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असफलता को स्वीकार

असफलता को स्वीकार करना बहुत मुश्किल है, जब आप किसी चीज के लिए जी जान से मेहनत करते हो ओर उसको पाना चाहते है, लेकिन उसको हासिल करने में आप सफल नहीं हो पाते तब आप बहुत टूट जाते है, उसके बाद आपको कोई और रास्ता भी नहीं दिखता, अब उस रास्ते से वापस आना मुश्किल हो जाता है।

मेरे साथ भी कुछ इसी तरह से हो रहा है, मैं अपनी असफलता को पचा नहीं पा रहा हूँ, और अब मैं काफी पीछे हो चुका हूँ, मेरे सभी रास्ते लगभग बंद हो चुके है। अब वो रास्ते कैसे खुलेंगे यही सोचना है, लेकिन अब सोचने का नहीं करने का वक्त है, और वो भी बहुत कम समय में क्युकी अब खर्चे के लिए पैसे चाहिए जो मेरे पास बिल्कुल भी नहीं है।

कैसे सबकुछ होगा और कैसे मैं कर पाऊँगा मुझे इसी बात की चिंता हो रही है।

क्या अब मैं नौकरी की तरफ रुख करू या कुछ और करू मुझे कुछ नहीं समझ आ रहा है, क्योंकि बिजनस करने के लिए भी मेरे पास पैसे नहीं बचे, बात सिर्फ अब बिजनस की नहीं है मेरे पास अपने घर खर्च के लिए भी पैसे नहीं बचे, मैंने अपने सारे क्रेडिट कार्ड , सैविंग, ओर जो भी कुछ भी था वो सब खत्म हो गया है। इसलिए बिजनस भी कुछ नहीं कर सकता अब सिर्फ नौकरी ही एकमात्र रास्ता दिख रहा है, लेकिन नौकरी भी मुझे कौन देगा जब मेरे पास कोई अनुभव नहीं है।

मैंने पिछले साल मई में अपनी किताबों की दुकान को छोड़ा था, की अब मैं फूल टाइम ब्लॉगिंग करूंगा, और मैंने यह फैसला लिया था की अब मैं सिर्फ लिखूँगा इसके अलावा कुछ और नहीं करूंगा, मैंने शुरुआत भी अच्छी करी ओर मैं लगातार लिख रहा था, लेकिन परिणाम मेरे अनुसार नहीं आ रहे थे, धीरे धीरे समय बीत रहा था जिसकी वजह से मुझे अपने ऊपर ही शक होने लग गया था, की मैं कोई गलती तो नहीं कर रहा हूँ, इसलिए मैं स्वयं को जाचता रहता था।

लेकिन 8 महीने बीत गए कोई प्रोग्रेस नहीं दिखी, और अब घर में कुछ परेशानी भी आने लगी जैसे की भाई को मेडिकल प्रॉब्लेम की वजह से समय और ध्यान सारा उधर ही केंद्रित हो गया, जिसके चलते अब मैं अपने कार्य पर फोकस नहीं कर पा रहा था।

यही सब सोच कर मन में घबराहट हो रही है, ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं बनी, लेकिन कुछ भी पहली बार ही होता है, जब इसमे मैं फंसा हूँ तो निकलूँगा भी बस यही एक सकारात्मक सोच मेरे मन में चलती है।

कुछ न कुछ तो कर ही लुँगा ऐसा मेरा विश्वास है, इसलिए अभी तक मैं इंतजार कर रहा था, लेकिन वो इंतजार अब खत्म हुआ कुछ किया जाए वो वक्त शुरू हो चुका है, क्या करू ओर क्या नहीं यह बात अभी तक नहीं समझ आ रही है मुझे इसलिए अब मैं बिल्कुल रुक चुका हूँ।

असफलता को स्वीकार मैं कर चुका हूँ लेकिन अब ऐसा लगता है काफी देर हो गई है, फिर से वापस मुझे उसी ओर लौटना होगा , जो मैं छोड़कर आया था ओर फिर कुछ करना होगा।

