi ya dil ki lagi…
ye dil ki lagi ya dillagi…
dillagi hi  main dil kho gaya…
dil kho gaya ki mila naya thikana…
dil ka theekana mera ya uska bhi hai…
wo mera paraya hai aur main uska hi hai…

146.bas dhundhli si yaad hai baaki…
bas unka ek ehsaas hai baki…
Berukhi ka shikaar hua hun…
Bas shikaar ki maut hai baaki…

147.Is Tofano se bhari jindagi ke saagar main wo mera sathi tha…
wo mera majhi tha par humsafar nahin tha…
meri jindagi ki nav ko kinaare lagake use chor ke jaana hi tha…
wo chor gaya beech majhdaar main hi toofano main akela…
majhi main humsafar dhoondha to ye to hona hi tha…
chalo ab tairna bhi aagaya pehle to bas doobna hi ata tha…

148.humain bhi pata hai wo sahi nahin hai
unhe bhi pata hai ki hum galat nahin hain..
yuhi ek pal main chor diya unko…
dil tod diya mera ki sheesha nahin hain…

149.chalna to chahat hun par paon hi nahin hai…
udna main chahata hun par pankh hi nahin hai…
rona main chahata hun par ankhon main ansun hi nahin hai…
chal to lun bina paon ke bhi par koi sahara hi nahin hai…
ud to lun sapno main hi par ab koi sapna bhi nahin hai..
ro to lun kisi aur ke dukh par… na jaane kyun mere siwa koi ab dukhi bhi nahin hai…

150.Ye kaisa pyar hai ki jata nahin
Nafrat hai tumse ki pyar nahin…
Ladai bhi tumse baat bhi tumse
Bas ab teri yaad hai tera saath nahin…

151.Hogaya ab wahi jo hona nahin chahiye tha…
khogaya ab wohi jo khona nahin chahiye tha…
karna hai ab wahi jo karna nahin chahiye tha…
bas milta hi nahin jo mujhe chahiye tha…

152. tu bewafa hai ye to main nahin janta…
main galat tha ya tu galat ye bhi main nahin janta..
janta hun to bas itna ki tujhe bhoolna nahin janta…
meri jindagi tere bina ek pal bhi bitana nahin janta…

153.paas hi baithe hain par kitni dooriyan hai…
dekhte hain mujhko par nazren kahin aur hain…
pehle nazroon ka dayra bhi chota na tha…
ab to dil ke dayre main bhi koi aur hai…

154.hum to dhoondhte hain bahane mehkhane bhi jana tha…
kabhi khushi to kabhi gum bhi bahana tha…
kabhi main to kabhi koi aur bhi bahana tha…
bas peena tha mujhe tu to bas ek bahana tha…

155.Mujhe tu kya poochta hai pyar ke maane…
main to khud dhoondh raha hun mohabbat ke paimaane…
is saagar main na utarna tairne ke bahaane…
yahan to kood ke aana hai sirf doobjaane…

156.chaho agar koi pyara sa insaan,
chaho agar ek pyari si muskaan,
chaho agar ek pyara sa dil,
jis dil main ho tumhari pehchaan,
to sahi chuna hai tune mujhe,
Parchayi nazar ayegi usiki jo dekho meri ankhon main.

157.pyar karna bhi aasaan nahin tumse…
chor dena to mumkin hi nahin ek bar jo mil liya tumse…
lo Pyar to kar liya hai beshumar tumse…
par chorne ki choti si koshish bhi nahin ho pati humse…

158.Ek andaaj ye bhi hai humara….
kuch dard hai unka kuch saath hai humara…

159.
Maine kya khoya maine kya paya…
sochne biatha to bas itna paya…
ki sochta raha kya hai khona pana…
to kahin aisa na ho jaye…
wo bhi khodun jo badi mushkil se hai paya…

160.
Jo bhoolne layak tha…
wo to kisi layak hi nahin tha…
use bhooljana hi behtar hai..

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Hamari Halat Kya

Mere likhe hue sher bhag-5

81. hamari halat kya koi unko jake ye bataye…
ki hamari halat kya hai…
wo to hamain thukra ke age badh gaye…
magar hum band ghadi ki suiyon ki tarah wahin reh gaye…hamari halat kya

samay to apni raftaar se age nikal chuka hai…
par mera waqt us akhri mulakaat par tham sa gaya hai…

82. yun waqt ke saath chalne ki chahat main…
har apne ko peeche chor chala hun…
ek khud ka to bharosa tha…
ab har pal khud ko bhi dhoka deta hun…
jaane kiski chahat hai mujhe..
jo mere dil ki aawaaj ko bhi ansuna karta hun…

83.aaj fir kisi apne ki ankhon main ansun dekha hai…
par jaane kyun mera mann bhi udas hua hai…
mera dil uska dukh bantna to chahata hai..
par use ye kehte hue bhi darta hai….

