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सब पद है अस्थाई

सब पद है अस्थाई ….
क्या यह बात बुद्धि को समझ आई ।
शीर्ष पद सब शीर्षक सीमित….
बुद्धि समझे किस बात में हित ।

कैसे व्यक्तियों से करते व्यवहार….
इसी बात में समाहित पूरा सार ।

व्यवहार का क्षेत्रफल विशाल….
स्मृति में उसकी ऊँची उछाल ।
व्यवहार से हृदय में मिलता स्थान…
व्यवहार से ही व्यक्ति का उत्थान ।

सब पद है अस्थाई,
क्या यह बात बुद्धि को समझ आई।
शीर्ष पद सब शीर्षक सीमित,
मानवता के लिए यह बुद्धि संयमित।

जीवन की रेस में भाग रहे हम,
चाहे सब कुछ हो, पर लिंग सिर्फ एक नम।
पद हो या स्थान, सब अनिश्चित,
हम तो चलते रहते हैं निरंतर यहां-वहां।

कितनी ही उच्चताओं को छूने की ख्वाहिश,
मन की गहराइयों में भरी है यह आस्था।
परंतु ज्ञान का आदान-प्रदान नहीं है,
केवल शीर्ष पुरुषों के क्षेत्र में ही स्थान।

क्या इस विचार से समझ पाएंगे हम,
कि जीवन की सच्चाई है यह अस्थाई।
सब पदों के पीछे छुपी है एकता,
हम सब एक हैं, यह जान लें यह ज्ञान।

यह भी पढे: सारे विचार अस्थाई, आशा ओर निराश, अनुभव खुद का चखा, हमारा जीवन,


कुछ तो लिखे हम

कुछ तो लिखे हम, हर रोज तो लिखने को नही होगा
क्या यह बात है सही
नही नही
यह बात तो बिलकुल भी सही नही
क्यों
क्युकी हर पल , हर क्षण , हम अपने भीतर भर रहे असंख्य विचार उन्ही का समूह हम बना रहे है। बना रहे विचार पर विचार
फिर कैसे कुछ
फिर कैसे कुछ ना होगा कहने को
सुनने को
सुनाने को
कैसे ना होगी बात
और फिर कैसे ना होगी हमारी और आपकी मुलाकात
होगी और बहुत सारी होगी बात, कुछ नए शब्द और विचारो के तालमेल संग हम और आपका होगा साथ

कुछ तो लिखे हम, हर रोज लिखना ज़रूरी नहीं है,
यह सत्य नहीं है बिलकुल भी।
क्योंकि हमारे भीतर बसते हैं
असंख्य विचार, भावनाएं अनगिनत।

हर पल, हर क्षण ये विचार घुलते हैं,
उनसे ही हमारी कविताएं मिलती हैं।
ये विचारों का समूह हमें बनाता है,
कविता की रचना में उन्हें समाता है।

कविता हमारी आत्मा की अभिव्यक्ति है,
जब विचारों को शब्दों में बदलती है।
हर रोज़ लिखकर हम बनाते हैं वाद्य,
अपनी भावनाओं को साझा करते हैं यहाँ।

तो हर रोज़ लिखने को हो सकता है,
यह बात बिलकुल सही हो सकती है।
क्योंकि जब विचार बहुत हों अनगिनत,
उन्हें शब्दों में छिड़कते हैं हम नित्यत।


संबंध जो सुंदर हो

संबंध जो सुंदर हो, आदर देना संबंधो के प्राण उसका नीव का पत्थर….
सम्बंध हँसते खिलते हो जाते वो सुंदर ओर मधुर ।
बिना किसी लोभ कपट के डाला जाए आदर का ईंधन …
व्यक्ति की विशिष्टता झलकती, अनुभव हो जाता अपनापन ॥

आदर देना संबंधों के प्राण है,
उसका नीव का पत्थर।
संबंध हँसते, खिलते हो जाते,
वो सुंदर और मधुर।

संबंध जो सुंदर हो बिना किसी लोभ कपट के डाला जाए,
आदर का ईंधन।
जो स्नेह और सम्मान में व्यवहार करे,
वही सच्चा मित्र, समर्पित बंधन।