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आपके फैसले

जब आप गिरने लगते हो तभी वो समय होता है, जब लोग आपकी काबिलियत पर भी शक करने लगते है और आपके फैसले पर भी, और उन लोगों को लगता है की यह कुछ नहीं कर सकता अपनी जिंदगी में, बस खुद को ओर दूसरों को बेवकूफ बना रहा है। यह व्यक्ति दूसरों को सलाह तो देता है,

परंतु खुद के लिए कुछ नहीं कर पाया, जब तक आप कुछ नहीं बनते तब तक लोग इसी तरह से आप पर ताने कसते है, और आपको हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश करते है साथ यह साबित करने में लगे रहते है की आप किसी लायक नहीं है।

जब आप किसी भी दिशा में सफल नहीं हो रहे हो, तब आपको इसी प्रकार से बहुत सारी हिदायते मिलती है।

इसके साथ ही समय को खराब ही कर रहा है। इसी समय आपका विश्वास भी टूटने लगता है, और हो सकता है की आप अब कुछ गलत निर्णय ले लो लेकिन यही आपकी समझदारी का समय है।

लेकिन आपके लिए यही वो समय होता है जब आप दूसरों से मदद मांगे बिना ही कुछ बनकर, कुछ करके दिखाए, जिससे लोगों को आप गलत साबित कर पाए क्युकी यही वो समय है जब आप उनका दुगना भरोसा जीत सकते है, ओर यदि आप सफल नहीं होते जो लोग बचे है वो भी आपको धीरे धीरे छोड़ देंगे।

आपके फैसले आपको फर्श और अर्श पर रखते है, आपके जीवन के परिणाम आपके फैसले पर ही निर्भर करते है, जिस तरह के आप फैसले लेते है उसी तरह से आपका जीवन भी चलता है, आपके फैसले आपके जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए कोई भी फैसला लेने से पहले की बार सोचे जल्दबाजी में लिए गए फैसले भविष्य में बहुत क्षति करते है। इसलिए जब तक आपको अपने फैसलों पर पूरा भरोसा न हो तब तक कोई फैसला ना ले।

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हमारी पृथ्वी का हृदय

पर्यावरण हमारी पृथ्वी का हृदय
उसे साँवरे नहीं इस बात में कोई संदेह ।

सब इस प्रकृति माँ का दिया देय….
इसका सही प्रयोग से करे व्यय ।

पेड़ पौधे धरती की संपदा….
सिर्फ़ उसका दोहन लाएगी विपदा ।

स्वयं से करे पर्यावरण को सुरक्षित
अपनी लालचो को करे संयमित ।

पर्यावरण में गहरा असंतुलन….
तापमान बढ़ रहा कट रहे है वन ।
एक तकलीफ़ हो रहा जलवायु परिवर्तन ।

इस गहरी समस्या पे दे ध्यान….
कैसे बाहर आयेंगे बने बुद्धिमान ।
नहीं तो जल्द गर्कं हो जाएँगे सब श्रीमान ।

सब जगह भिन्न भिन्न पेड़ उगाये…..
जल कटाव मिट्टी पहाड़ो को बचाये ।
हर दिन पर्यावरण दिवस जी कर मनाये ।
इस धरती को मानव का स्वर्ग बनाये ।
ख़ुद भी जिए दूसरी को भी जिवाए ।
यह मंत्र पढ़े और पढ़ाये ।

पर्यावरण, हमारी पृथ्वी का हृदय है। यह हमारे सभी जीवनों की जड़ है और हमारे अस्तित्व के लिए आवश्यक है। पर्यावरण हमें स्वच्छ और ऊर्जावान वातावरण प्रदान करता है जो हमारे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है।

हालांकि, आजकल हमारे पर्यावरण को नष्ट करने की चिंता बढ़ रही है। वनस्पति और जीव-जंतुओं के नष्ट होने, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, वायु प्रदूषण और जल संकट के कारण पर्यावरण की स्थिति गंभीर हो रही है।

हमें इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि पर्यावरण का संरक्षण आवश्यक है। हमें अपनी भूमिका समझनी चाहिए और सुस्थित और सुरक्षित पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए। हमें प्रदूषण कम करने, वनरक्षण को बढ़ावा देने, जल संरचनाओं को सुधारने और जल संचय करने के लिए जागरूक होना चाहिए। वन्य जीवों की संरक्षा और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामरिक मुकाबला भी हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

