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अंध विश्वास

अंध विश्वास न करे जीवन में जीवन नक़ली नक़ली लोगो से भरा……
हाथी के दाँत दिखाने के और खाने के और सोचिएगा जरा ।
कहने का मतलब हे चले जरा संभल के….
वो बुरा नहीं हे उसका स्वभाव ही ऐसा ।

स्वभाव पहचान के दूरी बना लेना सही ….
नहीं पटरी खाती रास्ता अलग ही सही ।
तुम अपने बारे में सोचो और करो काम….
पाँच फुट मिले शरीर का करो सही इंतज़ाम ।

अंध विश्वास न करे , विश्वास सोच समझ के करे …..
नहीं तो इस्तेमाल करके फेंक जाएँगे बिन भाव धरे ।

अंध विश्वास से दूर रहें, जीवन में सच्चाई ढूँढें,
नकली लोगों से भरे न हों, जीवन को सच्चाई से जीने की खोज करें।

हाथी के दांत दिखाने के और खाने के लिए नहीं हैं,
सोचिएगा जरा, जीवन की सच्चाई को समझने का वक्त आएगा।

कहने का मतलब है, चलें जरा संभलकर आगे,
उसका स्वभाव ही ऐसा है, वो बुरा नहीं है, लेकिन हमें सतर्क रहना होगा।

जीवन में सत्यता की खोज में बनाएं अपना संकल्प,
नकली लोगों की बातों में न आएं, सच्चाई को जानने का अभिलाषा रखें।

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मस्तिष्क के द्वारा

जो भी हो रहा वो सब मस्तिष्क द्वारा उत्पन्न परछाई …..
सब कुछ बदला जा सकता हे मस्तिष्क के द्वारा सब बाँते ऊसमे समाई ।
मस्तिष्क का सकारात्मक भाव …..
हमेशा सुख और दुखों का अभाव ।

मस्तिष्क में सुख और दुख के लिए समान भाव….
दोनों नही सदा रहने वाले दोनों से ऊपर उठना व्यक्ति का हो स्वभाव ।
हर जगह मस्तिष्क द्वारा चालित कार्यक्रम चल रहे ….
चालाक व्यक्ति वहाँ अपना राज हमेशा रहेगा सोच के चला रहे ।

जो कुछ हो रहा वो मस्तिष्क के द्वारा उत्पन्न उसकी छाया….
सब ओर धुँआ धुँआ हे सब इस प्रकृति की शक्ति उसकी माया ।

जीवन के कठिनाइयों में, मस्तिष्क की छाप,
उत्पन्न करती है मस्तिष्क से रचित ये कविता।

सब कुछ जो हो रहा है, उसकी बुनियाद है मस्तिष्क,
जहां सभी विचार आकर एकत्र होते हैं समाई।

चाहे चुनौतियों का सामना हो, या विपरीत परिस्थिति,
सकारात्मक भाव से भरा होता है मस्तिष्क का आकार।

मस्तिष्क की शक्ति से ही होता है सब कुछ बदला,
विचारों की ऊर्जा द्वारा जीवन को मिलती उम्मीद।

जब आत्मविश्वास से भरा होता है मस्तिष्क का विश्वास,
तो हर कठिनाई को हम पार कर पाते हैं आसानी से।

मस्तिष्क की परछाई से ही प्रेरित होती है ये कविता,
जीवन को बदलने की शक्ति देती है ये अद्भुत विचार।

इसलिए, जब भी आपको लगे कि हर बात हार गई है,
याद रखें मस्तिष्क की शक्ति है हमारी आधारभूत ताकत।

असम्भव बात

असम्भव बात कभी दुःख न आए …
लेकिन सम्भव तू मुस्कुराते उसे झेल जाए ।
तेरे मुस्कुराने की चाभी तेरे पास…
प्रयोग कर इस चाभी का ही तेरा साहस ॥

असम्भव बात की कभी समय न बदले….
आज तेरा कल किसी ओर का यह पगले ।
लेकिन मन की डोर तो तेरे ही हाथ ….
मन सदाबहार रखे उसे अपने साथ ॥

असम्भव आसमान कहाँ से शुरु समाप्त ..
लेकिन जगे अवचेतन में सब कुछ हे व्याप्त ।
अवचेतन सदा रहता जगा नही वो सोता…
सुन समझ उसके मौन को , बन तू श्रोता ॥

