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समय नहीं मिला

जिस जिस को समय नहीं मिला उन सभी के लिए समय की कोई कमी नहीं है। सोच तू
कितना सोच सकता है
लिख तू
कितना लिख सकता है
सो तू
कितना सो सकता है

नाच तू
कितना नाच सकता है
गा तू
कितना गा सकता है
खा तू
कितना खा सकता है

आराम कर तू कितना कर सकता है
पढ़ तू
कितना पढ़ सकता है
टीवी देख
तू कितनी देख सकता है

गेम खेल
तू कितना खेल सकता है
बात कर , गप्पे मार
तू कितनी कर सकता है
तू क्या ? और कितना कर सकता है

वो सब आजमा ले आज जो तू करना चाहता था अपनी जिंदगी में कभी करले अब अगर थक जाए तो छोड़ देना वो सब तू जो करना चाहता था नहीं थका वो सब करके , नहीं पका वो सब करके तो बाकी सब छोड़ देना ओर वहीं अपनी जिंदगी में अपना लेना जो तू बस करना चाहता है। फिर ये ना कहना हो की समय नहीं मिला

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इश्क़ की बात

फिलहाल ए दिल तू
इश्क़ की बात ना कर
मै तो बर्बाद हूं पहले से
अब और मुझे
तू बर्बाद ना कर

बेफिजूल की चर्चा है ये इश्क़
इस पर बेशकीमती शब्दों को
बर्बाद ना कर

बेमतलब , बेवजह
किसी के ख्यालों में डूबकर
अब वक़्त को तो
तू बर्बाद ना कर

छोड़ बैठ जा बस
इश्क़ एक रोग है
लाइलाज
दिल ओर दिमाग का
अजब सा संजोग है

इस इश्क़ पर
तू अपना पंचभूत
शरीर बर्बाद ना कर …….

इश्क़ की बात ना कर
इश्क़

फिलहाल ए दिल तू, इश्क़ की बात ना कर

मेरे दिल की धड़कनों को तू ना छीन,
मैंने तुझे प्यार किया था, ये जाने ना तू,
अब क्या कहूँ, कैसे समझाऊं तुझे,
मेरी आँखों में आँसूओं को तू ना भरे।

जो बीत गया है, वो बीता हुआ है,
अब तो अपने आप को संभालना है,
मैं जी रहा हूँ अकेलापन के साथ,
तू मेरे दर्द को और गहरा ना कर।

हर रात तेरी यादों में रोता हूँ,
क्या करूँ, कैसे सहूँ, समझता हूँ,
तेरे जाने के बाद भी, ये दिल तेरी ही है,
पर अब तू इसे और दर्द ना कर।

फिलहाल ए दिल तू, इश्क की बात ना कर,
मैं तो बर्बाद हूँ पहले से, अब और मुझे,
तू बर्बाद ना कर।

हृदय से प्रशंसा

हृदय से प्रशंसा …. सही हो मंशा ।
मस्तिष्क से हस्तक्षेप ….
आवश्यक बुद्धि से देखरेख ।
विवेक से समीक्षा….
ही सच्ची शिक्षा ।
अन्यथा मौन सर्वोत्तम….
मौन समाधान परम।

मस्तिष्क से हस्तक्षेप, आवश्यक बुद्धि से देखरेख,
विवेक से समीक्षा, नजरियों का निर्माण करें संघर्ष।

हृदय की मधुरता से भरी, प्रशंसा की धारा बहाएं,
सही और सुंदर शब्दों में, आपसी बंधुता जगाएं।

मस्तिष्क की तेजस्विता से, हस्तक्षेप करें समस्याओं का समाधान,
बुद्धि की सामर्थ्य से, ज्ञान के सागर में डूबे अभिमान।

विवेक की प्रकाशित दीप्ति से, समीक्षा करें अपने कर्मों को,
सही गलत का विचार करें, सत्य की ओर बढ़ें धृष्टता के धाम को।

हृदय, मस्तिष्क, बुद्धि और विवेक, ये चारों संग चलें,
प्रशंसा, हस्तक्षेप, समीक्षा करें, स्वयं को संयमित बनाएं।

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तेरा ख्याल

तेरा ख्याल मुझे तो हर बात में कमाल लगता है, तू आती है जब जब मेरे ख्यालों में तो मेरे दिल ,दिमाग बहुत धमाल मचता है।

तेरे ख्याल में खो जाऊं,
हर बात पे तेरा दिल रो जाए,
तेरे आने से सज उठती है दुनिया,
मेरे जीवन की हर रात सो जाए।

तेरा ख्याल मुझे तो हर बात में कमाल लगता है।
तेरा ख्याल

तू है ऐसा कमाल,
हर संगीत में बस तू ही ताल,
तेरा ज़िक्र हो जाए तो,
दिल और दिमाग मचाएं धमाल।