हमारे पर्यावरण को साँवरने के लिए हमें साझा संगठनिक प्रयास करने, अधिकांशतः संयुक्त राष्ट्र की मान्यताओं और समझौतों का पालन करने और नवाचारी तकनीकों का उपयोग करके समस्याओं का समाधान ढ़ूंढ़ने की आवश्यकता है। पर्यावरण के हित में सतत और संवेदनशील प्रगति करना हमारा कर्तव्य हद्वारा जारी यह संदेश स्वर्णिम संकट को दर्शाता है। पर्यावरण हमारी माता की तरह है, और हमें उसे सावरना हमारा दायित्व है। इसके बिना, हमारा अस्तित्व खतरे में है। हमें संयुक्त रूप से कार्य करना होगा और पर्यावरण की सभी मान्यताओं का पालन करना होगा ताकि हम इसे सुरक्षित रख सकें। हमें जल संचय, प्रदूषण नियंत्रण, और वन संरक्षण में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। साथ ही, हमें नवाचारी तकनीकों का उपयोग करना चाहिए जो पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी में सुधार ला सकें। यदि हम इन समस्याओं के सामाजिक, आर्थिक, और वैज्ञानिक मुद्दों को संगठित रूप से समझते हैं और उन्हें हल करने के लिए सक्रिय रूप से काम करते हैं, तो हम पर्यावरण को सावर सकते हैं। पर्यावरण हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाने योग्य एक अमूल्य धरोहर है, और हमें इसकी सुरक्षा करनी चाहिए।

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ज्यादा योग्य

ज्यादा योग्य होना नहीं आवश्यक…
एक अच्छा मन आवश्यक बिना शक ।
व्यक्ति में योग्यता है या नहीं दिखता…
योग्य व्यक्ति देने के भाव भरा होता ।

अक्सर व्यक्ति योग्य होने का करता नाटक…
नक़ली तो नक़ली होता है देर सवेर खुलता उसका फाटक ।
हर व्यक्ति की कोशिश या जगा भाव हो कुछ न कुछ समाज को है देना….
वो योग्य व्यक्ति है अच्छे भावों से भरा मेरा  विचार है मेरा है कहना ।

व्यक्ति का मुकाबला होता है योग्यता से,
क्या सिर्फ योग्यता ही है जीवन के सबसे महत्वपूर्ण चरण?
नहीं, एक अच्छा मन भी होना अत्यंत आवश्यक,
विशेषता जो बनाती है व्यक्ति को महान।

योग्यता से काम तो होता है आसानी से,
पर मन की सुखी और स्थिरता बढ़ाती है मनोयोगी शक्ति।
व्यक्ति का ज्ञान और न्यूनता को ध्यान देता है,
उसे एक अच्छा मन ही बहुमुखी विकास का मार्ग देता है।

योग्यता तो जीवन की आपूर्ति होती है,
पर मन की सुख-शांति बनाती है व्यक्ति को आदर्श।
चाहे वह विद्या का साम्राज्य रखे या सामरिक हो,
अच्छा मन ही होता है उसका महत्वपूर्ण आधार।

व्यक्ति के ज्यादा योग्य होने से वह आगे बढ़ता है,
पर अच्छा मन ही दिखाता है उसका व्यक्तित्व कीमती।
योग्यता तो बस एक अंग होती है उसकी,
पर मन की गुहार बदलती है जीवन की दिशा।

तो अपना मन सदा प्रशांत और स्वस्थ रखो,
क्योंकि योग्यता से ज्यादा आवश्यक है अच्छा मन बिना शक।
जगाओ उसे सुगमता और समृद्धि की ऊंचाइयों पर,
जहां योग्यता और मन एक साथ निखारें सफलता की राह।

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चुराना कैद करना भी

चुराना कैद करना भी अच्छा उम्र के खूबसूरत लम्हे….
मौक़ा मिलते ही करना यह चोरी , वक़्त की क़सम है तुम्हें ।
वक़्त की बुनियाद में हमेशा बदलने
की फ़ितरत…
वक़्त आएगा जब क़ैद कर पायेंगे अच्छे लम्हे पूरी होगी सब हसरत ।