आदर से भरी हैं ये रिश्तों की पूजा,
हर दिन और हर पल।
जब तक संबंधों में होता है आदर,
वे रहते हैं सदा जीवंत और प्रफुल्लित हर तरफ।


थामिए अच्छे से

थामिए अच्छे से हाथों को , शिकायतों का छोड़िए दामन …
सम्भालिए किसी के जीवन को, जगाने के लिए हे तो सही “अपनापन “।
सम्भालने के लिए दे प्रोत्साहन, न कि करे उसकी आलोचना….
जीवन की सीख जीवन को खुल के हे बाँटना ही उसकी अर्चना ॥

अपने कार्य में ध्यान देकर लाए दक्षता ओर कुशलता ….
जीवन होगा सुगंधित खुशहाल , हिलोरे मारेगी अपार सफलता ।
स्वभाव दक्षता , कुशलता संग सरलता का घालमेल…
जीवन को जीये ऐसे ये नहीं प्रतियोगता बस एक खेल ॥

थामिए अच्छे से हाथों को, शिकायतों का छोड़िए दामन…
सम्भालिए किसी के जीवन को, जगाने के लिए हे तो सही “अपनापन”।

सम्भालने के लिए दे प्रोत्साहन, न कि करे उसकी आलोचना…
जीवन की बाधाओं से न डरें, अपनी राह खुद चुनें बिना रुके।

अच्छाई की किरणें फैलाएं, दूसरों को आशा की सुगंध दें,
प्रेम और समझदारी से बांधें, जीवन के रंगों को झलकाएं।

दूसरों की गलतियों पर मत व्याकुल हों,
सहानुभूति और समबन्ध को ऊंचा रखें निकृष्टता से।
सबको सम्मान और प्यार दें, खुशहाली की राह पर सदा चलें।

अपनापन का एहसास जगाएं, हर दिन दूसरों को ख़ुश बनाएं,
आपसी मिलन से जीवन को सजाएं, आदर और स्नेह से गहराएं।

जीवन की राहों में बनाएं सदैव नयी पहचान,
खुशियों की बौछार में बढ़ाएं प्रेम की अमृत बारिश।
अपनापन के रंगों में रंग जाएं, आपसी में जुड़ जाएं,
यही है वो सच्चा संबंध, जो देता है जीवन को आनंद अधिक।

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सकारात्मक विचार

सकारात्मक विचार का जेसे जेसे होगा विकास गतिमान होंगे सकारात्मक बदलाव….
विकास ओर बदलाव पूरक ओर समान्तर का दोनो में निहित भाव ।
विकास हो चाहे व्यक्ति का , चाहे समाज हो विकसित…
सोचने का दृष्टिकोण में बदलाव होता अपरिमित ॥

हर समाज हर व्यक्ति की चाहत आए विकास की लहर…
कर्म करे निरंतरता से इसी दिशा में सुबह हो या शाम पहर ।
फिर विकास बनेगा अधिकार ओर सोच होगी सम्मानित…
यह परम सुख जीवन का सब कुछ इसमें हे समाहित ॥

सकारात्मक विचार जब विकास की राह पर जाते हैं हम,
तो सकारात्मक बदलाव होते हैं क्रमशः।
संघर्षों से भरी है यह यात्रा,
पर सफलता की ओर हैं हम जुनूनी।

विकास और बदलाव दोस्त हैं हमारे,
स्वभाव समान्तर दोनों के विचारे।
चमकती है जब सभ्यता की रौशनी,
तब विकास का दीप प्रज्वलित होता है।

व्यक्ति का विकास हो या समाज का,
आगे बढ़े रास्ते पर जब राज करता है।
प्रगति के पथ पर नए आयाम होते हैं,
और सबको मिलता है नया सामर्थ्य का आभास।

समृद्धि और समाजिक न्याय की ओर हम,
बढ़ रहे हैं जब एकसाथ जोड़ते कदम।
विकास के रंग से रंग रहा है यह संसार,
हर दिन हो रहा है समृद्धि का उद्घाटन।