तेरी हर बात में छुपा है राज,
तू है मेरे जीवन का आधार,
तेरे आगे सब कुछ है फीका,
तू है मेरी दुनिया का मंज़र।

कभी तू दूर जाती है,
मेरे ख्यालों में बस तू होती है,
तेरे आवाज़ से ज़िंदगी मिलती है,
मेरे दिल में खुदा होती है।

हर बार तेरा आना,
मेरे जीवन में नयी उमंग लाता है,
तू है मेरे तारे चमकता हुआ,
मेरे हर ख्वाब को सच्चाई बनाता है।

तेरे साथ हर पल बिताना है अब,
तेरी मुस्कान में है ज़िंदगी की ख़ुशी,
तू है मेरी हर सांस का एहसास,
तू है मेरी कविता की मधुशाला की मुस्कानी।

असम्भव याद रखना

जो आज लग रहा असम्भव याद रखना उसकी आपने भविष्य में
सुनानी हे कहानी….
असम्भव को संभव करने का अथक अथस प्रयास कीजिए तो कहानी होगी सुहानी ।

जीवन ऐसा जीया जाए जिसकी चर्चा हो धरती आकाश….
प्रयास इतने ऊँचे जितना पर्वत पवित्र कैलाश ।

जो आज लग रहा असम्भव,
असम्भव याद रखना उसकी आपने भविष्य में।
सुनानी है कहानी,
असम्भव को संभव करने का अथक अथस प्रयास।

जब दुःख की घड़ी संभाले,
और आगे बढ़ने का वचन लें।
जो दृढ़ता से तैरे,
वो ही असम्भव को प्राप्त करें।

कभी न छोड़े हौसलों को,
जीवन की मुसीबतों में भी।
मन में दृढ़ निश्चय रखे,
असम्भव को जीत लें आप ही।

जो आज अज्ञात लगे,
कल उन्हें हकीकत बनाएं।
अथक प्रयासों से सुखी हों,
असम्भव को साकार कराएं।

जीवन की राहों में चलते,
हमेशा प्रगति का मार्ग चुनें।
जो आज लग रहा असम्भव,
उसे हम आपने भविष्य में सुनाएं।

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यह मन अधीर

यह मन , यह मन
यह मन अधीर हुए जाए
ना समझ आए कुछ
यह मन कहना क्या चाहे

बस पहेली सी बुझाए
सवाल की झड़ी
दिमाग में लगाए
कभी घबराए
कभी साहस दिखाए

कभी चुप बैठ जाए
कभी शोर मचाए
कभी क्रोधित हो जाए
कभी शांत ही जाए

फिर सोच मन बार बार घबराए
आगे अब क्या हो ?
जो यह दिमाग भी समझ ना पाए

पुनः पुनः
बस इसी विषय में सोच कर
दिन रात बीत चली जाए
क्या करू अब मै?

यह मन
यह मन
यह मन अधीर हुआ जाए

यह मन, यह मन,
मन अधीर हुए जाए।
ना समझ आए कुछ,
जैसे धुंधली रात के अंधेरे में खो जाए।

खोये हुए ख़्वाबों के संसार में,
यह मन विचलित हो जाए।
चाहे तो खुद को ढूंढे,
पर कहीं ना पाए, अधीर हो जाए।

जब अँधेरा छाये,
और रास्ता दिखाई न दे।
कोई राह निकले दिल की,
मन खुद को तंग करे, चिढ़ाए।

पर फिर भी यह मन,
उम्मीद की किरण में जगमगाए।
चाहे हो जाए अधीर,
फिर भी खुशियों से अभिभूत हो जाए।

यह मन, यह मन,
जो अधीर हो जाए।
दूर जाए सभी चिंताएं,
और खुशियों से भर जाए।

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चेहरे पे मुस्कान

चेहरे पे मुस्कान …..
नहीं हो दिखावट ।
रात्रि की अच्छी निद्रा….
स्वास्थ्य की वो मुद्रा ।

अच्छे से अच्छा विचार अधूरा….
बड़ी सोच से करे उसे पूरा ।
चेहरे पे सदा मुस्कुराहट….
सोच में न हो रुकावट ।

रात्रि की अच्छी निद्रा….
रोगों का रोग अनिद्रा ।

चेहरे पे मुस्कान हो, नहीं हो दिखावट,
खुशियों की छाप हो, न सिर्फ आभावट।
असली खुशी छुपी है अंदर की गहराइयों में,
जो नहीं आती बाहर, वही है सच्ची खुशाइयों में।

रात्रि की अच्छी निद्रा, स्वास्थ्य की वो मुद्रा,
जगाती है नई ऊर्जा, देती है शक्ति की धारा।
जब मन और शरीर विश्राम पाते हैं,
तभी संतुलित होती है जीवन की दौड़-भागी।

नशा नहीं हो रोगों का, तंगी नहीं हो जीवन की,
जब स्वास्थ्य बना रहे, खुद को मानव की पहचान की।
व्यायाम, आहार और नियमित जीवन संगत,
ये हैं वो तत्व, जो रखते हैं हमें स्वस्थ और समृद्ध।