असम्भव कि कभी न हो मृत्यु…
मिली गिनती के सांसो रूपी आयु ।
जब तक हे जीवित तो हे जीवन…
मृत्यु से काहे डरना मिला अनमोल जीवन ॥

असंभव बात कभी दुःख न आए,
लेकिन संभव तू मुस्कुराते उसे झेल जाए।
तेरे मुस्कुराने की चाबी तेरे पास,
प्रयोग कर इस चाबी का ही तेरा साहस।

जब जीवन की धूप छिड़कती है आँखों में,
और अँधेरा हर तरफ़ फैलाकर दर्द लेता है दम,
तब अपने होंठों पर एक मुस्कान बिठा ले,
और दुःख को तू दूर भगा ले।

जीवन की लड़ाई में जब हार दिखाई दे,
और तू तोड़ दे दरिया और पार जाए,
तब उम्मीद की किरण तू बन जा,
और संघर्ष को तू दूर कर दे।

तेरे हाथों में है खुदा की खुदाई,
चाहे जितना भी बड़ा हो बादल का साया,
तेरी मुस्कान है शक्ति की अंतरा,
जिसे तू जिये और दूसरों को भी दिखाए।

आगे बढ़, ना झुक, ना रुक,
जीवन की गाथा तू खुद लिख,
मुस्कुराने की चाबी का इस्तेमाल कर,
और खुद को ख़ुश रख, यही है तेरा साहस।

मुस्कुराने का सेहत पर

मुस्कुराने का सेहत पर पड़ता असर….
बुद्धि खुलती ओर दिखते नए अवसर ।
मन बुद्धि का प्रिय पेय हँसना खिलखिलाना …
जीवन का मार्ग होता सुगम ओर सुहाना ।

छोटी छोटी घटनायो का जोड़ ये जीवन…
छोटी छोटी मुस्कुराहट से खिले ये उपवन ।
मुस्कुराहट से सही रहती मन बुद्धि की सेहत ..
जीवन बने सुंदर ,लगाए रखे हँसी की लपट॥

हंसे ओर जाने प्रकृति भी रही हे वो हंस….
हँसी उसकी फल फूलो के रूप में वो बरस ।
सदा प्रकृति के नियमो का करे पालन ….
बरसे का सदा ख़ुशियों का धन दे दनादन ॥

दूसरो को करे प्रेरित वो भी हंसे मुस्कुराए…
वो भी जीवन को ख़ुशियों से चमकाए ।
आपके घेरे में जो आए उसका चेहरा खिले …
जीवन का उत्तर ओर जीवन को दिशा मिले ॥

मुस्कुराने का सेहत पर पड़ता असर,
खुलती है बुद्धि, दिखते हैं नए अवसर।
मन और बुद्धि का प्रिय पेय है हँसना, खिलखिलाना,
जीवन का मार्ग होता है सुगम और सुहाना।

हँसने से जीवन में आती है रौशनी,
दूर होती है चिंताएं, होता है व्यंग्य।
खुशी की मुस्कान से बढ़ती है खुशियों की बारिश,
जीवन के हर पल को बनाती है अद्वितीय और अमरित।

जब हम मुस्कुराते हैं, तब दिल को मिलता है शांति,
खुशी की लहरें हमारे चरणों में मंडराती हैं।
मुस्कान की एक झलक ही काफी होती है,
जीवन के सभी संघर्षों को मिटाने की शक्ति होती है।

यह विश्वास करो कि हर सुबह होगा नया सवेरा,
मुस्कान बनाएगी आपके जीवन को सुहाना।
चिंताओं का अंधकार होगा दूर और गया,
खुशियों की छांव बनी रहेगी आपके संग जब तक संसार सदा।

तो आओ, हँसें, जीने का खूबसूरत अंदाज सीखें,
अपने चेहरे पर मुस्कान को हमेशा बनाएं रखें।
सुखी और संतुष्ट हों, आनंदित और उदार रहें,
मुस्कराने से जीवन को खुशहाल और सुगम बनाएं।