चोरी करने का अच्छा इक उम्र का सवेरा,
खूबसूरत लम्हों से भरी एक कहानी यह मेरी।
मौका मिलते ही छिन लेना वो भाग्य की बहाना,
चोरी करना है जिसकी आदत, वक्त की क़सम है वह तूम्हें।

जीवन की रफ्तार तेज, बदलावों की लहरें गहरी,
कुछ लम्हों को छीन लो यही कहती है यह कविता में धरा।
वक्त की बुनियाद में हमेशा बदलते रहना चाहिए,
नयी सोच और अनुभवों को गले लगाना चाहिए।

पल्लों में छुपे हैं जीवन के रहस्य अनेक,
वक्त के संग्रहालय में बिखरती है यह चमक।
जब वक्त के पर्वतों से उछलती है धूल,
चोरी करती है उजाले को नयी दुल्हन रूप में।

जीवन के रंग बदले तो नए चित्र बनाएं,
चोरी करे वक्त से एक नया वादा लाएं।
क्योंकि जीवन की चोरी करने की ख्वाहिश,
वक्त की विशेषता बन जाए, यह सच्ची मानिंदगी की विशेषता।

चोरी करने का अच्छा इक उम्र का सवेरा,
जीवन की मोहर हो, वक्त की दौलत का रंग उतारा।
अच्छा उम्र की खूबसूरत लम्हों से अभिभूत,
बदलते वक्त को जींदगी के संग सम्बोधित, चुराना कैद करना भी अच्छा उम्र के खूबसूरत लम्हे।

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शिक्षा का संस्कार

शिक्षा का संस्कार
दिखता व्यक्ति का व्यवहार  ।
शिक्षा एक निरंतर प्रक्रिया…
बनता वो ख़ुशियों का ज़रिया ।

सच्ची शिक्षा सिखाती झुकना….
सिखाती साहस नहीं किसी से है डरना ।
शिक्षा से ख़ुशहाली समाज का सुधार….
शिक्षा के बीज की शक्ति अपरंपार ।

माँ व्यक्ति की पहली शिक्षक….
कार्य में वो पूर्ण दक्ष और रक्षक ।
बच्चा अच्छे बुरे की लेता शिक्षा….
माँ ज्ञान बांचती कक्षा दर कक्षा ।

ज्ञान की धारा, शिक्षा की नदी,
हमेशा बहती रहे, प्रगति की सदी।
ज्ञान और सद्गुणों से युक्त,
व्यक्ति को बनाए समर्पित।

ज्ञान का प्रकाश, शिक्षा की आग,
जीवन को बनाए उजाला और ताग।
शिक्षा ही है जो अंधकार को हराए,
ज्ञान के पंखों से व्यक्ति को उड़ाए।

आचार्य की शांति, शिक्षक की क्षमा,
छात्र को बनाए सच्चे नेतृत्व का धर्मा।
अद्यापि बनी हुई है विद्यालयों की वाणी,
शिक्षा का यह समर्पण, नगर से नगर तक पहुंचा रही सुख-दानी।

शिक्षा से बनता है मनुष्य का भाग्य,
ज्ञान की उड़ान से बदल जाता है यह समाज।
समय के साथ, शिक्षा ने तरक्की की ओर बढ़ाया कदम,
हर व्यक्ति बना है आदर्श नागरिक, विचारशील और धर्मप्रिय व्यक्ति अपार ध्यान से ध्यान देता है सबको।

शिक्षा ही विचारशीलता की भूमि,
व्यक्ति को देता है सच्ची संतोष की गाढ़ी।
जीवन की प्रेरणा, बन जाती है शिक्षा से प्राप्त,
ज्ञान की राह पर अग्रसर बन जाता है व्यक्ति संपन्न।

शिक्षा का संस्कार, मार्गदर्शक होता है,
सोच और विचारों को सदैव नया दिखाता है।
इसलिए, हमेशा शिक्षा की ओर बढ़ते रहें,
जीवन कोअच्छी शिक्षा से सजाएं।