जगमगाती है जब विज्ञान की ज्योति,
तब तकनीकी उन्नति का अहसास होता है।
विकास और बदलाव का संगम होता है,
जब सबको मिलता है सुखी जीवन का आदान।

चलो आगे बढ़ें विकास की ओर,
बदलाव के रास्ते में हों साथी हम।
सकारात्मकता से जीने का संकल्प लें,
बनाएं यह दुनिया सुंदर और विकसित हम।

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कुछ यादे है

हाँ, कुछ यादे है जिन यादों के सहारे मैं बैठा हूँ, इन यादों को

हाँ, कुछ यादे है जिनके संग मैं बैठा हूँ,
इन यादों को मैं अपनी कविता में ढालता हूँ।

यादें वो हैं, जो बीते लम्हों को जीवंत करती हैं,
वो पल जब सपने सच होने की घोषणा करती हैं।

वो पहली मुस्कान, वो प्यार की झलक,
जब मन था मस्ती और दिल भरा उमंग से।
वो दोस्ती की मिठास, वो खुशियों का संगम,
जिन्हें याद करके हर दिन हो जाता है रंग।

यादें वो हैं, जो हृदय को छू जाती हैं,
वो गम को दूर भगाती हैं और खुशी बढ़ाती हैं।

वो रंगीन चिड़िया की उड़ान, वो बारिश की बूंद,
जो भर देती हैं जीवन को हर तरफ मस्ती से।
वो माँ के प्यार की गोद, वो पिता की मुस्कान,
जिन्हें याद करके आता है शांति का अनुभव।

यादें वो हैं, जो जीवन को महकाती हैं,
वो खोये हुए सपनों को फिर से जगाती हैं।

वो सूरज की किरण, वो चाँद की चमक,
जो दिल में उम्मीद की आग जगाती हैं।
वो गीतों की धुन, वो किताबों की कहानी,
जिन्हें याद करके जीवन बन जाता है मधुर।

हाँ, कुछ यादे है जिनके सहारे मैं बैठा हूँ,
इन यादों को मैं अपनी कविता में ढालता हूँ।

अंध विश्वास

अंध विश्वास न करे जीवन में जीवन नक़ली नक़ली लोगो से भरा……
हाथी के दाँत दिखाने के और खाने के और सोचिएगा जरा ।
कहने का मतलब हे चले जरा संभल के….
वो बुरा नहीं हे उसका स्वभाव ही ऐसा ।

स्वभाव पहचान के दूरी बना लेना सही ….
नहीं पटरी खाती रास्ता अलग ही सही ।
तुम अपने बारे में सोचो और करो काम….
पाँच फुट मिले शरीर का करो सही इंतज़ाम ।

अंध विश्वास न करे , विश्वास सोच समझ के करे …..
नहीं तो इस्तेमाल करके फेंक जाएँगे बिन भाव धरे ।

अंध विश्वास से दूर रहें, जीवन में सच्चाई ढूँढें,
नकली लोगों से भरे न हों, जीवन को सच्चाई से जीने की खोज करें।

हाथी के दांत दिखाने के और खाने के लिए नहीं हैं,
सोचिएगा जरा, जीवन की सच्चाई को समझने का वक्त आएगा।

कहने का मतलब है, चलें जरा संभलकर आगे,
उसका स्वभाव ही ऐसा है, वो बुरा नहीं है, लेकिन हमें सतर्क रहना होगा।

जीवन में सत्यता की खोज में बनाएं अपना संकल्प,
नकली लोगों की बातों में न आएं, सच्चाई को जानने का अभिलाषा रखें।

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छोड़ना पकड़ना

छोड़ना पकड़ना एक चीज को छोड़ते है तो दूसरी चीज पकड़ लेते है, लेकिन जिंदगी बोल रही है कब तक छोड़ेगा और पकड़ेगा एक दिन सब छूट ही जाना है कुछ भी तेरे साथ पकड़ा हुआ नही जाना है।