जीवन संगीत और मौन

जीवन संगीत और मौन ….
करो इससे प्रीत। ।
जीवन कर्म….
जाने इसका मर्म ॥
जीवन सुख दुःख…
ये विषय प्रमुख ।
जीवन दिन रात..
निकलती इसकी बारात ॥
जीवन सरिता….
कल कल कविता ।
जीवन वायु….
सही मिले तो बड़े आयु ॥
जीवन व्यंग…
रहे उसमें ख़ुशियों की उमंग ।
जीवन चक्र….
निहित बहुत से अनबुझे तर्क ॥
जीवन पहेली …
झोली न हो मेली ।
जीवन कविता….
बने इसके श्रोता ॥

जीवन संगीत, मन की मधुर ध्वनि,
धरती की सामर्थ्य, स्वरों का वर्णनी।
सुरमयी गाथाएं, संगीत के संगीत,
मन को सहलाती, निर्मलता की नीत।

रचनाओं में छिपी, भावों की महानता,
मधुर गीतों के जरिए, पहुंचाती मन्दिर की ऊचाई पर।
टूटे दिल को सुलझाती, गानों की बादशाही,
दुःख को दूर करती, अनंत कर्म की संगति।

जीवन कर्म, करते रहो निरंतर,
अच्छाई की खोज में, अपना योगदान दर-ब-दर।
कर्मों की बाँधन से, मुक्ति की ओर बढ़ो,
जीवन की मरम्मत, कर्म के रंग में रंगो।

हर कर्म एक संग्राम, हर क्षण अद्वितीय,
अपने कर्मभूमि पर, देखो स्वर्ग की महिमा।
सदैव चलते रहो, जीवन के रोम-रोम से,
कर्म की गतिशीलता में, पाओ निजता की विजय।

जीवन संगीत और मौन की जोड़ी,
एक दूसरे के साथ, निभाती है वादी।
इसके भीतर छुपी, एक अमूल्य आत्मा,
निरंतर तरक्की करती, सत्य की अनंत स्रोता।

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जीवन के लेखक

आप अपने जीवन के लेखक
उसमें उचित परिवर्तन कीजिए बेशक ।
अपनी लेखनी से कमाल बरपे….
हो जीवन पुस्तक अलग सटीक हटके ॥

जीवन की पुस्तक आत्मा है विषय….
न रखना तुम इस बात पे कभी संशय ।
विषय का चुनाव जेसे प्रकृति की सोच..
एकदम सटीक नही कार्य में कोई लोच ॥

जब कोई पढ़े आपकी जीवन पुस्तक….
प्रेरणा से आंदोलित हो हृदय मस्तक ।
पृष्ट पे शब्द ऐसे जेसे बिखरे हो मोती…
जीवन से परिपूर्ण स्वीकारती चुनोती ॥

चुनौतियां करती जीवन को सम्पन्न…
शक्ति ये विस्फोट आपका परम धन ।
आप अपने जीवन के लेखक…
डालिए शब्दों भाषा में अलख ॥

मैं हूँ अपने जीवन के लेखक, कलम मेरी साथ है,
जीवन के पन्नों में उचित परिवर्तन लिखूं आज।
मेरी लेखनी से कमाल बरसें, अक्षर-अक्षर जगमगाएं,
कविता का रूप धारण करे और रचना को सजाएं।

जीवन की प्रेरणा और उमंग मेरी कविताओं में बहे,
सत्य और सुंदरता की छाया मेरी रचनाओं में छाए।
ज्ञान और समझ की आग मेरे शब्दों से जले,
बदलाव की लहर मेरी कविताओं में बहे।

जीवन के रंग-बिरंगे पलों को आकार दूं मैं शब्दों में,
खुद को खोजते हुए, नए रास्तों को चुनूं मैं विचारों में।
जीवन की अनुभूतियों को सहजता से व्यक्त करूं,
प्रेरणा के पंक्तियों में विचारों का रंग छिड़कूं।

मेरे लेखन से समाज में बदलाव का प्रकाश फैले,
ज्ञान की धारा बहे, सभ्यता की लहर उठाए।
चेतना के बाध्य सूत्र में रचनाओं की बुनियाद डालूं,
नये सपनों के पंख लगाए, आगे बढ़ते जाएं।

तो आओ, लिखते हैं नया अध्याय, नया पृष्ठ आज,
कविता की छटा फैलाएं, अपने जीवन को संवारें।
अपनी लेखनी से कमाल बरसे, मन की ऊर्जा व्यक्त करें,
मैं हूँ अपने जीवन के लेखक, अब नया अध्याय शुरू करें॥