शिक्षा का संस्कार, जीवन की महत्वपूर्ण खंड,
व्यक्ति को बनाता है समर्पित और गुणवान।
ज्ञान की पुष्टि, शिक्षा की देन,
व्यक्ति को उच्चतम सफलता की ओर ले जाती है यह सेन।

शिक्षा का संस्कार, आदर्शों की पहचान,
व्यक्ति को बनाता है नेतृत्व के योग्य और धार्मिक व्यक्ति सम्मान।
ज्ञान की उड़ान, शिक्षा की बांह,
व्यक्ति को बनाता है समय के साथ बढ़ता हुआ नागरिक सम्मान।

शिक्षा का संस्कार, ज्ञान की उगाह,
व्यक्ति को बनाता है उज्ज्वल और सुखी जीवन का मार्गदर्शक।
ज्ञान का ताज, शिक्षा की महिमा,
व्यक्ति को बनाता है सदैव अच्छे कर्मों का प्रेमी और विचारशील व्यक्ति सम्मानित।

शिक्षा का संस्कार, विश्वास की धारा,
व्यक्ति को बनाता है नए और उच्चतम सपनों के आकाश में स्वप्न संचारा।
ज्ञान की ज्योति, शिक्षा की दीप्ति,
व्यक्ति को बनाता है अच्छे समाज का निर्माता और नेतृत्व की दीक्षा।

शिक्षा का संस्कार, एक अमृत समान,
व्यक्ति को बनाता है समृद्ध, सद्गुणी, और समर्पित।
ज्ञान की वृद्धि, शिक्षा की महिमा,
व्यक्ति को बनाता है सबके लिए आदर्श और उच्चतम स्थान।

शिक्षा ही जीवन का सशक्त आधार,
व्यक्ति को बनाता है विचारशील, समर्पित, और समाजसेवी

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दिल वालो की दिल्ली

दिल वालो की दिल्ली
बंदे  सब मस्ती में टल्ली ।

दिल्ली में हम हुए पेदा…..
यही की चड़ी चर्बी और मैदा ।

दिल्ली का इतिहास पुराना…
हर जगह के लोगो का यहाँ ठिकाना ।

चाँदनी चौक कृष्ण नगर कमला नगर..
सरोजिनी नगर  रोहिणी हजारो डगर  ।

दिल्ली में पड़ती कड़क ठंड और भड़की गर्मी …
अपना नहीं यह मौसम की समीकरण उसकी हठधर्मी ।

दिल्ली राजधानी है राजनैतिकअखाड़ा…
हमेशा पड़ा रहता यहाँ राजनैतिक जाड़ा ।

राष्ट्रपति भवन इंडिया गेट या देखो लालक़िला….
बड़े बड़े फ़्लाइओवर पे लगता गाड़ियो का क़ाफ़िला ।

मेरी दिल्ली आने वाले का करती स्वागत करती बाँहें खोल के…
इसका दिल बड़ा है सब को सम्भाल लेती समानता से मीठा मीठा बोल के ।

दिल वालो की दिल्ली

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सुनी बात

सुनी बात पे न करना विश्वास ..
सत्य समझने का करना प्रयास ।

जल्दी करते सुने हुये पे विश्वास….
कम बुद्धि कौशल हम दूसरे के दास ।

झूठ सुनाने से तेज़ी जल्दी से फैलता..
लोग भी सुनना चाहते जो हो चटपटा ।

चटपटे के शौक़ीन दो चार बात जोड़ते …
सुनकर मज़ा लेते नहीं सत्य को खोजते ।

कान के कच्चे होने से बढ़ती परेशानियाँ…
उलझ जाते सुनकर उनकी कहानियाँ ।

सुनना फिर अंदर ले जाना या नहीं ले जाना ये तय करती बुद्धि….