छोड़ते हैं एक चीज़ को, पकड़ते हैं दूसरी को,
जीवन की यह लहरें, बदलती रहती हैं हमारी कोशिशों को।
पर ज़िन्दगी आवाज़ उठाती है और कहती है,
कब तक छोड़ेंगे, कब तक पकड़ेंगे, एक दिन सब छूट ही जाना है।

सच है, कुछ भी तेरे साथ पकड़ा हुआ नहीं है,
यह दुनिया एक पल में बदल जाती है अपनी छवि।
जो आज है, कल वही नहीं रहेगा,
सब छूट जाएगा, यह जान ले तू अपनी सीमाएं।

इसलिए न तेरा आसरा हो और न तेरा अभिमान,
जीवन का अनुभव ले, बांध के न रह जा एक स्थान।
अपने सपनों को पूरा करने का अवसर ढूंढ़,
क्योंकि ज़िंदगी की रफ्तार है अद्यायवादी और अवसादी।

छोड़ना पकड़ना, ये खेल है जीवन का,
लेकिन जब सब छूट जाएगा, तभी तू जीवन को समझ पाएगा।
चल आगे बढ़, जिए अपने यथार्थ सपनों को,
जीने का आनंद ले, हर पल को खुशियों से सजाएगा।

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Shark Tank

Shark Tank देखने के बाद मुझे भी कभी कभी लगता की मैं भी नया बिसनस idea लेकर जाऊ ओर पैसे मांगु ओर एक्विटी दे दु, वैसे बहुत अच्छे अछे दिमाग वाले लोग आते है जिन्होंने कुछ हासिल किया है अपनी जिंदगी में , ओर आगे भी बहुत अच्छा करेंगे , इन्वेस्टर में ये नमिता जी तो बस बैठी रहती है, मैं इस समय बाहर हूँ बस यही बोलती है बहुत ही कम बार इन्होंने किसी Startup के साथ पैसे लगाए होंगे।

ज्यादातर समय यह बाहर ही रहती है, चलिए बहुत अच्छा है, Shark Tank शो को देखकर अच्छा लगता है हमारा भारत नई उचाई को छु रहा है, ओर बहुत सारे जवान लोग आज व्यापार करना चाहते है एक समय बीच में एस लग रहा था की सभी लोग नौकरी करेंगे , वैसे हम सभी लोग किसी एक ही पक्ष को सही कहते है या तो नौकरी या व्यापार लेकिन दोनों चीज़े अपनी अपनी जगह बिल्कुल सही है क्युकी जब आप व्यापार करते है तो आपको भी एक कर्मचारी की आवश्यकता होती ही है, ओर जब आप नौकरी करते है तो नौकरी के लिए व्यापारी के पास ही जाना होगा।

इसलिए दोनों को बराबर की जरूरत है, किसी भी व्यापार के लिए बहुत सारे लोग ओर दिमाग चाहिए होते है, आप सिर्फ कुछ उचाई तक जा सकते लेकिन उस उचाई को हमेशा बरकरार रखने के लिए आपको नए दिमाग की आवश्यकता रहती है।

मुझे पहले सेशन में असनिर ग्रोवेर बहुत बकवास लगता था, लेकिन इस सेशन में वो नहीं है बहुत अच्छी बात है ये इसलिए मैं इस सेशन को देख पिछला सेशन मैंने सही से नहीं देखा, बहुत शालीनता से सभी shark बात करते है उनको लगता है तो जॉइन करते है नहीं तो नहीं किसी भी बातचीत का ये बहुत अच्छा उदाहरण है।

Shark Tank मदद कर रहा है उन सभी लोगों की जो लोग बड़ा व्यवसाय करना चाहते है, अपनी मेहनत से जो लोग आगे बढ़े है उनको ओर आगे बढ़ने में मदद करता है, इसमे कोई शक नहीं है की बदले में वो कुछ हिस्सा लेता है, लेकिन इसमे कोई बुराई नहीं है क्युकी इनकी मदद से कुछ लोग काफी आगे बढ़ जाते है।

आपको Shark Tank कैसा लगता है ओर सभी शार्क में कौनसा शार्क अधिक पसंद है जरूर बताए।

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