और बताए अपने जीवन की कुछ बाते, यही है नई शुरुआत इस जीवन की

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समय की नब्ज

समय की नब्ज पहचानना ….
हे मौक़े की नज़ाकत जानना ।

मिले हुए अवसर को सम्भालना….
उसके उपयोग से जीवन को संवारना ।

ये दो कदम ले आते सफलता….
जीवन खूब फलता फूलता ।

समय की नब्ज पहचानना,
हे मौके की नज़ाकत जानना।

ज़िंदगी की धारा में बहता समय,
हमेशा बदलता, नए रूप लेता है।
उसकी लहरों को समझना है कल्पना,
ज़रा सी गलती, तो जाए वो बहता है।

कभी तेज़, कभी धीमा, चलता जाता है,
हर लम्हा नया रंग लेता है।
मौके की नज़ाकत जानना है कल्पना,
वक्त के मोड़ पर अपना किस्सा बनाता है।

जब भी मिले एक नया संध्याकाल,
समय के गहरे रहस्यों को सुनना है।
हर क्षण की ध्वनि को समझना है कल्पना,
अनुभवों की लहरों में गहराई जानना है।

समय की नब्ज पहचानना,
हे मौके की नज़ाकत जानना।
जीवन के रंगों को पिए जाना,
अपनी कहानी को गगन में छाना।

जीने का आनंद बस यहीं है,
मोमेंट्स को गले लगाना है।
ज़िन्दगी की खुशियों को चुनना है कल्पना,
समय की गति में खुद को समाना है।

समस्याओ का निपटारा

दिमाग़ ,आँखे ओर हृदय खुले रहे…
समस्याओ का निपटारा सही से होता रहे ।
नही तो गलती पे गलती होती रहेंगी …
ग़लतियों की उलट गंगा यूँही बेहती रहेगी ।

लहरों की चहल-पहल में बहती जाए,
जीवन की मधुर गाथा सुनती जाए।
हमेशा जगमगाता रहे जीवन का सागर,
आगे बढ़ते रहें हम सब मिलकर।

जीवन की राह में चुनौतियाँ होंगी,
पर निरंतरता से हम उन्हें मिटाएंगी।
चिंताएं और आवेश दूर कर जाएंगे,
खुशियों की नई कहानी लिखाएंगे।

बदलेंगे हम अपने सोच का नजरिया,
सही और गलत के बीच समझदारी लाएंगे।
नये आयाम देंगे अपने सपनों को,
आगे बढ़ेंगे हम मनोविज्ञान के रास्तों पर।

इस गाथा का अंत नहीं होगा कभी,
हम बढ़ते रहेंगे नई उचाईयों की ओर।
दिमाग़, आँखे और हृदय खुले रहेंगे,
समस्याओं का निपटारा सही से होता रहेंगी।
नहीं तो गलती पे गलती होती रहेंगी,
ग़लतियों की उलट गंगा यूँही बहती रहेगी।

स्वयं के विकास में भी इनका खुला रहना ज़रूरी…
तभी की या माँगी हुई मनोकामनाएँ होगी पूरी ।
सब ओर ख़ुशियों का मेला लगेगा..
जीवन ख़ुशियों की ऊर्जा से भरेगा ॥

विकास करना आगे बढ़ना मानवीय भूख…
सभी तलाश रहे खोज रहे हे सच्चा सुख ।
हर किसी को मुकमल जहाँ नही होता वो नसीब …
दिमाग़, आँखो ओर हृदय से सब तरह से
लगाना तरतीब ॥ इन समस्याओ का निपटारा करना।

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जीवन का रेगिस्तान

तकलीफ़े मुसीबतें जीवन का रेगिस्तान
आमना सामना पार पाना कला महान ।
कलाकार जिसके पास सुंदर विचार ….
अपने विचारो को ही देता रहता आकार ।

जो कुछ चल रहा भीतर उसे कर्म से उतारे …
कर्म शक्ति से धरती पे उतर सकते तारे ।
जितना हो सके जीवन को स्वीकारे….
तकलीफ़ों से स्वय को दूसरो को उबारे ।

विचार शक्ति का कर्म शक्ति से समन्वय ….
सही जीवन की दिशा का उचित होगा व्यय ।
अब प्रश्न वो शक्ति होवे सकारात्मक…..
नहीं तो बहुत नुक़सानदायक विध्वंसक ।