आँखों देखती संग कान सुनते तब सही ग़लत या कितनी बात में शुद्धि ।

जनता  भोली कुछ नया सुनना चाहती…
झूठो के  बिछाये जाल में फस जाती ।

सुनी सुनाई बात पे न करना विश्वास….
ये कहना है मेरा और यही मेरा प्रयास ।

सुनी बात पे न करना विश्वास,
सत्य समझने का करना प्रयास।

जगमगाते शब्दों में न जाना रास्ता,
विश्वास के पहाड़ों को छूने का प्रयास।

कई बार जब आवाज उठाई जाती है,
मन में संदेह खुद को समझाई जाती है।

पर ज्ञान की रोशनी से जगमगाते सभी,
सत्य की और बढ़ते यही रास्ता।

हकीकत के लिए खुद को तैयार करो,
अपनी बुद्धि के ज्ञान में डूब जाओ।

चिन्ता की अंधकार से उभरो तुम,
ज्ञान के सौरभ में लहराओ तुम।

सत्य की पहचान अपनी बना लो,
भ्रम के आँधियों को तुम छा लो।

सुनी बातों पर मत करो विश्वास,
सत्य को पहचानो, बनो ज्ञान का आदान्त।



रिक्तता को बनाना

रिक्तता को बनाना बनाये रखना अति आवश्यक….
रिक्तता के कारण नहीं होता टकराव नहीं होती कसक ।
सब का कार्य क्षेत्र उसमे रिक्तता अनिवार्य…
एक निश्चित दूरी बनाए रखे, आवश्यक इतना धैर्य ।

जब रिक्तता होती है, वह जगह मिलती है विचारों की,
जहाँ नए कार्यों के बीज बोने को मिलती है शक्ति।
जब दिमाग खाली होता है, उसे भरती है कल्पना,
नये और अद्वितीय रूप लेती है जगत की सृजनशीलता।

अस्थायी रिक्तता देती है आशा का समुंदर,
जहाँ तलाशी जाती है नये सपनों की सत्यता।
विचारों की गाथा बुनती है अद्वितीय कविता,
सृजनशील विचारों को मिलता है पथ प्रशस्ति का निशान।

पर धैर्य की आवश्यकता है, जब रिक्तता होती है,
क्योंकि नये कार्यों के लिए समय लगता है।
धीरे-धीरे उगते हैं सपने, नये विचार बहार आते हैं,
धैर्य से इंतजार करो, नयी रोशनी जगमगाती है।

तो चलो, धैर्य बनाए रखो, इस रिक्तता के बीच,
नए सपनों की उड़ान भरें, अपार सफलता के बीच।
रिक्तता है सृजनशीलता का आदान-प्रदान स्थान,
जब उसे सही तरीके से उपयोग करो, होती है जीवन की ज्ञान।

रिक्तता को बनाना बनाये रखना अति आवश्यक…
रिक्तता के कारण नहीं होता टकराव नहीं होती कसक।
सब का कार्य क्षेत्र उसमे रिक्तता अनिवार्य, एक निश्चित दूरी बनाए रखे, आवश्यक इतना धैर्य।

जीने का अंदाज

हमे देखना है क्या है हमारे पास….
यही सही जीने का अंदाज ।
जो पास वही सच में असली…
उसी में ख़ुशियाँ मिलेगी तसल्ली ।

वर्तमान में जो भी है उसे सम्भाले….
ज़रूर खुलेंगे क़िस्मत के बंद ताले ।
यह सब जीवन की कहानी….
सुन लो तुम मेरी ज़ुबानी ।

जीवन का असली रंग,
है वही जो हमारे पास संग।
चाहे छोटी हो या बड़ी सी बात,
ख़ुशियों का मंच है यही इक़रार।

चाहे धन हो या न हो समृद्धि,
जीने का आनंद है सदैव सिद्धि।
हमारे अंतर में जो ख़ुशी हो,
वही है सच्ची जीवन की खोज।

दूसरों की नज़रों से आगे निकल,
खुद को पहचाने और अपनाए सबक।
जो हमारा है, वही सच और असली,
खुद को खो न दें, यही है तसल्ली।

जीवन की खोज में, आगे बढ़े हम,
जो खो गया, उसे छोड़ दें हम।
ख़ुशियों की खेलती दुनिया में,
हमारी जोड़ी हो, समृद्धि और सद्भावना से।

यही सही जीने का अंदाज है,
जो पास है, वही हमारी असली आज़।
ख़ुशियों के संग जीवन का मेल,
अपनी पहचान में हमें मिलेगी तसल्ली।