चेहरे पे खिल उठे मुस्कान का पुट,
रात्रि की निद्रा हो सदा निरंतर, अपूर्णता का जट।
स्वास्थ्य ही धन है, ये सच जान लें हम,
खुश और सक्रिय जीवन का रहें अद्यात्मी ध्यान हम।

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खुल के जिये

आपका दिवस हो प्रसन्नपूर्ण…..
खुल के जिये जीवन हो अर्थपूर्ण ।
अर्थ शब्द इंगलिश भाषा में पृथ्वी……
हिंदी भाषा में अर्थ का सार्थक ,
सार्थकता वाली हो आपकी छवि ।

खुल के जिये जीवन हो अर्थपूर्ण,
अर्थ को जाने हम, इस अभियान में जुड़े हम सब.
अर्थ से ही बनता है जीवन का आधार,
हर काम में जो अर्थ मिले, होता है उद्धार.

पृथ्वी में छिपे अनेक अर्थों की है राशि,
जीवन को वह देती है रंगों की भाषा.
सार्थकता से भरी है यह धरा,
जीवन का जीने का इसमें है अधिकारा.

अर्थ का सार्थक होना है हमारा लक्ष्य,
जीवन को देता है यह अर्थ एक नया रूप.
जब रंग भर जाते हैं अर्थ की पालकी,
तभी बनता है जीवन खुशहाली की धारा.

अर्थ नहीं हो तो जीवन बन जाता है व्यर्थ,
हर रास्ते पर जगमगाते हैं अर्थ के तारे.
इंसानियत को बचाते हैं इसके संकेत,
अर्थ से जीने का है यह अद्भुत रहस्य गहेरा.

अर्थ को जाने हम, साथ चले सबका विकास का पथ,
हर क्षण में उजाला बने अर्थ की लालिमा.
खुल के जिये जीवन हो अर्थपूर्ण,
हम सब मिलकर बनाएं इस दुनिया को खुशहाल और निर्मल।

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अभी वक़्त है

अभी वक़्त है
कुछ और करने का
ना यू लड़ने का
ना झगड़ने का
बस जिंदगी को आइना मानलो
खुदको समझने का

खुद में जीने का , खुद जान लेने का, खुद को पहचान जाने का

अभी वक़्त है, कुछ और करने का।
ना यू लड़ने का, ना झगड़ने का।
बस जिंदगी को आइना मानलो।

देखो आज को, नई सुबह लाई है।
खुद को ज़रा समझो, खुशियों की राही है।
मुसीबतों से ना डरो, आगे बढ़ो तैरो,
ख्वाबों को पकड़ो, नई दुनिया को छेरो।

ज़िन्दगी है रंगों की पलटाना,
खुद को खो देने की इंतहा नहीं।
चाहिए बस यकीन, और थोड़ा सा होशियारी,
हर चुनौती को देखें एक सफ़लता की तयारी।

जीने का मज़ा लो, खुश रहो हमेशा,
प्यार से सबको गले लगाओ सदा।
बदलो दुश्मनों को दोस्तों में,
खुदा से दुआ लो, बहार लो वफ़ा में।

अभी वक़्त है, कुछ और करने का।
ना यू लड़ने का, ना झगड़ने का।
बस जिंदगी को आइना मानलो।

प्रकृति को शीघ्रता नहीं

प्रकृति को शीघ्रता नहीं है ….
तब भी सब कार्य हो रहे समय पे
ये उसकी सुंदरता ।

पशु पक्षी कीट पतंगे सब प्राणी
प्रकृति के अंग प्रत्यंग….
ये ज़िम्मेदारी मनुष्यों की न हो
नुक़सान , सब धरती रहे संग संग ।

प्रकृति की शीघ्रता नहीं, यह सत्य है,
फिर भी सब कार्य होते हैं समय पर निश्चित रीति से।

देखो प्रकृति की सुंदरता को, जो अद्वितीय है,
समय का प्रभाव उसे बदल नहीं पाता, यह विस्मयकारी है।

प्रकृति की गतिशीलता, नियमों की अद्भुतता,
सब कुछ चल रहा है उसकी अद्वितीय प्राकृतिक सृष्टि में।

हमें सीखना चाहिए उसकी तेजी से,
समय का महत्व समझना चाहिए जीवन के लिए।

कार्यों को समय पर पूरा करना,
प्रकृति के संगठन में संयम बनाना।

समय की कीमत को महसूस करो,
प्रकृति की सुंदरता के साथ उन्नति करो।

जीवन को सफलता से भरो,
समय के महत्व को सदैव ध्यान में रखो।

प्रकृति को नहीं है शीघ्रता, यह सच है,
उसकी सुंदरता को सदैव सराहें, यही हमारी प्रार्थना है।