सकारात्मकता की सदा ही विजय…..
सच्चा पथ न उपजे लेश मात्र भी संशय ।
सत्य की विजय ही जीवन का आधार ….
फैलाए खेती करे विस्तृत करे यह विचार ।

अपने विचारों को ही देता रहता आकार,
शब्दों के साथ जगमगाता नये आकार।

मन की गहराई से उठते हैं ये धुन,
विचारों की धारा बनकर बहती हर सुन।

जैसे सागर में लहरें उठती बदलती हैं,
वैसे ही विचार बदलते रहते हैं बैर।

चिंताओं के बादल घने छाती बना लेते हैं,
फिर विचारों की बूँदें बरसा देते हैं।

कोई गीत गाते हैं, कोई कविता लिखते हैं,
विचारों के भंवर में खुद को खो देते हैं।

हर एक अक्षर बयां करता है एक कहानी,
विचारों की उड़ान को देता है पहचानी।

सोचों के आकार में दुनिया बदलती है,
विचारों की लहरों में जीवन समाया जाता है।

इसलिए रहता रहे आपका विचार बहुमूल्य,
ये ही आपकी पहचान, ये ही आपकी कृति।

हास्य कालातीत

श्रीमान वॉल्ट ड़िज़्नी ने कहा हे Laughter is timeless. imagination has no age, and Dreams are forever.
हिंदी भाषा में उनके विचारो संग अपने बिचरो का मिश्रण करके काव्य शेली में पेश करने की
साधारण सी कोशिश करता हूँ शायद आपको पसंद आए इस प्रकार के
उन्होंने कहा हास्य कालातीत हे
सही कहा उन्होंने हास्य वी समय की सीमाये तोड़ के उससे बाहर भी उसका अस्तित्व बनाता। हे तो laughter हास्य कालातीत हे ।
हास्य कालातीत
हंसना हृदय का वो संगीत ।

हास्य जीवन …
आप धनवान सम्पन्न ।

हास्य में स्वयं हो विषय…
करूँ बहुत बिना संशय ।

Imagination has no age

कल्पना की नही कोई आयु…..
कल्पना मन की प्राण वायु ।
कल्पना में मनुष्यपन ….
कुछ भी मान लेता ये मन ।

Dreams are forever

सपने होते हमेशा के लिए ..
आत्मा की सुगंधो को बाहर लिये ॥
अधूरी इच्छाओं की सूचना ….
जिन ख़ुशियों ने अभी जन्मना ॥

चिढ़ियों की गुफा में, एक दिन था सबसे हंसी,
जगमगाती थी सबकी आँखें, बजती थी हर ओर ताली।
खिलखिलाते थे सबके होंठ, हंसती थी पूरी दुनिया,
हास्य के मधुर सुरों में, बसती थी खुशियों की बारिश।

जोक्स और हंसी के मजेदार खेल, लोगों को भर देते थे जीने के लिए ,
परिवारों में ढेरों मस्ती, हंसी की थी बारिश सदी।
चुटकुलों का था संग्रह बनाया, हंसी का उपहार बनाया,
हर कोई था हंसने को बेकरार, इस अनोखी रात्रि ने जाल बिछाया।

हंसते रहे हर चेहरा, मुँह से निकले आवाज़ हंसी की,
छोटे-छोटे बच्चों ने भी, दिखाई थी ज़ोरदार मस्ती।
वृद्ध भी भूल गए थे अपना दर्द, हंसने का आनंद लिया,
हास्य कालातीत की वो मिठास, सबको खुशियों में जीने लिया।

हंसी थी ज़िंदगी की राहत, विपदाओं की दरारों को भरती,
दिलों में बसती थी खुशियाँ, मुसीबतों को दूर भगाती।
जब भी दुखी मन था बेकाबू, हंसी ने था साथ दिया,
चिढ़ाती थी ज़िंदगी को मुस्कानों से, खुशियों का पुल बनाया।

हास्य कालातीत थी वो कविता, जिसमें छुपी थी हंसी की बारिश,
जिसने बदल दी थी दुनिया की भाषा, हंसी की थी वह उपहारी।
तो आओ फिर से हंसें एक साथ, सबको दें खुशियों की सौगात,
हास्य कालातीत जीने की अद्भुत शक्ति, वो हंसी की नयी आवाज़।