84. Aaj main khush hun…
ki mera janaza jo nikal raha hai… 
jindagi main koi saath na tha…
maut ke baad julus sa nazara hai…
mere saath to koi na roya…
par ab koi mere liye ansun baha raha hai…
aaj main khush hun…ki mera janaza jo nikal raha hai…

85. ye logon ki bheed ye sawaalon ke tufaan…
thak gaya hun main inke jawaab dede kar…
ab to thodi shanti mil jaye jindagi main kahin…
thak gaya hun dil ka sukoon dhundh dhundh kar…

86. ye wo aakhri raat hai jab main roya hun…
shayad akhri raat jab main khoya hun…
bas yahi samajh liya hai ab maine…
ab yahi soch kar har raat sota hun…

87. Tujhme itna kho gaya hun ki khud se jyada tujhe samajhne laga hun…
ab tu kuch kahe na kahe teri khamosh jabaan bhi samajhne laga hun…
tu bol ke apni dastan-e-dil bayan kare na kare…
ab to teri dhadkano ko sun kar tere khayal samajhne laga hun…

88.har arju khatam, har khwaish ko mil gaya anjaam…
tu jo khush hua hai, nahin meri duaaon ko bhi kuch kaam…

89. jindagi nahin chalti ek din bhi tujhse door hokar…
jaane kaise rahunga tujhse alvida kehkar…
naajaane tu samajh payega ki nahin…
koi mil gaya tha apna sa tujhse milkar…

90. suna hai apni taqdeer apne haathon se baadalti hai..
yahan to jis gali se nikalte hain, wahan se to maut bhi apna rasta badalti hai…

91 wo karte hain waar anjaam-e-manzil ke aane par..
ke mud kar bhi nahin ja sakte…
sahi chodda hai jeevan ki majhdhaar par..

92.tu mera na ho saka iska gum nahin…
tune mujhe thukra diya iska bhi gum nahin…
gum to bas is baat ka hai ki…
tujhe meri mohabbat ki inteha ka andaja hi nahin…
kher ismain teri bhi koi khata nahin…
is pyar ki hadd ka to ab tak mujhe bhi pata nahin…

93. Na jaane kyun tere jaane ka gum hai..
na jaane kyun fir na milne ka darr hai…
tu na bhoolne ka waada to kar gaya..
par tera ye waada bhul jaane ka darr hai…

94. Haar tabhi maan jab haarne ko kuch baaki na bache…
jeet tabhi hai jab jeetne ko kuch baaki na bache…
patthar hote hain sabki rahon main…
har patthar ko chunkar bharle apne daaman main..
jab tak rahon main ek bhi patthar baaki na bache…
hum tere saath hain har haal main har raah main…
chahe tera koi aur saathi baki na bache…
एक कदम तुम चलो हमारी  तरफ, एक कदम हम चले तुम्हारी तरफ
यूँ ही चलते रहे जब तक कोई फैसला बाकि न रहे

95. Har koi hans leta hai haal sunkar mera…
fir dil kuchal deta hai,jab wah kehta hai sher sunkar mera…
use to meri shayari main dar-e-dil sunai padta hai…
har gum ko sehta to bechara dil mera….

96. Aaj fir tera haal poochne hi himmat ki hai…
fir se us dosti ko jodne ki koshish ki hai…
bas ye dostana fir purane jaisa ho jaye …
aaj fir is aitbaar main ye umeed ki hai…

97. Rooh-e-jindagi meri yun ghayal si ho gayi hai…
jane kis dukh main dukhi hokar gafil hi ho chuki hai…
ab aur na saha jata hai na jiya jata hai ek pal bhi..
jindagi meri khushgawar si nahin ek bojh main badal gayi hai….

98. jaane wo kis sapne se darr lagta hai..
ki ab ratoon ko sona bhi  nahin chahata hun…
jo sapna jagti ankhon se dekha tha…
ab use toot te hue nahin dekhna chahata hun…
jo mujhse ek dill ka rishta banaya hai tune..
koi naam dekhar use badnaam nahin karna chahata hun…
har baat tujhse shuru ho jindagi ki…
aur tujhpar hi khatam bhi karna chahata hun…

99. Seedhe chalte raston par bhatak jata hun…
sirf tere khayal se kahin kho jata hun…

tu ek nigah bhar ke dekh le kabhi yun hi…
bas teri taraf is khayal se dekhta jata hun…

kahin is baar tu aaya hoga shayad..
yahi soch kar darwaje par nigahen lagaye baith jata hun…

har aahat pe lagta hai tu aaya hai shayad…
halki si aawaaj se adhi raat ko bhi jaag jaata hun…

shayad tu sapno main hi aajaye…
yahi sochkar fir sone ki  koshish main lag jaata hun…

100. nigahen baar baar unhe dhundhti hain jo kabhi humse milte hi nahin…
wo rehte hain pass pass hamesha par kabhi apne se hue hi nahin..

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